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जुलाई महीने में बढ़ा GST कलेक्शन, टैक्स के रूप में मिले 96483 करोड़ रुपये

जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह 96,483 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा है। जून में यह 95610 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। जुलाई के आंकड़े से यह माना जा रहा है कि जल्द एक लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जाने वाला है। आम बजट 2018-19 के मुताबिक मासिक औसतन 1.15 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए था। उस समय भी विशेषज्ञों का माना था कि यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल रह सकता है। वहीं मई में जीएसटी संग्रह 94016 करोड़ रुपये रहा था। आधिकारिक रिलीज में बताया गया है कि जुलाई में एकत्रित हुए 96483 करोड़ रुपये में से 15877 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 22293 करोड़ रुपये एसजीएसटी, 49951 करोड़ रुपये आइजीएसटी (जिसमें 24852 करोड़ रुपये आयात से एकत्रित किये शामिल हैं) और 8362 करोड़ रुपये सेस से (जिसमें आयात से 794 करोड़ रुपये इकट्ठे किये गये हैं)। यह अनुमान के अनुरूप ही रहा है। 30 जुलाई तक, जून महीने के लिए 55 लाख से ज्यादा जीएसटी रिटर्न फाइल किये जा चुके थे। पहली तिमाही के अंत सेंट्रल जीएसटी से केंद्र ने 504 बिलियन रुपये एकत्रित किये थे। सूत्रों के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती 11 महीनों में औसतन 58 प्रतिशत करदाताओं ने ही निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न भरे। चिंताजनक बात यह है कि दिसंबर 2017 के बाद से निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों का अनुपात लगातार कम होता जा रहा है। GST के 28% टैक्स में आने वाली वस्तुओं की संख्या राजस्व संग्रह पर करेगी निर्भर: अढिया यह भी पढ़ें दिसंबर 2017 में 67 प्रतिशत व्यापारियों ने निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न फाइल किया था लेकिन इस साल मई में यह अनुपात घटकर 61 प्रतिशत रह गया। दरअसल दिसंबर 2017 में 81.22 लाख व्यापारियों को जीएसटी का रिटर्न भरना था लेकिन रिटर्न भरने के लिए निर्धारित तारीख तक मात्र 54.26 लाख व्यापारियों ने ही रिटर्न भरा। इस तरह लगभग 33 प्रतिशत व्यापारियों ने समय पर रिटर्न दाखिल नहीं किया। इस साल मई में ऐसे व्यापारियों का आंकड़ा बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गया है। इस साल मई में 91.22 लाख व्यापारियों को रिटर्न फाइल करना था लेकिन महज 56.18 लाख ने ही निर्धारित तिथि तक जीएसटी का रिटर्न भरा।

जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह 96,483 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा है। जून में यह 95610 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। जुलाई के आंकड़े से यह माना जा रहा है कि जल्द एक लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जाने वाला है। आम बजट 2018-19 के मुताबिक …

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रामनगरी के ¨हदू-मुस्लिम लाल चौक पर फहराएंगे तिरंगा

