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Heavy Rain: लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित, अब तक 85 की मौत, नदियां ऊफान पर !

लखनऊ: तीन दिनों से यूपी के अलग-अलग हिस्सों में हो रही बारिश में जन-जीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। यूपी में भारी बारिश के कारण पिछले 24 घंटों में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इस तरह बारिश की वजह से अब तक कुल 85 लोगों की मौत …

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#Karunanidhi: डीएमके चीफ करूणानिधि की हालत अब स्थिर, अस्पताल में ही रहना होगा, राहुल भी पहुंचे!

चेन्नई: बीमारी से ग्रस्ति अस्पताल में भर्ती डीएमके अध्यक्ष एम करूणानिधि की हालत अब स्थिर है लेकिन सामान्य स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें अभी अस्पताल में ही रहना होगा। कावेरी अस्पताल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 94 वर्षीय नेता से कावेरी अस्पताल …

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Indain Railway: ट्रेनों व स्टेशन पर चिकित्सा सेवा न होने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, जानिए क्या कहा?

नई दिल्ली: लाख कोशिशों के बावजूद भी भारतीय रेल की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम रहे रेलवे में वाकई कुछ बहुत गलत है। पर्याप्त चिकित्सा नहीं मिल पाने से कई …

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दलित नाबालिग छात्रा से दुष्‍कर्म, तोड़ी दुकानें; दूसरे समुदाय को बाहर खदेड़ने की मांग

जिले के भिलंगना ब्लॉक के मुख्य बाजार घनसाली में अनुसूचित जाति की एक नाबालिग छात्रा से दुष्‍कर्म करने का मामला गरमा गया है। स्थानीय लोगों ने घनसाली क्षेत्र में रह रहे दूसरे समुदाय को बाहर करने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। अधिक‍ारी स्‍थानीय लोगों को मनाने का प्रयास कर रहे हैं। हालात को देखते हुए घनसाली बाजार में पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। पुलिस ने आरोपित युवक खिलाफ दुष्‍कर्म का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, बीते रोज इस मामले को लेकर मुख्य बाजार में जमकर बवाल हुआ था। भीड़ ने युवक को पिटाई करने के बाद जुलूस निकालकर उसे बाजार में घुमाया। इसके बाद भीड़ ने युवक के समुदाय के व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ कर सामान बाहर फेंक दिया थो। पुलिस ने दुष्‍कर्म का मामला दर्ज कर आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरे समुदाय के युवक के छात्रा के संग पकड़े जाने पर बवाल यह भी पढ़ें मामला बीते रोज का है। सोमवार दोपहर को दूसरे समुदाय के एक युवक ने भिलंगना ब्लॉक की दलित परिवार की एक नाबालिग छात्रा को लेकर घनसाली स्थित होटल में ले गया। इसकी भनक लगते हुए लोगों ने आरोपी को होटल के कमरे में बंद कर दिया और इसके बाद उन्होंने युवक पिटाई करनी शुरू कर दी। आरोपी के गले में जूतों की माला पहनाकर उसे घनसाली बाजार में घुमाया गया। बीएड के छात्र ने आठ साल की बच्‍ची से किया दुष्‍कर्म, गिरफ्तार यह भी पढ़ें भीड़ का गुस्सा इतना भयंकर था कि उन्होंने इसी सुमदाय की कई दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की और उन्हें घनसाली से बाहर जाने की चेतावनी दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आरोपी युवक आजाद अल्वी (18) पुत्र हबीब अल्वी निवासी नगली नेहतोर धामपुर जिला बिजनौर यूपी विगत चार साल से घनसाली में हेयर ड्रेसर का काम करता है। उन्होंने बताया कि नई टिहरी से अतिरिक्त पुलिस फोर्स पहुंचने के बाद पुलिस ने बाजार में फ्लैग मार्च निकाला गया है। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने सड़क पर जाम लगाया। युवक के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रोफेसर ने चाकू की नोक पर छात्रा से किया दुष्कर्म, पीड़िता ने खाया जहर यह भी पढ़ें दूसरे संप्रदाय के लोगों को बाहर करने की मांग बेटी से दुष्कर्म करने वाले को बीस साल की सजा यह भी पढ़ें घटना के बाद शाम को स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने बाजार में ही आम सभा का आयोजन किया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 24 घंटे के भीतर दूसरे संप्रदाय के लोगों को घनसाली से बाहर किया जाए। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन ने उनकी मांग नहीं मानी तो किसी भी स्थिति के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। व्यापार मंडल अध्यक्ष पारेश्वर बडोनी ने कहा कि 24 घंटे के अंदर दूसरे संप्रदाय के सभी लोगों को घनसाली बाजार से जब तक बाहर नहीं किया जाएगा तब तक बाजार बंद रहेगा। जिन लोगों के मकान में दूसरे संप्रदाय के लोग किराये में रह रहे हैं, उनसे भी मकान खाली कराए जाएं। बैठक में साहब सिंह कुमांई, अंबिका कंसवाल, खुशाल सिंह रावत, विनोद रावत, अनिल चौहान, पंकज निवाल, कमलेश्वर कंसवाल, रघु रावत, हंसराम चौहान, पवन राणा आदि स्थानीय लोग और व्यापारी मौजूद रहे।

