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गुजरात में भारी बारिश, एनडीआरएफ की पांच टीमें तैनात

गुजरात में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। बीते चौबीस घंटे में उत्तर व मध्य गुजरात में मूसलाधार बारिश हुई। खेडा के कपडवंज में सर्वाधिक 145 मिमी तथा सबसे कम गीर सोमनाथ के वेरावल में एक मिमी बारिश दर्ज की गई। सुरक्षा के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की पांच टीमें तैनात की गई हैं। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक, गुरुवार रात अहमदाबाद में भारी बारिश हुई जो शुक्रवार दोपहर बाद कम हुई, दिनभर बादल छाए रहे। शहरवासी सूर्य की एक किरण को तरस गए। मानसून के पहले दौर में सौराष्ट्र व दक्षिण गुजरात में सर्वाधिक बारिश हुई, लेकिन दूसरे दौर में मध्य व उत्तर गुजरात पर मौसम मेहरबान रहा। राज्य के 30 जिलों के 145 तहसील में बारिश हुई। खेडा के कपडवंज में बीते चौबीस घंटे में सबसे अधिक 145 मिमी बारिश दज की गई, जबकि पंचमहाल के गोधरा में 120 मिमी, अहमदाबाद के साणंद में 107 मिमी, खेडा के मातर में 104 तथा अहमदाबाद शहर में 101 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा गांधीनगर, छोटा उदेपुर, अरावली, महीसागर, डांग, मेहसाणा, वडोदरा व आणंद में भी अच्छी बारिश हुई। इन जिलों में 75 से 100 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। राज्य में सुरक्षा के मद्देनजर एनडीआरएफ की पांच टीमें तैनात हैं। राज्य के 34 गांवों के संपर्क कट गए तथा 18 गांव की बिजली व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई।

गुजरात में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। बीते चौबीस घंटे में उत्तर व मध्य गुजरात में मूसलाधार बारिश हुई। खेडा के कपडवंज में सर्वाधिक 145 मिमी तथा सबसे कम गीर सोमनाथ के वेरावल में एक मिमी बारिश दर्ज की गई। सुरक्षा के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल …

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भाजपा के पितृ पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी ने मंदिर आंदोलन से बनाए रखी निश्चित दूरी

जहां उनके डिप्टी लालकृष्ण आडवाणी पूरी पार्टी के साथ मंदिर आंदोलन का शंखनाद कर रहे थे, वहीं भाजपा के पितृ पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी ने इस आंदोलन से निश्चित दूरी बनाए रखी। ऐसा नहीं है कि अयोध्या उनके लिए अपरिचित थी या वह रामलला के अनुरागी नहीं थे। वह 1957 में बलरामपुर से चुनावी संपर्क के साथ ही अयोध्या के संपर्क में आए। दिल्ली अथवा लखनऊ से बलरामपुर आते-जाते प्राय: अयोध्या से गुजरते और कुछ बार रुकते थे पर 1984 से मंदिर आंदोलन शुरू होने तक उनकी राह बदल चुकी थी। इसके बाद अटल जी का अव्वल तो अयोध्या आने का नियमित क्रम बंद हो गया। इसके बाद वह जब अयोध्या आए, तब भी राम मंदिर मकसद नहीं था। 1989 के विस चुनाव में वह पार्टी प्रत्याशी लल्लू सिंह के समर्थन में चुनावी सभा को खिताब करने आए। हालांकि तब तक मंदिर आंदोलन उभार की ओर था।इसके बावजूद अटल ने मंदिर-मस्जिद के विषय से दूरी बनाए रखी। स्थानीय गुलाबबाड़ी के मैदान में आधा घंटा से अधिक का उनका भाषण सधा, काव्यात्मक एवं राजनीतिक मूल्यों के इर्द-गिर्द था। 89 में शिलान्यास और 90 की कारसेवा से छह दिसंबर 92 तक मंदिर मुद्दा उभार पर था पर अटल जी इसके स्पर्श से बचे रहे। 90 में वे नवनिर्मित रामकी पैड़ी की पुलिया टूट जाने के मामले की समीक्षा करने आयी पार्टी की उच्च स्तरीय समिति का नेतृत्व किया। मंदिर आंदोलन से दूरी पर अयोध्या से गहन नाता यह भी पढ़ें 1996 में प्रधानमंत्री बनने से पूर्व भी अटल अयोध्या आए और मंदिर आंदोलन के पर्याय रहे रामचंद्रदास परमहंस से भेंट की। मौका चुनाव का था और परमहंस को अटल गोरखपुर चुनावी सभा में ले जाना चाहते थे। प्रधानमंत्री रहते उन्होंने दो बार रामनगरी की यात्रा की। 2003 में रामचंद्रदास परमहंस के साकेतवास पर और अगले वर्ष वह प्रधानमंत्री के तौर पर पुन: अयोध्या में थे। इस बार उन्होंने रेलवे पुल का उद्घाटन किया और बताया कि अयोध्या मंदिर ही नहीं विकास की दृष्टि से भी अहम है।