रामनगरी के ¨हदू-मुस्लिम स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराएंगे। मंदिर के समर्थन में अभियान चलाने वाले युवा मुस्लिम नेता एवं मित्र मंच के प्रदेश अध्यक्ष बब्लू खान तथा मंच के प्रभारी शरद पाठक बाबा के संयोजन में तिरंगा यात्रा कश्मीर के लाल चौक के लिए प्रस्थान करेगी। प्रस्थान से पूर्व यात्रा में शामिल होने वाले दोनों समुदाय के लोग रामलला का दर्शन करेंगे। बिड़ला धर्मशाला में तैयारियों की समीक्षा करते हुए बब्लू खान ने कहा, यात्रा यह बताने के लिए है कि कश्मीर में अलगाव-आतंक असह्य है और इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दोनों समुदाय के लोग कंधा से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने को तैयार हैं। तिरंगा जलाने के प्रयास में गिरफ्तार यह भी पढ़ें खान ने कहा, कश्मीर भारत मां के सिर का मुकुट है और हम भारत मां का सिर कभी नहीं झुकने देंगे, अभी तो हम लालचौक तिरंगा फहराने जा रहे हैं पर इंशाअल्लाह वह दिन भी आएगा, जब हम सब पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में तिरंगा फहराएंगे। उन्होंने कहा, ¨हदू हों या मुस्लिम। सभी का विकास देश के विकास में निहित है और देश का विकास सांस्कृतिक जड़ों की मजबूती, आपसी एकता, राष्ट्रीयता और सीमा की सुरक्षा में निहित है। शरद पाठक बाबा ने बताया कि यात्रा में दो दर्जन से अधिक लोग शामिल होंगे और तिरंगा यात्रा के काफिले में आधा दर्जन वाहन शामिल होंगे। उन्होंने कहा, हम कश्मीर के लिए लड़ रहे सैनिकों एवं पुलिस के जवानों को यह बताना चाहते हैं कि पूरा देश उनके साथ है। इस मौके पर दीपक चौधरी, अदनान खान, आकाश कौशल, संदीप यादव, सत्यम, सैफ खान आदि मौजूद रहे।

रामनगरी के ¨हदू-मुस्लिम स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराएंगे। मंदिर के समर्थन में अभियान चलाने वाले युवा मुस्लिम नेता एवं मित्र मंच के प्रदेश अध्यक्ष बब्लू खान तथा मंच के प्रभारी शरद पाठक बाबा के संयोजन में तिरंगा यात्रा कश्मीर के लाल चौक के लिए प्रस्थान …

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सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए राखी बनाने में जुटे बच्चे

देश की सीमाओं पर तैनात सैनिक भाइयों तक राखी पहुंचाने के लिए दैनिक जागरण हर वर्ष भारत रक्षा पर्व के अंतर्गत समूचे देश में राखी एकत्र करने के लिए रथ चलाता है। इस रथयात्रा के जरिये देश की बहनों की राखी सीमा पर देश की रक्षा के लिए तैनात सैनिक भाइयों को भेजी जाती है। यह रथ चार अगस्त को गोरखपुर आएगा। स्कूलों में बच्चे सैनिकों के लिए राखी व ग्रीटिंग्स कार्ड बनाने में जुट गए हैं। मंगलवार को चार स्कूलों में 'राखी बनाओ' प्रतियोगिता आयोजित की गई और बच्चों को पुरस्कृत किया गया। सीमा पर सैनिक भाइयों को राखी भेजने की तैयारियां स्कूलों में तेजी से चल रही हैं। ये राखियां चार अगस्त को भारत रक्षा पर्व के रथ को सौंपी जाएंगी। इसके पूर्व दो व तीन अगस्त को दैनिक जागरण का स्थानीय रथ शहर में भ्रमण करेगा और राखियां एकत्र करेगा। रथ के साथ थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर संघ के लोग रहेंगे। इसके अलावा राखियां एकत्र करने के लिए पांच जगह ड्रॉप बाक्स भी लगा दिए गए हैं। बच्चों के लिए समन्वय बनाकर करें कार्य अफसर : प्रेमा मिश्रा यह भी पढ़ें रथ का जगह-जगह जहां स्कूली बच्चों, विभिन्न समुदायों व संगठनों के लोगों द्वारा स्वागत किया जाएगा वहीं राखी व ग्रीटिंग्स भी भेंट किए जाएंगे। रथ के आगमन पर दैनिक जागरण कार्यालय में रथ का स्वागत व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम लोरेटो, सिविल लाइंस, एचपी डिफेंस एकेडमी, नंदानगर, एसएस एकेडमी, सरस्वती बालिका विद्यालय, सूर्यकुंड, नवल नेशनल एकेडमी, कुसम्ही के बच्चे प्रस्तुत करेंगे। दैनिक जागरण सैनिक भाइयों को राखी पहुंचाने के साथ ही यह संदेश देता है कि देश में उनकी भी रक्षा की चिंता है और यह रक्षा सूत्र इसी का परिचायक है। रक्षाबंधन के दिन यह रक्षा सूत्र सीमा पर पहुंच जाते हैं तथा उनकी कलाइयों पर वहां की स्कूली छात्राएं व विभिन्न समुदायों की बहनों द्वारा राखी बांधी जाती है।