जिले के भिलंगना ब्लॉक के मुख्य बाजार घनसाली में अनुसूचित जाति की एक नाबालिग छात्रा से दुष्‍कर्म करने का मामला गरमा गया है।  स्थानीय लोगों ने घनसाली क्षेत्र में रह रहे दूसरे समुदाय को बाहर करने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। अधिक‍ारी …

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दून शहर में स्कूली वाहनों पर चल रही खींचतान, सवालों में घिरी राज्य सरकार

स्कूली बच्चों के परिवहन को लेकर स्थिति विकट होती जा रही है। राज्य सरकार व परिवहन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन व हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं, निजी स्कूली वाहनों का संचालन बंद करने के निर्णय से हजारों अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। सोमवार को आटो संचालकों ने बच्चों का परिवहन बंद कर दिया। हालांकि, शहर में स्कूली वाहनों का परिवहन करने वाले डेढ़ हजार आटो में से करीब 100 आटो चलते भी दिखे, लेकिन यह संख्या नाकाफी रही। हजारों अभिभावकों और बच्चों ने परेशानी झेली व जैसे-तैसे दूसरे विकल्पों से बच्चे स्कूल पहुंचे। आटो को लेकर गफलत की स्थिति अभी कायम है, उधर सोमवार शाम आपात बैठक कर स्कूल वैन एसोसिएशन ने भी बुधवार से करीब 450 वैन संचालन बंद करने का फैसला लिया। यानी बुधवार से बच्चे कैसे स्कूल जाएंगे, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं। वहीं, आज स्कूलों में ऑटो भी नहीं चले। सुबह अभिभावकों ने अपने विकल्पों से बच्चों को स्कूल छोड़ा। हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को स्कूली वाहनों का संचालन उसी सूरत में करने के आदेश हैं, जब वे सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय नियमों व मानकों का पालन करें। इसे लेकर विभाग ने एक अगस्त से ऐसे सभी स्कूली वाहन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया हुआ है, जो मानक पूरे नहीं कर रहे। चूंकि, शहर में दस फीसद स्कूलों के पास ही अपनी बसें हैं। साथ ही स्कूल वैन भी सीमित संख्या में पंजीकृत हैं। विकल्प नहीं होने के कारण हजारों बच्चे निजी बुक की हुई बस, वैन, आटो व विक्रम में परिवहन करते हैं। कार्रवाई के डर पर आटो यूनियन ने सोमवार से बच्चों का परिवहन बंद कर दिया। वहीं, स्कूल वैन एसोसिएशन ने भी शिवाजी धर्मशाला में बैठक कर बुधवार से संचालन बंद करने का निर्णय ले लिया है। सोमवार को जिस तरह अभिभावकों और बच्चों ने परेशानी झेली और दूसरे विकल्पों के जरिए बच्चों को स्कूल छोड़ा, उससे ये साफ है कि आने वाले दिनों में उनके लिए मुसीबत और बढ़ने वाली है। एक अगस्त से नहीं चलेंगे अवैध स्कूली वाहन यह भी पढ़ें स्कूली वाहनों में सीटिंग मानक एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन के अनुसार स्कूली वाहन में पांच से 12 साल तक के बच्चों को एक यात्री पर आधी सवारी माना जाता है। स्कूल वैन में आठ सीट होती हैं। एक सीट चालक की और सात बच्चों की। सात बच्चों का आधा यानी साढ़े तीन बच्चे (यानी चार)। कुल मिलाकर वैन में पांच से 12 साल तक के 11 बच्चे ले जाए जा सकते हैं। इसी तरह बस अगर 34 सीट की है तो उसमें पांच से 12 साल के 50 बच्चे ले जाए सकते हैं। वाहनों की चेकिंग को प्रवर्तन दल बढ़ाने के निर्देश, सृजित करने होंगे 200 पद यह भी पढ़ें पांच साल तक के बच्चे हैं मुफ्त सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन में स्कूली वाहनों में पांच साल तक के बच्चों को मुफ्त ले जाने का प्रावधान है। तय नियम में स्पष्ट है कि ये बच्चे सीट की गिनती में नहीं आते। इसी नियम का फायदा उठाकर वाहन संचालक ओवरलोडिंग करते हैं और चेकिंग में पकड़े जाने पर आधे बच्चों की उम्र पांच साल से कम बताते हैं। यही नहीं कहीं पर भी पांच साल तक के बच्चों को मुफ्त ले जाने के नियम का अनुपालन नहीं किया जाता। शहर में 44 अतिक्रमण ध्वस्त, 305 नए चिह्नित यह भी पढ़ें आटो-विक्रम में दरवाजे लगाना जरूरी, तब करें परिवहन एआरटीओ के मुताबिक आटो व विक्रम भी स्कूली बच्चों को ले जा सकते हैं मगर इनमें दरवाजे लगाना जरूरी है। खिड़की पर रॉड या जाली लगानी होगी। साथ ही सीट की तय संख्या का पालन करना होगा। जैसे आटो में तीन सवारी के बदले पांच से 12 साल के सिर्फ पांच बच्चे सफर कर सकते हैं। विक्रम में छह सवारी के बदले उपरोक्त उम्र के नौ बच्चे ले जाए जा सकते हैं। इस दौरान शर्त यह भी है कि चालक के बगल में अगली सीट पर कोई नहीं बैठेगा। अगर इन मानकों को आटो-विक्रम पूरा नहीं कर रहे तो बच्चों के परिवहन में अभिभावकों का साथ होना जरूरी है। हाई कोर्ट ने एमबीबीएस के छात्रों को दी राहत, पुरानी ही फीस पर देना होगा दाखिला यह भी पढ़ें एसोसिएशनों में हुई दो फाड़ वाहन संचालन को लेकर स्कूल वैन व आटो यूनियनों में दो फाड़ हो गई है। एक आटो यूनियन तय संख्या में बच्चे ले जाने की बात कर रही है तो दूसरी ने बच्चों का परिवहन करने से साफ मना कर दिया है। एक यूनियन के अध्यक्ष बालेंद्र तोमर का दावा है कि उनकी एआरटीओ से बात हो गई है और तय नियमों पर आटो में बच्चे ले जाए जा सकते हैं। वहीं, दूसरी यूनियन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा का कहना है कि परिवहन विभाग ने कोई छूट नहीं दी है व आटो में बच्चे नहीं ले जाए जाएंगे। दूसरी तरफ, उत्तराखंड स्कूल वैन एसोसिएशन व दून स्कूल वैन एसोसिएशन में भी दो फाड़ हो गए हैं। उत्तराखंड एसो. ने तय मानकों पर बच्चों का परिवहन करने की हामी भर दी है, जबकि दून एसो. ने बच्चों को लाने से इन्कार कर दिया है। ऐसे में अभिभावक गफलत में हैं कि करें तो करें क्या। ई-रिक्शा पर क्यों मेहरबानी परिवहन विभाग ने सभी निजी स्कूली वाहनों पर प्रतिबंध तो लगा दिया है मगर ई-रिक्शा पर मेहरबानी जारी है। सोमवार को आटो न चलने के कारण ई-रिक्शा में बच्चों को भेड़-बकरियों की तरफ ढोया गया। रिक्शा चालकों ने मनमाना किराया वसूला, लेकिन विभाग नजरें फेरे रहा। कुछ आटो व वैन चालक अभिभावकों को कर रहे गुमराह अरविंद पांडे (एआरटीओ) का कहना है कि कुछ आटो व वैन चालक अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं कि परिवहन विभाग जानबूझकर ऐसा कर रहा। ऐसा कुछ नहीं है। हम कह रहे कि मानक पूरा करो और वाहन चलाओ। इसमें परेशानी क्या होगी। आखिर अभिभावकों को भी समझना होगा कि ओवरलोडिंग उनके बच्चों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। परिवहन विभाग की ओर से स्कूल कैब योजना शुरू की गई है जिसमें वैन से आधा टैक्स लिया जा रहा। बसों का टैक्स भी आधा करने की कसरत चल रही। स्कूलों को चाहिए कि वे बसों व स्कूल कैब वैन का प्रयोग करें। बस्तियों पर ले आए अध्यादेश यहां क्यों बैकफुट पर सरकार दून शहर में स्कूली वाहनों पर चल रही खींचतान पर राज्य सरकार सवालों में घिरी हुई है। अहम और बड़ा सवाल यह है कि सरकार मलिन बस्तियों को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध अध्यादेश ला सकती है, लेकिन हजारों अभिभावकों और बच्चों की परेशानी से सरकार हाथ खींच रही है। जिस तरह से सरकार ने स्कूली वाहनों का मामला सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के पाले में सरका दिया, उससे साफ है कि सरकार को सिर्फ बस्तियों के वोटबैंक की ही चिंता है। भाजपा के चार विधायक बस्तियों को टूटने से बचाने के लिए सड़क पर आ सकते हैं, लेकिन हजारों बच्चों की परेशानी वह देख नहीं पा रहे, यह भी बड़ा सवाल है। सोमवार को सरकार व परिवहन विभाग की ओर से एक सार्वजनिक पत्र जारी करते हुए यह बताया गया कि स्कूली वाहनों को लेकर की जा रही सख्ती, राज्य सरकार का नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का फैसला है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर वाहन में मानक पूरे करने के आदेश दिए हैं। विभाग के अनुसार निर्धारित मानक वाले वाहनों के परिवहन में विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं है। विभाग उन्हीं वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है, जो स्कूली वाहन के तय मानक पूरे नहीं करते। विभाग भी अच्छे से जानता है कि स्कूली वाहनों के मानक पूरे कर रहे वाहनों की संख्या महज दस फीसद ही है। बाकी वाहन वैकल्पिक सुविधा के तौर पर संचालित हो रहे, लेकिन अब अभिभावकों से यह विकल्प छीना जा रहा। रही, सरकार और भाजपा विधायक, उन्हें सिर्फ बस्तियों की चिंता है, बच्चों की नहीं। स्कूलों को बाध्य करे सरकार, एडमिशन पॉलिसी का कराए पालन स्कूल बसें या वैन लगाने को लेकर अब तक किसी सरकार ने स्कूलों पर दबाव नहीं बनाया। राज्य में सरकार चाहे कांग्रेस की रही या फिर भाजपा की। वाहन का दबाव बनाना तो दूर सरकारों ने एडमिशन पॉलिसी तक लागू नहीं कराई। पॉलिसी के अनुसार स्कूलों को अपने समीप के निवासी बच्चों को एडमिशन में प्राथमिकता देनी होती है। ऐसा इसलिए, ताकि बच्चों को परिवहन की सुविधा में दिक्कत न हो। बच्चे आराम से पैदल भी आ सकते हैं, लेकिन मोटी फीस वसूलने वाले निजी स्कूल तो पॉलिसी की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। ऊपर से सरकार भी इन पर 'मेहरबान' ही नजर आती है।