जहां उनके डिप्टी लालकृष्ण आडवाणी पूरी पार्टी के साथ मंदिर आंदोलन का शंखनाद कर रहे थे, वहीं भाजपा के पितृ पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी ने इस आंदोलन से निश्चित दूरी बनाए रखी। ऐसा नहीं है कि अयोध्या उनके लिए अपरिचित थी या वह रामलला के अनुरागी नहीं थे। वह 1957 …

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बस्ती ओरवब्रिज हादसा : जांच टीम ने गुणवत्ता पर संदेह जताया, कहा-ठोकर से पुल क्रैक होता, गिरता नहीं

बस्ती फुटहिया चौराहे पर ध्वस्त हुए फोरलेन के निर्माणाधीन ओवरब्रिज की जांच के लिए चार सदस्यीय केंद्रीय टीम बस्ती पहुंची। तीन वाहनों से अधिकारी दोपहर बाद तीन बजे घटनास्थल पर पहुंचे। यहां केंद्रीय राज्य सड़क मंत्रालय लखनऊ रीजन के जिम्मेदार अफसर और निर्माण कंपनी के अधिकारी मौजूद रहे। टीम ने पहले दूर खड़े होकर ध्वस्त ब्रिज का जायजा लिया। इसके बाद मलबे के नजदीक आकर बारीकी से मुआयना किया। टीम के लोग ध्वस्त ब्रिज का चारों तरफ से फोटोग्राफी भी करते रहे। एक-एक ¨बदु पर निर्माण कंपनी और मंत्रालय के स्थानीय अधिकारियों से सवाल किया। ज्यादा पूछताछ ब्रिज के मैटेरियल और लोहे के बनाए गए सांचे पर हुई। निर्माण कंपनी की ओर से किसी भारी वाहन द्वारा ठोकर मारने की बात कही गई। बस्ती ओवरब्रिज हादसा : जांच टीम आने तक नहीं हटेगा मलबा यह भी पढ़ें टीम में शामिल तकनीकी विशेषज्ञ इस तर्क को सिरे से खारिज करते रहे। कहा कि ठोकर लगने से ब्रिज हिल सकता था, क्रेक हो सकता था, लेकिन गिरने की गुंजाइश नहीं बनती है। टीम को सामग्रियों की गुणवत्ता पर बार-बार संदेह हुआ। कंक्रीट के दो टुकड़े सैंपल में लिए गए। इसके अलावा निर्माण कंपनी से ब्रिज का डिजाइन और ड्राइंग भी लिया गया। करीब डेढ़ घंटे तक विभिन्न ¨बदुओं पर टीम जांच करती रही। ब्रिज में प्रयुक्त सरिया का मापन भी कराया गया। ब्रिज के ऊपर चढ़कर विशेषज्ञों ने बारीकी से मुआयना किया। इसके बाद टीम जिलाधिकारी डा. राजशेखर से मिलने पहुंची। उनसे बातचीत करके गोरखपुर के लिए रवाना हो गई। टीम में डायरेक्टर जनरल आरडी एंड एसएस एनके सिन्हा, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एमओआरटीएच बीके सिन्हा, सीनियर ¨प्रसिपल साइंटिस्ट इंजीनिय¨रग एंड स्ट्रक्चर्स डिवीजन सीआरआरआइ जीके साहू, चीफ इंजीनियर एनएच डिवीजन यूपी पीडब्ल्यूडी आरआर ¨सह शामिल हैं। मौके पर एमओआरटीएच के चीफ इंजीनियर दिग्विजय मिश्र, अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ल, एसडीएम सदर श्री प्रकाश शुक्ल, सीओ अर¨वद वर्मा, थानाध्यक्ष राम आशीष यादव भी मौजूद रहे।

