सावन के मौके पर हरियाली का बहुत महत्व है और ऐसे में इस महत्व को हरियाली तीज और बढ़ा देता है। महादेव और पार्वती की आराधना के साथ यह त्योहार विशेष फल देता है। इस बार की हरियाली तीज विशेष संयोग के साथ आ रही है। यह सुहागिन महिलाओं के अलावा नवविवाहित महिलाओं के लिए भी खास माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि ऐसा संयोग काफी समय बाद आता है। आइए जानते हैं इसका महत्व। 
इस दिन हुआ था शिव पार्वती का पुनर्मिलन
हरियाली तीज 11 अगस्त को मनाई जाएगी। यह सावन का विशेष त्योहार माना जाता है। इस दिन महिलाएं श्रंगार करती हैं और शिव पार्वती की पूजा कर अपने सुहाग के लिए प्रार्थना करती हैं। कहा जाता है कि सावन में शुक्ल पक्ष7 की तृतीय में ही शिव और पार्वती का पुनर्मिलन का अवसर आया था। इसलिए भी यह त्योहार काफी अहम माना जाता है। त्योहार को लेकर महिलाएं काफी तैयारियां कर रही हैं। घरों में विशेष तौर पर सजावट और बाजारों में खरीदारी शुरू हो गई है।
आखिर क्या है खास संयोग
बताया जा रहा है कि इस बार सावन में पड़ने वाला हरियाली तीज काफी खास है। यह जिस संयोग में पड़ रहा है उसे शिव योग कहते हैं। कहा जाता है कि यह संयोग काफी खास है और काफी समय बाद पड़ रहा है। शिव योग 27 योग में काफी अच्छा और लोककल्याण वाला माना जाता है। इस योग में पूजा करने से पुण्य भी बढ़ता है और सद्बुद्धि मिलती है। पूजा करने से वैवाहिक जीवन में भी खुशी आती है।
किस मुहूर्त में पूजा करना शुभ
हरियाली तीज के लिए दो शुभ मुहूर्त बताए जा रहे हैं। उसी समय पूजा करने से काफी अच्छा फल मिलेगा। यह व्रत 11 अगस्त को होगा। इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह साढ़े चार बजे से लेकर सवा पांच बजे तक और विजया मुहूर्त दोपहर ढाई बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा। विवाहितों के लिए यह व्रत काफी शुभ बताया जा रहा है। इस दिन महिलाएं एक जगह पर एकत्र होती हैं और भगवान की आराधना करती हैं। गीत संगीत का माहौल सजता है और झूले पड़ते हैं। महिलाएं खास तौर पर हरी साड़ी और चूड़ियों से खुद का श्रंगार करती हैं।
GB Singh
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