देश की सीमाओं पर तैनात सैनिक भाइयों तक राखी पहुंचाने के लिए दैनिक जागरण हर वर्ष भारत रक्षा पर्व के अंतर्गत समूचे देश में राखी एकत्र करने के लिए रथ चलाता है। इस रथयात्रा के जरिये देश की बहनों की राखी सीमा पर देश की रक्षा के लिए तैनात सैनिक …

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2 से 19 अगस्त तक निरस्त रहेगी झांसी पैसेंजर

झांसी-पारीक्षा रेलखंड के दोहरीकरण से संबंधित नॉन इंटरलॉकिंग कार्यो की वजह से झांसी मंडल ने मेगा ब्लॉक लिया है। यह ब्लॉक दो अगस्त से 19 अगस्त तक होगा। झांसी मंडल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ व कानपुर से रवाना होकर झांसी जाने वाली अप व डाउन दोनों ओर की पैसेंजर ट्रेनें दो अगस्त से 19 अगस्त तक रद रहेंगी, जबकि 19 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है। लोकल यात्रियों के लिए यह महत्वपूर्ण ट्रेन है, दैनिक यात्रियों के अलावा कई व्यापारी भी इस ट्रेन से सफर करते हैं। इन गाड़ियों का बदला रूट सफर का समय बढ़ाकर राइट टाइम की जाएंगी ट्रेनें यह भी पढ़ें -पनवेल-गोरखपुर, पुणे-गोरखपुर, लोकमान्य तिलक टर्मिनल-लखनऊ, साप्ताहिक लोकमान्य तिलक टर्मिनल-लखनऊ, पुणे-लखनऊ, मुम्बई-छपरा, लोकमान्य तिलक टर्मिनल-गोरखपुर एक्सप्रेस झांसी-आगरा-टूंडला-कानपुर मार्ग से जाएंगी। -लखनऊ-लोकमान्य तिलक टर्मिनल, लखनऊ-पुणे, छपरा-मुम्बई, गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस कानपुर-टूंडला-आगरा-झांसी मार्ग से जाएंगी। -ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस ग्वालियर-भिंड-इटावा होते हुए कानपुर पहुंचेगी। दूसरी ओर से भी ट्रेन का यही रूट रहेगा। झांसी से कानपुर तक दौड़ती रही निरस्त पैसेंजर ट्रेन, अफसरों में हड़कंप यह भी पढ़ें -लोकमान्य तिलक टर्मिनल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस झांसी-ग्वालियर-भिंड-इटावा होते हुए कानपुर आएगी और इसी रूट से वापस जाएगी। लोकमान्य तिलक टर्मिनल से सुल्तानपुर जाने वाली ट्रेन भी इसी रूट से चलेगी। इन ट्रेनों का बदला गया समय -कानपुर-बलसाड एक्सप्रेस 10 व 17 अगस्त को कानपुर सेंट्रल से सुबह आठ बजे के स्थान पर दोपहर 12 बजे चलेगी। -लखनऊ-पुणे एक्सप्रेस 14 अगस्त को लखनऊ से सुबह छह बजे के स्थान पर दस बजे चलेगी। - - - - - -- - - - - - - इन स्टेशनों से चढ़ते हैं यात्री कानपुर सेट्रल, गोविंदपुरी, भीमसेन, पामा, पुखरायां, चौरा, कालपी, उरई, आटा से झांसी व कानपुर के बीच कई स्टेशनों से यात्री यात्रा करते हैं