बस्ती फुटहिया चौराहे पर ध्वस्त हुए फोरलेन के निर्माणाधीन ओवरब्रिज की जांच के लिए चार सदस्यीय केंद्रीय टीम बस्ती पहुंची। तीन वाहनों से अधिकारी दोपहर बाद तीन बजे घटनास्थल पर पहुंचे। यहां केंद्रीय राज्य सड़क मंत्रालय लखनऊ रीजन के जिम्मेदार अफसर और निर्माण कंपनी के अधिकारी मौजूद रहे। टीम ने …

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भिक्षावृत्ति की बेड़ियां तोड़ ख्वाब संजोने लगी हैं ये लड़कियां

वो दिन उसके खेलने के थे। जिंदगी की दुश्वारियां और उसके अर्थ को समझने की समझ भी उसमें नहीं थी। बस इतना मालूम था, 'अंकल भूख लगी है पैसे दे दो' कहने से कुछ पैसे मिल जाते हैं। जिससे वह टॉफी, बिस्कुट के साथ कुछ खाना खरीद लेगी। कुछ इसी तरह दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर तीन वर्ष की उम्र से भीख मांगकर जिंदगी काट रही थी पूजा। सख्ती हुई तो नानी संग कानपुर सेंट्रल आ गई। यहां भी वही क्रम शुरू हुआ। सुबह इस उम्मीद से शुरू होती, कि आज कुछ ज्यादा मिलेगा और रात इस जद्दोजहद में गुजरती कि कल न जाने किस्मत में क्या लिखा है। सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म, आती जाती ट्रेनों और रोज बदलते चेहरों के बीच छह वर्ष कब गुजर गए, पता ही नहीं चला। पूजा नौ वर्ष की हो गई थी। इसी बीच रेलवे चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं ने उसे देखा और काउंसिलिंग की। उन्होंने पूजा को पढ़ने के लिए कहा, तो वह तुरंत तैयार हो गई। उसे सुभाष चिल्ड्रेन होम में रखा गया। कुछ माह रहने के बाद नौबस्ता के राजीव विहार स्थित एक स्कूल में उसका दाखिला कराया गया। पूजा बहुत खुश है। स्कूल जाते हुए उसे दो माह हुए हैं और वह अपनी कक्षा की मानीटर बन गई है। एक संस्था की नृत्य कक्षा में वह नियमित जा रही है। पूजा ने बताया कि वह भी दूसरे बच्चों की तरह पढ़ना लिखना चाहती है। क्या बनना चाहती हो के सवाल पर वह बोली, अपनी जैसी लड़कियों की मदद करूंगी। इस जवाब ने साफ कर दिया कि छोटी सी उम्र में उसके इरादे बड़े हैं। फिलहाल पूजा के जैसी कई और बेटियां हैं जिन्होंने इस दंश को झेला, महसूस किया। पूजा की तरह छह वर्षीय शिफा व आसिका, आठ वर्षीय रूबिया और 12 वर्षीय खुशबू की जिंदगी बदल चुकी है। इन बेटियों की भिक्षावृत्ति की बेड़ियां टूटीं और अब वह अपने ख्वाब संजोने को पूरी तरह आजाद हैं। कानपुर में कागजों पर पढ़ाई कर रहे थे 48 हजार बच्चे यह भी पढ़ें (सभी नाम बदले हुए हैं) अपना नाम करना है, कुछ बड़ा काम करना है इन बेटियों से दैनिक जागरण ने बातचीत की तो सभी ने कहा, पढ़ लिखकर अपना नाम करना है। कुछ बड़ा काम करना है। घर जाने का सवाल पूछा तो बोलीं, यहां सब लोग हैं। अब हमें घर नहीं जाना। बता दें ये बेटियां नृत्य, पेंटिंग, गाना गाने जैसे हुनर भी रखती हैं। सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी के निदेशक कमलकांत तिवारी बताते हैं कि बेटियों का बेहतर भविष्य बनाना ही हमारा लक्ष्य है। कुछ के पतों की जानकारी हुई है लेकिन यह घर नहीं जाना चाहती। ऐसे में हम दबाव नहीं डालते।

