सावन माह में पड़ने वाले नागपंचमी को त्योहार की दृष्टि से काफी शुभ माना जाता है। इस दिन न केवल नाग देवताओं को पूजने की प्रथा है बल्कि अपने कष्ट और दोषों को भी दूर किया जाता है। इस बार के सावन में नागपंचमी काफी दुर्लभ संयोग में पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि 108 साल बाद यह पहली बार है जब इस शुभ घड़ी में नागपंचमी पड़ रहा है। इस दिन काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए पूजा की जाती है जो काफी लाभदायक और अच्छी मानी जाती है।
इस बार 13 अगस्त को मनेगा त्योहार
इस बार 13 अगस्त को यानी शुक्रवार के दिन नाग पंचमी मनाई जाएगी। मंदिरों और शिवालयों में नाग की पूजा करने वालों की भीड़ दिखेगी। मंदिरों में नाग लेकर आने वाले साधु भी बैठे रहते हैं। इन्हें दूध पिलाने का चलन है। मान्यता है कि सावन में नागपंचमी के दिन पूजा करने पर सीधे आपकी प्रार्थना भगवान शिव तक पहुंचती है और नाग देवता भी आपका कल्याण करते हैं। इस दिन लोग सर्पों की पूजा करने के लिए कई महत्तवपूर्ण स्थानों पर जाते हैं।
काफी खास है नाग पंचमी
108 साल बाद पड़ने वाली नाग पंचमी को इस बार खास महत्व बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी पर जरूर पूजा करनी चाहिए। ऐसा दुर्लभ संयोग जल्दी नहीं मिलता है। अगर आपने पिछले जन्म में कोई अशुभ कार्य करते हैं तो आपका काल सर्प दोष लगता है। इसलिए यह पूजा इस दिन करनी काफी अच्छी मानी जाती है। इस बार नाग पंचमी उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र में पड़ रही है। इस दिन दोष से मुक्ति के लिए पूजा करना काफी अच्छा है।
ऐसे करें नागपंचमी पर पूजा
सपेरे से नाग-नागिन को जोड़ा लेकर उसे जंगल में छोड़ कर आये और प्रार्थना करे
बिना नाग वाले शिवलिंग पर पांच धातु से बना नाग विधि से लगवाएं और पंचामृत का अभिषेक करें
नाग देवता के पूजा करें और गलतियों के लिए क्षमा मांगे
राहु-केतु की शांति के लिए भी नाग की पूजा करें और गोमेद, चांदी की नाग वाली अंगूठी पहनें
नाग पूजा के बाद घर या मंदिर में ओम नागकुलाय विद्महे विषदंताय… मंत्र का 108 बार जाप करें
GB Singh