झांसी-पारीक्षा रेलखंड के दोहरीकरण से संबंधित नॉन इंटरलॉकिंग कार्यो की वजह से झांसी मंडल ने मेगा ब्लॉक लिया है। यह ब्लॉक दो अगस्त से 19 अगस्त तक होगा। झांसी मंडल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ व कानपुर से रवाना होकर झांसी जाने वाली अप व डाउन दोनों ओर की …

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मुस्तैदी की टेस्ट रिपोर्ट में फेल दिखी पुलिस, कोई फरमा रहा आराम तो कोई फोन में व्यस्त

राजभवन के पास लूट और हत्या के अगले ही दिन दैनिक जागरण की टेस्ट रिपोर्ट में पुलिस की मुस्तैदी की कलई खुल गई। घटना के बाद डीजीपी से लेकर सभी बड़े अफसरों ने मौके पर पहुंचकर राजभवन रोड पर चाकचौबंद सुरक्षा का दावा किया था, लेकिन 24 घंटे बाद ही उनके सारे दावे हवाहवाई साबित हुए। वारदात के समय पौने चार बजे से घंटेभर हजरतगंज चौराहे से बंदरियाबाग चौराहे तक संवाददाता ने पड़ताल की। यहां सुरक्षा को लेकर संख्या से कम पुलिसकर्मी नजर आए, जो थे भी उनमें कोई आराम कर रहा था या तो कोई मोबाइल फोन में गेम खेल रहा था। शाम 4:35 के करीब राजभवन से राज्यपाल की फ्लीट निकली तब पुलिस और ट्रैफिककर्मी सक्रिय नजर आए, लेकिन उनके निकलने के बाद फिर सारी मुस्तैदी धराशाई हो गई। पड़ताल के दौरान हजरतगंज चौराहे पर एक भी ट्रैफिक और पुलिसकर्मी नजर नहीं आया, कुछ पुलिसकर्मी थे भी तो वह किनारे बने बूथ में कुर्सी पर आराम फरमा रहे थे। रियलिटी चेक: पुलिस की 'दृष्टि' ही बाधित, फिर कैसे दिखें अपराधी यह भी पढ़ें आगे राजभवन के गेट के सामने राज्यपाल के सुरक्षा में तैनात निहत्थे सिपाही इंद्रपाल और रामबली राज्यपाल की फ्लीट निकलने के बाद बाइक पर आराम से बैठकर गप्प मार रहे थे। वहीं पास में बैठै एक दारोगा मोबाइल फोन में व्यस्त थे। फोटो खींचता देख उन्होंने कहा कि आप लोग आराम भी नहीं करने देते। आगे घटनास्थल के सामने एक्सिस बैंक के बाहर कोने में साइकिल पथ में निहत्थे दीवान रवींद्र पाल बाइक पर आराम से बैठे मोबाइल फोन में व्यस्त थे और दूसरा दीवान परमात्मा दीन पिलर पर बैठकर आराम कर रहा था। उनसे पूछा गया कि ऐसे में अगर फिर कोई लूट की वारदात को अंजाम दे दे तो क्या करोगे, उनका कहना था कि बिना असलहे के हम क्या कर लेंगे। साथ ही यह भी बताया कि वीआइपी की सुरक्षा में तैनात हैं, अफसरों ने ड्यूटी यहां लगा दी। सुरक्षा में बैंक के पास जिन दो दीवान की ड्यूटी लगाई गई थी उनके पास डंडा तक नहीं था।

राजभवन के पास लूट और हत्या के अगले ही दिन दैनिक जागरण की टेस्ट रिपोर्ट में पुलिस की मुस्तैदी की कलई खुल गई। घटना के बाद डीजीपी से लेकर सभी बड़े अफसरों ने मौके पर पहुंचकर राजभवन रोड पर चाकचौबंद सुरक्षा का दावा किया था, लेकिन 24 घंटे बाद ही …

