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देवरिया कांड नया मोड़, सह गवाह का पिता आया पुलिस के सामने

देवरिया बालगृह बालिका काड में हर दिन कोई न कोई नई बात सामने आ रही है। सह गवाह लड़की के पिता ने पुलिस के सामने आकर अपनी लड़की की मानसिक स्थिति ठीक न होने का दावा किया है। एसपी आवास पर लड़की के पिता द्वारा गुहार लगाने के बाद पुलिस जाच में जुट गई है। एसपी का कहना है कि इस बात की जाच कराई जा रही है कि लड़की कहां से बालगृह में दाखिल हुई थी। बता दें कि पाच अगस्त की रात पुलिस ने बालगृह बालिका से सेक्स रैकेट संचालित होने का राजफाश बिहार की एक 10 साल की लड़की के बयान पर किया था। अगले ही दिन मुक्त कराई गई गोरखपुर जनपद की एक किशोरी पुलिस के लिए सह गवाह बनते हुए बताया था कि हर दिन लग्जरी गाड़िया शाम को बालगृह आती थीं और उन गाड़ियों से 15 से 18 वर्ष की लड़कियों को बाहर भेजा जाता था। किशोरी के इस दावे के बाद पुलिस की कहानी और मजबूत हो गई, लेकिन सीबीआइ जाच शुरू होने के पहले ही गोरखपुर जनपद के थाना बड़हलगंज क्षेत्र के छपिया निवासी रामकुंवर यादव रविवार को एसपी आवास पर पहुंच गया। उसका दावा है कि सह गवाह उसकी बेटी है। वह लखनऊ में मेट्रो में काम करता है। उसकी इकलौती बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसका इलाज गोरखपुर के डा. प्रकाश बेरी के यहा चल रहा है। दो माह पहले वह शाम को घर से गायब हो गई। इसके बाद हमें सूचना गई तो हम घर आए और उसकी खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चल सका। हम इस मामले में थाने पर कोई तहरीर नहीं दिए और लखनऊ वापस लौट गए। मेरी बेटी का चेहरा टीवी पर देखने को मिला तो हम आए हैं। उसने एसपी के पीआरओ से इसकी शिकायत दर्ज कराई और बेटी से मिलने की बात कही। एसपी के पीआरओ ने बताया कि वह लड़की गैर जनपद भेज दी गई है। उधर इस व्यक्ति के दावे के बाद पुलिस की परेशानी और बढ़ती जा रही है। इस बाबत पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने कहा कि एक व्यक्ति के आने तथा किशोरी के बेटी होने का दावा करने की बात मेरे संज्ञान में आई है। यह जाच करा रहा हूं कि वह बालगृह कैसे आई थी। किसी थाने से उसे दाखिल किया गया है या फिर किसी समाजसेवी ने उसे बालगृह भेजा

देवरिया बालगृह बालिका काड में हर दिन कोई न कोई नई बात सामने आ रही है। सह गवाह लड़की के पिता ने पुलिस के सामने आकर अपनी लड़की की मानसिक स्थिति ठीक न होने का दावा किया है। एसपी आवास पर लड़की के पिता द्वारा गुहार लगाने के बाद पुलिस …

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सरकार के रुपये से जाल में फंसेंगे घूसखोर, भ्रष्टाचार निवारण संगठन देगा रकम

