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आखिर 362 किलो नींबू का क्या करना चाहता था ये 69 साल का अनोखा चोर

आपको नींबू का अचार पसंद है तो आप एक बाद में कितना अचार बनायेंगे आैर खायेंगे। एक किलो का, दो किला या हद से हद दस किलो का, पर आप सौ किलो नींबू का अचार तो नहीं खा सकते एेसे में सोचिए कोर्इ इंसान 362 किलो नींबू चुरा कर क्यों ले जायेगा आैर उनका करेगा क्या। आखिर अगर वो नियमित व्यापारी नहीं है तो कितना नींबू बेच लेगा। एेसे में समाचार एजेंसियों में एक खबर आर्इ है कि पिछले दिनों अमेरिका में एक शख्स 362 किलोग्राम के नींबू चुराकर भाग रहा था। इस नींबू चोर की उम्र भी हैरान करने वाली है ये एक 69 साल का बुजुर्ग है। इस शख्स को पुलिस ने कार सहित पकड़ लिया। कार में उसके चुराए हुए सारे नींबू रखे थे। हैरानी की बात ये है कि चुराए हुए नींबू ताजा थे। नहीं पता क्यों चुराए नींबू खबरों के मुताबिक बीते सप्ताह शुक्रवार सुबह स्थानीय ट्रैफिक पुलिस ने फियर्रोस नाम के एक शख्स को एक रेड लाइट पर रोका। जब इसकी गाड़ी की तलाशी ली गर्इ तो उसमें से चुराए हुए नींबू का ढेर मिला। पुलिस का कहना है कि फिलहाल इस शख्स से इस बात की कोर्इ जानकारी नहीं मिली है कि उसने ये नींबू कहां से आैर क्यों चुराए। साथ ही उससे इस बात का भी कोर्इ स्पष्टीकरण नहीं मिल सका है कि आरोपी उसका क्या करना चाहता था। ये घटना पता चलते ही लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया आैर इसके बाद काफी सारे मीम्स आैर जोक्स भी सामने आ रहे हैं। मेहमानों ने कैश गिफ्ट देने से किया इंकार तो दुल्हन ने तोड़ दी बचपन के प्यार से शादी यह भी पढ़ें आैर भी मिले हैं एेसे मामले वैसे ये किस्सा अपने आप में पहला आैर अकेला नहीं है। पहले भी इस तरह की चोरियों की बात सामने आर्इ है। इस इलाके के खेतों से लगातार फल-सब्जियों की चोरी की घटनायें दर्ज की गर्इ हैं। जिसके चलते पुलिस काफी सतर्क हो गर्इ है आैर इसी क्रम में नींबू चोर तक वे पहुंच सके। फिलहाल चोरी के आरोप में इस शख्स को इंडियो जेल भेज दिया गया है। इसी तरह स्पेन में भी इसी साल पुलिस ने एक कार से चोरी के 4000 किलो संतरे बरामद किए थे। पकड़े जाने के बाद इस मामले में कार चालक का कहना था कि वह बहुत दूर से आ रहा है और उसने संतरे कई जगहों से खरीदकर इकट्ठा किए हैं।

आपको नींबू का अचार पसंद है तो आप एक बाद में कितना अचार बनायेंगे आैर खायेंगे। एक किलो का, दो किला या हद से हद दस किलो का, पर आप सौ किलो नींबू का अचार तो नहीं खा सकते एेसे में सोचिए कोर्इ इंसान 362 किलो नींबू चुरा कर क्यों …

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12 सितंबर को लॉन्च होंगे तीन आईफोन, iPhone XS की तस्वीर लीक