वो दिन उसके खेलने के थे। जिंदगी की दुश्वारियां और उसके अर्थ को समझने की समझ भी उसमें नहीं थी। बस इतना मालूम था, ‘अंकल भूख लगी है पैसे दे दो’ कहने से कुछ पैसे मिल जाते हैं। जिससे वह टॉफी, बिस्कुट के साथ कुछ खाना खरीद लेगी। कुछ इसी …

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मायावती ने कहा-अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश को पार्टी हित से ऊपर रखा

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से बेहद दुखी हैं। उन्होंने अटल जी को पार्टी हित से ऊपर उठकर देश हित में काम करने वाला नेता बताया। बसपा अध्यक्ष मायावती ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हित से ऊपर उठकर समाज व देशहित में काम किया। मायावती ने कहा कि उनके बारे में यह कहा जाता था कि वे सही सोच वाले नेता थे। मायावती ने कहा कि देश के सांसद, केंद्रीय मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में उनके अमूल्य योगदान को लोग लगातार याद करते रहे हैं और आगे भी याद करते रहेंगे। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कवि मन वाले अटल जी के सार्वजनिक जीवन में किए गए योगदान को हमेशा ही याद किया जाता रहेगा। मायावती ने कहा कि वह देश के एक ऐसे नेता थे, जो भारतीय जनसंघ व बाद में इसके नए अवतार भाजपा में रहने के बावजूद व्यापक स्तर पर सम्मान की दृष्टि से देखे गए। उनके कार्यकाल खासकर पड़ोसी देश पाकिस्तान व कश्मीर संबंधी नीतियों को लोगों ने लगातार याद किया।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से बेहद दुखी हैं। उन्होंने अटल जी को पार्टी हित से ऊपर उठकर देश हित में काम करने वाला नेता बताया। बसपा अध्यक्ष मायावती ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा …

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उत्तर प्रदेश के खिलाडिय़ों को भी दिया अटल बिहारी ने बड़ा तोहफा

राजनीति के माहिर खिलाड़ी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने खेल के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को बड़ा तोहफा दिया। लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण का उप केंद्र उनकी ही देन है। आज यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ी तो ओलंपिक, एशियाई खेल तथा राष्ट्रमंडल खेलों में देश को पदक दिला रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने संसदीय क्षेत्र रहे लखनऊ को खेल के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं देने पहली की थी। उसी का नतीजा है कि मौजूदा समय में खेल के क्षेत्र में शहर का विकास दिख रहा है। उन्होंने हर क्षेत्र को शामिल कर शहर के विकास की नींव रखी। इसी तरह खिलाडिय़ों के लिए भी उन्होंने सरोजनी नगर में हज हाउस के पास भारतीय खेल प्राधिकरण का उप केंद्र बनवाया। मौजूदा समय में यह उपकेंद्र से क्षेत्रीय केंद्र बन गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने 23 फरवरी 2004 को भारतीय खेल प्राधिकरण के उपकेंद्र का उद्घाटन भी किया। साईं से साक्षी मलिक, गीता फोगाट, दिनेश फोगाट, पूजा जैसे कई नामी खिलाड़ी समेत अन्य खिलाड़ी भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। इसके अलावा शहर के कई लोगों को रोजगार भी मिला है। इस केंद्र को सुविधाओं को देख कर वर्ष 2014 को इसे साईं नेताजी सुभाष रीजनल सेंटर घोषित किया गया।

