कोरोनाकाल में कम आय वालों के लिए शुरू की गई केंद्रीय योजना को अब बंद करने का समय आ गया है। इसके तहत कम आय वालों का भविष्य निधि अंशदान केंद्र सरकार की ओर से जमा किया जा रहा था। लेकिन अब बताया जा रहा है कि यह योजना 2022 तक लागू रहेगी। सरकार की ओर से इस संबंध में घोषणा कर दी गई है।
इससे उन कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी जिनका वेतन 15000 रुपए से कम है या इससे अधिक नहीं है। कर्मचारियों के साथ नियोक्ता की ओर से भी अंश सरकार की ओर से जमा किया जा रहा थाठ।
क्या है योजना और कब हुई घोषणा
पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत यह निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से इसका विस्तार किया जा रहा है। यह योजना एक अक्तूबर 2020 को तब लागू की गई थी जब कोरोना महामारी चरम पर थी और लोग काफी परेशान थे। इस दौरान लोगों की नौकरियां जा रही थीं और कंपनियां भी बंद हो रही थी। कई दुकानें भी बंद हो गईं। काफी लोगों को इस दौरान काफी नुकसान हुआ था, हालांकि नुकसान का यह क्रम अभी भी चल रहा है।
अभी तक कितनों को मिला लाभ
कोरोना महामारी की वजह से असंगिठत क्षेत्र के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। रोजगार के अवसर में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी करने के लिए यह योजना से परिचय कराया गया था। इस योजना के तहत नई नियुुक्ति करने वाली कंपनियों को सरकार की ओर से सबसिडी मुहैया कराई जाती है ताकि वह कर्मचारियों के वेतन से ज्यादा कटौती न करें। यह योजना पहले 30 जून 2021 को खत्म हो रही थी लेकिन अब इसे 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना के तहत अब तक 21.42 लाख लोगों को इसका लाभ मिल चुका है।
कितना खर्च किया सरकार ने
योजना के तहत सरकार ने अभी तक सबसिडी पर काफी पैसा खर्च कर दिया है। सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 18 जून 2021 तक आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत 79 हजार 577 कंपनियों या प्रतिष्ठानों को लाभ पहुंचाया गया है। इसमें काम करने वाले 21.42 लाख कर्मचारियों को इससे राहत मिली। सरकार की ओर से योजना के मद में 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की पहल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने बताया कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि अब आगे जो कर्मचारी छूट गए हैं उन्हें भी शामिल करने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा जिन कर्मचारियों को फायदा पहुंचाया गया है उनको फिर से एक साल राहत मिलेगी । योजना के तहत 15000 रुपए से कम वेतन वाले कर्मचारियों को सरकार की ओर से दो साल तक पीएफ अंशदान का लाभ मिलता है। यह अंशदान कर्मचारियों को न देकर सरकार खुद जमा कराती है। साथ ही नियोक्ता या रोजगार देने वाले की तरफ से किया जाने वाला अंशदान भी सरकार देती है। सरकार नए कर्मचारियों के पीएफ खाते में 24 फीसद राशि का अंशदान कर रही है। हाालांकि इसमें नियोक्ता के यहां कर्मचारियों की संख्या एक हजार तक ही होनी चाहिए। योजना के हतह 22 हजार 810 करोड़ रुपए का प्रावधान सरकार की ओर से किया गया है।
GB Singh
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features