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एक ही सीरिंज से सभी मरीजों को लगा दिए इंजेक्शन, 1 की मौत, 25 की तबीयत बिगड़ी

दतिया के जिला अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां गलत इंजेक्शन लगाने के बाद 1 मरीज की मौत हो गई जबकि 25 से ज्यादा मरीजों की तबीयत और बिगड़ गई। ये भी बताया जा रहा है कि अस्पताल में नर्स ने एक ही सीरिंज से कई मरीजों को इंजेक्शन लगा दिए। हालांकि मामला उजागर होने के बाद सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक दतिया के जिला अस्पताल में अफरातफरी का माहौल है। दरअसल यहां गलत इंजेक्शन लगाने से कई मरीजों की हालत बिगड़ गई है। जबकि इमरत सिंह नामक एक व्यक्ति की सोमवार शाम मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई। आपको बता दें कि बुधेड़ा निवासी इमरत सिंह राजपूत (50) को मलेरिया होने पर सोमवार सुबह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शाम करीब 6.30 बजे डॉक्टर ने इमरत को इंजेक्शन लगाया। इसके 15 मिनट बाद उसकी हालत बिगड़ी और कुछ ही पल में उसकी मौत हो गई। इस परिजनों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विवाद बढ़ते देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया। यहां परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। फिलहाल प्रकरण को जांच में लिया गया है। रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर राय ने साधा मटकी पर निशाना, 8 साल से नहीं फूटी थी ये मटकी यह भी पढ़ें मामला यहीं नहीं रुका। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उस समय फिर उजागर हुई जब एक के बाद एक करीब 25 मरीजों की तबीयत बिगड़ी। बुखार और एक्सीडेंट के मरीजों को भी ये इंजेक्शन दिए गए। वॉर्ड प्रभारी डॉ. कमला वर्मा के निर्देश पर मेल नर्स डी. गौतम ने मरीजों को डेकडेन इंजेक्शन लगाए थे। इंजेक्शन लगाने के कुछ पल बाद ही इन मरीजों को अचानक कंपकंपी के साथ घबराहट महसूस होने लगी। इस पर अस्पताल प्रबंधन भी सक्रिय हुआ और तुंरत दूसरे इंजेक्शन दिए गए। जिससे मरीजों को राहत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक यहां नर्स गलत इंजेक्शन भी लगा रहे थे और इंजेक्शन लगाने के दौरान सीरिंज भी नहीं बदल रहे थे। बताया जा रहा है कि नर्स इंजेक्शन लगाने के पहले सीरिंज को डिस्टिल्ड वॉटर की बजाए साधारण पानी की उपयोग किया जा रहा था। मतलब सीरिंज को सही तरीके से स्टरलाइज्ड नहीं किया जा रहा था। VIDEO : इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना के लिए एमओयू पर हुए सिग्नेचर यह भी पढ़ें एक ही कंपनी के इंजेक्शन इधर अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यहां कुछ मरीजों को एक इंजेक्शन लगाया गया। ये इंजेक्शन एक ही कम्पनी के है और उसी में कोई खराबी है। लिहाजा जिन मरीजों को ये इंजेक्शन लगाए गए उनकी हालत बिगड़ी है। इसलिए इन इंजेक्शनों का उपयोग बंद कर दिया गया है और उन्हें जांच के लिए सिविल सर्जन को सौंप दिया है। दतिया : एक ही सीरिंज से सभी मरीजों को लगा दिए इंजेक्शन, 1 की मौत, 25 की तबीयत बिगड़ी यह भी पढ़ें मेडिकल बोर्ड गठित मामला सामने के आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. पीके शर्मा ने पूरी घटना की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। जिसकी रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

दतिया के जिला अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां गलत इंजेक्शन लगाने के बाद 1 मरीज की मौत हो गई जबकि 25 से ज्यादा मरीजों की तबीयत और बिगड़ गई। ये भी बताया जा रहा है कि अस्पताल में नर्स ने एक ही सीरिंज से कई …

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शंकर सिंह वाघेला फिर हुए सक्रिय, गुजरात को देंगे राजनीतिक विकल्प

दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले वे जनता को भाजपा व कांग्रेस का विकल्प देने की बात कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के बाद से वाघेला अज्ञातवास में थे, लेकिन आम चुनाव से पहले उनकी सक्रियता नए समीकरण का संकेेत दे रही है। वाघेला के पुत्र व समधी कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं। गुजरात की राजनीति में करीब पांच दशक से भी अधिक समय से धमक रखने वाले 78 वर्षीय वाघेला एक साल से भी अधिक समय से अज्ञातवाश में थे। रमजान के मौके पर उन्होंने अपने निजी आवास वसंत वगडो पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस नेताओं को भी आमंत्रित किया लेकिन कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं ने इससे दूरी बना ली थी। गुजरात की राजनीति में बापू के नाम से चर्चित वाघेला का गत 21 जुलाई को जन्मदिन था। इस दिन वे गुजरात से बाहर होने का बहाना कर किसी तरह का कार्यक्रम करने से दूर रहे जबकि हर साल उनका जन्मदिन निजी आवास पर मनाया जाता है। गत दिनों भरुच में एक श्रद्धांजलि सभा के बहाने बापू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से एक निजी फार्म हाउस में मुलाकात की। इसके बाद से उनकी कांग्रेस में वापसी की अटकलें भी तेज हो रही है, लेकिन मंगलवार को उन्होंने खुद स्थिति साफ करते हुए कहा कि जनता भाजपा व कांग्रेस दोनों से निराश है। उसे विकल्प की तलाश है और वे विविध दलों के नेताओं से मिलकर इस पर सलाह मशविरा कर रहे हैं। वाघेला को भाजपा का 'मुखौटा' साबित करने में जुटी कांग्रेस यह भी पढ़ें बापू कहते क्या हैं और करते क्या हैं यह उनके सिवा दूसरा कोई टोह नहीं ले सकता, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उनकी सक्रियता से राजनीतिक उठा-पटक का दौर जरूर शुरू होने वाला है। गत विधानसभा चुनाव में भी वाघेला ने जनविकल्प मोर्चा के नाम से करीब सवा सौ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, हालांकि उनमें से एक भी चुनाव नहीं जीत सका और अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी। गौरतलब है कि वाघेला के समधी बलवंत सिंह राजपूत व पुत्र महेंद्र सिंह वाघेला भाजपा में शामिल हो चुके हैं। पुत्र के भाजपा में शामिल होने पर वाघेला ने नाराजगी जताई व राजनीतिक संबंध समाप्ति की धमकी तक दे डाली थी, लेकिन महेंद्र ने बापू की नसीहत को कोई तवज्जो नहीं दी।

दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले वे जनता को भाजपा व कांग्रेस का विकल्प देने की बात कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के बाद से वाघेला अज्ञातवास में थे, लेकिन आम चुनाव से पहले उनकी सक्रियता नए समीकरण का …

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अटल का अस्थि विसर्जन सर्वदलीय होना चाहिए था : शिवसेना

शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकाली जा रही पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थिविसर्जन यात्राओं पर तीखा कटाक्ष किया है। शिवसेना का कहना है कि भाजपा ऐसा करके अटल के अस्थिकलशों का मजाक बना रही है। उसने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि अटल जैसी शख्सियत का अस्थिविसर्जन एकदलीय नहीं, बल्कि सर्वदलीय होना चाहिए था। सामना के संपादकीय में आज लिखा गया है कि अटलबिहारी वाजपेयी से देश ने पंडित नेहरू जैसा ही प्रेम किया है। इसलिए उनके अस्थिकलश का दर्शन और विसर्जन एकदलीय न रखते हुए सर्वदलीय, अर्थात राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में होना चाहिए था। तब सभी राजनीतिक दलों ने अटल जी के अस्थिकलश को स्वीकार कर सम्मान और श्रद्धा के साथ विसर्जित किया होता। सामना के अनुसार पश्चिम बंगाल में ममता, उड़ीसा में नवीन पटनायक, महाराष्ट्र में शिवसेना और पंजाब में अकाली दल को साथ लिया जा सकता था। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए होते, और देश के अटल जी के जनमान्य महानेता होने का दर्शन पूरा देश करता। मगर ऐसे महान अटल जी की मृत्यु के बाद उन्हें छोटा बनाने का प्रयोग किया जा रहा है। शिवसेना ने किया अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का बहिष्कार, सदन से रहेगी गैरहाजिर यह भी पढ़ें शिवसेना के अधीकृत विचार समझे जानेवाले संपादकीय में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया है कि अटलबिहारी वाजपेयी अजातशत्रु थे। मगर वाजपेयी की मृत्यु के बाद जो शून्य निर्माण हुआ है, उसे भरने का काम हास्यास्पद तरीके से जारी है। संपादकीय में अस्थिकलश लिए हुए कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं का चित्र भी लगाया गया है, जिसमें ये कार्यकर्ता हंसते हुए दिखाई दे रहे हैं। सामना लिखता है कि अस्थिकलशों की जो हास्यास्पद राजनीति चल रही है, वह किसी के लिए भी शोभादायक नहीं है। भाजपा में ह्यबुजुर्गह्ण नेताओं का महत्त्व नहीं रहा, लेकिन उनके अस्थिकलशों को महत्त्व मिल रहा है। सामना का मानना है कि अटल जी के अस्थिकलश का दर्शन और विसर्जन जिस गंभीरता एवं श्रद्धा से होना चाहिए था, ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। एकाध अवसरों को छोड़ दिया जाए, तो अस्थिकलश दर्शन और प्रदर्शन एक राजनीतिक रंगारंग कार्यक्रम की तरह मनाया जा रहा है। कुछ जगह तो अस्थिकलश हाथ में उठाकर जीत की ट्राफी उठाने जैसा फोटोसेशन हो रहा है। मंत्रियों और अधिकारियों के चेहरे पर ऐसा करते हुए विश्वकप जीतने जैसी चमक दिखाई दे रही है। संपादकीय ने सवाल उठाया है कि अटल जी का अस्थिकलश हाथ में लेकर लोग ठहाका कैसे लगा सकते हैं ? सामना के अनुसार ये ठहाके कैमरे में कैद हुए हैं। कुछ लोगों ने तो अटल जी के अस्थिकलश के साथ सेल्फी निकालने का 'पराक्रम' भी किया है। अटल जी की तारीफ करते हुए सामना लिखता है कि अटल जी का नेतृत्व ईमानदारी का शिखर था। उसमें मिलावट नहीं थी। उनके पेट में कुछ, और होठों पर कुछ और नहीं था। उनकी राजनीतिक नकली नहीं थी। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी आंखों से आंसू बहने लगे थे। वे उसे छुपा नहीं सके थे। बंगलादेश युद्ध के बाद उन्होंने इंदिरा गांधी की प्रशंसा की थी। गुजरात दंगों के बाद उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की सीख दी थी।

शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकाली जा रही पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थिविसर्जन यात्राओं पर तीखा कटाक्ष किया है। शिवसेना का कहना है कि भाजपा ऐसा करके अटल के अस्थिकलशों का मजाक बना रही है। उसने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि अटल जैसी शख्सियत …

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कश्मीर के कुपवाड़ा में सैन्य शिविर में आग से लाखों का नुकसान

उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में मंगलवार को सेना की 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में रहस्यमय हालात में आग लग गई। आग में लाखों रुपये मूल्य की संपत्ति व तेल भंडार और गोला बारूद के नष्ट होने के अलावा तीन सैन्यकर्मी भी आंशिक रूप से झुलस गए हैं। जानकारी के अनुसार, मच्छल सेक्टर के हमारगली इलाके में स्थित 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में आज दोपहर एक बजे के करीब अचानक ही एक बैरक में आग लग गई। आग को देखते ही वहां मौजूद सैनिक व अधिकारी तुरंत बाहर निकले और उन्होंने उसी समय आग पर आग पाने के प्रयास किया। उन्होंने वहां रखे गए हथियारों के जखीरे, संचार उपकरणों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों व अन्य साजो सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी। लेकिन इसी दौरान आग की लपटों ने एक शस्त्रागार को भी अपने कब्जे में ले लिया और फिर वहां गोला बारूद के फटने से होने वाले धमाकों की गूंज पूरे इलाके में सुनाई देने लगी। वाहिनी मुख्यालय का तेल डिपु भी आग की चपेट में आ गया। कश्मीर में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी यह भी पढ़ें वाहिनी मुख्यालय में आग की सूचना मिलते ही निकटवर्ती इलाकों में पुलिस और दमकल विभाग के लोग भी अपने साजो सामान के साथ मौके पर पहुंचने लगे। लेकिन इस खबर के लिखे जाने तक शिविर में आग की लपटें लगातार निकल रही थी। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दोपहर बाद शाम चार बजे तक आठ बैरकों के अलावा वाहिनी मुख्यालय का कार्यालय भी आग में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान तीन जवान भी आग बुझाने के प्रयास में आंशिक रूप से झुलस गए। तीनों को उपचार के लिए निकटवर्ती सैन्य अस्पताल में दाखिल कराया गया है। अनुच्छेद 35ए हटाने की अफवाह पर कश्मीर में तनाव, 30 घायल यह भी पढ़ें उन्होंने बताया कि आग से हुए सही नुक्सान का पता, आग के पूरी तरह बुझने के बाद ही चलेगा। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग शॉट सर्किट से लगी है। इसके अलावा बैरकों के निर्माण में लकड़ी का इस्तेमाल हुआ था, इसलिए आग तेजी से फैली।

उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में मंगलवार को सेना की 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में रहस्यमय हालात में आग लग गई। आग में लाखों रुपये मूल्य की संपत्ति व तेल भंडार और गोला बारूद के नष्ट होने के अलावा तीन सैन्यकर्मी भी आंशिक रूप …

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पंजाब विधानसभा में हंगामा, शिअद विधायकों ने किया वाकआउट, अपना अलग सदन लगाया

पंजाब विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। शिरोमणि अकाली दल ने बलजीत सिंह दादूवाल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की हुई बैठक को लेकर शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सवाल उठाए व शोरगुल किया। शिअद विधायक सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस मामले में सुखबीर सिंह बादल द्वारा मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सदन की कमेटी गठित करने की मांग की। इसके बाद कमेटी बना दी गई। बाद में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा में कम समय देने पर भी शिअद विधायकों ने हंगामा किया व सदन से वाकआउट किया। शिअद विधायकों ने अपना अलग सदन लगाया। जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर बहस शुरू इसके साथ ही विधानसभा में रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर बहस शुरू हो गई। स्पीकर राणा केपी सिंह ने चर्चा में अपनी बात रखने के लिए कांग्रेस को एक घंटा 20 मिनट, शिरोमणि अकाली दल को 14 मिनट तथा आम आदमी पार्टी को 21 मिनट का समय दिया। अकाली दल ने और ज्यादा समय की मांग करते हुए विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया। जस्टिस रणजीत आयोग का सीधे बादल पर निशाना, कहा- पुलिस कार्रवाई की थी जानकारी यह भी पढ़ें विधानसभा के बाहर अपना अलग सदन चलाते शिअद विधायक। पंजाब विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू, दिवंगत आत्माओं को दी गई श्रद्धांजलि यह भी पढ़ें स्‍पीकर द्वारा समय नहीं बढ़ाने के विरोध में शिअद के विधायकों ने वाकआउट किया। सदन से बाहर आने के बाद शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने अपना अलग प्रतिकात्‍मक सदन चलाना शुरू कर दिया। उन्‍हाेंने इसका स्‍पीकर लखबीर सिंह लोधी नंगल को बनाया। यह भी पढ़ें: चंडीगढ़ की पहली महिला कैब चालक निकली 'रिवॉल्वर रानी', पुलिस ने किया गिरफ्तार पंजाब विधानसभा में आज पेश हाेगी रणजीत अायोग की रिपोर्ट, भारी हंगामे के आसार यह भी पढ़ें इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद एक बार फिर सुखबीर सिंह बादल द्वारा दादूवाल को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लगाए गए अारोप का मामला उठा। अकाली दल के विधायक ने इस मामले पर हंगामा किया। वे नारे लगाते हुए सदन के वेल में आ गए। पंजाब विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामा, शिअद विधायकों ने किया वाकआउट यह भी पढ़ें विधानसभा में वित्‍तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल। इसी दौरान मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने सुखबीर बादल द्वारा दादूवाल के साथ बैठक को लेकर खुद पर लगाए गए आरोप की जांच के लिए सदन की कमेटी बनाने का प्रस्‍ताव रखा। इसे स्‍वीकार कर लिया और कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के नेतृत्‍व में कमेटी का गठन कर दिया गया। यह भी पढ़ें: 84 के सिख विरोधी दंगों पर पंजाब में सियासी तूफान, कैप्‍टन बाेले- सज्‍जन समेत पांच थे शामिल विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने जाते आप विधायक। यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि क्या सुखबीर सिंह बादल ने अपने बयान से सदन को गुमराह किया। इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि यदि दादूवाल के साथ बैठक में उनके भाग लेने की बात साबित होती है तो विधानसभा की सदस्‍यता से इस्तीफा दे देंगे, अन्‍यथा सुखबीर बादल इस्तीफा दें। विधानसभा के मीडिया हॉल में पत्रकारों से बातचीत में खैहरा ने कहा कि सुखबीर बादल के आरोप गलत हैं। सुखबीर ने ही बेअदबी की घटनाएं कराई और वह पंथ विरोधी हैं। विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे सिमरजीत सिंह बैंस व बलविंदर सिंह बैंस। असंसदीय शब्द बोलने पर सिमरजीत सिंह बैंस के प्रति निंदा प्रस्ताव पास दूसरी ओर, सदन में लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ निंदा प्रस्‍ताव पारित किया गया। आरोप है कि बैंस ने वेरका मिल्क प्लांट के एक सवाल के जवाब के दौरान कांग्रेस के विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला को अपशब्‍द कहे। इस पर सभी कांग्रेस विधायक शोर शराबा करने लगे। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदर ने बैंस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। इसे सदन ने पारित कर दिया।