राजनीति के माहिर खिलाड़ी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने खेल के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को बड़ा तोहफा दिया। लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण का उप केंद्र उनकी ही देन है। आज यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ी तो ओलंपिक, एशियाई खेल तथा राष्ट्रमंडल खेलों में देश …

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लिएंडर पेस एशियाई खेलों में नहीं लेंगे हिस्सा, इस वजह से नाराज

भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस पुरुष युगल में एक्सपर्ट साझेदार नहीं मिलने से नाराज होकर 18वें एशियाई खेलों से हट गए हैं. पेस को जूझ रहे एकल खिलाड़ी सुमित नागल के साथ जोड़ी बनाने को कहा गया था क्योंकि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) देश के शीर्ष युगल खिलाड़ियों रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की उनके आग्रह पर जोड़ी बनाने को सहमत हो गया था. पेस पहले ही टॉप प्लान से बाहर किए जाने से नाराज थे लेकिन इस 45 वर्षीय खिलाड़ी ने खुद को एशियाई खेलों के लिए उपलब्ध रखा था जहां उन्होंने 5 गोल्ड सहित 8 मेडस अपने नाम किए हैं. पेस ने पीटीआई को भेजे बयान में कहा, ‘बड़ी मायूसी के साथ मैं यह कह रहा हूं कि मैं इंडोनेशिया में आगामी एशियाई खेलों में नहीं खेलूंगा.’उन्होंने कहा, ‘इतने हफ्तों पहले से लगातार आग्रह करने के बावजूद यह दुखद है कि हम एशियाई खेलों में दूसरी मजबूत युगल जोड़ी के लिए युगल एक्सपर्ट को टीम में शामिल नहीं कर पाए.’ दिविज और बोपन्ना के साथ खेलने का फैसला करने के बाद कप्तान जीशान अली के पास पेस की जोड़ी नागल या रामकुमार रामनाथन के साथ बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. पेस ने सवाल उठाया कि आखिर एआईटीए दो एक्सपर्ट युगल टीमें क्यों नहीं उतार सकता. उन्होंने कहा, ‘रामकुमार काफी अच्छा खिलाड़ी है और मैं उसके साथ युगल खेलना पसंद करता लेकिन यह ध्यान में रखते हुए कि उसके पास एकल में पदक जीतने का सुनहरा मौका है, यह ठीक नहीं होगा कि मैं उसकी सर्वश्रेष्ठ स्पर्धा से उसका ध्यान भटकाऊं.’’ 3 बार से नहीं खेले एशियन गेम्स पेस पिछले दो एशियाई खेलों से बाहर रहने के बाद इस बार इस प्रतियोगिता में वापसी करने वाले थे. पेस ने कहा, ‘हमारे युगल एक्सपर्ट श्रीराम बालाजी, विष्णु वर्धन, पूरव राजा और जीवन नेदुनचेझियान मौजूदा सत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इनमें से एक एशियाई खेलों की टीम को मजबूत करने के लिए इसमें शामिल होने का हकदार था.’ लिएंडर पेस ने कहा कि उनकी गैरमौजूदगी से भारत की संभावना पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘टीम की संभावनाओं पर असर पड़ने की जगह मुझे लगता है कि मेरी गैरमौजूदगी में बाकी खिलाड़ियों को अधिक स्पर्धाएं खेलने में मदद मिलेगी, फिर चाहे यह युगल हो या मिश्रित युगल.’

भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस पुरुष युगल में एक्सपर्ट साझेदार नहीं मिलने से नाराज होकर 18वें एशियाई खेलों से हट गए हैं. पेस को जूझ रहे एकल खिलाड़ी सुमित नागल के साथ जोड़ी बनाने को कहा गया था क्योंकि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) देश के शीर्ष युगल …

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टेस्ट में पारी की शुरुआत की पेशकश की गई तो इसके लिए तैयार हूं: रोहित

