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स्वच्छ परिवहन सर्वे में भोपाल को देशभर में मिला पहला स्थान

भोपाल देश के 14 शहरों में वाहनों से कम कार्बन का उत्सर्जन कर स्वच्छ परिवहन वाले शहरों में पहले स्थान पर रहा है। यह स्थान शुक्रवार सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (सीएसई) द्वारा जारी रिपोर्ट में मिला है। इसकी सबसे बड़ी वजह भोपाल में रोजाना डेढ़ लाख लोगों द्वारा निजी वाहनों का उपयोग न कर लोक परिवहन से सफर करना सामने आया है। पर्यावरण के लिए काम करने वाली इस संस्था सीएसई ने 14 ब़उे शहरों में वाहनों की संख्या के मुकाबले कार्बन उत्सर्जन के आंकड़े जुटाएं हैं। इसमें पता चला है कि भोपाल में लोक परिवहन ज्यादा आसान होता जा रहा है। इसके चलते अब लोग निजी वाहनों का उपयोग कम करने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) की 16 रूटों पर चल रही 210 लो फ्लोर व मिडी बसों से रोजाना 1 लाख 50 हजार से अधिक लोगों द्वारा सफर करते है जो कम कार्बन उत्सर्जन की एक मुख्य वजह है। VIDEO : यहां लगे हैं रिश्तों के बंधन के खास 'बॉक्स', हर कलाई पर सजेगा बहन का प्यार यह भी पढ़ें क्योंकि यह सुविधा न होती तो ये लोग निजी वाहनों का उपयोग करते। इससे शहर की सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ती, जिससे कार्बन का स्तर बढ़ता। रिपोर्ट के मुताबिक स्वच्छ परिवहन वाले शहरों की रैंकिंग से साबित होता है कि साफ परिवहन और कार्बन उत्सर्जन कम करने में भोपाल ने काम किया है। दूसरे शहरों को भी लोक परिवहन की नीति को कड़ाई से अपनाना चाहिए। पर्यावरण साफ रखने के लिए लोक परिवहन के साथ साइकिल और पैदल चलने को बढ़ाना देना जरूरी है क्योंकि निजी वाहनों से निकल रहीं प्रदूषण फैल रहा है। रिपोर्ट के तथ्य वृद्धा को लगा करंट, बचाने आया पति भी झुलसा, दोनों की मौत यह भी पढ़ें - साल 1952 से लेकर 2008 तक देश में वाहनों की संख्या साढ़े दस करोड़ हुई। रिपोर्ट के मुताबिक अनुमान है कि महज अगले छह साल में इतने ही वाहन देश में और बढ़ जाएंगे। ऐसा हुआ तो पर्यावरण को नुकसान होगा। स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ेगा। - साल 2000-2001 में देश में कुल परिवहन में 75.5 फीसदी हिस्सा लोक परिवहन का था जो अनुमान के मुताबिक 2030-31 तक घटकर 44.7 फीसदी रह जाएगा। यानी रिपोर्ट के मुताबिक अनुमान है कि लोक परिवहन देश में तेजी से घटेगा। लोग निजी परिहवन को बढ़ावा देंगे, ऐसा हुआ तो नुकसान होगा। सर्वे में हुआ खुलासा, सालभर में बच्चे के बस्ते का औसतन भार एक ट्रक के बराबर यह भी पढ़ें यह है भोपाल में लोक परिवहन की स्थिति - 16 मार्गों पर रोजाना 210 लो फ्लोर व मिडी बसें चलती हैं। जान जोखिम में डालकर उफनती लहरों पर कर रहे हैं सफर यह भी पढ़ें - इनमें 1 लाख 50 हजार से अधिक लोग रोजाना सफर करते हैं। - लोक परिवहन को बढ़ाना देने 1 लाख से अधिक छात्र व आम नागरिकों को महापौर स्मार्ट कार्ड दिए हैं। सर्विस चार्ज बताकर बैक ने ग्राहक के खाते से काटे 63 हजार 770 रुपए यह भी पढ़ें - शहर में 80 स्थानों पर 280 से अधिक साइकिले पब्लिक बाइक शेयरिंग को बढ़ावा देने रखीं हैं। - लोक परिवहन को बढ़ावा देने शहर में 24 किमी लंबा बीआरटीएस कॉरिडोर हैं। परिवहन के दौरान कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले शहर शहर रैंकिंग भोपाल 1 विजयवाड़ा 2 चंडीगढ 3 लखनऊ 4 कोधाी 5 जयपुर 6 कोलकाता 7 अहमदाबाद 8 पुणे 9 मुंबई 10 हैदराबाद 11 बेंगलुरू 12 चेन्नई 13 दिल्ली 14 लोक परिवहन को बढ़ावा दे रहे हैं बसों की लोकेशन देखने के लिए चलो मोबाइल एप लांच करना , बसों के मार्ग बढ़ाना, शहर में जगह-जगह आटोमेटिक फेयर कनेक्शन मशीनें लगाना और महापौर स्मार्ट कार्ड की सुविधा देना, ये सभी लोक परिवहन को बढ़ावा देना है।

भोपाल देश के 14 शहरों में वाहनों से कम कार्बन का उत्सर्जन कर स्वच्छ परिवहन वाले शहरों में पहले स्थान पर रहा है। यह स्थान शुक्रवार सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (सीएसई) द्वारा जारी रिपोर्ट में मिला है। इसकी सबसे बड़ी वजह भोपाल में रोजाना डेढ़ लाख लोगों द्वारा निजी …

