बाल गोपाल के जन्म उत्सव की तैयारियां जोरों पर है। श्रीकृ ष्ण मंदिरों में सजावट का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व काफी खास है। यह जिस नक्षत्र में मनाया जा रहा है उस नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इससे यह त्योहार काफी खास हो गया है। जन्माष्टमी पर व्रत करने से और पूजा करने से मनोकामना भी पूरी होगी और यह काफी फलदायी होगा।
सोमवार की जन्माष्टमी होती है शुभ
जैसा की सभी को पता है कि हिंदू धर्म में भगवान राम और भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को खासतौर पर मनाया जाता है। इनके शुभ नक्षत्र में जन्म लेने के चलते ही पृथ्वी को दुष्टों से मुक्ति मिली थी। राम का जन्म दस हजार साल पहले और कृष्ण का जन्म पांच हजार साल पहले हुआ था। ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में होने के कारण उस दिन दुर्लभ संयोग बना था। उस दिन अष्टमी होने के कारण इसे जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस नक्षत्र को विजय नक्षत्र के रूप में भी मानते हैं जिससे हर कार्य में विजय मिलती है। इस बार जन्माष्टमी सोमवार को 30 अगस्त के दिन पड़ रही है। इसलिए इसे काफी शुभ माना जा रहा है।
इस नक्षत्र में व्रत करना काफी अच्छा
ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र के दिन हुआ और वह वृष राशि के चंद्रमा काल के समय में था। अभी तक वृष राशि का चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में नहीं होता था लेकिन इस बार यह बिल्कुल उसी तरह है जैसा पांच हजार साल पहले था। यह शुभ संयोग आठ साल पहले भी पड़ चुका है और उस दिन भी सोमवार का दिन था। बताते हैं कि जन्माष्टमी सोमवार और बुधवार को काफी शुभ मानी जाती है। शुभ मुहूर्त रात में 11 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा जो देर रात 12 बजकर 44 मिनट पर रहेगी। 45 मिनट के मुहूर्त में खास मंत्रों से काफी प्रभाव पड़ेगा।
मंत्रों के जाप से पूरी होगी मनोकामना
विशेष संयोग में 108 बार मंत्रों का जाप करके आप मनोकामना पूरी कर सकते हैं। कृष्ण की पूजा के लिए ज्योत्स्नापते नमस्तुभ्यं नमस्ते का जाप कर सकते हैं। संतान प्राप्त करने के लिए पति-पत्नि दोनों देवकी सुत गोविंद वासुदेव का जाप कर सकते हैं। साथ ही क्लीं ग्लौं का मंत्र भी जप सकते हैं। विवाह जल्दी हो जाए इसके लिए ओम क्लीं कृष्णाय का जाप कर सकते हैं।
GB Singh