अमेरिकी टेक्नॉलॉजी दिग्गज ऐपल ने साल के अपने सबसे बड़े इवेंट के लिए मीडिया इन्वाइट भेजने शुरू कर दिए हैं. 12 सितंबर को इवेंट होगा और इसी दिन कंपनी नए iPhone लॉन्च करेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐपल इस बार तीन नए आईफोन लॉन्च करेगी. इस बार भी इवेंट ऐपल के स्पेसशिप कैंपस में होगा. 9to5मैक की रिपोर्ट के मुताबिक iPhone XS की तस्वीरें लीक हुई हैं जिसे 12 सितंबर को पेश किया जाएगा. इस मार्केटिंग इमेज में नया कलर ऑप्शन देखा जा सकता है जो गोल्ड है, लेकिन यह वैसे गोल्ड नहीं है जैसा पहले iPhone के मॉडल्स में मिलता रहा है. गौरतलब है कि ऐपल के मीडिया इन्वाइट में सिर्फ गोल्ड सर्कल बना है जिससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार कंपनी एक नया कलर वेरिएंट देने की तैयारी में है. अब तक जितनी जानकारियां सामने आई हैं उनके मुताबिक iPhone X के नए मॉडल में इस बार नया A सिरीज प्रोसेसर, 512GB मेमोरी दी जाएगी. इसके अलावा एक बड़ा iPhone X आ सकता है जिसकी डिस्प्ले 6.5 इंच की होगी, हालांकि इसके स्पेसिफिकेशन्स iPhone X जैसे ही होंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक एक iPhone सस्ता होगा जिसमें ओलेड नहीं बल्कि एलसीडी डिस्प्ले दी जाएगी. खबर ये भी है कि इसी स्मार्टफोन 3D टच भी होगा, जबकि दो महंगे iPhone मॉडल से कंपनी 3D टच हटाने की तैयारी में है. अनालिस्ट्स की प्रेडिक्शन है कि कंपनी इसकी जगह कोई नई तकनीक लेकर आ सकती है. मीडिया इन्वाइट मे हमेशा की तरह इस बार भी कंपनी ने यह नहीं बताया कि 12 सितंबर को कौन से प्रोडक्ट्स लॉन्च होंगे. लेकिन इस इन्वाइट में Gather Around लिखा है. कंपनी इस इवेंट में iPhone के नए मॉडल्स के अलावा ऐपल वॉच भी लॉन्च कर सकती है. लीक्ड डिजाइन के मुताबिक इस बार एज टू एज डिस्प्ले के साथ कंपनी ऐपल वॉच लाएगी और अनालिस्ट्स की प्रडिकेशन है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार डिस्प्ले 15 फीसदी बड़ी होगी. इसके अलावा बैटरी लाइफ एक्स्टें की जाएगी और हेल्थ से जुड़े फीचर्स को भी बेहतर किए जाएंगे

अमेरिकी टेक्नॉलॉजी दिग्गज ऐपल ने साल के अपने सबसे बड़े इवेंट के लिए मीडिया इन्वाइट भेजने शुरू कर दिए हैं. 12 सितंबर को इवेंट होगा और इसी दिन कंपनी नए iPhone लॉन्च करेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐपल इस बार तीन नए आईफोन लॉन्च करेगी. इस बार भी इवेंट ऐपल के …

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Big Breaking: होगमार्ड मुख्यालय में होमगार्ड ने खुद को लगायी आग, जानिए क्यों?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आलमबाग के जेल रोड स्थित डीजी होमगार्ड मुख्यालय में डीजी सूर्य कुमार शुक्ला के विदाई समारोह के दौरान उस वक्त हड़कम्प मच गया, जब बरेली से आये एक होमगार्ड ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लग ली। आग की लपटों में घिरे होमगार्ड को वहां …

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Idea-Voda मर्जर को NCLT का अप्रूवल, एयरटेल से छिनेगा ताज

भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल पिछले 15 साल से भारत की नंबर-1 टेलीकॉम कंपनी है. लेकिन अब यह दूसरे पायदान पर खिसक सकती है. आईडिया और वोडाफोन के मर्जर का पहले ही ऐलान हो चुका है. लेकिन अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इन दोनों कंपनियों के मर्जर को अप्रूव कर दिया है. गौरतलब है कि आदित्य बिड़ला ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी आईडिया और वोडाफोन ने पिछले साल ही मर्जर अग्रीमेंट साइन कर लिया था और इसके बाद ये दोनों मिल कर देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन जाएंगे. यानी एयरटेल दूसरे नंबर की टेलीकॉम कंपनी बन जाएगी. आईडिया सेल्यूयर ने ऐलान किया है कि कंपनी ने वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड के साथ मर्जर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इसके लिए बलेश शर्मा को सीईओ बनाया गया है. ET की रिपोर्ट के मुताबिक आदित्य बिड़ला ग्रुप के एक अधिकारी ने यह कनफर्म किया है कि इस मर्जर को NCLT का अप्रूवल मिल गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों कंपनियों के पास मिला कर 440 मिलियन कस्टमर्स और रेवेन्यू 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होगा. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि टेलीकॉम कंपनियों का मर्जर, अधिग्रहण और दिवालिया होने की वजह क्या है. रिलायंस जियो ने आक्रामक प्लान और फ्री डेटा, कॉलिंग के साथ धमाकेदार एंट्री की और ये दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के लिए सिरदर्द बन गया. पहले मार्केट में कई टेलीकॉम कंपनियां थीं, यूजर्स के पास ज्यादा ऑप्शन्स थे. लेकिन अब आईडिया और वोडाफोन के मर्जर से भारत में सिर्फ तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ही रह गई हैं – भारती एयटेल, आईडिया-वोडाफोन और रिलायंस जियो. यूजर्स के पास कम ऑप्शन होने की वजह से मुमकिन है कंपनियों अपने टैरिफ फिर से बढ़ा दें. इसका हिंट रिलायंस जियो ने इस बार दे दिया है. जियो फोन के साथ कुछ खास ऑफर नहीं दिया गया और JioPhone 2 को यूजर्स अब पूरे पैसे देकर खरीद रहे हैं. इस फोन के साथ प्लान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि पहले वाला ही प्लान इसके साथ भी दिया जा रहा है.

भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल पिछले 15 साल से भारत की नंबर-1 टेलीकॉम कंपनी है. लेकिन अब यह दूसरे पायदान पर खिसक सकती है. आईडिया और वोडाफोन के मर्जर का पहले ही ऐलान हो चुका है. लेकिन अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इन दोनों कंपनियों के मर्जर को अप्रूव …

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5 सितंबर को लॉन्च होंगे Xiaomi के नए स्मार्टफोन्स

चीनी स्मार्टफोन मेकर शाओमी भारत में नए स्मार्टफोन्स लॉन्च करने की तैयारी में है. इस कंपनी ने मीडिया इन्वाइट्स भेजने शुरू किए हैं जिस पर 6 लिखा है. लॉन्च इवेंट 5 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में आयोजित किया जाएगा. शाओमी 5 सितंबर लॉन्च इवेंट के लिए ‘देश के नए स्मार्टफोन्स’ हैशटैग चला रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी इस दिन Redmi 6, Redmi 6A और Redmi 6 Pro लॉन्च करेगी. बताया जा रहा है कि Mi A2 Lite भी इस दौरान लॉन्च किया जा सकता है. क्योंकि इससे पहले भारत में सिर्फ Mi A2 लॉन्च हुआ है, जबकि स्पेन के ग्लोबल इवेंट में कंपनी ने दो नए स्मार्टफोन्स लॉन्च किए थे. शाओमी ने सोशल मीडिया पर एक छोटा वीडियो टीजर भी जारी किया है जिसमें तीन स्मार्टफोन्स देखे जा सकते हैं. यहां 6 लिखा है. टीजर में दिखाए गए तीन स्मार्टफोन्स में से एक स्मार्टफोन के डिस्प्ले में नॉच देखा जा सकता है, जबकि दो स्मार्टफोन 18:9 और 19:9 ऐस्पेक्ट रेश्यो डिस्प्ले वाले हैं. गौरतलब है कि Mi A2 Lite की डिस्प्ले में नॉच दिया गया है और यहां टीजर में भी नॉच वाला स्मार्टफोन दिख रहा है. इसलिए उम्मीद पूरी है कि Mi 2 Lite को भारत में Redmi 6 Pro के नाम से री ब्रांड करके लॉन्च किया जाएगा. Redmi 6 में 4GB रैम के साथ 64GB इंटरनल मेमोरी दी जा सकती है और कीमत 8,500 रुपये से शुरू होने की उम्मीद है. Redmi 6 Pro की कीमत 12 हजार रुपये से शुरू हो सकती है और इसमें स्नैपड्रैगन 625 प्रोसेसर दिया जाएगा. इसमे 5.84 इंच की स्क्रीन होगी और यह स्मार्टफोन डुअल रियर कैमरा वाला होगा. Xiaomi Redmi 6A में 5.45 इंच एचडी डिस्प्ले दी गई है जिसका ऐस्पेक्ट रेश्यो 18:9 का है. इस स्मार्टफोन में Helio A22 प्रोसेसर दिया गया है. इसमे 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा दिया गया है और सेल्फी के लिए 5 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. इसमें 2GB रैम के साथ 16GB की इंटरनल मेमोरी दी गई है और एक्स्ट्रा मेमोरी के लिए माइक्रो एसडी कार्ड का सपोर्ट दिया गया है.