इंग्लैंड दौरे पर ओपनिंग की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया की समस्या रोहित शर्मा हल करना चाहते हैं. रोहित के मुताबिक अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें बतौर ओपनर टेस्ट में उतारती है तो वह इस नई और बड़ी जिम्मेदारी के किए तैयार हैं. वनडे और टी-20 में पारी के आगाज ने रोहित शर्मा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में 25 मैचों में तीन शतक और नौ अर्धशतक से 40 से कुछ कम की औसत से 1479 रन बनाए हैं, लेकिन फिलहाल वह पांच दिवसीय प्रारूप की टीम का हिस्सा नहीं हैं. लोकेश राहुल, शिखर धवन और मुरली विजय की सलामी तिकड़ी को इंग्लैंड में जूझना पड़ रहा है और ऐसे में जब रोहित से पूछा गया कि क्या वह टेस्ट क्रिकेट में भी पारी का आगाज करने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा, ‘देखिए, मुझे अब तक कभी ऐसी पेशकश (टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज) नहीं की गई लेकिन टीम प्रबंधन जो भी चाहता है मैं उसके लिए तैयार हूं.' अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा खेल जगत रोहित ने कहा, ‘जब मैंने खेलना शुरू किया या जब मैं भारत की ओर से खेल रहा था तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं वनडे मैचों में पारी की शुरुआत करूंगा, यह आगे बढ़ते हुए हो गया, इसलिए मैंने अपने विकल्प खुले रखे हैं. मैंने किसी विकल्प को बंद नहीं किया है इसलिए अगर मौका मिलेगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं.’ उपमहाद्वीप के बाहर रोहित की तकनीक पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस स्टार बल्लेबाज को अब भी टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद है. रोहित ने पहले दो टेस्ट में शिकस्त के बाद पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ी भारतीय टीम का समर्थन करते हुए कहा कि वापसी संभव है लेकिन यह आसान नहीं होगी. पंड्या न तो बल्ले से चल रहे, न विकेट ले रहे, इस दिग्गज ने उठाए सवाल रोहित ने कहा, ‘हां बेशक, हमें विश्वास रखना होगा कि हम ऐसा कर सकते हैं. यह इतना आसान नहीं होने वाला. हमने दक्षिण अफ्रीका में ऐसा किया जब पहले दो टेस्ट मैच गंवाने के बाद हमने जोहानिसबर्ग में वापसी की और वह टेस्ट जीता.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम ऐसा कर सकते हैं, ऐसा नहीं है कि हम ऐसा नहीं कर सकते और टेस्ट मैच नहीं जीत सकते. हमने पहले भी इंग्लैंड में टेस्ट मैच जीते हैं, हमें बस इस मानसिकता के साथ उतरना होगा, उसी तरह खेलना होगा जैसे इंग्लैंड के पिछले दौरों पर टेस्ट मैच जीतने के दौरान खेले थे.इंग्लैंड दौरे पर ओपनिंग की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया की समस्या रोहित शर्मा हल करना चाहते हैं. रोहित के मुताबिक अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें बतौर ओपनर टेस्ट में उतारती है तो वह इस नई और बड़ी जिम्मेदारी के किए तैयार हैं. वनडे और टी-20 में पारी के आगाज ने रोहित शर्मा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में 25 मैचों में तीन शतक और नौ अर्धशतक से 40 से कुछ कम की औसत से 1479 रन बनाए हैं, लेकिन फिलहाल वह पांच दिवसीय प्रारूप की टीम का हिस्सा नहीं हैं. लोकेश राहुल, शिखर धवन और मुरली विजय की सलामी तिकड़ी को इंग्लैंड में जूझना पड़ रहा है और ऐसे में जब रोहित से पूछा गया कि क्या वह टेस्ट क्रिकेट में भी पारी का आगाज करने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा, ‘देखिए, मुझे अब तक कभी ऐसी पेशकश (टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज) नहीं की गई लेकिन टीम प्रबंधन जो भी चाहता है मैं उसके लिए तैयार हूं.' अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा खेल जगत रोहित ने कहा, ‘जब मैंने खेलना शुरू किया या जब मैं भारत की ओर से खेल रहा था तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं वनडे मैचों में पारी की शुरुआत करूंगा, यह आगे बढ़ते हुए हो गया, इसलिए मैंने अपने विकल्प खुले रखे हैं. मैंने किसी विकल्प को बंद नहीं किया है इसलिए अगर मौका मिलेगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं.’ उपमहाद्वीप के बाहर रोहित की तकनीक पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस स्टार बल्लेबाज को अब भी टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद है. रोहित ने पहले दो टेस्ट में शिकस्त के बाद पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ी भारतीय टीम का समर्थन करते हुए कहा कि वापसी संभव है लेकिन यह आसान नहीं होगी. पंड्या न तो बल्ले से चल रहे, न विकेट ले रहे, इस दिग्गज ने उठाए सवाल रोहित ने कहा, ‘हां बेशक, हमें विश्वास रखना होगा कि हम ऐसा कर सकते हैं. यह इतना आसान नहीं होने वाला. हमने दक्षिण अफ्रीका में ऐसा किया जब पहले दो टेस्ट मैच गंवाने के बाद हमने जोहानिसबर्ग में वापसी की और वह टेस्ट जीता.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम ऐसा कर सकते हैं, ऐसा नहीं है कि हम ऐसा नहीं कर सकते और टेस्ट मैच नहीं जीत सकते. हमने पहले भी इंग्लैंड में टेस्ट मैच जीते हैं, हमें बस इस मानसिकता के साथ उतरना होगा, उसी तरह खेलना होगा जैसे इंग्लैंड के पिछले दौरों पर टेस्ट मैच जीतने के दौरान खेले थे.

