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वैष्णो देवी यात्रा में मिलेंगी ये सारी सुविधाएं, श्रद्धालुओं के लिए होगी हाईटेक व्यवस्था

कटड़ा माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उच्च स्तरीय सुविधाएं देने के लिए श्राइन बोर्ड हाईटेक व्यवस्था शुरू करने जा रही है। श्रद्धालुओं को लूटखसोट से बचाने के लिए घोड़ों व खच्चरों पर चिप लगाने, श्रद्धालुओं को हेलमेट और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के अलावा भवन मार्ग पर मोबाइल टीमें बनाने व प्रीपेड सेवा काउंटर स्थापित करना शामिल है। मनमानी पर लगेगी लगाम : घोड़ों व खच्चरों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) चिप लगेगी। रास्ते में बने स्मार्ट कार्ड स्केनिंग काउंटरों से घोड़ों की स्थिति पर नजर रहेगी। इससे जहां घोड़े वाले श्रद्धालुओं से मनमाना दाम नहीं वसूल सकेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हेलमेट व सुरक्षा कवच मुहैया कराए जाएंगे, जिससे गिरने पर श्रद्धालु सुरक्षित रहें। इससे पूर्व घोड़ों से गिरने के दर्जनों हादसे हो चुके हैं। इस कारण छह माह में 45.20 लाख श्रद्धालु पहुंचे वैष्णो देवी के दरबार यह भी पढ़ें 10,000 मजदूर करते हैं काम : वैष्णो देवी भवन और मार्ग पर घोड़ा, पिट्ठू और पालकी सेवा उपलब्ध कराने के लिए 10,000 मजदूर काम करते हैं, मगर इन सेवाओं को लेकर श्रद्धालुओं को ओवर चार्जिग, दु‌र्व्यवहार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घोड़े से श्रद्धालुओं के गिरने के दर्जनभर हादसे हो चुके हैं। वैष्णो देवी में सुरक्षित होंगे यात्री, अब घोड़ों पर हेलमेट पहने नजर आएंगे श्रद्धालु यह भी पढ़ें जी मैक्स आइटी सिक्योरिटी कंपनी को मिली जिम्मेदारी : श्राइन बोर्ड प्रशासन ने जी मैक्स आइटी सिक्योरिटी कंपनी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। यह कंपनी आधुनिक तरीके श्रद्धालुओं की वैष्णो देवी यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित बनाएगी। बेस्ड ऑन टोल (बीओटी) प्रोजेक्ट के तहत उक्त कंपनी अगले पांच साल तक अपनी सेवाएं देगी। इसके तहत कंपनी भवन मार्ग पर चलने वाले करीब 4,600 घोड़ों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) माइक्रो चिप लगाएगी। वैष्णो देवी की यात्रा में अब न होगी थकावट-न शरीर में दर्द यह भी पढ़ें घोड़ा, पिट्ठू, पालकी व अन्य तकरीबन मजदूरों के बायोमीट्रिक स्मार्ट कार्ड बनाएगी। सभी मजदूरों के साथ ही घोड़ों पर निगरानी के लिए कंपनी वैष्णो देवी भवन और सभी मार्गो पर अत्याधुनिक काउंटर स्थापित करेगी। ये काउंटर वैष्णो देवी भवन, बैटरी कार स्टैंड. भैरो घाटी, हिमकोटि, सांझी छत, आद्कुंवारी, चरण पादुका, बाण गंगा, चेतक भवन और नए ताराकोट मार्ग पर स्थापित होंगे। इन अत्याधुनिक काउंटरों में हाईडेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे और एलईडी स्क्रीन लगेंगी। साथ ही जगह-जगह आरएफआइडी सेंसर एंटीना लगाए जाएंगे, जिससे घोड़ा और मजदूर पूरी तरह से निगरानी में रहेंगे। चैत्र नवरात्र खत्म होने के बाद मां वैष्णो देवी यात्रा में एकाएक बढ़ोतरी शुरू हो गई यह भी पढ़ें हेलमेट और सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे : घोड़ा करते समय श्रद्धालुओं को सुरक्षा