चीनी स्मार्टफोन मेकर शाओमी भारत में नए स्मार्टफोन्स लॉन्च करने की तैयारी में है. इस कंपनी ने मीडिया इन्वाइट्स भेजने शुरू किए हैं जिस पर 6 लिखा है. लॉन्च इवेंट 5 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में आयोजित किया जाएगा. शाओमी 5 सितंबर लॉन्च इवेंट के लिए ‘देश के नए स्मार्टफोन्स’ हैशटैग …

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उबर एयर कैब से उड़ने को हो जाएं तैयार, भारत में भी शुरू होगी सेवा

अगले कुछ वर्षों में ही आपका यह सपना साकार हो सकता है कि एयर टैक्सी में बैठकर आप ऑफिस या अपने घर को जाएं. असल में उबर ने भारत को उन पांच देशों में शामिल किया है, जहां अगले पांच साल में 'उबर एयर सिटी' सेवा शुरू हो सकती है. उबर की एयर टैक्सी शाखा 'उबर एलेवेट' ने गुरुवार को घोषणा की है कि अमेरिका से बाहर भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और फ्रांस को पहले उबर एयर टैक्सी सेवा के लिए चयनित किया गया है. उबर पहले अमेरिका के डलास और लॉस एंजिलिस में यह सेवाएं शुरू करेगी, उसके बाद इसकी शुरुआत के लिए तीसरा शहर उक्त पांचों देशों में से किसी एक का हो सकता है. एक बयान में कंपनी ने कहा है, 'मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु दुनिया के कुछ सबसे भीड़भाड़ वाले शहर हैं, जहां कुछ किलोमीटर की यात्रा में भी घंटा भर लग सकता है. उबर एयर में इस बात की जबर्दस्त संभावना है कि ऐसी जगहों पर यातायात का विकल्प देने में मदद कर सके.' यहां देखें वीडियो, किस तरह संचालित होगी उबर की एयर टैक्सी सेवा कंपनी ने कहा, 'उबर एलेवेट टीम उक्त देशों में तमाम पक्षों से बातचीत कर रही है और अगले छह महीने में अगले उबर एयर इंटरनेशनल सिटी की घोषणा कर दी जाएगी. चार्ज भी होगा मामूली उबर एलेवेट की वेबसाइट के अनुसार, अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को से सैन जोस तक की करीब 43 मील की यात्रा में इस सेवा से 15 मिनट लगेंगे, जिसमें अभी एक घंटे 40 मिनट लग जाते हैं. इसके लिए पहले चार्ज करीब 129 डॉलर (करीब 9,000 रुपये) का लिया जाएगा, जिसे बाद में 43 डॉलर (3,000 रुपये) और महज 20 डॉलर (1400 रुपये) तक कर दिया जाएगा. अभी ही अमेरिका में इतनी दूरी के लिए लोग उबरएक्स टैक्सी सेवा को करीब 111 डॉलर (7,800 रुपये) देते हैं. उबर की यह सेवा शुरु हुई तो मेट्रो शहरों में घंटों जाम में फंसे लोगों को राहत मिल सकती है. इससे आप प्रदूषण, सड़कों के हिचकोलों से भी बच सकेंगे. अगर किसी को ऑफिस या किसी मीटिंग में पहुंचना जरूरी है तो वह इस तरह की एयर टैक्सी सेवा का फायदा उठा सकेगा.