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रेल मंत्री के कोटे पर भर्ती के नाम से ठगी का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने रेल मंत्री के कोटे से भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से पैसे ऐंठने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर इसकी जांच शुरू की गई थी। पुलिस उपायुक्त अभिषेक त्रिमुखे ने बताया कि यह गिरोह कई राज्यों में फैला हो सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने वसई के रहने वाले रुफुस डाबरे और वलाड निवासी मंजीत सिंह चिलोत्रे को गुरुवार को गिरफ्तार किया। रेलवे नियुक्ति बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में 'सी' व 'डी' ग्रेड के पदों पर रेलवे डिफेंस कैंडिडेट की नियुक्ति का विज्ञापन दिया था। आरोपितों ने लोगों से पैसे लेकर रेल मंत्री के कोटे से भर्ती का लालच दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्रालय को कुछ दिन पहले ईमेल से इस तरह की ठगी की शिकायत मिली थी। इसके बाद रेल मंत्री के निर्देश पर उनके निजी सचिव प्रवीण गेदम ने 20 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने नौकरी के नाम पर लोगों से 93 लाख रुपये की ठगी की है।

मुंबई पुलिस ने रेल मंत्री के कोटे से भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से पैसे ऐंठने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर इसकी जांच शुरू की गई थी। पुलिस उपायुक्त …

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अहमदाबाद के रोड शो में त्रिवेंद्रसिंह रावत ने, देश के जाने माने उद्यमियों को दिया न्यौता

देवालयों का प्रदेश उत्तराखंड अब राज्य को विकास की पटरी पर दौडाने के लिए बॉलीवुड के लिए पलक बिछाऐगा। पर्यटन, फार्मा व आयुर्वेद उत्पाद के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के बाद प्रदेश अब फूड प्रोसेसिंग, वैकल्पिक ऊर्जा, ऑटोमोबाइल व फिल्म शूटिंग जैसे उद्योग को बढावा देगा। देहरादून में 7 व 8 अक्टूबर को होने वाले निवेशक सम्मेलन के लिए अहमदाबाद के रोड शो में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रसिंह रावत ने गुजरात व देश के कई जाने माने उद्यमियों को न्यौता दिया। उत्तराखंड को अभी तक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगौत्री व यमुनौत्री चारधाम के लिए जाना जाता था लेकिन बीते कुछ वर्ष में राज्य ने पर्यटन व फार्मा सेकटर में लंबी छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री रावत ने बताया कि पहले जो पर्यटक छह माह में एक बार राज्य में आता था अब वह दो माह में आने लगा है। मेन्युफेक्चरिंग के क्षेत्र में राज्य में विकास हुआ है साथ ही फार्मा उद्योग भी फलफूल रहा है। राज्य की विकास दर 11,5 फीसदी है जिसमें सबसे अधिक योगदान मेन्युफेक्चरिंग का ही है। रावत ने बताया कि उत्तराखंड कुदरत का उपहार है जहां हर कोई जाना पसंद करता है, देवालयों के लिए प्रसिद्व राज्य अब बॉलीवुड के लिए भी पलक पांवडे बिछा रहा है, खुद रावत बताते हैं कि बीते कुछ वर्ष में ही राज्य में 46 फिल्म की शूटिंग हुई है, अभिनेता रजनीकांत, दक्षिण के हीरो महेशबाबू, बाहूबली के निर्देशक राजा मौली भी उत्तराखंड में आ चुके हैं। नेता विपक्ष पद को लेकर कांग्रेस में दरार, राहुल से मिलकर करेंगे दिल की बात यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री रावत बताते हैं कि राज्य में पहले धार्मिक पर्यटन होता था लेकिन अब पर्यटक जिम कार्बेट, रिवर राफ्टिंग, रिमोट एरिया विजिटिंग, एडवेंचर ट्यूर, माउन्टनियरिंग के लिए भी आने लगे हैं। रावत ने बताया कि राज्य में करीब 324 उद्योग कार्यरत हैं तथा सरकार 12 सेक्टर पर फोकस कर रही है जिसमें देश विदेश से निवेश आकर्षित किया जा सकता है। जब रावत से जागरण संवाददाता ने पूछा की योग गुरु बाबा रामदेव तो विदेशी कंपनियों के खिलाफ हैं, इस पर मुख्यमंत्री ने बडे ही सधे अंदाज में जवाब दिया कि मेक इन इंडिया भी हमारी प्राथमिकता है। देश में स्वदेश का चलन भी जरूरी है। रावत ने कहा उद्योगों को मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया है जिससे 15 दिन में सभी औपचारिकता व स्वीकृतियाँ पूरी कर दी जाती है। राजीव सातव ने कहा- क्या भाजपा गुजरात विधानसभा भंग करने को तैयार है यह भी पढ़ें उत्तराखंड सरकार के फोकस सेक्टर फूड प्रोसेसिंग, वैकल्पिक उऊर्जा, इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी, ट्यूरिज्म एंड हॉस्पीटेलिटी, ऑटोमोबाइल, बायो टेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल, नेचुरल फाइबर, वेलनेस एंड आयुष, फिल्म शूटिंग, हॉर्टीकल्चर, हर्बल एंड एरोमेटिक।

देवालयों का प्रदेश उत्तराखंड अब राज्य को विकास की पटरी पर दौडाने के लिए बॉलीवुड के लिए पलक बिछाऐगा। पर्यटन, फार्मा व आयुर्वेद उत्पाद के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के बाद प्रदेश अब फूड प्रोसेसिंग, वैकल्पिक ऊर्जा, ऑटोमोबाइल व फिल्म शूटिंग जैसे उद्योग को बढावा देगा। देहरादून में …

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दुल्हन की तरह सज नैनी-दून शताब्दी एक्सप्रेस हुर्इ रवाना, ये बने पहले यात्री