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मुख्यमंत्री योगी अादित्यनाथ की चेतावनी, नेता हों या अफसर भ्रष्टाचारियों पर होगी कार्रवाई

भ्रष्टाचार के मामलों में जल्द कई बड़ों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सतर्कता अधिष्ठान समेत अन्य जांच एजेंसियों में शासन के स्तर पर लंबित प्रकरणों को दो माह में निस्तारित कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का कड़ा निर्देश दिया है। शास्त्री भवन में जांच एजेंसियों के कामकाज की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता हों या अफसर, उनके खिलाफ कार्रवाई में कोई शिथिलता न बरती जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव से पहले कई बड़ों पर शिकंजा कसे जाने का संकेत भी दे दिया है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि शासन स्तर पर जिन मामलों में अभियोजन स्वीकृति, मुकदमा दर्ज करने की अनुमति अथवा अन्य कार्रवाई लंबित है, उन्हें प्राथमिकता पर दो माह के भीतर निपटाया जाए। बताया गया कि सतर्कता अधिष्ठान, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआइडी, एंटी करप्शन, एसआइटी सहित अन्य जांच एजेंसियों में ऐसे करीब 400 से अधिक मामले लंबित हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जताई। मुख्यमंत्री ने जून माह में ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स को संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर लंबित कार्रवाई को निपटाने का निर्देश दिया। जांच एजेंसियों के कामकाज की आज समीक्षा करेंगे सीएम योगी अादित्यनाथ यह भी पढ़ें कहा कि टास्क फोर्स अपनी मानीटरिंग में कार्रवाई कराए और उन्हें रिपोर्ट दी जाए। जांच एजेंसियों के स्तर पर लंबित मामलों को भी शीघ्रता से निपटाया जाए। उल्लेखनीय है कि शासन स्तर पर लंबित मामलों में कई नेताओं, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों के अलावा आइएएस, आइपीएस, पीसीएस, पीपीएस के अलावा अन्य संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने जांच एजेंसियों के प्रमुखों से विवेचना व अन्य बिंदुओं पर आ रही दिक्कतों के बारे में भी पूछा और उन्हें अतिरिक्त स्टाफ उपलब्ध कराने का भी भरोसा दिलाया। बैठक में जीबी पटनायक कमेटी की संस्तुतियां पर भी चर्चा की गई। तय हुआ कि इस पर अगल से विस्तार से बात की जाएगी। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले पुलिस व जांच एजेंसियां बड़ों पर नकेल कसेंगी। बैठक में तेजी से कार्रवाई के जो निर्देश दिए गए, उसके पीछे भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई कर राज्य सरकार अपना संदेश देना चाहती है। सरकार के गठन के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई की बात कही थी और इसके लिए पोर्टल भी लांच कराया था। बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह, सभी जांच एजेंसियों के डीजी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

भ्रष्टाचार के मामलों में जल्द कई बड़ों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सतर्कता अधिष्ठान समेत अन्य जांच एजेंसियों में शासन के स्तर पर लंबित प्रकरणों को दो माह में निस्तारित कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का कड़ा निर्देश दिया है। शास्त्री भवन में जांच …

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बहराइच में जमीनी विवाद में भतीजे ने भाजपा नेता को मारी गोली, मौत

रूपइडीहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गंगापुर के प्रीतमपुर निवासी भाजपा नेता की घर में घुसकर देर रात गोली मार कर हत्या कर दी गई। घटना की सूचना पाते ही एसपी सभाराज व एएसपी रवींद्र सिंह मौके पर पहुंच गए। स्थिति का जायजा लिया। मृतक के भाई की तहरीर पर भतीजे के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। हत्या का कारण पैसों का लेनदेन व जमीनी विवाद बताया जा रहा है। गंगापुर प्रीतमपुरा निवासी वीरेंद्र मिश्र उर्फ डब्लू पुत्र राम खेलावन मिश्र भाजपा में बाबागंज बूथ उपाध्यक्ष थे। भाजपा नेता का अपने भतीजे प्रवेश कुमार मिश्र से पैसों के लेनदेन का मामला चल रहा था। इसी रंजिश को लेकर भतीजे से उनका अक्सर विवाद होता रहता था। मंगलवार देर रात भतीजे ने उनके घर में घुसकर सोते समय ताबड़ताेड़ उनपर फायर झोंक दिया। गोली लगने से भाजपा नेता की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के समय भाजपा नेता घर के टीन के बरामदे में अपने चार वर्षीय पुत्र के साथ सो रहे थे। एसपी ने बताया कि मृतक के भाई अशोक मिश्रा की तहरीर पर आरोपित भतीजे पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। हत्या के बाद परिवार में कोहराम मचा है। ग्रामीण सहमे हुए हैं।

रूपइडीहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गंगापुर के प्रीतमपुर निवासी भाजपा नेता की घर में घुसकर देर रात गोली मार कर हत्या कर दी गई। घटना की सूचना पाते ही एसपी सभाराज व एएसपी रवींद्र सिंह मौके पर पहुंच गए। स्थिति का जायजा लिया। मृतक के भाई की तहरीर पर …

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दिल्ली की 11 मौतों के पीछे का रहस्य बरकरार, 8 लिंक अब भी मिसिंग