के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलमेट और सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे, जो पूरी तरह से निशुल्क होंगे। श्रद्धालु सुरक्षा उपकरणों और हेलमेट का उपयोग करने के बाद संबंधित मजदूर को वापस सौंपेंगे। दु‌र्व्यवहार किया तो जब्त होंगे स्मार्ट कार्ड : अगर यात्रा के दौरान मजदूर या फिर घोड़ा चालक श्रद्धालु के साथ दु‌र्व्यवहार या फिर पैसे की मांग करता है तो वह सीधे निगरानी तंत्र के जरिए पकड़ में आ जाएगा और उसका कार्ड जब्त हो जाएगा। इसके बाद वह तब तक काम नहीं कर सकेगा जब तक पुलिस, एसडीएम या फिर श्राइन बोर्ड अधिकारी उक्त मजदूर को इजाजत नहीं देगा। मोबाइल टीमें में भी करेंगी जांच : कंपनी भवन मार्ग पर मोबाइल टीमें बनाएगी, जो भवन मार्ग पर घोड़ों के साथ ही मजदूरों की जांच करेंगी। टीमें श्रद्धालुओं से भी फीडबैक लेंगी। कंपनी द्वारा भवन मार्ग पर प्रीपेड व्यवस्था लागू की जाएगी। चेतक भवन, चरण पादुका, बाणगंगा, आद्कुंवारी, हिमकोटि, सांझी छत, भैरव घाटी और वैष्णो देवी भवन पर अत्याधुनिक काउंटर बनाए जा रहे हैं। व्यवस्था को यकीनी बनाने के लिए कंपनी करीब 200 अधिकारी व कर्मचारी तैनात करेगी। पूरी व्यवस्था की निगरानी कंपनी के साथ ही श्राइन बोर्ड प्रशासन, एसडीएम भवन और एसडीएम कटड़ा करेंगे, जिसके लिए श्राइन बोर्ड के कटड़ा के आध्यात्मिक केंद्र में मुख्यालय बनाया जा रहा है। मजदूरों से जीएसटी वसूलेगी कंपनी : कंपनी 28 से 30 रुपये प्रति मजदूर जीएसटी युक्त शुल्क वसूलेगी तो दूसरी ओर मजदूर को 24 घंटों के बाद उसकी मजदूरी दी जाएगी। इस समय इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए कंपनी जोरों से काम कर रही है। नवरात्र में शुरू होगी व्यवस्था कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अक्टूबर में नवरात्र में इस व्यवस्था को शुरू कर दिया जाएगा। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सभी तरह की परेशानियों से निजात मिले इसलिए यह व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुखमय के साथ ही सुरक्षित बनी रहे। ऑडियो सिस्टम : ताराकोट मार्ग पर हाईटेक मल्टीपर्पज ऑडियो सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। मार्ग पर 15 बूथ और 550 स्पीकर लगाएं जाएंगे। श्रद्धालु धार्मिक संगीत सुन सकेंगे। संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा की देखरेख में डोगरी भाषा में भेंट, मंत्र और धार्मिक गीत पेश होंगे। प्रतिदिन 25 हजार श्रद्धालु आते हैंमाता वैष्णो देवी में प्रतिदिन करीब 25 हजार श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। जबकि शारदीय व चैत्र नवरात्र के अलावा गर्मी की छुट्टियां यात्रा का आंकड़ा 45 हजार से अधिक हो जाता है। कटड़ा से लेकर भवन तक पारंपरिक मार्ग 13.5 किमी है। जबकि बैटरी कार मार्ग 11.5 किमी है। नया ताराकोट मार्ग बाणगंगा से भवन तक 14.5 किमी है। सुविधाएं मुहैया कराना बोर्ड की प्राथमिकता : गर्गश्राइन बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने कहा कि श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया कराना बोर्ड की प्राथमिकता है। जल्द ही कई बड़ी व्यवस्थाएं शुरू की जा रही हैं। इसका मकसद श्रद्धालुओं को सुरक्षा के साथ लूट खसोट से बचाना है।