जनशताब्दी से दून जाने का इंतजार आखिरकार आज खत्म हो गया। पहले सफर पर नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस को दुल्हन की तरह सजाकर रवाना किया गया। शनिवार को काठगोदाम स्टेशन पर भव्य उद्घाटन समारोह में हरी झंडी दिखाकर व रेलमंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जनशताब्दी के चलने की घोषणा की। शनिवार को काठगोदाम में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नैनी दून जनशताब्दी एक्सप्रेस को हरी झडी दिखाते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह ट्रेन बड़ी उपलब्धि है। इससे कुमाऊं के लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि चार धाम रेल लाइन से जोड़ने के लिए सर्वे हो रहा है। यह ऐतिहासिक कार्य होगा। इसके अलावा उत्तराखंड की सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक से जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। इससे उत्तराखंड में पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। डीजल से चलने वाली गाड़िया खत्म हो जाएंगी। रेल मंत्री ने कहा, रेलवे आगे भी इसी तरह नई ट्रेनें चलाते रहेगा। उन्होंने कहा कि अभी उत्तराखंड में केवल 7 स्टेशनों में वाई-फाई की सुविधा है। आने वाले समय में सभी स्टेशनों को वाईफाई से जोड़ दिया जाएगा। सासद व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि इस ट्रेन से पर्यटन को लाभ मिलेगा विकास की गति तेजी से बढ़ेगी। पहाड़ के दस हजार यात्रियों ने चुकाया तीन गुना किराया, जानिए वजह यह भी पढ़ें राज्य सभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा कि नैनी दून जनशताब्दी एक्सप्रेस के चलने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। लोग खुश हैं। अब अब एक ही दिन में देहरादून से हल्द्वानी का सफर तय कर सकते हैं। सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि जब तक कर्ण प्रयाग और बागेश्वर तक ट्रेन नहीं पहुंच जाती। हमें मोदी के हाथ मजबूत करने होंगे। आज ट्रेन के सभी टिकट बिक गए। बारिश के चलते ट्रेन निर्धारित समय से करीब 40 मिनट देरी से रवाना हुई। कार्यक्रम के दौरान मंच पर सांसद भगत सिंह कोश्यारी, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, पूर्व सांसद बलराज पासी, पूर्व केंद्रीय मंत्री बची सिंह रावत, विधायक कालढूंगी बंशीधर भगत, विधायक नैनीताल संजीव आर्य आदि मौजूद रहे। काठगोदाम से दून तक टिकट दर जघन्य अपराधों के लिए 48 घंटे में उत्तराखंड के हर जिले में बने एसआइटी यह भी पढ़ें वातानुकूलित कुर्सीयान- 555 रुपये साधारण कुर्सीयान- 165 रुपये बसों के पहिये जाम होने से ठहरी जिंदगी की 'रफ्तार', कारोबार पर भी असर यह भी पढ़ें साधारण श्रेणीयान- 115 रुपये नवीन बने नैनी-दून के पहले यात्री अतिक्रमण हटाने की कार्रवार्इ हुई तेज, नोटिस चस्पा यह भी पढ़ें नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन का सबसे पहला टिकट नैनीताल जिले के धारी ब्लाक निवासी नवीन मल ने बुक कराया। रेलवे के अनुसार वह टिकट बुक कराने वाले पहले यात्री बने। उन्हें एसी कुर्सीयान में सी-वन 49 नंबर की सीट दी गई। ट्रेन में 12 डिब्बे हैं, जिसमें से दो एसएलआर, दो वातानुकूलित, पांच साधारण कुर्सीयान व तीन साधारण श्रेणीयान के कोच हैं

जनशताब्दी से दून जाने का इंतजार आखिरकार आज खत्म हो गया। पहले सफर पर नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस को दुल्हन की तरह सजाकर रवाना किया गया। शनिवार को काठगोदाम स्टेशन पर भव्य उद्घाटन समारोह में हरी झंडी दिखाकर व रेलमंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जनशताब्दी के …

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पंजाब आप में कुर्सी की लड़ाई : विधानसभा में भी दिखी पार्टी की गुटबाजी

विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में भी आम आदमी पार्टी में गुटबाजी हावी रही। कुर्सी की लड़ाई में पार्टी के विधायक बंट गए। पार्टी से बगावत करने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा समर्थक आठ विधायक अब अलग बैठेंगे और बाकी विधायक अलग। खैहरा गुट ने सबसे पिछली सीट पर बैठने का फैसला कर लिया है। स्पीकर ने भी इसकी इजाजत दे दी है। सदन में आप विधायकों को एकजुट करने के प्रयास में लगे एचएस फूलका भी सफल नहीं हुए। नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा के सिटिंग प्लान को लेकर आप विधायक दो हिस्सों में बंट गए। चीमा द्वारा दिए सिटिंग प्लान में खैहरा और कंवर संधू को सबसे पिछली सीट पर भेजा गया था। फूलका ने स्पीकर को पत्र लिखा कि खैहरा को पहले वाली सीट दे दी जाए। स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया और तर्क दिया कि यह तय करना नेता प्रतिपक्ष का अधिकार है कि किसे कहां बैठाना है। फूलका के नेतृत्व में खैहरा के घर गए विधायक खैहरा ने मान से पूछा, पंजाब के हितों की बात करना कहां गलत है यह भी पढ़ें फूलका के नेतृत्व में अमन अरोड़ा, सरबजीत सिंह माणूके और रुपिंदर कौर रुबी खैहरा के घर गए। उन्हें विधानसभा में एकजुट रहने की बात कही। इन विधायकों ने खैहरा के घर लंच भी किया। फूलका ने सदन के सिटिंग प्लान को ठीक करने का भी आश्वासन दिया। मामला कुछ हद तक संभल भी गया था लेकिन कंवर संधू की सीट को लेकर मामला बिगड़ गया। कंवर संधू की सीट पर बिगड़ा मामला भगवंत मान बने किंगपिन, नेता प्रतिपक्ष के लिए खैहरा के पक्ष में की लॉबिंग यह भी पढ़ें सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले खैहरा सदन में पहुंचे तो फूलका ने उन्हें पहली पंक्ति में आने को कहा। खैहरा सीट पर पहुंचे भी, लेकिन तभी उन्हें पता चला कि कंवर संधू की सीट नेता प्रतिपक्ष के पीछे है। जिस पर वह नाराज होकर सबसे पीछे वाली सीट पर चले गए। उनके साथ कंवर संधू, जगतार सिंह जग्गा, मास्टर बलदेव सिंह, पिरमल सिंह, जय किशन रोड़ी, जगदेव सिंह कमालू और नाजर सिंह मानशाहिया भी बैठ गए। चीमा ने भी खैहरा को अपनी सीट पर आने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने। पंजाब में दोफाड़ दिख रही आम आदमी पार्टी, कई विधायक खैहरा से अलग राह पर यह भी पढ़ें शांति के लिए मैैंने बदली सीट : स्पीकर शादियों में फिजूलखर्ची रोकने को 'आप' लाई निजी बिल, 51 से ज्यादा नहीं होने चाहिए मेहमान यह भी पढ़ें खैहरा समेत आठ विधायक स्पीकर राणा केपी सिंह से मिले और सभी विधायकों को पीछे की चार सीटें अलॉट करने की अपील की जिसे स्पीकर राणा केपी सिंह ने स्वीकार कर लिया। स्पीकर ने बताया कि हाउस को शांतिमय चलाने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया है। भले ही सिटिंग प्लान पार्टी के नेता को तय करना होता है, लेकिन जो बाधा सदन में उत्पन्न हुई है उसे खत्म करने के लिए यह फैसला लिया गया है। सत्र का समय बढ़ाने को आप ने दिया धरना आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सत्र का समय बढ़ाने के लिए विधानसभा के बाहर धरना भी दिया। विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। विधायक दल की बैठक से गायब रहा खैहरा गुट आप के विधायक दल की बैठक विधानसभा परिसर में पार्टी दफ्तर में हुई। इसमें खैहरा गुट ने हिस्सा नहीं लिया। सत्र का समय बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन में खैहरा गुट भी था। 90 फीसद काडर मेरे साथ : खैहरा सुखपाल सिंह खैहरा ने सफाई दी कि लड़ाई कुर्सी की नहीं है। जब मुझे चार्ज दिया गया था तो मंैने कोई सिटिंग प्लान चेंज नहीं किया था। उसी सिस्टम को लागू किया जा सकता है। पूर्व सिटिंग प्लान में एक ही सीट खिसकनी चाहिए थे।

विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में भी आम आदमी पार्टी में गुटबाजी हावी रही। कुर्सी की लड़ाई में पार्टी के विधायक बंट गए। पार्टी से बगावत करने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा समर्थक आठ विधायक अब अलग बैठेंगे और बाकी विधायक अलग। खैहरा गुट ने सबसे पिछली …

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अंशु प्रकाश पिटाई केसः AAP ने कोर्ट में कहा- मीडिया ट्रायल का प्रयास कर रही दिल्ली पुलिस

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में दाखिल चार्जशीट को मीडिया के साथ साझा करने के आरोपों पर पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को अपनी बात रखी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट के नोटिस के जवाब में कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) नेता दिल्ली पुलिस पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं। वे हमारी छवि को बदनाम कर रहे हैं और अदालत की कार्यवाही को प्रभावित करने की भी कोशिश कर रहे हैं। वहीं, AAP विधायकों के वकील ने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है। इस केस में मुख्य सचिव अंशुप्रकाश याचिकाकर्ता हैं तो आरोपी सीएम हैं। दिल्ली पुलिस पूरे मामले का मीडिया ट्रायल करने का प्रयास कर रहा है। दिल्ली पुलिस का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है और दोपहर दो बजे के बाद फिर सुनवाई होगी। यहां पर बता दें कि AAP ने पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि हाल ही में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है, उससे जुड़ी जानकारियां पुलिसकर्मी मीडिया से साझा नहीं करें और साथ ही चार्जशीट दाखिल होने से पहले जिन अधिकारियों ने मीडिया के साथ चार्जशीट से जुड़ी जानकारी लीक की, उनके खिलाफ जांच कराई जाए। अंशु प्रकाश पिटाई मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल, केजरीवाल-सिसोदिया भी आरोपी यह भी पढ़ें इस मामले में आरोपी विधायकों की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली पुलिस मीडिया में गलत जानकारी शेयर कर रही है, जिससे उन्हें रोका जाए। आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से आरोप लगाते हुए पटियाला हाउस कोर्ट में दी गी अर्जी में कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके विधायकों की छवि को खराब करने के लिए दिल्ली पुलिस के अधिकारी ऐसा कर रहे हैं। मुख्य सचिव पिटाई केसः केजरीवाल के घर 40 मिनट क्यों पीछे थी CCTV कैमरे की टाइमिंग यह भी पढ़ें AAP विधायकों का आरोप है कि चार्जशीट फाइल करने से पहले ही मामले से जुड़े दो डीसीपी ने मीडिया पत्रकारों के साथ वॉट्सएप ग्रुप पर यह खबर शेयर कर दी थी। इसके अलावा जो खबर पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई वह भी भ्रामक और गलत थी। यहां पर बता दें कि 19 फरवरी को हुई पिटाई मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में सोमवार को चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा 11 विधायकों को भी मारपीट करने का आरोपी बनाया गया है। कुल 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में दाखिल चार्जशीट को मीडिया के साथ साझा करने के आरोपों पर पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को अपनी बात रखी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट के नोटिस के जवाब में कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) नेता …