दिल्ली के साथ देशभर के लोगों को दहला देने वाले बुराड़ी फांसीकांड का पूरा एक महीना हो चुका है, लेकिन जांच में जुटी पुलिस अब भी कई सवालों को नहीं सुलझा पाई है। हालांकि, कहा तो यही जा रहा है कि पुलिस की जांच अपने आखिरी चरण में है, लेकिन उसे कई सवालों के जवाब भाटिया परिवार के बाकी बचे दो सदस्यों को भी देने हैं, जिन्होंने पुलिस जांच पर कई बार सवाल उठाए हैं। घटनाक्रम में कई लिंक अब भी मिसिंग ही हैं। सवाल-1 दिल्ली के बुराड़ी में हुए 11 मौतों के मामले में पुलिस जांच के दौरान मिले रजिस्टर से एक अहम खुलासा हुआ था। घर से बरामद रजिस्टर में लिखी बातों पता चला था कि ललित अपने पिता के अलावा चार अन्य लोगों की आत्मा को मुक्ति दिलाना चहता था। ऐसा अंदेशा है कि घटना वाली रात इसीलिए भी इस क्रिया की तैयारी की गई थी। रजिस्टर के नोट में यह भी लिखा है कि ललित के पिता के पिता की आत्मा के साथ अन्य चार आत्मा भी मोक्ष के लिए भटक रहीं हैं। इन्हें तभी मोक्ष मिलेगा जब तुम सब हरिद्वार जाकर इनका धार्मिक संस्कार करोगे। नोट में यह चार आत्माएं सज्जन सिंह, हीरा, गंगा देवी व दयानंद की बताई गई है। सज्जन सिंह ललित की पत्नी टीना के पिता हैं। हीरा ललित की बहन प्रतिभा के पति हैं। नोट 19 जुलाई 2015 को लिखा गया है। पुलिस अब तक यह नहीं पता लगा पाई है कि ये चार लोग कौन थे? बुराड़ी फांसीकांड में सामने आया सनसनीखेज खत, क्या 11 मौतों के पीछे किसी तांत्रिक का हाथ है यह भी पढ़ें सवाल-2 11 मौतों पर परिवार की सदस्य ने कहा- नहीं था बाबाओं पर भरोसा, अध्यात्म का एंगल भी ठुकराया यह भी पढ़ें बच्चा हो, जवान या फिर बूढ़ा हर कोई किसी न किसी से अपनी बातें जरूर शेयर करता है, लेकिन पुलिस जांच में अब तक यह नहीं बता चला है कि इन्होंने तथाकथित मोक्ष अनुष्ठान की बातें किसी को बताई हों। मनोचिकित्सक भी मानते हैं कि यह असंभव है कि परिवार के 11 सदस्यों में से किसी ने भी अपने खास को यह बात नहीं बताई हो। इनमें तो तो किशोर थे। सवाल-3 बुराड़ी फांसीकांडः धीरे-धीरे ही सही अपनी खामोशी तोड़ रही 11 मौतों वाली वह गली यह भी पढ़ें भाटिया परिवार आर्थिक रूप से संपन्न था। लोगों को बिल्कुल भी नहीं होता कि सामान्य सा दिखने वाला परिवार एक दिन ऐसा कदम उठा लेगा। लोगों का मानना है कि परिवार के लोग ऐसे नहीं थे। खासकर प्रियंका जिसकी कुछ दिन पहले ही सगाई हुई थी और इस दौरान अपने रिश्तेदारों के साथ वह भी नाची थी। यह सवाल भी हैरान और परेशान कर रहा है कि शादी की तैयारी में जुटी प्रियंका आखिर कैसे मौत को गले लगा सकती है या फिर कैसे ललित के कहने पर इतना बड़ा कदम उठा सकती थी? सवाल-4 बुराड़ी कांडः 11 मौतों के बाद उदास था 'वह', जुदाई न सह सका तो तोड़ दिया दम यह भी पढ़ें पुलिस जांच में सामने आया कि आत्महत्या करने वाली प्रतिभा के गले पर कटे के निशान थे। परिवारवालों का दावा था कि जिस प्रकार नारायणी देवी का शव मिला उससे लगता है कि उनका गला बेल्‍ट से दबाया गया जबकि प्रतिभा के गले पर कटे का निशान था। ऐसा लगता है कि उसका पहले गला काटा गया फिर फंदे में लटका दिया गया। हालांकि, पुलिस ने पोस्टमार्टम के आधार पर कहा था कि प्रतिभा ने भी फांसी ही लगाई थी। यह सवाल परिवार के अब भी सवाल ही बना हुआ है। सवाल-5 परिवार ने यह भी दावा किया था कि ललित का हाथ जिस रस्‍सी से बंधा था वह ढीली थी। परिवार के सदस्‍यों ने अंत्‍येष्टि की रस्‍म पूरी करने के बाद दिल्‍ली पुलिस के वरिष्‍ठ अफसरों से मुलाकात भी थी, लेकिन इसका जवाब अब भी नहीं मिला है।

दिल्ली के साथ देशभर के लोगों को दहला देने वाले बुराड़ी फांसीकांड का पूरा एक महीना हो चुका है, लेकिन जांच में जुटी पुलिस अब भी कई सवालों को नहीं सुलझा पाई है। हालांकि, कहा तो यही जा रहा है कि पुलिस की जांच अपने आखिरी चरण में है, लेकिन …

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दिल्लीः कोल्ड स्टोर में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की 30 गाड़ियां मौके पर

दिल्ली के व्यस्त क्षेत्र स्थित ब्रिटानिया चौक के पास एक कोल्ड स्टोरेज में आग लग गई। बुधवार दोपहर कोल्ड स्टोरेज में आग लगने से आसपास हड़कंप मच गया। आग की भयावहता को देखकर मौके पर 30 दमकल गाड़ियों को तैनात किया गया है, जो आग बुझाने के काम में जुटी हुई हैं। इसके अलावा और दमकल गाड़ियों को मौके पर बुलाया जा रहा है। वहीं, एहतियातन पुलिस और अग्निशमन विभाग ने आसपास की फैक्ट्रियों को भी खाली करा दिया है, साथ ही कोल्ड स्टोरेज के सामने मार्ग बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया है। दिन के वक्त आग लगने से आशंका है कि कोल्ड स्टोरेज में कर्मचारी फंसे हो सकते हैं। लिहाजा अग्निशमन विभाग की टीमें आग और धुएं को काबू कर ऑक्सीजन सिलेंडर व मास्क की मदद से अंदर घुसने का प्रयास कर रही हैं। हालांकि आग व धुआं ज्यादा होने की वजह से उन्हें अब तक कामयाबी नहीं मिली है। कोल्ड स्टोरेज की गैसों से लोगों को खतरा हो सकता है, लिहाजा लोगों को घटनास्थल से दूर रहने की हिदायत दी जा रही है। आग लगने की वजहों का फिलहाल पता नहीं चल सका है। फिलहाल आग से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