स्कूली बच्चों के परिवहन को लेकर स्थिति विकट होती जा रही है। राज्य सरकार व परिवहन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन व हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं, निजी स्कूली वाहनों का संचालन बंद करने के निर्णय से हजारों अभिभावकों की चिंता …

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WhatsApp पर हुई ग्रुप वीडियो कॉलिंग की शुरुआत, ऐसे करें यूज

फेसबुक के इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप में पहले ऑडियो कॉलिंग की शुरुआत हुई. बाद में वीडियो कॉलिंग आया और अब ग्रुप वीडियो कॉलिंग की शुरुआत हो चुकी है. डेवेलपर कॉन्फ्रेंस F8 में कंपनी ने इसका ऐलान किया था. ग्रुप कॉलिंग वीडियो के लिए ही नहीं, बल्कि ऑडियो के लिए भी है. वॉट्सऐप के मुताबिक वीडियो कॉलिंग का ये फीचर लाइव कर दिया गया है. आज से ये दुनिया भर के iOS यूजर्स और एंड्रॉयड यूजर्स को मिलेगा. वॉट्सऐप ग्रुप कॉलिंग में चार यूजर्स एक साथ वीडियो चैट कर सकते हैं. ग्रुप वीडियो कॉलिंग नया नहीं है, कई ऐप्स ऐसी सुविधा देते हैं. लेकिन वॉट्सऐप का कहना है कि इस फीचर को ऐसे डिजाइन किया गया है ताकि हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत न हो. कंपनी ने कहा है कि यह वीडियो कॉल एंड टू एंड एनक्रिप्टेड होंगे जैसे वॉट्सऐप के मैसेज होते हैं. वॉट्सऐप ग्रुप वीडियो कॉलिंग की शुरुआत करने के लिए यूजर को सबसे पहले एक को कॉल लगाना होगा इसके बाद आप दो लोगों को ऐड कर सकते हैं. इस फीचर के बाद दूसरे वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म जैसे स्काइप को टक्कर मिलने की उम्मीद है. वॉट्सऐप का यूजरबेस बड़ा है और दुनिया भर में इसके 1.5 बिलियन मंथली ऐक्टिव यूजर्स हैं. गौरतलब है कि फेसबुक की ही कंपनी इंस्टाग्राम ने वीडियो कॉलिंग का फीचर हाल ही में दिया है. कुल मिला कर फेसबुक, मैसेंजर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम इन सभी फेसबुक के प्लेटफॉर्म पर अब वीडियो कॉलिंग की शुरुआत हो चुकी है. अगर आपके वॉट्सऐप में ये फीचर नहीं आया है तो ऐप स्टोर या प्ले स्टोर से ऐप अपडेट कर सकते हैं.

फेसबुक के इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप में पहले ऑडियो कॉलिंग की शुरुआत हुई. बाद में वीडियो कॉलिंग आया और अब ग्रुप वीडियो कॉलिंग की शुरुआत हो चुकी है. डेवेलपर कॉन्फ्रेंस F8 में कंपनी ने इसका ऐलान किया था. ग्रुप कॉलिंग वीडियो के लिए ही नहीं, बल्कि ऑडियो के लिए भी …

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Bollywood Film: इस बालीवुड की फिल्म की रिलीज पर कोर्ट ने लगायी रोक, जानिए क्यों !

मुम्बई: मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने फिल्म मुल्क की रिलीज पर फिलहाल रोक लगा दी है। ऋ षि कपूर और तापसी पन्नू स्टारर ये फिल्म 3 अगस्त को रिलीज होनी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता वंदना पुनवानी की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये रोक लगाई। वंदना ने आरोप लगाए है …

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डुअल सिम सपोर्ट के साथ आ सकता है अगला iPhone