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अयोध्या में संपत्ति विवाद में महंत की हत्या, चार दशक ऐसी अनेक हत्याएं

विद्यामाता मंदिर विद्याकुंड की महंती के दावेदार रामचरनदास की बीती रात हत्या कर दी गई। पुलिस ने शव उनके कक्ष में स्थित चौकी के नीचे से बरामद किया। उनका हाथ और मुंह बंधा हुआ था। समझा जाता है कि उनकी हत्या गला घोंटकर की गई। पुलिस मंदिर में रहने वाले साधुवेशधारी परमात्मादास को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। रामचरनदास पर गत वर्ष भी जानलेवा हमला हुआ था और इस मामले में परमात्मादास के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था। उल्लेखनीय है कि संपत्ति विवाद में संतों-महंतों की हत्या का सिलसिला दशकों पुराना है। अब तक बड़ी संख्या में हत्याएं हो चुकी है। महंतों की हत्या का लंबा इतिहास चार दशक पूर्व रामनगरी की सर्वाधिक प्रतिष्ठापूर्ण पीठ रघुनाथदासजी की छावनी के महंत रामप्रतापदास की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। इस घटना के करीब एक दशक के अंतराल में रघुनाथदासजी की छावनी के एक अन्य महंत प्रेमनारायणदास की हत्या का मामला सामने आया था। अयोध्या में मंठ-मंदिरों के स्वामित्व विवाद में ही नौवें दशक के उत्तरार्द्ध में सनातन मंदिर के महंत मोहनानंद झा को गोलियों से भून दिया गया था। इसी तरह मोहनानंद झा के भाई रामकृष्णदास की करंट लगने से संदिग्ध हालत मौत को भी मंदिर के स्वामित्व विवाद से जोड़कर देखा जाता रहा। मंदिर हथियाने की कोशिश में इसी दशक की शुरुआत में कुछ साधुवेशधारियों हनुमतभवन के महंत रामदेवशरण की बम से प्रहार कर हत्या कर दी थी। 1991 में नगरी की प्रमुख पीठों में शुमार जानकीघाट बड़ास्थान के महंत मैथिलीशरण की उनके ही कक्ष में गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। 1995 को संपत्ति विवाद के ही चलते हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत रामाज्ञादास पर गोलियों की बौछार कर साधुवेशधारी अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया। एक महंत रामकृपालदास की तो रामनगरी में एक दशक तक तूती बोलती रही लेकिन नवंबर 1996 में उन्हें भी गोलियां बरसाकर मौत की नींद सुला दिया गया। संत समाज के बीच घुले मिले अराजकतत्वों ने ही 1999 में अयोध्या में विद्याकुंड बड़ास्थान के महंत रामकृपालदास की संपत्ति विवाद में हत्या कर दी गई। लंबे समय से व्याप्त विवाद संपत्ति व महंती के विवाद को लेकर अयोध्या में महंत दयानंद दास का अपहरण यह भी पढ़ें विद्यादेवी मंदिर की महंती का विवाद लंबे समय से व्याप्त है और गत वर्ष रामचरनदास पर हमला इसी विवाद के चलते हुआ था। विवाद को ध्यान में रखकर पुलिस ने दोनों पक्षों को धारा 107/16 में पाबंद भी कर रखा था और मंदिर में रात्रि के दौरान एक होमगार्ड की ड्यूटी भी लगाई गई थी। गुरुवार रात 10 बजे के करीब होमगार्ड जब ड्यूटी पर पहुंचा, तब उसने मंदिर में सन्नाटा पसरा देखा। वह अंदर गया तो देखा कि रामचरनदास के कक्ष की वस्तुएं बिखरी पड़ी हैं। हालांकि पहली नजर में होमगार्ड को चौकी के नीचे छिपाई गई महंत की लाश नहीं नजर आई। उसने उच्चाधिकारियों को फोन कर अवगत कराया और इसके बाद मौके पर पहुंचे रायगंज चौकी प्रभारी यशंवत द्विवेदी ने लाश बरामद की। इसके बाद मंदिर पर पुलिस के आलाधिकारियों का तांता लग गया। फैजाबाद के जमथराघाट में आग से हाहाकार, पहले चिंगारी भड़की फिर धड़ाधड़ सिलेंडर फटे यह भी पढ़ें साधना में पगे थे महंत रामचरनदास 65 वर्षीय मृत महंत रामचरनदास साधना में पगे साधु थे। यूं तो विद्याकुंड मंदिर के साकेतवासी महंत रघुवरदास के शिष्य थे पर वह 26 वर्ष तक खड़े रहकर साधना का रिकार्ड बनाने वाले दिग्गज संत भगवानदास खड़ेश्वरी के साधक शिष्य थे और उन्हीं की प्रेरणा से रामचरनदास ने भी 10 वर्ष तक निरंतर खड़े रहकर आराध्य की साधना की। उनकी साधना से आइएएस अधिकारी किंजल सिंह भी प्रभावित थीं और दो वर्ष फैजाबाद की जिलाधिकारी रहते किंजल सिंह के इशारे पर रामचरनदास को पुलिस ने मंदिर पर कब्जा दिलाया था।

विद्यामाता मंदिर विद्याकुंड की महंती के दावेदार रामचरनदास की बीती रात हत्या कर दी गई। पुलिस ने शव उनके कक्ष में स्थित चौकी के नीचे से बरामद किया। उनका हाथ और मुंह बंधा हुआ था। समझा जाता है कि उनकी हत्या गला घोंटकर की गई। पुलिस मंदिर में रहने वाले साधुवेशधारी परमात्मादास को …

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स्वर्ण पदक से बेटे-बेटियों के साथ मां-बाप भी निहाल, भावुक हुआ माहौल