पंजाब विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। शिरोमणि अकाली दल ने बलजीत सिंह दादूवाल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की हुई बैठक को लेकर शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सवाल उठाए व शोरगुल किया। शिअद विधायक सदन के वेल में आ गए …

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कोर्ट में पेशी के दौरान बिहार के कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा की गोली मारकर हत्या

सीतामढ़ी सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान अपराधियों ने कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा की गोली मारकर हत्या कर दी। उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था जहां अपराधियों ने उसे कोर्ट परिसर में गोली मार दी और फरार हो गए। इस हमले में संतोष कुमार नामक सिविल कोर्टकर्मी भी जख्मी हो गया। घटना को तीन बदमाशों ने उस वक्त अंजाम दिया जब सीजेएम कोर्ट में पेशी के बाद संतोष बाहर निकला था। बताया गया है कि बदमाशों ने बीस राउंड गोली चलाई। इस दौरान दो बदमाश भागने में सफल रहे। जबकि, एक बदमाश आर्म्स के साथ पकड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक संतोष झा को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कक्ष के सामने अपराधियों ने दो गोली मारी। पहली गोली उसके सिर में लगी तो वहीं दूसरी गोली उसके सीने में लगी है। उसकी गोली लगते ही मौत हो गई थी, लेकिन पुलिस उसे आनन-फानन में अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद कोर्ट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बिहार में अपराध: नवादा में व्यवसायी की हत्या, भोजपुर में गोली मारी और लूट लिया यह भी पढ़ें कुछ दिन पहले संतोष झा के गैंग के अभिषेक झा की हुई थी हत्या कुछ दिनों पहले संतोष झा के गैंग के शूटर अभिषेक झा की भी अपराधियों ने एेसे ही मोतिहारी अनुमंडल न्यायालय में गोली लग गई थी जिससे उसकी मौत हो गई थी। अभिषेक झा रंगदारी वसूलने के आरोप में जेल में सजा काट रहा था। पटना में बेखौफ हुए अपराधी, सचिवालय अंडर सेक्रेटरी को घर में घुसकर मारी गोली, मौत यह भी पढ़ें संतोष झा ने कई संगीन वारदातों को दिया था अंजाम संतोष झा जेल में बंद था और उसके ऊपर कई संगीन वारदातों को अंजाम देने का आरोप था। संतोष झा जेल में बंद था लेकिन वह जेल के अंदर से ही अपना गैंग चलाता था। दरभंगा में हुए दो इंजीनियरों की हत्या में इसी के गैंग का हाथ था और इस मामले में कई लोगों को सजा सुनाई गई थी। बिहार में बेखौफ हुए अपराधी: अलग-अलग जगह पर तीन लोगों को मारी गोली यह भी पढ़ें संतोष झा वही अपराधी था, जिसे पिछले साल पुलिस ने कोलकाता के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था। बिहार में लगभग तीन दर्जन से ज्यादा मामलों का आरोपी संतोष झा अभी जेल में बंद था। शिवहर जिले के रहने वाला संतोष झा 10 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। वो पहले नक्सली था बाद में धीरे-धीरे उसने अपने गिरोह का विस्तार किया और गैंगस्टर बन गया था।