कटड़ा माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उच्च स्तरीय सुविधाएं देने के लिए श्राइन बोर्ड हाईटेक व्यवस्था शुरू करने जा रही है। श्रद्धालुओं को लूटखसोट से बचाने के लिए घोड़ों व खच्चरों पर चिप लगाने, श्रद्धालुओं को हेलमेट और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के अलावा भवन मार्ग …

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‘उड़ता पंजाब’ ही नहीं नशे में उड़ रहे कई राज्य, देश में 455 फीसद बढ़ा ड्रग्स का बाजार

भारत के घरेलू बाजार में ड्रग्स की खपत चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। पिछले तीन वर्षों में भारत में ड्रग्स का बाजार 455 फीसदी बढ़ा है। नशे पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ में पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक की। इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल और राजस्थन के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बताया जा रहा है कि पहले इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी शामिल होना था। हालांकि ऐन वक्त पर उन्हें बैठक में बुलाया ही नहीं गया। बैठक का नतीजा क्या निकलेगा ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन देश में ड्रग्स का बढ़ता कल्चर गंभीर समस्या बन चुका है। नशे के लिए पंजाब भले बदनाम हो, लेकिन उससे सटे राज्यों हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल और राजस्थान में भी हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। ड्रग्स के सौदागर देश के दूसरे राज्यों में भी तेजी से पांव पसार रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनओडीसी के वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं। भारत को इन दो वजहों से देखना पड़ता है वैश्विक मंच पर नीचा, पढ़ें चौंकाने वाली रिपोर्ट यह भी पढ़ें भारत में नशाखोरी की समस्या कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम तक में इसे मुद्दा बना चुके हैं। निजी संस्थाओं और सरकार भी नशामुक्ति के लिए नियमित जागरुकता अभियान चला रहे हैं। बावजूद जिस तरह से नशाखोरी के मामले देश के विभिन्न राज्यों में देखे जा रहे हैं, वह गंभीर चिंता का विषय हैं।

भारत के घरेलू बाजार में ड्रग्स की खपत चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। पिछले तीन वर्षों में भारत में ड्रग्स का बाजार 455 फीसदी बढ़ा है। नशे पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ में पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक की। इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल और …

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जानें उस बीटेक छात्र के बारे में जिसे मिला 98 लाख का पैकेज

बिरला संस्थान में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग से बीटेक कर रहे चतुर्थ वर्ष के छात्र मुनीर खान को बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है। जेनेवा स्थित यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सर्न) ने 98 लाख के पैकेज पर मुनीर का प्लेसमेंट किया है। दावा है कि यह पैकेज इस वर्ष किसी भारतीय को दिया जाने वाला सबसे बड़ा पैकेज है। सर्न दुनिया की सबसे बड़ी कण भौतिकी प्रयोगशाला है। संस्थान में अध्ययन के दौरान ही मुनीर खान लियोजौंस विश्वविद्यालय फ्रांस, होम्स स्टेट विश्वविद्यालय रूस, डीआरडीओ देहरादून व एनआइटी कालीकट के इलेक्ट्रॉनिक्स व कंप्यूटर से जुड़े कई प्रोजेक्ट में अपना योगदान दे चुके हैं। उन्हें भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग ने यंग साइंटिस्ट अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष और दो बार शोध के लिए सर्न जा चुके डॉ. हेम पांडे ने बताया कि मुनीर खान को अध्ययन के दौरान ही बोस्टन विश्वविद्यालय यूएसए में पीएचडी के लिए फेलोशिप के लिए भी चुना गया है। लखनऊ के सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले मुनीर खान ने अपनी इस उपलब्धि के लिए संस्थान के निदेशक प्रो. बीएस बिष्ट, विभागाध्यक्ष प्रो. हेम पांडे, सभी अध्यापकों व परिजनों को धन्यवाद दिया है। इस विश्वस्तरीय उपलब्धि पर संस्थान के निदेशक, विभागाध्यक्ष, डॉ. नीरज पांडे आदि ने मुनीर को बधाई दी है। अल्मोड़ा के कटारमल में स्थित है प्राचीन सूर्य मंदिर यह भी पढ़ें सर्न के बारें में जानें कण भौतिकी की विश्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न है। यह फ्रांस और स्विट्जरलैंड की सीमा पर जिनेवा के उत्तर-पश्चिमी उपनगरीय क्षेत्र में है। इस संस्था में बीस यूरोपीय सदस्य देश हैं। इस समय लगभग 2600 स्थाई कर्मचारी एवं दुनिया भर के कोई 500 विश्वविद्यालयों एवं 80 राष्ट्रों के लगभग 7930 वैज्ञानिक एवं अभियन्ता कार्यरत हैं।

बिरला संस्थान में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग से बीटेक कर रहे चतुर्थ वर्ष के छात्र मुनीर खान को बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है। जेनेवा स्थित यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सर्न) ने 98 लाख के पैकेज पर मुनीर का प्लेसमेंट किया है। दावा है कि यह पैकेज इस वर्ष किसी …

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वेजिटेबल स्ट्यू रेसिपी

गाजर- 1/2 कप (कटे हुए), आलू- 1/4 कप (कटे हुए), मटर - 1/4 कप, प्याज़- 1/4 कप (बारीक़ कटा), अदरक का पेस्ट- 1 छोटा चम्मच, लहसुन का पेस्ट - 1 छोटा चम्मच, लौंग- 3, इलायची- 2, काली मिर्च- 1/2 छोटा चम्मच, नारियल का दूध- 2 कप, कढ़ी पत्ते- 10, नारियल तेल- 3 बड़े चम्मच, नमक- स्वादानुसार। विधि : लौंग, काली मिर्च, इलायची को दरदरा पीस लें। पैन में तेल गर्म करके इसमें दरदरी लौंग, इलायची और काली मिर्च को डालकर चलाएं। मसाले भुन जाने के बाद प्याज़ डालें और सुनहरा होने तक पका लें। अदरक, लहसुन का पेस्ट डालकर 1 मिनट तक पकाएं। मटर, आलू, गाजर डालकर 2 मिनट पकने दें। 1 कप नारियल का दूध डालें। 10 मिनट के लिए पकने रख दें। सब्ज़ियां पकने पर नमक व बचा हुआ 1 कप नारियल का दूध मिलाएं और 5-6 मिनट के लिए पकने दें। गरमा-गरम सर्व करें।

