इस बार दशहरा में बनेगा शुभ योग, जानें क्या है शुभ मुहूर्त

      बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा शुक्रवार को मनाया जाएगा। दशहरे के दिन ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। इसलिए इस दिन अस्त्रों और शस्त्रों की पूजा की जाती है। दशहरे के दिन अलग-अलग संप्रदायों में अलग-अलग तरीके से पूजा की जाती है। कहीं पर अस्त्रों की पूजा होती है तो कहीं जानवरों की पूजा की जाती है। कुछ में टीका लगाने का उत्सव होता है। इस बार दशहरे पर शुभ योग बन रहा है। इस पूजा करना काफी अच्छा माना जाता है। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वो शुभ योग।

शुभ मुहूर्त
दशहरा 15 अक्तूबर को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। शुभ योग के अनुसार देखें तो विजय मुहूर्त दोपर 2 बजकर 2 मिनट पर शुरू होगा और दो बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अपर्णा पूजा का समय दोपहर एक बजकर 16 मिनट से लेकर दोपहर को तीन बजकर 34 मिनट तक रहेगा। दशमी तिथि का मुहूर्त 14 अक्तूबर को शम 6 बजकर 52 मिनट पर शाुरू होगा। यानी की दशमी गुरुवार को ही लग जाएगी लेकिन ब्रह्म मुहूर्त से ही हमारे यहां नए दिन को मानते हैं इसलिए यह शुक्रवार को मनाई जाएगी। दशमी तिथि 15 अक्तूबर को शाम को 6 बजकर 2 मिनट पर खत्म हो जाएगी। श्रवण नक्षत्र 14 अक्तूबर को साढ़े नौ बजे और श्रवण नक्षत्र 15 अक्तूबर को सुबह सवा नौ बजे समाप्त होगा।

ये हैं तीन शुभ योग
श्रीराम की पत्नी सीता को जब रावण हरण करके लंका ले गया था तो श्रीराम सीता को ढूंढते हुए लंका पहुंचे थे। मार्ग में उन्होंने मदद से सेतुु का निर्माण भी किया ताकि लंका तक पहुंचा जा सके। वहां कई दिनों के युद्ध के बाद आखिर कार रावण का वध कर सीता को वापस लाया गया। इस के चलते दशहरा मनाया जाता है। दशहरे के दिन तीन शुभ योग हैं इस बार। रवि पहला योग है। यह 14 अक्तूबर को शाम 9 बजकर 34 मिनट पर लगेगा, फिर 16 अक्तूबर को सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर यह खत्म होगा। दूसरा योग सर्वार्थ सिद्ध योग है जो 15 अक्तूबर को सुबह 6 बजे से लेकर नौ बजकर 15 मिनट तक रहेगा। तीसरा योग कुमार है जो सुबह सूरज उगने से लेकर नौ बजकर 16 मिनट तक रहेगा। यह तीनों ही शुभ योग हैं जिसमें पूजा करने से फायदा होगा।

GB Singh

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