गर्व से दमकते चेहरों के इतराने का दिन था तो मेहनत को सलामी मिलने का भी। बेटे-बेटियों की खुशी पर माता-पिता के निहाल होने का दिन था तो भविष्य के सपने बुनने का भी। यह सबकुछ हुआ मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षा समारोह में। राज्यपाल राम नाईक की बतौर कुलाधिपति और मेट्रो मैन ई. श्रीधरन की बतौर मुख्य अतिथि मौजूदगी विश्वविद्यालय के एकेडमिक इतिहास को समृद्ध कर रही थी। राज्यपाल ने मेधावियों को स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र देकर उनकी मेधा को सलाम किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास सिंह ने इन्हें अपनी थाती बताया तो विश्वास भी जताया कि यह विश्वविद्यालय को नई पहचान से अलंकृत करेंगे। स्वर्ण पदक से बेटे-बेटियों के साथ मां-बाप भी निहाल यह भी पढ़ें तीसरे दीक्षा समारोह में एक-एक कर बीटेक, एमटेक, एमसीए और एमबीए की परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करते हुए उपाधि प्राप्त कर रहे कुल 19 मेधावियों को गरिमामयी मंच पर आमंत्रित कर स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आयोजन का समय 11 बजे निर्धारित था लेकिन 10 बजते-बजते समारोह स्थल विश्वविद्यालय का बहुद्देश्यीय हाल खचाखच भर गया। टॉपरों का उत्साह देखने लायक था, राज्यपाल के हाथों उन्हें मेडल जो लेना था। उनके लिए एक-एक मिनट भी भारी पड़ रहा था। 12 बजे के करीब जब मंच से यह गूंजा कि राज्यपाल शहर में पहुंच चुके हैं, सभी के चेहरे चमक उठे। फिर शुरू हो गया समारोह का औपचारिक कार्यक्रम। पूरे अदब के साथ राज्यपाल और मेट्रोमैन के साथ शैक्षणिक शोभा यात्रा समारोह हाल में पहुंची। मां सरस्वती व महामना मदन मोहन मालवीय के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के बाद राज्यपाल की अनुमति लेकर दीक्षांत समारोह की शुभारंभ हुआ। सबसे पहले कुलपति प्रो. एसएन सिंह ने आगंतुकों का स्वागत करने के साथ विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की फिर राज्यपाल द्वारा विद्यार्थियों को दीक्षोपदेश दिया गया। फिर शुरू हुआ उपाधि व स्वर्ण पदक वितरण का सिलसिला। गूंजती तालियों के बीच मेधावियों ने पदक और उपाधि प्राप्त की। पदक वितरण के बाद मुख्य अतिथि श्रीधरन दीक्षांत संबोधन के लिए आमंत्रित किए गए। उनके सारगर्भित 20 मिनट के संबोधन को हाल में मौजूद सभी ने पूरी गंभीरता और तल्लीनता से सुना और उसे आत्मसात करने की कोशिश की। राज्यपाल राम नाईक के प्रेरणादायी अध्यक्षीय संबोधन को लोगों ने उसी तल्लीनता से सुना। धन्यवाद ज्ञापन के बाद राज्यपाल की अनुमति लेकर कुलसचिव यूसी जायसवाल ने मंच से समारोह के समापन की घोषणा की। संचालन की जिम्मेदारी डॉ. बीके पांडेय ने निभाई। उसके बाद शुरू हुआ फोटो सेशन का दौर। हर कोई इस अद्भुत पल को तस्वीरों में कैद करते दिखा। कोई दोस्तों के साथ फोटो सेशन करा रहा तो कोई अपने अभिभावकों के साथ। एक-दूसरे के साथ खुशी बांटने और बधाई व धन्यवाद का सिलसिला काफी देर तक जारी रहा। --------- माता-पिता हुए भावुक एमएमएमयूटी महिला क्लब ने लोगों को बांटे कंबल यह भी पढ़ें दीक्षा समारोह में स्वर्ण पदक पाना किसी सपने से कम नहीं होता ऐसे में पदक प्राप्त करने वाले मेधावियों के उत्साह और उमंग की कल्पना की जा सकती है। इस उत्साह को भावुक पलों में बदल दिया अभिभावकों की मौजूदगी ने, जो अपने बच्चों को सम्मानित होने के इस गौरवमयी पल के गवाह बने। पदक पाते देख अभिभावकों के चेहरे की खुशी देखने लायक थी। ---- राज्यपाल ने पूछा, विवरणिका में श्रीधरन का भाषण है क्या? अपने संबोधन में राज्यपाल राम नाईक ने दीक्षा समारोह में मेट्रो मैन की मौजूदगी को विश्वविद्यालय के लिए महत्वपूर्ण पल बताया। संबोधन की दौरान जब वह मेट्रो मैन से अपने संबंध और उनकी खूबियों की चर्चा कर रहे थे तभी उन्हें याद आया कि समारोह की शुरुआत में संचालक ने ई. श्रीधरन की उपलब्धियों भरा जीवन वृत्त बताया था। उन्होंने संबोधन को रोककर कुलपति से पूछा कि क्या दीक्षा समारोह की विवरणिका में श्रीधरन का जीवन वृत्त और भाषण छपा है क्या। जब उन्हें इसका उत्तर हां में मिला तो विद्यार्थियों से अपील की कि वह उसका भगवद्गीता के तरह अध्ययन करें। इससे जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खुद-ब-खुद साफ होता जाएगा।

गर्व से दमकते चेहरों के इतराने का दिन था तो मेहनत को सलामी मिलने का भी। बेटे-बेटियों की खुशी पर माता-पिता के निहाल होने का दिन था तो भविष्य के सपने बुनने का भी। यह सबकुछ हुआ मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षा समारोह में। राज्यपाल राम नाईक …

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7 अप्रैल 2010, जब सुलग उठी थी कचहरी