घूसखोरों को पकड़ने में अब धन की कमी बाधक नहीं बनेगी। भ्रष्टाचार निवारण संगठन ही पीड़ितों को मांगी गई घूस की रकम देकर भ्रष्ट कर्मचारियों की धरपकड़ करेगा। इसके लिए शासन ने अलग से बजट जारी किया है। ट्रैप की रकम कोर्ट से छुड़वाने के बाद विवेचक उसे राजकोष में जमा करेंगे। भ्रष्टाचार पर अंकुश न लग पाने का सबसे बड़ा कारण धन की कमी को माना गया दरअसल जिन लोगों से घूस मांगी जाती है, उन्हें भ्रष्टाचार निवारण संगठन से घूसखोर को पकड़वाने से पहले रकम का इंतजाम करना पड़ता। पैसों की कमी के चलते ज्यादातर लोग अपने कदम वापस खींच लेते थे क्योंकि अगर उधार लेकर किसी ने रकम की व्यवस्था कर भी ली तो यह रकम माल मुकदमे के रूप में जमा हो जाती थी। उसे छुड़ाने में वक्त लगता है और लोग परेशान हो जाते थे। सरकार और संगठन का संतुलन बनाएंगे केशव यह भी पढ़ें अब धन की कमी भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में कभी आड़े नहीं आएगी। शासन ने प्रथम चरण में करीब छह लाख रुपये जारी किए हैं जो पूरे प्रदेश में विभिन्न ट्रैप में काम आएंगे। -- आधे घंटे में खत्म हो जाता केमिकल का असर ट्रैप से पहले एंटी करप्शन टीम नोटों पर फिनाफ्थलीन पाउडर लगाती है। नोटों को हाथ में लेते ही पाउडर संबंधित आदमी के हाथ में आता है और पानी में डालते ही हाथ गुलाबी हो जाता है। इस पाउडर का असर आधे से एक घंटे के बीच रहता है। इसके बाद केमिकल बेअसर हो जाता है। सत्ता की हनक में संगठन भी बना 'सरकार' यह भी पढ़ें - - - - - - - - - - - - ''गरीब लोग पैसों की कमी के चलते ही भ्रष्ट कर्मचारियों की शिकायत एंटी करप्शन में नहीं कर पाते थे। अब लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। पैसे विभाग खुद देगा यकीनन इससे भ्रष्टाचार मिटाने में काफी मदद मिलेगी। - राजीव मल्होत्रा, एसपी भ्रष्टाचार निवारण संगठन, लखनऊ - - - - - - - - - - - - हाल में रिश्वत लेते पकड़े गए 1-पिछले माह सिकंदरा में संदलपुर सबस्टेशन का जेई घूस लेते पकड़ा। 2-पिछले माह रूरा में लेखपाल को पांच हजार रुपये घूस लेते पकड़ा। 3-एक माह पूर्व मोतीझील के पास जलकल विभाग के ऑडीटर को पकड़ा। 4-जनवरी में भोगनीपुर थाने के दारोगा को रिश्वत लेते पकड़ा गया

घूसखोरों को पकड़ने में अब धन की कमी बाधक नहीं बनेगी। भ्रष्टाचार निवारण संगठन ही पीड़ितों को मांगी गई घूस की रकम देकर भ्रष्ट कर्मचारियों की धरपकड़ करेगा। इसके लिए शासन ने अलग से बजट जारी किया है। ट्रैप की रकम कोर्ट से छुड़वाने के बाद विवेचक उसे राजकोष में …

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राहुल गांधी संसद में बेवजह और बिना तर्क के बोलते हैं : मनोज सिन्हा

नरेंद्र मोदी सरकार में संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने आज कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शिरकत करने मेरठ आए मनोज सिन्हा ने राहुल गांधी को संसद में बेवजह बोलने वाला शख्स बताया है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संसद में बेवजह बोलते हैं। इससे एक तो बहुमूल्य समय नष्ट होता है और वह हंसी का पात्र भी बने हैं। उनको अब तो धीर-गंभीर होना चाहिए। वह एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ अमेठी से सांसद भी हैं। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पहुंचे केन्द्रीय रेल राज्य मन्त्री मनोज सिन्हा ने कहा कि राफेल डील सरकार से सरकार के बीच हुई है। इसमें कोई बिचौलिया नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पास कहने के लिए कुछ नहीं है। वह बेवजह संसद में बोलते रहते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, हमने प्रदेश में विश्वास कायम करने में सफलता हासिल की यह भी पढ़ें मॉब लिंचिंग देश की समस्या भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पहुंचे विदेश मामलों के राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि मॉब लिंचिंग की समस्या सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे भारत में है। यह समस्या पूरे देश की है पश्चिमी उत्तर प्रदेश को ही क्यों कहा जाता है। इन मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए।

नरेंद्र मोदी सरकार में संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने आज कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शिरकत करने मेरठ आए मनोज सिन्हा ने राहुल गांधी को संसद में बेवजह बोलने वाला शख्स बताया है। उत्तर …

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इंडिया के सबसे खूबसूरत महलों में से एक है ताज फलकनुमा पैलेस, जानें इसकी खासियत