अगले कुछ वर्षों में ही आपका यह सपना साकार हो सकता है कि एयर टैक्सी में बैठकर आप ऑफिस या अपने घर को जाएं. असल में उबर ने भारत को उन पांच देशों में शामिल किया है, जहां अगले पांच साल में ‘उबर एयर सिटी’ सेवा शुरू हो सकती है. उबर की एयर टैक्सी …

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रुपये का गिरना चिंता की बात नहीं, हमारी ग्रोथ बढ़ी हुई: शिव प्रताप शुक्ला

डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत पर वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है. हमारी जो ग्रोथ है वो बढ़ी हुई है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों के आधार पर रुपये का गिरना और ऊपर उठना डॉलर के हिसाब से होता है. क्योंकि सारे काम डॉलर में होते हैं. महंगाई बढ़ने के सवाल पर शिव प्रताप शुक्ला का कहना है कि महंगाई तो वैसे भी नहीं बढ़ रही है. खानपान की जो चीज है वह सब सस्ती हो गई हैं. पहले की अपेक्षा बहुत सस्ते हो चुके हैं. उसमें कोई समस्या नहीं है. महंगाई को जितना नियंत्रित किया जाए उतना करेंगे. यूपीए सरकार के दौरान सवाल उठाने की बात पर शिव प्रताप शुक्ला का कहना, 'हम अंतरराष्ट्रीय बाजार को भी साधने का काम कर रहे हैं. वह निश्चित तौर से ठीक रहेगा.' नोटबंदी पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट पर सरकार के निर्णय पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला का कहना है कि नोटबंदी से फायदा ये है जो पैसे लोगों की तिजोरी में बंद थे, वो बैंकों में आए. बैंकों के आधार पर वो राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के साथ जुड़े हैं. उन्होंने कहा, 'उस समय बाहर से पैसे आ रहे थे, नकली नोट भी आ रहे थे. वो सब देखते हुए भारत सरकार ने निर्णय लिया था. हमने कभी भी इससे इनकार नहीं किया कि पैसे नहीं आ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने यह नहीं कहा था कि कालेधन के नाते कर रहे हैं. उन्होंने साफ-साफ कहा था कि ये देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए किया है.

डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत पर वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है. हमारी जो ग्रोथ है वो बढ़ी हुई है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों के आधार पर रुपये का गिरना और ऊपर उठना डॉलर के हिसाब से होता है. क्योंकि सारे काम डॉलर में …

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एयरसेल-मैक्सिस डील: पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम से ईडी की पूछताछ जारी

एयरसेल-मैक्सिस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर शिकंजा कसता जा रहा है. शुक्रवार को ईडी की टीम ने दिल्ली के जामनगर दफ्तर में पूर्व वित्तमंत्री से पूछताछ की. ये पूछताछ अभी भी जारी है. बता दें कि इस मामले में पहले ही सीबीआई की ओर से पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है. पटियाला हाउस कोर्ट से पहले ही दोनों को राहत मिल चुकी है. कोर्ट की ओर से दोनों की गिरफ्तारी पर 8 अक्टूबर तक रोक लगाई गई है. एयरसेल-मैक्सिस डील क्या? केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार्ति के पिता पी. चिदंबरम 2006 में जब वित्त मंत्री थे, तो उन्होंने (कार्ति) एयरसेल-मैक्सिस डील में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस प्रकार मंजूरी हासिल की थी. गौरतलब है कि कार्ति चिदंबरम द्वारा साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के तहत विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिलने के मामले की जांच CBI और ED कर रहे हैं. उस समय पी चिदंबरम वित्तमंत्री थे. क्या हैं आरोप? पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी.