आइए आपको दहशत के उन हालात से रूबरू कराते हैं जब आठ वर्ष पहले कचहरी सुलग उठी थी। जगह-जगह जलते टूटे वाहनों के बीच लाठियां-बंदूकें लेकर दौड़ती पुलिस और लहूलुहान भागते वकीलों की चीख-पुकार से दंगे जैसे हालात हो गए थे। मामला महज एक वकील और दारोगा के बीच वाद विवाद का था लेकिन उसने ऐसा रौद्र रूप लिया कि पुलिस की बर्बरता से वकीलों की जान पर बन आई थी। दो दिनों तक वकील जान बचाते छिपते फिर रहे थे। मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद वकीलों को जख्मों पर मरहम की आस जगी है। एक मामले में कार्रवाई को लेकर दारोगा राघवेंद्र सिंह से अधिवक्ता आशीष सचान का विवाद चल रहा था। 7 अप्रैल 2010 दोपहर करीब 12.30 बजे दारोगा एक मामले में पेशी पर कोर्ट पहुंचा। प्रथम तल पर वह जीने से नीचे उतर रहा था तभी उसका वकील से आमना-सामना हो गया था। दरोगा को देखते ही आशीष भड़क गया और दोनों के बीच गाली-गलौज होने लगी थी। आसपास वकील जुटे तो बात धक्का मुक्की से मारपीट तक पहुंच गई थी। इससे पहले वकील उग्र होते दारोगा ने उन पर रिवाल्वर तान दी थी। वकील जान बचाने को भागे तो दारोगा भी जान बचाने के लिए भागकर एडीजे प्रथम कोर्ट में चला गया था। दारोगा ने आलाधिकारियों को फोन पर सूचना दी तो तत्कालीन एडीएम सिटी शकुंतला गौतम, एसपी रवि कुमार छवि और भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। दारोगा वकील विवाद की सूचना कचहरी में आग की तरह फैली तो सैकड़ों वकील भी नारेबाजी करते हुए कोर्ट के बाहर इकट्ठा हो गए थे। बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और प्रशासन के आलाधिकारी मामला शांत करा रहे थे तो बाहर वकीलों को गुस्सा बढ़ता जा रहा था। वकील दारोगा को बाहर निकालने की मांग कर रहे थे। पुलिस के लिए वकीलों की उस भीड़ से दारोगा को बचाना मुमकिन नहीं था। कोर्ट पुलिस और वकीलों से खचाखच भर गई थी। इसी बीच धक्का-मुक्की में एडीएम सिटी गिर गई थीं। बस फिर क्या था, पुलिस वकीलों पर टूट पड़ी थी। पुलिस ने ताबड़तोड़ लाठियां चलाना शुरू कर दिया था। इससे वहां भगदड़ मच गई थी। आधा दर्जन से ज्यादा वकीलों के सिर फट गए तो कई वकील और वादकारी भगदड़ में गिरकर घायल हो गए थे। उस वक्त पुलिस को जो मिला उसे गिरा-गिराकर पीटा गया, जिसके बाद दारोगा राघवेंद्र को निकालकर पुलिस ले गई थी। - - - - - - - - - - - - - - निर्दोष का सम्मान बचाएगी अग्रिम जमानत, फायदा मिलेगा तो नुकसान की भी संभावनाएं बढ़ेंगी यह भी पढ़ें अगले दिन एक-दूसरे पर रहे हमलावर इस घटना के ठीक दूसरे दिन 8 अप्रैल को वकील शताब्दी प्रवेश द्वार पर एकत्र होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे तो दूसरी ओर एसएसपी कार्यालय में भी भारी पुलिस और पीएसी बल तैनात था। अदालत के काम से जो पुलिसकर्मी कचहरी के भीतर पहुंचे उनके साथ मारपीट और वर्दी फाड़ने की सूचना बाहर तैनात पुलिस कर्मियों को मिली तो वह भी उग्र हो गए थे। दिन भर इसी तरह गोरिल्ला युद्ध होता रहा था। दोपहर करीब तीन बजे दोनों ओर से पत्थर चलने लगे थे। वकीलों के चौपहिया और दोपहिया वाहनों के शीशे तोड़े जाने लगे थे। जिसका जवाब वकीलों ने भी दिया और पुलिस के वाहन तोड़ने शुरू कर दिए थे। जवाबी कार्यवाही में पुलिस कर्मियों ने वकीलों के चौपहिया वाहन तोड़े, डेढ़ दर्जन से ज्यादा दोपहिया वाहनों को गिराकर आग लगा दी। जमकर पत्थरबाजी और फाय¨रग हुई थी। पुलिस ने वकीलों को दौड़ाया, जो वकील मिले उन पर चारों ओर से लाठियां बरसीं थीं। इसके बाद पुलिस और पीएसी रजिस्ट्री कार्यालय की ओर से कचहरी में घुसी और जो वकील जहां मिला उसे पीट दिया गया था। चेंबरों में भी तोड़फोड़ की गई थी और कचहरी पर पुलिस ने कब्जा कर एक-एक चेंबर से वकीलों को निकालकर पीटा था। आलम यह था कि अधिकतर वकील बिना चेंबरों को ताला लगाए भागने को मजबूर हो गए थे। युवा बुजुर्ग जो मिला वह पुलिसिया कहर का शिकार हुआ था। मुकदमे की फाइलें तक नहीं छोड़ी गई। बार एसोसिएशन तत्कालीन महामंत्री नरेश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच रिपोर्ट तैयार की थी लेकिन वह आज तक नहीं खुल सकी है। जांच रिपोर्ट खुली तो इसकी आंच कई अफसरों तक पहुंचेगी। - - - - - - - - - - - - - - इटावा चली गई थी कचहरी 27 साल बाद मिला 27 वर्गमीटर का मकान यह भी पढ़ें घटना के बाद से ही वकील हड़ताल पर थे। वादकारियों को हो रहे नुकसान और जेल में बढ़ती संख्या को देखते हुए 15 दिन बाद ही कचहरी इटावा स्थानांतरित कर दी गई थी। कचहरी का पूरा स्टाफ बस से इटावा जाता था। इसके बाद वकीलों ने उच्च न्यायालय का घेराव किया था और लोकसभा में भी मामला गूंजा था। चीफ जस्टिस और कानून मंत्री से मुलाकात के बाद करीब ढाई माह बाद कचहरी वापस आई थी।

