पिछले चार माह से हिंदू धर्म में शुभ कार्य लगभग ठप थे। कुछ खास मुहूर्त को छोड़कर किसी प्रकार का कोई शुभ कार्य नहीं हो रहा था। सबसे बड़े कार्यों में विवाह को माना जाता है जिसके लिए शुभ मुहूर्त का देखना जरूरी होता है और इसकी शुरुआत अब कुछ दिनों में हो जाएगी। देवउठनी एकादशी से ही शादियों का मौसम शुरू हो रहा है। यह 14 नवंबर को है। इसके बाद से धूमधाम से शादियां हो सकेंगी। फिर यह दिसंबर तक मुहूर्त रहेगा। आइए जानते हैं।
नवंबर और दिसंबर में है मुहूर्त
कोरोना काल में शादियों में बुलाए जाने वाले मेहमानों को लेकर थोड़ी छूट मिली है। अब जब 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी पड़ रही है तो 15 से सहालग शुरू होगी। कहा जाता है कि भगवान विष्णु अपनी नींद से अब जागेंगे। इसी दिन माता तुलसी और शालीग्राम का विवाह होगा और फिर विवाह की शुरुआत होगी। नवंबर में शुभ विवाह का मुहूर्त सिर्फ नौ दिन का है। इसके बाद दिसंबर में मौका मिलेगा।
दिसंबर में भी 14 दिन का मौका
नवंबर में 14 तारीख से लेकर नौ दिन तक शादी का मुहूर्त रहेगा। इसके बाद दिसंबर में शुरुआत होगी। 14 दिसंबर के बाद से एक माह तक मलमास रहेगा जिसकी वजह से शादी व शुभ कार्य नहीं होंगे। मलमास के दौरान किसी प्रकार का शुभ कार्य नहीं हो सकता। इसके बाद मलमास के खत्म होने पर ही शादी शुरू होंगी। नवंबर में जहां 14, 15, 16 और उसके बाद 20,21, 22, 28, 29 और 30 तारीख मुहूर्त के लिए हैं वहीं दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9, 11, 13 तारीख को शादी होगी। इसके बाद जनवरी में चार दिन, फरवरी 2022 में 11 दिन और मार्च में सिर्फ दो दिन चार और नौ तारीख को ही शुभ मुहूर्त होगा। शादी के लिए अभिजात मुहूर्त को भी अच्छा माना गया है। चार माह बाद निद्रा से भगवान अब देवउठनी एकादशी में उठेंगे। उस दिन तुलसी और शालिग्राम के विवाह के बाद सभी शुभ कार्य हो सकेंगे।
GB Singh