इंग्लैंड दौरे पर ओपनिंग की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया की समस्या रोहित शर्मा हल करना चाहते हैं. रोहित के मुताबिक अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें बतौर ओपनर टेस्ट में उतारती है तो वह इस नई और बड़ी जिम्मेदारी के किए तैयार हैं. वनडे और टी-20 में पारी के …

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पाकिस्तानी बल्लेबाज नासिर जमशेद पर 10 साल का प्रतिबंध

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज नासिर जमशेद पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया है. जमशेद पर यह प्रतिबंध पीसीबी के भ्रष्टाचार विरोधी नियमों का बार-बार उल्लंघन के मद्देनजर लगाया गया है. तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी क्रिकेट प्रारूप से प्रतिबंध के अलावा जमशेद भ्रष्टाचार विरोधी नियमों का पांच से सात बार उल्लंघन के कारण पाकिस्तान क्रिकेट में आजीवन किसी भी प्रकार के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाने के लिए अयोग्य घोषित होना चाहिए. ये भी पढ़ें- स्पॉट फिक्सिंग मामले में पाकिस्तान के शर्जील खान पर 5 साल का बैन पिछले दो वर्षों में यह दूसरी बार जमशेद को दोषी ठहराया गया है. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में जमशेद को 2017 पीएसएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में पर्याप्त सहयोग न देने के लिए एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था. इस साल की शुरुआत में जमशेद पर लगा यह प्रतिबंध समाप्त हुआ था, लेकिन अब उन पर एक बार फिर प्रतिबंध लगा है, जो लंबे समय के लिए है. जमशेद ने पाकिस्तान के लिए दो टेस्ट, 48 वनडे और 18 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. उन्होंने 2012 में भारत के खिलाफ लगातार तीन एकदिवसीय शतक भी लगाए थे.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज नासिर जमशेद पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया है. जमशेद पर यह प्रतिबंध पीसीबी के भ्रष्टाचार विरोधी नियमों का बार-बार उल्लंघन के मद्देनजर लगाया गया है. तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी क्रिकेट …

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कोहली चोट के बावजूद नॉटिंघम टेस्ट में ज्यादा खतरनाक होंगे: बेलिस

कोहली चोट के बावजूद नॉटिंघम टेस्ट में ज्यादा खतरनाक होंगे: बेलिसकोहली चोट के बावजूद नॉटिंघम टेस्ट में ज्यादा खतरनाक होंगे: बेलिस

इंग्लैंड के कोच ट्रेवर बेलिस का मानना है कि पीठ की चोट से उबर रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली दोनों देशों के बीच होने वाले सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में और अधिक खतरनाक होंगे. कोहली दूसरे टेस्ट के चौथे दिन फील्डिंग के लिए मैदान पर नहीं उतरे थे. उन्होंने …

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