आइए आपको दहशत के उन हालात से रूबरू कराते हैं जब आठ वर्ष पहले कचहरी सुलग उठी थी। जगह-जगह जलते टूटे वाहनों के बीच लाठियां-बंदूकें लेकर दौड़ती पुलिस और लहूलुहान भागते वकीलों की चीख-पुकार से दंगे जैसे हालात हो गए थे। मामला महज एक वकील और दारोगा के बीच वाद …

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अखिलेश यादव का आरोप, उत्तर प्रदेश में व्यवस्था पर ताकतवर लोगों का कब्जा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बेहद गंभीर आरोप जड़ा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पूरी व्यवस्था ताकतवर लोगों के कब्जे में हैं। यह चंद ताकतवर लोग ही प्रदेश सरकार चला रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि ताकतवर लोगों ने प्रदेश की व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है और अपने लाभ के लिए नीतियां बनवा रहे हैं। अब ऐसे लोगों को साइकिल चलाकर परास्त किया जाएगा। अखिलेश यादव के पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान नेतृत्व में खुशहाली आना असंभव है। जो ज्यादा मुनाफा कमाते हैं वहीं नीतियां भी तय करने लगे हैं। समाजवादी पब्लिक सेक्टर को ताकत देने के पक्ष में हैं। भारत के कामगारों की दक्षता का कोई मुकाबला नहीं है। किसानों की जमीन का चार गुना मुआवजा मिलना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया कॉरपोरेट के हाथों में चला गया है। ताकतवर लोगों ने व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है और गरीबों की आवाज दबाई जा रही है। भाजपा ने नौजवानों का सपना तोड़ दिया है। रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। दुनिया में इस समय सबसे दुखी देश भारत है। ऐसी आशंका है कि एक पीढ़ी बिना किसी काम के और अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल किए बगैर बर्बाद हो जाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अपने वादों पर कहीं खरी नहीं उतरी है। जनता में इसे लेकर बहुत आक्रोश है। 2019 ही पहला अवसर है, लक्ष्य स्पष्ट है। लोकतंत्र बचाना प्राथमिकता है। भाजपा वाले बात घुमाने में माहिर, गूगल को भी घुमा देते हैं : अखिलेश यादव यह भी पढ़ें अखिलेश ने भाजपा पर हिन्दुस्तान को अविकसित देश बनाने की साजिश रचने का आज आरोप लगाया। उन्होंने कहा भाजपा को सत्ता से हटाने को लोकतांत्रिक और प्रगतिशील लोगों को एकजुट होना पड़ेगा। भाजपा धर्म के नाम पर उलझाकर और समाज में नफरत फैलाकर हिन्दुस्तान को अविकसित देश बनाने का षडयंत्र रच रही है। भाजपा समाज को खतरनाक स्थिति में पहुंचा रही है। देश को नए प्रधानमंत्री की चाहत है और संविधान की रक्षा तथा देश बचाने के लिए ऐसा होना जरूरी भी है। अखिलेश यादव से इंटक के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह के साथ बड़ी संख्या में आए श्रमिकों ने मुलाकात की। इस दौरान दौड़, शारीरिक परीक्षा और साक्षात्कार के बाद चुने जाने के बावजूद भी पुलिस भर्ती से बाहर काफी अनुसूचित जाति/जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के नौजवानों ने भी उनसे मुलाकात की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों, नौजवानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। कामगारों और किसानों की समस्या के निदान के बिना देश आगे नहीं बढ़ेगा। लखनऊ में सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी आज, तैयार होगा चुनावी रोडमैप यह भी पढ़ें इससे पहले अखिलेश ने ट्वीट किया था, भाजपा गरीबी, बेकारी, भुखमरी, बिजली-पानी, सड़क, ऋण माफी, कृषि-भुगतान, चिकित्सा, भ्रष्टाचार व अपराध जैसे मुद्दों पर असफल होने की वजह से वैमनस्य फैलाकर जनता का ध्यान भटका रही है। हम सभी समाजवादी उन नकारात्मक लोगों को कभी सफल नहीं होने देंगे जो देश को तोडऩे के लिए नफरत फैला रहे हैं। डिजिटल सेंधमारी सीएम योगी आदित्यनाथ नोएडा न जाते तो यूपी में चार चुनाव न हारते : अखिलेश यादव यह भी पढ़ें अखिलेश यादव ने कहा कि आज जिस तरह 'डिजिटल सेंधमारी' कर के गरीबों के हक का राशन लूटा जा रहा है, लोगों के मोबाइल में अनैतिक प्रवेश किया जा रहा है और बैंकों से पैसा निकाला जा रहा है, उसने साबित कर दिया है कि 'डिजिटल सिक्युरिटी' की फुलप्रूफ व्यवस्था के बिना भारत में 'डिजिटल इंडिया' का सपना जुमला ही साबित होगा। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि आज आजादी, किसानों, नौजवानों के हितों को खतरा है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बेहद गंभीर आरोप जड़ा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पूरी व्यवस्था ताकतवर लोगों के कब्जे में हैं। यह चंद ताकतवर लोग ही प्रदेश सरकार चला रहे हैं। अखिलेश …

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