एयरसेल-मैक्सिस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर शिकंजा कसता जा रहा है. शुक्रवार को ईडी की टीम ने दिल्ली के जामनगर दफ्तर में पूर्व वित्तमंत्री से पूछताछ की. ये पूछताछ अभी भी जारी है. बता दें कि इस मामले में पहले ही सीबीआई की ओर से पी. …

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राफेल पर फ्रांस की मीडिया ने भी उठाए सवाल- HAL की जगह अंबानी को कैसे मिली डील?

फ्रांस मीडिया ने भारत में चल रहे राफेल 'घोटाला' विवाद की तुलना 1980 के दशक में बोफोर्स घोटाले से करते हुए सवाल खड़ा किया है. फ्रांस के प्रमुख अखबार फ्रांस 24 ने कहा है कि आखिर कैसे 2007 में शुरू हुई डील से 2015 में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को बाहर करते हुए निजी क्षेत्र की रिलायंस डिफेंस को शामिल किया गया? फ्रांस 24 ने लिखा है कि राफेल डील की शुरुआत 2007 में तब हुई जब भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 2007 में अपना सबसे बड़ा टेंडर जारी करते हुए 126 मल्टी रोल लड़ाकू विमान खरीदने की पहल की. रक्षा मंत्रालय की ये खरीदारी इसलिए जरूरी हो गई क्योंकि उस वक्त देश में इस्तेमाल हो रहे रूसी विमानों पुराने हो चुके थे और रक्षा चुनौतियों को पूरा करने में सक्षम नहीं थे. मनमोहन सिंह की डील इसी क्रम में 5 साल तक चली बातचीत के बाद मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ऐलान किया कि फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट रक्षा मंत्रालय के टेंडर में विजयी हुआ है. दसॉल्ट राफेल की मैन्यूफैक्चरिंग करता है और 2012 के इस समझौते के मुताबिक रक्षा मंत्रालय सेवा में तुरंत तैनात करने के लिए 18 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद फ्रांसीसी कंपनी से करेगा. वहीं बचे हुए 108 लड़ाकू विमानों की असेंब्ली दसॉल्ट भारत सरकार की कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में करेगा. इसे पढ़ें: राफेल पर कौन कर रहा है गुमराह? राहुल, मैक्रों, निर्मला में गलत कौन? फ्रांस 24 के मुताबिक इस डील के वक्त भारत का मानना था कि इस डील से भारत सरकार की एरोस्पेस और डिफेंस कंपनी एचएएल की आधुनिक उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा और वह देश के लिए लड़ाकू विमान बनाने के लिए तैयार हो जाएगी. फ्रांस 24 के मुताबिक कांग्रेस सरकार की यह डील कीमत और क्षमता पर विवाद के चलते अगले तीन साल तक अटकी रही. जहां शुरुआत में यह डील महज 12 बिलियन डॉलर की थी वह बढ़कर 20 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई. कीमत में इजाफा इस आधार पर हुआ कि भारत सरकार की कोशिश कुछ लड़ाकू विमानों को भारत में ही निर्मित कराने की थी. नरेन्द्र मोदी की डील और डील में ट्विस्ट भारत में मई 2014 में सत्ता परिवर्तन हुआ और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनी. अपने कार्यकाल के पहले वर्ष के अंत में प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के दौरे पर गए और फ्रांसीसी कंपनियों को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत के साथ करार करने का निमंत्रण दिया. मोदी ने यह निमंत्रण सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, डिफेंस और फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र की फ्रांसीसी कंपनियों को दिया. अपने इसी दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस से डील का ऐलान किया. हालांकि नई डील के मुताबिक अब भारत को महज 36 लड़ाकू विमान खरीदने थे. लिहाजा पूरी डील पर सरकार को सिर्फ 8.7 बिलियन डॉलर खर्च करने थे. खासबात यह थी कि सभी के सभी 36 लड़ाकू विमानों को फ्रांस में ही निर्मित किया जाएगा और तैयार विमान भारत को सौंपे जाएंगे. नई डील का विवादित पक्ष इस डील के साथ ही भारत और फ्रांस की सरकार के बीच समझौता किया गया कि इस डील से दसॉल्ट को हुई कुल कमाई का आधा हिस्सा कंपनी को एक निश्चित तरीके से वापस भारत में निवेश करना होगा. डील के इस पक्ष को ऑफसेट क्लॉज कहा गया. लिहाजा, डील के तहत दसॉल्ट को यह सुनिश्चित करना था कि वह 8.7 बिलियन डॉलर की आधी रकम को वापस भारत के रक्षा क्षेत्र में निवेश करे. एचएएल बाहर और अंबानी अंदर फ्रांस 24 अपनी रिपोर्ट ने कहती है कि डील में हुआ एक अहम बदलाव सबको आश्चर्यचकित करने वाला था. भारत में एचएएल के पास रक्षा क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरिंग का 78 साल का तजुर्बा था और वह इस ऑफसेट क्लॉज में एक मात्र कंपनी थी जिसके पक्ष में फैसला किया जाता. लेकिन दसॉल्ट ने एचएएल से करार तोड़ते हुए अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप से करार कर लिया. खासबात यह है कि इस वक्त तक रिलायंस के पास रक्षा क्षेत्र की मैन्यूफैक्चरिंग तो दूर उसे एविएशन सेक्टर का भी कोई तजुर्बा नहीं था. इसे पढ़ें: EXCLUSIVE: इंडिया टुडे ने खोज निकाला नीरव मोदी का लंदन का ठिकाना वहीं फ्रांस 24 रिलायंस समूह के प्रमुख अनिल अंबानी के लिए लिखता है कि उनका इतिहास विवादों से भरा है. जहां पारिवारिक संपत्ति के बराबर के बंटवारे के बाद अनिल अंबनी के बड़े भाई ग्लोबल फोर्ब्स सिल्ट में सबसे अमीर भारतीय बने वहीं खुद अनिल अंबानी इस सूची में 45 वें नबंर पर पहुंच गए. इसके अलावा अनिल अंबानी का टेलिकॉम सेक्टर में वेंचर घाटे में चला गया और उनकी कंपनी हजारों करोड़ के कर्ज में दब गई जिसे उबारने के लिए अपना टेलिकॉम कारोबार उन्हें बड़े भाई मुकेश अंबानी को बेचना पड़ा. वहीं टेलिकॉम स्पेक्ट्रम घोटाले में भी अनिल अंबनी की भूमिका संदिग्ध रही. डील से 15 दिन पहले बनी कंपनी? फ्रांस 24 ने दावा किया कि भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक अन्य फ्रांसीसी अखबार को दिए इंटरव्यू में सवाल खड़ा किया कि आखिर किस आधार पर इस डील से एक अनुभवी कंपनी को बाहर करते हुए एक ऐसी कंपनी को जगह दी गई जिसने इस क्षेत्र में कभी काम नहीं किया. इसके साथ ही फ्रांस 24 ने दावा किया कि दसॉल्ट ने जिस भारतीय कंपनी को एचएएल की अपेक्षा तरजीह दी उस कंपनी को इस डील से महज 15 दिन पहले ही स्थापित किया गया. खासबात यह है कि कंपनी को स्थापित करने की यह तारीख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फ्रांस दौरे से महज 13 दिन पहले की है. वहीं फ्रांस 24 ने यह भी मुद्दा उठाया है कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा में शामिल कारोबारियों ने अनिल अंबानी भी मौजूद थे. फ्रांस 24 ने लिखा है कि मौजूदा परिस्थिति में साफ है कि राफेल डील भारत के आगामी आम चुनावों में ठीक वही भूमिका अदा कर सकता है जो 1980 के दशक में बोफोर्स डील ने किया था. गौरतलब है कि बोफोर्स डील पर विवाद के चलते राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर जाना पड़ा था वहीं इस बार निशाने पर बीजेपी सरकार है