गाजर- 1/2 कप (कटे हुए), आलू- 1/4 कप (कटे हुए), मटर – 1/4 कप, प्याज़- 1/4 कप (बारीक़ कटा), अदरक का पेस्ट- 1 छोटा चम्मच, लहसुन का पेस्ट – 1 छोटा चम्मच, लौंग- 3, इलायची- 2, काली मिर्च- 1/2 छोटा चम्मच, नारियल का दूध- 2 कप, कढ़ी पत्ते- 10, नारियल …

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अस्पताल ले जा रहे पति को पुलिस ने पकड़ा तो गर्भवती को खुद कार चला कर जाना पड़ा बच्चे को जन्म देने

इन दिनों अमेरिका में अप्रवासियों को लेकर जो सख्त कानून सामने आ रहे हैं उसके चलते वहां हलचल का माहौल बना हुआ है। कर्इ लोग इनका शिकार हो कर परेशान हो रहे हैं। एेसा ही एक आैर मामला सामने आया है जिसमें कैलिफोर्निया की रहने वाली एक गर्भवती महिला ने कहा है कि उसे खुद कार चलाकर अपने बच्चे को जन्म देने अस्पताल जाना पड़ा, क्योंकि उसके पति को आप्रवासन प्राधिकरण के अधिकारी अस्पताल जाने के दौरान रास्ते से ही पकड़ ले गए। कुछ एेसा था किस्सा एपी समसचार एजेंसी की खबर के मुताबिक पता चला है कि मारिया डेल कैरमेन वेनेगास नाम की एक महिला जो पूरे समय की गर्भवती थीं अपने पति जोएल एरोना लारा के साथ सैन बर्नार्डिनो के एक अस्पताल में अपने पांचवे बच्चे को जन्म देने जा रही थीं। कार उनके पति चला रहे थे। बीते बुधवार की बतार्इ जा रही इस घटना के अनुसार ये दंपत्ति कार में र्इंधन भरवाने के लिए रास्ते के एक पेट्रोल पंप पर रुके। यहीं पर अमेरिकी आव्रजन एजेंट और सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों उनकी गाड़ी के बगल में आ कर खड़े हो गए। इन लोगों ने सवाल पूछने शुरू कर दिए आैर अंत में मारिया के पति को हिरासत में ले लिया। अमेरिकी रेस्त्रां की अनोखी टैग लाइन खाने की ही नहीं बच्चों की भी डिलीवरी में करते हैं मदद यह भी पढ़ें सर्विलांस फुटेज में दिखा सारा मामला फ्यूल स्टेशन के कैमरा से मिली सार्विलांस फुटेज में यह सारा मामला सामने आया। फुटेज में नजर आ रहा है कि देखा जा सकता है कि जैसे ही उनकी कार रुकी वैसे ही दो आैर वाहन उनके बगल में आकर खड़े हो गए। उससे उतरे अधिकारियों ने सवाल पूछे आैर पहचान पत्र मांगा। मारिया ने अपना पहचान पत्र अधिकारियों को दिखाया लेकिन उनके पति अस्पताल पहुंचने की जल्दी में अपनी आर्इडी घर पर ही भूल आए थे, उन्होंने कहा कि उनका घर पास ही है वहां चल कर वो उसे दिखा सकते हैं। अंत में दिखा कि उनके पति को हथकड़ी पहना कर अधिकारी ले गए हैं आैर वो अकेले खड़ी ईंधन स्टेशन पर रो रही हैं। 70 साल की महिला जन्‍म देने जा रही है अपनी आठवीं संतान को यह भी पढ़ें खुद कार चला कर गर्इं अस्पताल डेल ने कहा कि जब अधिकारी जोएल को ले गए तो वे खुद कार चलाकर अस्पताल पहुंची और सीजेरियन से अपने पांचवे बच्चे को जन्म दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार वेनेगास और उनके पति 12 साल पहले मध्य मेक्सिको से अमेरिका आए थे। उनके पास यहां रहने की कानूनी रूप से अधिकृत मंजूरी नहीं है, लेकिन उनके पांचों बच्चे अमेरिकी नागरिक हैं। फिल्हाल अब उन्हें अपने पति से बात करने आैर मिलने का मौका नहीं मिला है आैर वे अपने बच्चे के बारे में भी नहीं बता पार्इ हैं।