कभी हैदराबाद के निज़ाम की शानौ-शौकत का दीदार करना हो तो ताज फलकनुमा पैलेस आएं। जो चारमीनार से सिर्फ 5 किमी की दूरी पर है। फलकनुमा का हिंदी में मतलब है 'आसमान की तरह' और उर्दू में 'स्टार ऑफ हेवन'। इस महल को नवाब वकार उल उमर ने बनवाया था जो हैदराबाद के प्रधानमंत्री थे। और इसे बनने में पूरे 9 साल का वक्त लगा था। अपनी खूबसूरती और बनावट की वजह से ये महल यहां आने वाले टूरिस्टों की लिस्ट में टॉप पर रहता है। फलकनुमा पैलेस का इतिहास महल की रचना सर बाइकर द्वारा की गई थी जो एक अंग्रेजी शिल्पकार थे। बनने के कुछ समय बाद तक उन्होंने महल को अपने निवास स्थान के तौर पर इस्तेमाल किया था। बाद में सन् 1897-98 में इसे हैदराबाद के निज़ाम को सौंप दिया गया। जिसके पीछे वजह बताई जाती है कि इसे बनाने में बहुत ज्यादा लगात आई थी इसका अहसास सर बाइकर को बाद में हुआ। तो उनकी पत्नी लेडी उमरा ने ये महल निज़ाम को उपहार में देने की योजना बनाई जिससे महल को बनाने में जितने भी पैसे खर्च हुए थे वो निज़ाम से वापस मिल गए। त्रिपुरा के हर एक रंग की झलक देखने को मिलती है 'उज्जयंता पैलेस' में यह भी पढ़ें महल की बनावट ट्रैवल न्यूज : पैलेस क्वीन हमसफर एक्सप्रेस की हुई शुरूआत, जानें किस रूट पर चलेगी ट्रेन यह भी पढ़ें साल 2000 तक ये महल निज़ाम फैमिली की संपत्ति का हिस्सा था जिसे बाद में ताज होटल को सौंप दिया गया। अब इसकी देखरेख का पूरा जिम्मा इनका है। फाइव स्टार लक्जरी होटल में तब्दील हो चुका ये महल 32 एकड़ में फैला हुआ है। राजा-महाराजाओं के समय में यहां जनता दरबार लगता था। साथ ही ये महल उस समय में होने वाले शानदार जश्नों का भी गवाह है। महल में कुल 22 हॉल और 60 कमरे हैं। यहां के डाइनिंग हॉल दुनिया का सबसे बड़ा डाइनिंग हॉल है जिसमें एक साथ 101 लोग बैठकर खाना खा सकते हैं। महल के अंदर की कारीगरी इतनी शानदार है जिसका अंदाजा आपको यहां आने के बाद ही लगेगा। महल की दीवारों को ब्रोकेड से सजाया गया है तो वहीं इसमें इस्तेमाल किए गए मार्बल्स इटालियन हैं। महल में एक बहुत बड़ी टेबल है जिसके बारे में कहा जाता है कि ऐसी अभी तक सिर्फ दो टेबल ही बनाई गई है एक जो इस महल में है और दूसरी बर्किंघम पैलेस में। महल के कई भागों में बदलाव के बाद साल 2010 में इसे आम नागरिकों के लिए खोल दिया गया था। ट्रैवल करने से आप में होते हैं ये बदलाव, निखरता है व्यक्तित्व यह भी पढ़ें कब जाएं- यहां साल में कभी भी जाने का प्लान कर सकते हैं। लेकिन एक खास बात का ध्यान रखें कि यहां घूमने के लिए आपको तेलंगाना टूरिज्म से इज़ाजत लेनी पड़ती है। सिर्फ शनिवार और रविवार को ही यहां घूम सकते हैं। घूमने का समय शाम 4 बजे से 5.30 बजे तक ही होता है। बड़ों के लिए अलग और बच्चों के लिए अलग एंट्री फीस है। जिसके बारे में आप ऑनलाइन पता कर सकते हैं।

कभी हैदराबाद के निज़ाम की शानौ-शौकत का दीदार करना हो तो ताज फलकनुमा पैलेस आएं। जो  चारमीनार से सिर्फ 5 किमी की दूरी पर है। फलकनुमा का हिंदी में मतलब है ‘आसमान की तरह’ और उर्दू में ‘स्टार ऑफ हेवन’। इस महल को नवाब वकार उल उमर ने बनवाया था …

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IBPS भर्ती 2018 : 5249 पदों पर होनी है बम्पर भर्ती, ऐसे करें आवेदन

इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) द्वारा हाल ही में आगामी पीओ परीक्षा के लिए एक आधिकारिक सूचना जारी कर दी गई है. अतः आप इस परीक्षा से जुड़ी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही ऐसे उमीदवार जो बैंक में नौकरी की तलाश में है उनके लिए भी यह एक शानदार मौका हो सकता है. बता दे कि आईबीपीएस ने Office Assistant के पदों पर वैकेंसी निकाली है. आईबीपीएस ने कुल 5249 पदों पर आवेदन मांगे हैं. अगर आप इसके लिए इच्छुक है तो आप पूर्ण जानकारी नीचे विस्तार से प्राप्त कर सकते हैं. बता दे कि आवेदन करने के लिए एससी/एसटी उम्मीदवारों को 100 रुपए जबकि सामान्य और अन्य वर्ग के उम्मीदवारों को 600 रुपए शुल्क जमा करना होगा. आईबीपीएस 2018 भर्ती परीक्षा के लिए आप इस तरह कर सकते हैं आवेदन... स्टेप्स 1- उम्मीदवार रजिस्ट्रेशन करने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) की ऑफिशियल वेबसाइट ibps.in पर जाएं। स्टेप्स 2- 'नए पंजीकरण के लिए यहां क्लिक करें। स्टेप्स 3- अपनी डिटेल्स दर्ज करने के बाद, उम्मीदवारों को अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, और बाएं अंगूठे को स्कैन करके अपलोड करना है। स्टेप्स 4- आवेदन शुल्क भरने के बाद सब्मिट बटन पर क्लिक करें। परीक्षा का नाम : IBPS PO EXAM कुल रिक्त पड़े पद : 5249 पद का नाम : Office Assistant वेतन : ---- आवेदन करने का शुल्क... SC/ST उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए 100 रुपए शुल्क देना होगा. सामान्य और अन्य वर्ग को इसके लिए 600 रु शुल्क चुकाना होगा.

इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) द्वारा हाल ही में आगामी पीओ परीक्षा के लिए एक आधिकारिक सूचना जारी कर दी गई है. अतः आप इस परीक्षा से जुड़ी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही ऐसे उमीदवार जो बैंक …

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AIIMS ने मांगे इन पदों के लिए आवेदन, इंटरव्यू के तहत होंगी भर्ती

AIIMS ने मांगे इन पदों के लिए आवेदन, इंटरव्यू के तहत होंगी भर्ती

अगर आप एम्स पटना में नौकरी की चाह में है तो आप जूनियर रेजिडेंट पद के लिए आवेदन कर सकते है. एम्स पटना ने इसके लिए आगामी 16 अगस्त 2018 को एक साक्षात्कार भी आयोजित किए जाने की घोषणा की है. बता दे कि साक्षात्कार प्रक्रिया के तहत ही उम्मीदवार …

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यहां निकली अलग-अलग पदों पर वैकेंसी, 1 लाख 40000 रु होगा वेतन

यहां निकली अलग-अलग पदों पर वैकेंसी, 1 लाख 40000 रु होगा वेतन

गोवा शिपयार्ड लिमटेड द्वारा अलग-अलग 13 पदों पर आवेदन मांगे गए हैं. जिनमे सैनेटरी इंस्पेक्टर, ऑफिस असिस्टेंट, जूनियर हिन्दी ट्रांसलेटर के पद शामिल है. इच्छुक और पात्र उम्मीदवार इसके लिए 28 अगस्त 2018 तक आवेदन कर सकते हैं. बता दे कि यह आवेदन करने की अंतिम तिथि हैं. नौकरी से …

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यहां आप दे सकते है करियर को ऊंची उड़ान, ऐस मिलेंगी नौकरी