फ्रांस मीडिया ने भारत में चल रहे राफेल ‘घोटाला’ विवाद की तुलना 1980 के दशक में बोफोर्स घोटाले से करते हुए सवाल खड़ा किया है. फ्रांस के प्रमुख अखबार फ्रांस 24 ने कहा है कि आखिर कैसे 2007 में शुरू हुई डील से 2015 में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को बाहर करते हुए निजी …

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नीरव मोदी पर कसा शिकंजा, भाई और मैनेजर के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB SCAM) के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के अच्छे दिन अब लद गए हैं. सुरक्षा एजेसियों ने नीरव मोदी के साथ-साथ उसके रिश्तेदारों पर भी गिरफ्त कसना शुरू कर दिया है. नीरव मोदी के भाई नीशल मोदी और उसके करीबी सुभाष परब के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. नीशल मोदी के लिए बेल्जियम सरकार को प्रत्यर्पण की अर्जी दे दी गई है, जबकि सुभाष परब को मिस्र से लाने की तैयारी हो रही है. दोनों के खिलाफ पहले ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया है. बता दें कि सुभाष परब नीरव मोदी की उसी फायरस्टार इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का मैनेजर था, जिसके जरिए फर्जी LoU लिए गए थे. वहीं, नीरव मोदी का भाई नीशल बेल्जियम का नागरिक है. उसने ही इस तरह के फर्जी कारनामे करने में अपने भाई की मदद की थी. अभी भी जारी है नीरव मोदी का गोरखधंधा... आपको बता दें कि अभी हाल ही में इंडिया टुडे ने नीरव मोदी के बड़े गोरखधंधे का खुलासा किया था. न्यूयॉर्क के बैंकरप्सी कोर्ट में दाखिल अमेरिकी जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि नीरव मोदी की विभिन्न कंपनियों के बीच ही एक हीरे को कम से कम चार बार खरीदा-बेचा गया. इससे 1.88 लाख डॉलर के हीरे की कीमत देखते ही देखते 36 लाख डॉलर तक बढ़ा दी गई. यानी मूल कीमत से करीब 20 गुणा ज्यादा. ऐसा इसलिए किया गया कि जिससे ऐसा दिखाया जा सके कि इन कंपनियों में काफी कारोबार होता है. गौरतलब है कि अगस्त के मध्य में भारतीय एजेंसियों ने इंग्लैंड की एजेंसियों को अगाह कर दिया था कि नीरव मोदी को लंदन में देखा गया है. इसके बाद भारत की तरफ से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के दस्तावेज इंग्लैंड सरकार को सौंप दिए थे. नीरव मोदी भारत में 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का प्रमुख आरोपी है, वहीं मामले में नीरव के कुछ करीबी और रिश्तदार मेहुल चोकसी ने फर्जी तरीके से बैंकिंग साधनों का इस्तेमाल करते हुए पंजाब नेशनल बैंक को नुकसान पहुंचाने का काम किया.

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB SCAM) के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के अच्छे दिन अब लद गए हैं. सुरक्षा एजेसियों ने नीरव मोदी के साथ-साथ उसके रिश्तेदारों पर भी गिरफ्त कसना शुरू कर दिया है. नीरव मोदी के भाई नीशल मोदी और उसके करीबी सुभाष परब के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर …

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