इन दिनों अमेरिका में अप्रवासियों को लेकर जो सख्त कानून सामने आ रहे हैं उसके चलते वहां हलचल का माहौल बना हुआ है। कर्इ लोग इनका शिकार हो कर परेशान हो रहे हैं। एेसा ही एक आैर मामला सामने आया है जिसमें कैलिफोर्निया की रहने वाली एक गर्भवती महिला ने …

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यूरोपियन कैपिटल ऑफ स्मार्ट टूरिज्म 2019 की हो चुकी है शुरूआत

स्मार्ट टूरिज्म के लिए होने वाली प्रतियोगिता में शानदार अचीवमेंट्स वाले यूरोपियन शहरों की फाइनल लिस्ट की जारी की है। यूरोपियन कैपिटल ऑफ स्मार्ट टूरिज्म 2019 के फाइनल कॉम्प्टिशन में की लिस्ट में ब्रूसेल्स (बेल्जियम), हेलसिंकी (फिनलैंड), लजुबलजाना (स्लोवेनिया), ल्योन(फ्रांस), मलागा (स्पेन), नीस (फ्रांस), पालमा (स्पेन), पोजनम (पोलैंड), ताल्लिन (एस्टोनिया), वालेंसिया (स्पेन) शहर शामिल हैं। यूरोपियन कैपिटल ऑफ स्मार्ट टूरिज्म 2019 के आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट्स को चार कैटेगरी सस्टेनेबिलिटी (निरंतरता), एक्सेसिबिलिटी (उपलब्धता), डिजिटलाइजेशन, कल्चर हेरिटेज एंड क्रिएटिविटी में बांटा गया है।प्रतियोगिता के पहले स्टेप में 19 यूरोपियन मेंबर स्टेट्स से 38 शहरों द्वारा भेजे गए एप्लिकेशन का इंडिपेंडेट पैनल मूल्यांकन करेंगे। उसके बाद इन चारों कैटेगरी में फिट होने वाले शहरों की फाइनल लिस्ट तैयार की जाएगी। दूसरे स्टेप में, यूरोपियन जूरी सारी चीज़ों को देखते हुए 10 फाइनलिस्ट शहरों में से किसी दो को यूरोपियन कैपिटल ऑफ स्मार्ट टूरिज्म 2019 के टाइटल के लिए चुनेंगे। जिन्हें पूरे एक साल तक कम्युनिकेशन, ब्रांडिंग, प्रमोशनल वीडियो, प्रमोशनल इवेंट्स जैसे और कई सारे फायदे मिलेंगे। बाकी चार अन्य शहरों को चार अलग-अलग कैटेगरी के आधार पर यूरोपियन स्मार्ट टूरिज्म अवॉर्ड्स से नवाजा जाएगा। जो 7 नवंबर 2018 को यूरोपियन टूरिज्म डे पर ब्रूसेल्स में होने वाला है।

स्मार्ट टूरिज्म के लिए होने वाली प्रतियोगिता में शानदार अचीवमेंट्स वाले यूरोपियन शहरों की फाइनल लिस्ट की जारी की है।  यूरोपियन कैपिटल ऑफ स्मार्ट टूरिज्म 2019 के फाइनल कॉम्प्टिशन में की लिस्ट में ब्रूसेल्स (बेल्जियम), हेलसिंकी (फिनलैंड), लजुबलजाना (स्लोवेनिया), ल्योन(फ्रांस), मलागा (स्पेन), नीस (फ्रांस), पालमा (स्पेन), पोजनम (पोलैंड), ताल्लिन (एस्टोनिया), वालेंसिया …

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पुलिस अभिरक्षा से बदमाश फरार, दारोगा व सिपाही गिरफ्तार