सीतामढ़ी सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान अपराधियों ने कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा की गोली मारकर हत्या कर दी। उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था जहां अपराधियों ने उसे कोर्ट परिसर में गोली मार दी और फरार हो गए। इस हमले में संतोष कुमार नामक सिविल कोर्टकर्मी भी …

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दिल्ली से सटे गुरुग्राम में बाढ़ जैसे हालात, क्रेन से निकाले जा रहे पानी में फंसे लोग

दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद जलभराव हो गया है और कई इलाकों में लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार सुबह से शुरू हुई जाम की स्थिति अब भी बनी हुई है, लोग जगह-जगह जाम में फंसे पड़े हैं। खासकर सुबह स्कूल और दफ्तरों के लिए निकले लोगों को जाम से रूबरू होना पड़ा। भारी बारिश और जाम के चलते गुरुग्राम के कई स्कूलों छुट्टी कर दी गई है। वहीं, जहां गुरुग्राम प्रशासन के बड़े बड़े दावे फेल हुए हैं वहीं, इस बारिश ने एक बार फिर 26 जुलाई 2016 जैसा हाल कर दिया। हीरो होंडा चौक पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। अंडरपास में भरे पानी में 4 गाड़ियां पानी में डूब गईं। स्थिति यह हो गई कि लोगों को पानी से निकलने के लिए ट्रैक्टर व क्रेन का सहारा लिया गया। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के साथ गुरुग्राम, मानेसर, भिवानी, झज्जर, रेवाड़ी, मेरठ, बरौट, बागपत, सोनीपत में अगले कुछ घंटों में आंधी-तूफ़ान के अलावा मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं। बारिश का कहर: गाजियाबाद में सड़क धंसने से दो सोसाइटी के 80 फ्लैटों पर खतरा यह भी पढ़ें बारिश से दिल्ली व गुरुग्राम पस्त जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में मंगलवार सुबह तेज बारिश हुई। भारी बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव के कारण जाम की समस्या शुरू हो गई। देश की राजधानी दिल्ली के साथ गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और साहिबाबाद समेत कई इलाकों में मंगलवार सुबह से हो रही बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से तो काफी राहत मिली, लेकिन जगह-जगह ट्रैफिक जाम से वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। दिल्ली-NCR में समय से पहले पहुंचा मानसून, बादल छाए; कभी भी हो सकती है बारिश यह भी पढ़ें बारिश के चलते दिल्ली के बाद सर्वाधिक प्रभावित गुरुग्राम है। यहां पर बारिश ने सड़कों के साथ गुरुग्राम नगर निगम की लापरवाही की भी पोल खोल कर रख दी है। दिल्ली-NCR में रहते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, जानें- कब होगी आफत की बारिश यह भी पढ़ें कई इलाकों में घुटनों तक पानी भरा है। यहां तककि पुलिस कर्मियों को भी घुटनों तक पानी में खड़े होकर ट्रैफिक संचालित करना पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में झमाझम बारिश, संसद भवन परिसर में भी भर गया पानी यह भी पढ़ें ये हैं प्रभावित इलाके भारी बारिश के चलते दिल्ली कई जगह पानी भर गया है। उत्तम नगर, धौला कुआं, आरके पुरम में जलभराव से भारी ट्रैफिक जाम लगा है। दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भारी बारिश के बाद कई जगह जलभराव का आलम है। खासकर हीरो होंडा चौक के पास हालात बेहद खराब हैं।

दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद जलभराव हो गया है और कई इलाकों में लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार सुबह से शुरू हुई जाम की स्थिति अब भी बनी हुई है, लोग जगह-जगह जाम में फंसे पड़े हैं। खासकर सुबह …

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इंटरव्यू क्रैक कर आसानी से पाएं नौकरी

इंटरव्यू क्रैक कर आसानी से पाएं नौकरी

आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कोलेरा एंड एंटरिक डिजीज (एनआईसीईडी), कोलकाता द्वारा “एनएसीपी के तहत एआरटी कार्यक्रम के प्रभाव मूल्यांकन” के प्रोजेक्ट पर कार्य करने के लिए अनुबंध के आधार पर निचला डिवीजन क्लर्क के खाली पद पर भर्ती के लिए साक्षात्कार कार्यक्रम का आयोजन किया जाना हैं. जिन उम्मीदवारो ने किसी …

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42000 शिक्षकों को जल्द मिलेंगी नौकरी, पढ़ें पूरी खबर

समाज के निर्माण में अध्यापक की अहम भूमिका होती है. क्योंकि ये समाज उन्हीं बच्चों से बनता है जिनकी प्राथमिक शिक्षा का जिम्मा एक अध्यापक के कंधों पर होता है. अध्यापक ही है जो उसे समाज में एक अच्छा नागरिक बनाने के साथ उसका सर्वोत्त्म विकास भी करते रहते हैं. शिक्षा देने के साथ ही वह उसे एक अच्छा नागरिक बननें के लिए भी प्रेरित करता है. देश में मौजूद सभी सफल व्यक्तित्व के पीछे एक गुरु की भूमिका देखे जा सकती है. बता दें कि स्कुलों में टीचर के पद पर चल रही परीक्षा में 68500 आवेदक पास हुए है. इस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों के पास होने पर केवल 41556 ही पद भर पाएंगे. जहां जल्द ही भर्तियां चालू हो जाएगी. बता दें कि 21 अगस्त से इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म भरे जाए रही हैं. ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि कल यानी कि 28 अगस्त है. आवेदन की अंतिम तिथि के बाद 1से 3 सितम्बर तक काउंसिलिंग की तिथि निर्धारित की गयी है. इच्छुक उम्मीदवार इसमें अवश्य हिंसा लें. खबरों की माने तो काउंसिलिंग के बाद सभी जिलों में 5 सितम्बर को सभी आवेदको को नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे. इसके बाद अभ्यर्थियों के शैक्षिक गुणांक व आरक्षण के आधार पर उन्हें जिलों का आवंटन किया जाएगा.

समाज के निर्माण में अध्यापक की अहम भूमिका होती है. क्योंकि ये समाज उन्हीं बच्चों से बनता है जिनकी प्राथमिक शिक्षा का जिम्मा एक अध्यापक के कंधों पर होता है. अध्यापक ही है जो उसे समाज में एक अच्छा नागरिक बनाने के साथ उसका सर्वोत्त्म विकास भी करते रहते हैं.  …

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फेडरल बैंक भर्ती : 31 हजार तक मिलेगा वेतन

फेडरल बैंक (Federal Bank) ने Officer एवं Clerk पदों के लिए भर्तियां प्रकाशित की गई है. इच्छुक उम्मीदवार से अनुरोध है कि इस रोजगार में आवेदन करने से पहले सारी जानकारियां ले ले उसके बाद ही अपनी योग्यता के अनुसार आवेदन करें. नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी इस प्रकार हैं. शैक्षिक …

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