सेंट्रल एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज द्वारा कुल 11 पदों के लिए आवेदन की मांग की गई है. इसके लिए इच्छुक और पात्र उम्मीदवार नीचे विस्तार से जानकारी प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं. बता दे कि संस्था द्वारा फार्मासिस्ट समेत मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट, ईसीजी टेक्निशियन आदि के पद शामिल है. उम्मीदवार 20 अगस्त 2018 से पहल आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी इस प्रकार हैं... फॉरेस्ट विभाग में नौकरी का शानदार अवसर, 40 पदों पर होनी है भर्ती फार्मासिस्ट एनएफजी (एलोपैथिक), पद : 03 योग्यता : (फिजिक्स, केमेस्ट्री और बॉयोलॉजी) विषयों के साथ बारहवीं की परीक्षा पास हो और फार्मेसी में डिप्लोमा होना चाहिए। - इसके साथ ही किसी हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट के तौर पर दो वर्ष का कार्यानुभव हो। अथवा - फार्मेसी में बैचलर डिग्री हो और फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। आयु सीमा : अधिकतम 25 वर्ष। वेतनमान : 29200 से 92300 रुपये प्रतिमाह। फार्मासिस्ट एनएफजी (आयुर्वेदिक), पद : 02 योग्यता : (फिजिक्स, केमेस्ट्री और बॉयोलॉजी) विषयों के साथ बारहवीं की परीक्षा पास हो और आयुर्वेदिक फार्मेसी में डिप्लोमा होना चाहिए। - इसके साथ ही किसी हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट के तौर पर दो वर्ष का कार्यानुभव हो। आयु सीमा : अधिकतम 25 वर्ष। वेतनमान : 29200 से 92300 रुपये प्रतिमाह। फार्मासिस्ट एनएफजी (होम्योपैथिक), पद : 02 योग्यता : (फिजिक्स, केमेस्ट्री और बॉयोलॉजी) विषयों के साथ बारहवीं की परीक्षा पास हो और होम्योपैथिक फार्मेसी में एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स किया हो। - इसके साथ ही कम्प्यूटर पर कार्य करने का ज्ञान होना आवश्यक है। आयु सीमा : अधिकतम 25 वर्ष। वेतनमान : 29200 से 92300 रुपये प्रतिमाह। मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट, पद : 01 योग्यता : बारहवीं पास हो और मेडिकल लैबोरेटरी साइंस में बैचलर डिग्री प्राप्त हो। - इसके साथ ही संबंधित क्षेत्र में कम से कम दो वर्ष का कार्यानुभव हो। आयु सीमा : अधिकतम 25 वर्ष। वेतनमान : 35400 से 112400 रुपये प्रतिमाह। ईसीजी टेक्निशियन (जूनियर), पद : 01 योग्यता : साइंस विषय के साथ बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण हो। - इसके साथ ईसीजी टेक्निशियन का डिप्लोमा कोर्स किया हो। - इसके अलावा ईसीजी मशीन हैंडलिंग का कम से कम एक वर्ष का अनुभव हो। आयु सीमा : अधिकतम 25 वर्ष। वेतनमान : 29200 से 92300 रुपये प्रतिमाह

सेंट्रल एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज द्वारा कुल 11 पदों के लिए आवेदन की मांग की गई है. इसके लिए इच्छुक और पात्र उम्मीदवार नीचे विस्तार से जानकारी प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं. बता दे कि संस्था द्वारा फार्मासिस्ट समेत मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट, ईसीजी टेक्निशियन आदि के पद शामिल है. उम्मीदवार 20 …

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हिन्दू विधि को किसने सर्वप्रथम संहिताबद्ध किया ?

यहां हम, आपको कुछ समान्य ज्ञान प्रश्नों की जानकारी दे रहें है जो आपको किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में काम आ सकते हैं... भारत में सबसे ज्यादा स्वर्ण उत्पादन करने वाला राज्य है ? 1. सन् 1905 में बंगाल विभाजन की घोषणा किसने की थी ? उत्तर - लार्ड कर्जन ने 2. लोकसभा के निर्वाचन के लिए न्यूनतम आयु सीमा है । उत्तर - 25 वर्ष 3. किस शासक ने सम्राट हर्षवर्धन को पराजित किया था ? उत्तर - पुलकेशिन द्वितीय ने 4. हिन्दू विधि को किसने सर्वप्रथम संहिताबद्ध किया ? उत्तर - मनु ने 5. मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की मृत्यु कहाँ हुई थी ? उत्तर - रंगून 6. भारत में कलर लाईट सिग्नलिंग की सुरुआत किस वर्ष की गई ? उत्तर - 1928 ई. में 7. प्लासी की लड़ाई लार्ड क्लाइव ने किसको हराया था ? उत्तर - सिराजुद्दौला को 8. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की मांग कब की थी ? उत्तर - 1929 में 9. काजीरंगा अभ्यारण्य किसलिए प्रसिद्ध है ? उत्तर - एक सींग वाले गैंडे के लिए 10. किस नगर में भारतीय प्रामाणिक समय तथा स्थानीय समय समान है ? उत्तर - इलाहबाद 11. नृत्यांगना सोनल मानसिंह किस नृत्य से सम्बंधित है ? उत्तर - भरतनाट्यम से 12. मुस्लिम लीग ने 'मुक्ति दिवस' कब मनाया था ? उत्तर - 1929 में 13. 'क्युबिज्म' का चित्रण पद्धति का अविष्कार किसने किया ? उत्तर - पाब्लो पिकासो ने 14. जापान का नागासाकी नगर किस द्वीप पर स्थित है ? उत्तर - क्यूशू 15. होर्मुज जल सन्धि किन दो देशो को अलग करती है ? उत्तर - ईरान व ओमान को