मेडिकल कॉलेज से फरार हुए बदमाश शाका की सुरक्षा में लगे दारोगा व तीन सिपाहियों को गुलरिहा पुलिस ने सोमवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। इनके ऊपर बदमाश को भगाने में मदद करने का आरोप है। देर शाम एसएचओ की रिपोर्ट पर एसएसपी ने बदमाश पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। 17 अगस्त की रात में देवरिया जिले के भाटपाररानी थाने की पुलिस चनुकी मोड़ पर वाहनों की जांच कर रही थी। बाइक सवार बदमाशों ने रोकने पर फाय¨रग कर दी थी। पेट में गोली लगने से थाने का सिपाही अखिलेश यादव घायल हो गया था। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में बदमाश बरहज के फुलवरिया गाव निवासी शाका पाडेय घायल हो गया था। बाइक चला रहा उसका साथी कुशीनगर, तरयासुजान के रामपुर बगरा गाव निवासी नीतिश सिंह फरार हो गया था। शाका को देवरिया जिला चिकित्सालय भर्ती कराया गया लेकिन यहां पर चिकित्सकों ने उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। मेडिकल कालेज में ऑर्थो सर्जरी वार्ड में भर्ती बदमाश की सुरक्षा में एसपी देवरिया ने भाटपाररानी थाने पर तैनात दारोगा तशरीक अहमद, सिपाही शिवेंद्र चौधरी, मनीष रौनियार और रवि सिंह को लगाया था। रविवार रात नौ बजे के करीब बदमाश शौच करने के बहाने वार्ड से बाहर निकला। इस बीच शौचालय की टूटी खिड़की के रास्ते वह फरार हो गया। बदमाश के कहने पर दारोगा व सिपाहियों ने हथकड़ी खोल दी थी। नौ साल से फरार शातिर अपराधी पिंटू को पुलिस ने किया गिरफ्तार यह भी पढ़ें एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि पुलिस कर्मियों पर बदमाश को भगाने में मदद करने का आरोप है। जाच में भूमिका संदिग्ध मिलने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। फरार बदमाश शाका पर 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया है। क्राइम ब्राच व गुलरिहा पुलिस बदमाश की तलाश में जुटी है।

मेडिकल कॉलेज से फरार हुए बदमाश शाका की सुरक्षा में लगे दारोगा व तीन सिपाहियों को गुलरिहा पुलिस ने सोमवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। इनके ऊपर बदमाश को भगाने में मदद करने का आरोप है। देर शाम एसएचओ की रिपोर्ट पर एसएसपी ने बदमाश पर 25 हजार रुपये का इनाम …

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आइआइटी में काउंसिलिंग टीम अब हास्टल के कमरों में जाकर खोलेगी बंद मन के द्वार

