20 जुलाई से देवशयनी योग, अब सीधे नवंबर में विवाह लग्न

      आषाढ़ की तपती गर्मी में छह दिन की लग्न है। दिल्ली समेत उत्तर पूर्व के कई इलाकों में अभी भी मानसून ढंग से नहीं पहुंचा है। गर्मी से लोगों का बुरा हाल है। ऐसे में कोरोना काल में पूर्णबंदी से थोड़ी आजादी पाए लोग इस महीने भीषढ़ गर्मी के बावजूद विवाह के काम को निपटा लेना चाहते हैं। जुलाई में कुल छह दिन का लग्न रहा जिसमें से तीन लग्न बीत चुके हैं। अब सिर्फ तीन लग्न बचे हैं। इसके बाद देवशयनी योग शुरू होगा और नए लग्न नवंबर में आएंगे। आइए जानते हैं देवशयनी का महत्व और आगे कितने दिन रहेंगे लग्न। 

काफी कम दिनों के हैं लग्न योग

इस बार कोरोना काल की वजह से लोग वैसे ही लग्न को लेकर काफी चितिंत हैं ऊपर से यह योग भी कम ही पड़ रहे हैं। जुलाई में सिर्फ छह दिन का योग रहा। यह 20 जुलाई को खत्म हो जाएंगे। इसके बाद नवंबर में सिर्फ सात दिनों के लिए और दिसंबर में सिर्फ छह दिन ही शादियां हो पाएगी। दिसम्बर में धनुर्मास में विवाह नहीं हो सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, मई से जुलाई माह में ग्रामीण क्षेत्रों में काफी शादी होती है क्योंकि यह लग्न नई फसल आने के बाद पड़ता है तो लोगों को दिक्कत नहीं होती। शहरों में अमूमन लोग सर्दियों में ही शादी पसंद करते हैं, लेकिन यह भी इस बार काफी कम दिन है।

विवाह की यह हैं तिथियां

मई और जून में लोग कोरोना की वजह से शादी नहीं कर पाए थे। उस समय कुल 24 मुहूर्त शादी के थे। मई में 16 और जून में आठ दिन मुहूर्त था। हालांकि जुलाई में अभी लग्न चल रही है। यह एक, दो, सात, 13 और 15 जुलाई को है। 18 जुलाई को भड़ली नवमी है जो अबूझ लग्न है। इसमें भी शाादियां हो जाती हैं। फिर नवंबर और दिसंबर में लग्न आएगी। इसमें कुल 13 दिन मिलेंगे। नवंबर में 15, 16, 20 नवंबर, 28 नवंबर, 29 और 30 नवंबर को मुहूर्त है। वहीं, दिसंबर में एक, दो, छह, सात के अलावा 11 और 13 दिसंबर को शुभ लग्न का मुहूर्त  है।

देवशयनी और धनुर्मास में विवाह नहीं

जुलाई माह में 20 तारीख से देवशयनी एकदशी है। जानकारों के मुताबिक, इस योग में देवता योगनिद्रा को जाते हैं जिससे लग्न नहीं हो सकते हैं। यह चार महीने तक होता है। इन चार महीनों को चातुर्मास कहते हैं। बताते हैं कि भगवान के सोने के कारण शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। इसके बाद भगवान 15 नवंबर को कार्तिक की एकादशी में योग निद्रा से जागेंगे। इस दिन को देव प्रबोधिनी एकादशी कहते हैं और शादियां शुरू होती हैं। वहीं दिसंबर में सूर्य के धनु राशि में आने से यह धनुर्मास कहलाता है। यह 14 जनवरी 2022 को खत्म होगा और तब तक कोई लग्न नहीं है।
-GB Singh
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