दिल्ली के व्यस्त क्षेत्र स्थित ब्रिटानिया चौक के पास एक कोल्ड स्टोरेज में आग लग गई। बुधवार दोपहर कोल्ड स्टोरेज में आग लगने से आसपास हड़कंप मच गया। आग की भयावहता को देखकर मौके पर 30 दमकल गाड़ियों को तैनात किया गया है, जो आग बुझाने के काम में जुटी …

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पीएसए के तहत बंदी अब देश की अन्य जेलों में भी रखे जाएंगे

राष्ट्रविरोधी और असामजिक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत बंदी बनाए जाने वाले स्थानीय नागरिकों को अब जम्मू कश्मीर के बाहर देश की अन्य जेलों में भी रखा जा सकता है। राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम के प्रावधान 10 के उस हिस्से को हटा दिया है, जो इस बात को यकीनी बनाता था कि पीएसए के तहत बंदी बनाए गए जम्मू कश्मीर के किसी भी नागरिक को राज्य के बाहर कैद नहीं किया जा सकता। राज्य गृह विभाग ने हालांकि इस तथ्य की पुष्टि नहीं की है और न राज्य सरकार की तरफ से इस संदर्भ में किसी सूचना को सार्वजनिक किया गया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि एसएसी की गत 11 जुलाई को राज्यपाल एनएन वोहरा की अध्यक्षता में हुई तीसरी बैठक में इस प्रावधान को हटाने का फैसला लिया गया था। एसएसी के अनुमोदन के बाद 13 जुलाई को राजभवन ने भी इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया और यह प्रभावी हो गया। इस संदर्भ में मंगलवार सुबह जब राज्य के प्रधान गृह सचिव आरके गोयल से संपर्क किया गया तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला देकर बात करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद उन्हें एसएमएस भी प्रेषित किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। महबूबा मुफ्ती के बयान पर भाजपा ने दिखाए कड़े तेवर यह भी पढ़ें जेलों में सुधार का हवाला :सूत्रों के अनुसार एसएसी ने 11 जुलाई को पीएसए के तहत जिस बिल को अनुमोदित किया है, उसका नाम जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम संशोधन विधेयक 2018 है। इसमें कहा गया है कि जम्मू कश्मीर की जेलों में कैदियों, विचाराधीन कैदियों और अन्य बंदियों के रहने के लिए बेहतर सुविधाएं जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर अवसंरचनात्मक सुधार के तहत यह प्रावधान जरूरी है। इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय में जेलों में आवश्यक सुधार के संदर्भ में दायर एक जनहित याचिका का भी जिक्त्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार जेलों में आवश्यक सुधार के लिए केंद्र व राज्य सरकार को लिखा है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों के अनुरूप ही एसएसी जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, कुपवाड़ा की जेलों में आवश्यक सुधार पर जोर देती है।इन जेलों में कैदियों की भीड़ घटाई जाए और आवश्यक सुविधाओं में सुधार लाया जाए।

राष्ट्रविरोधी और असामजिक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत बंदी बनाए जाने वाले स्थानीय नागरिकों को अब जम्मू कश्मीर के बाहर देश की अन्य जेलों में भी रखा जा सकता है। राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम के प्रावधान 10 …

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