यहां हम, आपको कुछ समान्य ज्ञान प्रश्नों की जानकारी दे रहें है जो आपको किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में काम आ सकते हैं. 1. सन् 1905 में बंगाल विभाजन की घोषणा किसने की थी ? उत्तर – लार्ड कर्जन ने 2. लोकसभा के निर्वाचन के लिए न्यूनतम आयु सीमा है …

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ई-कॉमर्स नीति पर होगी दोबारा चर्चा: सुरेश प्रभु

ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनियों के लिए हाल में जारी नई नीति के मसौदे में शामिल कुछ प्रस्तावों पर चिंता जताई गई है। इसके बाद सरकार ने नीति के मसौदे पर सभी पक्षों के साथ दूसरे दौर के परामर्श का फैसला किया है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि उन्होंने अधिकारियों से मसौदे पर विभिन्न पक्षों से दोबारा विचार विमर्श करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने ट्वीट के जरिये इसके बारे में जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा कि उसे ई-कॉमर्स पॉलिसी के मसौदे के संबंध में कुछ आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इसके बाद मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए दोबारा चर्चा करें। मसौदा दोबारा तैयार होने के बाद मंत्री खुद इसकी समीक्षा करेंगे। ई-कॉमर्स पॉलिसी के शुरुआती मसौदे में तेजी से बढ़ते इस सेक्टर के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए कई उपाय सुझाए गए है। मसौदे के अनुसार सुरक्षा और निजता के लिहाज से ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने यूजर्स का डाटा देश में ही सुरक्षित रखना होगा। मसौदे में एक अन्य प्रस्ताव है कि ऑनलाइन रिटेल कंपनी या पोर्टल की किसी भी ग्रुप कंपनी को वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने की अनुमति नहीं होगी। माना जा रहा है कि इस प्रावधान से ई-कॉमर्स कंपनियां भारी डिस्काउंट पर वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री नहीं कर पाएंगी। ई-कॉमर्स नीति: ऑनलाइन शॉपिंग में भारी डिस्काउंट पर लगाम लगाने की तैयारी यह भी पढ़ें मसौदे की सिफारिशों के अनुसार इन्वेंट्री आधारित बिजनेस-टू-बिजनेस ई-कॉमर्स मॉडल में 49 फीसद विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआइ) की अनुमति होगी। इसमें कोई ई-कॉमर्स कंपनी दूसरे कारोबारियों को माल बेचती है। अभी इस तरह की कंपनियों में एफडीआइ पर पाबंदी है। अभी सिर्फ मार्केटप्लेस मॉडल में एफडीआइ की अनुमति है। इसमें कंपनियां उपभोक्ताओं को वस्तुएं और सेवाएं बेचती हैं। घरेलू नीतियां बनाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ताओं के उद्देश्य से मसौदे में ई-कॉमर्स के लिए सर्वमान्य परिभाषा अपनाने की भी बात कही गई है। अभी इस तरह की कोई परिभाषा नहीं है। मसौदे के अनुसार सरकारी पेमेंट गेटवे रुपे का इस्तेमाल बढ़ाने के उपाय होंगे। रुपे कार्ड के व्यापक इस्तेमाल के लिए इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचा बनाने, ब्रांडिंग आदि पर खास ध्यान दिया जाएगा। कुछ ऑनलाइन कंपनियों ने नीति के मसौदे का स्वागत भी किया है। ट्रैवल ई-कॉमर्स फर्म ट्रैवल हॉलीडेज ने सेक्टर के लिए रेगुलेटर बनाने के प्रस्ताव का स्वागत किया है। कंपनी के डायरेक्टर सौरभ शर्मा ने कहा कि इस कदम से ऑनलाइन ट्रैवल कारोबार संगठित होगा। ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर खाद्य वस्तुएं नहीं बेच पाएंगे गैर लाइसेंसी विक्रेता यह भी पढ़ें रेगुलेटर होने से कारोबार की चेन में जुड़े सभी पक्षों खासकर उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी। रेगुलेटर होने से अनुपालन संबंधी जटिलता कम होगी और कारोबार का विकास तेजी से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मसौदे के प्रावधानों से बड़ी कंपनियों की एकाधिकारवादी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।

ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनियों के लिए हाल में जारी नई नीति के मसौदे में शामिल कुछ प्रस्तावों पर चिंता जताई गई है। इसके बाद सरकार ने नीति के मसौदे पर सभी पक्षों के साथ दूसरे दौर के परामर्श का फैसला किया है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा …

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