आइआइटी में गुमसुम और एकाकी तरह से रह रहे छात्रों के मन को टटोला जाएगा। काउंसिलिंग टीम हॉस्टल में जाकर ऐसे छात्रों से संवाद करेगी, जो अत्यधिक समय कमरों में बिता रहे हैं। उन्हें उनकी खासियत से अवगत कराया जाएगा। बीटेक, एमटेक, पीएचडी कर रहे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ न हो उसके लिए काउंसिलिंग सेल लगातार काम कर रही है। इसमें क्लीनिक और फोन की सुविधा भी शामिल है। अब तक समस्या आने पर काउंसिलिंग टीम छात्र को बुलाकर समस्या की जानकारी लेती थी। उन्हें कहां पर दिक्कत आ रही है, क्या समस्या है। उसको दूर करने का प्रयास होता रहा है। इसके बावजूद छात्रों में तनाव की समस्या कम नहीं हो रही है। इसे रोकने के लिए काउंसिलिंग टीम हॉस्टल में जाकर छात्र से संवाद करेगी। काउंसिलिंग टीम की मानें तो कई छात्र एकाकी तरह से रह रहे हैं। साथियों से उनका मेलजोल भी कम है। उनमें तनाव की आशंका काफी हो सकती है। अब ऐसे छात्रों को चिह्नित किया जाएगा। इस काम में छात्रों के विभिन्न क्लबों से संपर्क किया जा रहा है। आइआइटी काउंसलर रीता शुक्ला का कहना है कि छात्र-छात्राओं में तनाव को कम करने की कई योजनाएं बनाई गई है। एकाकी तरह से रहने वाले छात्रों से हॉस्टल में जाकर बातचीत की जाएगी। - - - - - - - - - - - ADVERTISING inRead invented by Teads नए छात्र-छात्राओं से आइआइटी कैंपस गुलजार यह भी पढ़ें घर की तरह माहौल बनाने की तैयारी नए छात्रों को घर की काफी याद आती है। माता पिता और अन्य रिश्तेदारों से मिलने का मन करता है। ऐसे में उनके लिए घर की तरह माहौल बनाने की योजना बनाई गई है। उन्हें खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल कराया जाएगा। - - - - - - - - - - - आइआइटी में 'पिच डे' पर स्टार्टअप की 'हैट्रिक' आइआइटी को एक करोड़ रुपये गुरुदक्षिणा देंगे एल्युमिनाई यह भी पढ़ें कानपुर : आइआइटी में रविवार को स्टार्टअप की 'हैट्रिक' हो गई। टाई यूपी, वेंचर कैटलिस्ट और कानपुर एंजल नेटवर्क की ओर से उद्यमिता पर खास कार्यक्रम 'पिच डे' का आयोजन किया गया। इसमें शहर के 20 नामी उद्यमियों के सामने तीन प्रोजेक्ट का प्रदर्शन हुआ। इन प्रोजेक्ट को औद्योगिक इकाइयों की ओर से आर्थिक सहयोग की सहमति मिल गई। लखनऊ के अक्षय जोशी ने वायु प्रदूषण मापने वाला अब तक का सबसे छोटा सेंसर बनाया है। इसकी सहायता से हवा में प्रदूषण का आकलन किया जा सकेगा। कंपनी ने एयर प्यूरीफायर सिस्टम भी तैयार किया है। सचिन साहनी ने बिना तेल वाला सेहतमंद स्नैक्स तैयार किया है। इसको खरबूज, तरबूज के बीज, ड्राईफ्रूट्स से बनाया गया है। बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों को यह पसंद आ रहा है। कंपनी के 200 से अधिक आउटलेट हैं। इसके साथ ही यह ऑनलाइन भी उपलब्ध है। मेसर टेक्नोलॉजी ने सस्ता स्टरलाइजेशन सिस्टम तैयार किया है। इसकी सहायता से चिकित्सकीय उपकरणों को कीटाणु रहित किया जा सकेगा। कंपनी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) समेत 100 से अधिक अस्पतालों में इसे दे चुकी है। टाई यूपी की निदेशक अंकिता द्विवेदी के मुताबिक तीनों कंपनियां स्टार्टअप का पहला चरण पार कर चुकी हैं। अब दूसरे चरण पर काम कर रही हैं। उन्हें फंडिंग की जरूरत है, जिस पर उद्यमियों की ओर से सहमति मिल गई है। कार्यक्रम का मुख्य मकसद प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा देना है। अमित तिवारी, विनायक नाथ, अभिजीत साठे, गोपाल सूटवाला समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। - - - - - - - - - - - करिअर की राह दिखाने वाली परीक्षा में सैकड़ों छात्र शामिल कानपुर : जागरण समूह के इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट सीजन-6 के ओपन सेंटर टेस्ट में छात्र-छात्राओं को अपनी बौद्धिक क्षमता के आंकलन का मौका मिला। मल्टीपल इंटेलिजेंस व स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूट पर आधारित 100 सवालों ने जमकर दिमाग की कसरत कराई। उनको हल करने में छात्रों ने खूब दिलचस्पी दिखाई। यह परीक्षा खुद की काबिलियत परखने और करिअर की राह दिखानी वाली थी। इसका आयोजन पीएसआइटी भौंती में किया गया। ओपन सेंटर टेस्ट में कक्षा 5 से 12वीं तक के छात्र शामिल हुए। यह कानपुर समेत आसपास के जनपदों से आए थे। परीक्षा के बाद छात्रों ने खुशी जताते हुए बताया कि परीक्षा के माध्यम से उन्हें अपनी क्षमता का आंकलन हो गया। साथ ही यह भी पता चला कि आगे बढ़ने के लिए किस स्तर पर तैयारी करनी होगी। बेहतर भविष्य के लिए प्रोत्साहित नॉलेज पाटर्नर पीएसआइटी के साथ हो रहे आइआइटी सीजन-6 का ओपन टेस्ट पीएसआइटी कैंपस भौंती में हुआ। शिक्षकों ने भी संस्थान की ओर से भी छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया। परीक्षा परिणाम को लेकर दैनिक जागरण में समय-समय पर जानकारी प्रकाशित होती रहेगी। आइआइटी के नतीजे छात्रों को बताएंगे कि वह किस क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं। उन्हें किस दिशा में करिअर बनाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। परिणाम से छात्र के साथ-साथ उनके अभिभावकों की टेंशन भी दूर हो जाएगी।

आइआइटी में गुमसुम और एकाकी तरह से रह रहे छात्रों के मन को टटोला जाएगा। काउंसिलिंग टीम हॉस्टल में जाकर ऐसे छात्रों से संवाद करेगी, जो अत्यधिक समय कमरों में बिता रहे हैं। उन्हें उनकी खासियत से अवगत कराया जाएगा। बीटेक, एमटेक, पीएचडी कर रहे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ …

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सभी राज्यों में खुलेंगे होम्योपैथी फार्मेकोविजिलेंस सेंटर, प्रथम फेज में लखनऊ समेत देश में छह नए केंद्रों को मंजूरी

केंद्रीय आयुष मंत्रालय के निर्देश पर पहली बार सभी राज्यों में होम्योपैथी फार्मेकोविजिलेंस सेंटर खोलने की तैयारी है। प्रथम फेज में लखनऊ समेत देश के विभिन्न राज्यों में छह नए केंद्रों को मंजूरी दी गई है। कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (एनआइएच) को इसका हेड ऑफिस बनाया गया है। एलोपैथी की तर्ज पर इन केंद्रों पर होम्योपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट्स का बारीकी से अध्ययन के साथ रोकथाम के तरीके भी खोजे जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार कुछ होम्योपैथी दवाएं ऐसी होती हैं, जिनके ओवरडोज से साइड इफेक्ट्स हो सकता है। इसलिए इसके अध्ययन की जरूरत महसूस की जा रही है। एनआइएच की ओर से आरंभ में छह नए केंद्रों का चयन कर प्रस्ताव को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया है। अन्य छह केन्द्र भी इससे जोड़ दिए जाएंगे। अब वृद्धों की सेवा में सरकार का सरोकार, 21 राज्यों में खोले जाएंगे एनपीएचसीई केंद्र यह भी पढ़ें कैसे काम करेगा फार्मेकोविजिलेंस सेंटर: एनआइएच स्थित इंटरमीडियअरी फार्मेकोविजिलेंस सेंटर (आइपीवीसी) के को-आर्डिनेटर प्रो. डॉ. दिलीप पनक्कड़ ने बताया कि आइपीवीसी से देश भर के पेरीफेरल फार्मेकोविजिलेंस सेंटर(पीपीवीसी) को इंटरकनेक्ट किया जाएगा। पेरीफेरल सेंटरों से उस राज्य के सभी होम्योपैथी अस्पताल, केंद्र व नर्सिग होम एवं क्लीनिक भी आपस में लिंक कर दिए जाएंगे। ऐसे में यदि किसी प्रैक्टिसनर को होम्योपैथी दवाएं अपने मरीज को देने से उसमें साइड इफेक्ट्स जैसा कुछ लक्षण दिखेगा तो वह इसकी रिपोर्ट पीपीवीसी को भेजेंगे। इसके बाद विशेष प्रयोगशाला में साइड इफेक्ट्स के कारण, प्रभाव व रोकथाम का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। इससे मरीजों का सटीक व त्वरित इलाज संभव हो सकेगा। इन छह केंद्रों को मंजूरी: 1.नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, लखनऊ अब बैंकों में भी बनेगा आधार कार्ड, इधर-उधर की दौड़ से मिलेगी निजात यह भी पढ़ें 2.बीआर सूद होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, नई दिल्ली 3.शारदा कृष्णा मेडिकल होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, तमिलनाडु 4.फादर मुलर होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, मेंगलुरु 5.गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, बेंगलुरु 6.गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, उड़ीसा एलोपैथी को टक्कर देंगी होम्योपैथी दवाएं?: ज्यादातर होम्योपैथी दवाओं का असर धीमी गति से होता है। इसलिए त्वरित आराम पाने के लिए मरीज न चाहकर भी एलोपैथी के ही विकल्प को सबसे पहले चुनते हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि गत एक दशक में होम्योपैथी चिकित्सा का स्वरूप भी अत्याधुनिक हुआ है। इससे अब कई होम्योपैथी दवाएं एलोपैथी की ही तरह तेजी से काम करने लगी हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि होम्योपैथी दवाएं भी एलोपैथी का विकल्प बन सकेंगी। क्या कहते हैं आइपीवीसी सदस्य ? कोलकाता आइपीवीसी सदस्य डॉ. सुभाष चौधरी के मुताबिक, होम्योपैथी चिकित्सा जगत के इतिहास में सरकार द्वारा उठाया जा रहा यह बेहद क्रांतिकारी कदम है। इन केंद्रों पर दवाओं के साइड इफेक्ट्स के तमाम पहलुओं का पता लगाने के बाद मरीज का त्वरित व सटीक इलाज संभव होगा। आयुष मंत्रालय का निर्देश मिलने के बाद छह नए केंद्रों का प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेज दिया गया है।

केंद्रीय आयुष मंत्रालय के निर्देश पर पहली बार सभी राज्यों में होम्योपैथी फार्मेकोविजिलेंस सेंटर खोलने की तैयारी है। प्रथम फेज में लखनऊ समेत देश के विभिन्न राज्यों में छह नए केंद्रों को मंजूरी दी गई है। कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (एनआइएच) को इसका हेड ऑफिस बनाया गया है। …

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राज्यसभा में बहुमत होता तो राम मंदिर के लिए लाते विधेयक : केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इशारा किया है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर सरकार संसद में बिल ला सकती है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत नहीं है, अगर होता तो राम मंदिर के लिए विधेयक …

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