भारत में डुअल सिम वाले स्मार्टफोन काफी पॉपुलर हैं. कह सकते हैं कि भारत में बिकने वाले ज्यादातर स्मार्टफोन में डुअल सिम सपोर्ट होता है. लेकिन ऐपल ने अब तक किसी भी बाजार में iPhone का डुअल सिम वेरिएंट लॉन्च नहीं किया है. कई भारतीय यूजर्स इसलिए भी आईफोन नहीं खरीदते, क्योंकि उन्हें लगता है कि इतने पैसे लगा कर एक सिम वाला फोन क्यों खरीदें. डुअल सिम यूज करने की अपनी वजहें हैं. ताजा रिपोर्ट भारतीय यूजर्स के लिए अच्छी है जिसमें कहा जा रहा है अगले आईफोन में डुअल सिम सपोर्ट दिया जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों. iOS 12 के डायग्नोस्टिक रिपोर्ट में दो सिम स्लॉट का जिक्र है. इसमें सेकंड सिम स्टेटस है जिससे माना जा रहा है कि iOS 12 में दो सिम का भी सपोर्ट दिया जा सकता है. इतना ही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक iOS 12 के बीटा में सेकंड सिम ट्रे स्टेटस भी पाया गया है. चूंकि iPhone में अब तक डुअल सिम नहीं दिया गया है और अगर ये रिपोर्ट सही है तो मुमकिन है सितंबर में iPhone के एक वेरिएंट में डुअल सिम सपोर्ट दिया जाए. हालांकि कंपनी की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब iPhone में डुअल सिम की रिपोर्ट आ रही है, इससे पहले भी ऐसी खबरें आती रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इस बार कंपनी तीन नए iPhone लॉन्च करेगी. iPhone X Plus के साथ इस बार iPhone SE 2 भी देखने को मिल सकता है जो कम कीमत का होगा. iPhone X Plus या iPhone 11 Plus की स्क्रीन साइज 6.5 इंच की होगी, जबकि दूसरे मॉडल की स्क्रीन साइज 6.1 इंच की होगी. इन दोनों के डमी मॉडल ट्वीटर पर देखा जा सकता है. इन दोनों में डुअल रियर कैमरा सेटअप दिया जाएगा.

भारत में डुअल सिम वाले स्मार्टफोन काफी पॉपुलर हैं. कह सकते हैं कि भारत में बिकने वाले ज्यादातर स्मार्टफोन में डुअल सिम सपोर्ट होता है. लेकिन ऐपल ने अब तक किसी भी बाजार में iPhone का डुअल सिम वेरिएंट लॉन्च नहीं किया है. कई भारतीय यूजर्स इसलिए भी आईफोन नहीं …

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पाकिस्तानी सिनेमा की दिशा बदलने वाली फिल्म बनाना चाहता हूं : अली जफर

एक्टर और प्रोड्यूसर अली जफर की खुशी इस दिनों सातवें आसमान पर है. उनकी फिल्म 'तीफा इन ट्रबल' को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. अली जफर का कहना है कि उनके लिए इसकी सफलता के कई मायने हैं, इसलिए वे एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते हैं, जो पाकिस्तानी सिनेमा इतिहास की दिशा बदल सके. हालिया तनाव के बाद इस फिल्म की सफलता से संतुष्ट होने के सवाल पर उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं, सारा अनावश्यक या नकारात्मक भाव खत्म हो गया है. मैं हमेशा खुश, सतर्क और बेहतर था. अब मैं इससे भी ज्यादा खुश, बेहतर और ज्यादा विनम्र हूं." सिंगर मीका सिंह के घर चोरी, एक लाख कैश और दो लाख का सोना गायब, FIR दर्ज विवादों से फिल्म पर नकारात्मक असर होने की आशंका से उन्होंने साफ इंकार कर दिया. 'डियर जिंदगी' के इतने समय बाद 'तीफा इन ट्रबल' में अभिनय करने पर उन्होंने कहा, "मैं अपना समय सोचने में ज्यादा बिताता हूं. यह एक जुनूनी परियोजना थी, जिसमें अलग-अलग बाधाओं के बाबजूद हर विभाग को संपूर्णता से काम करना था. जल्दबाजी से अधूरा और औसत परिणाम मिलता है." 'तीफा इन ट्रबल' में रणवीर सिंह को कॉमेडी के लिए राजी करने पर उन्होंने कहा, "रणवीर बहुत अच्छे दिल के हैं. मैंने उनसे पूछा और उन्होंने हां कर दी. इसीलिए वे रणवीर सिंह हैं." प्रोड्यूसर बनने पर अली जफर ने कहा, "मैं और मेरे अच्छे दोस्त डायरेक्टर अहसान रहीम जिस प्रकार की फिल्म बनाना चाहते थे, उसके लिए एक निर्माता से बढ़कर भी चाहिए था. फिल्म में बड़ी बजट, एक नजरिया, आत्मविश्वास, कठिन परिश्रम और विश्वास तथा जिस चीज की जरूरत हमें सबसे पहले तथा सबसे ज्यादा थी, वह था बिना किसी निर्देश के हमारी राह. यह सब तभी होता जब हम ही इसका निर्माण करते." गायक अली जफर ने कहा, "मैं आगे भी संगीत के क्षेत्र में सक्रिय रहूंगा, क्योंकि यही मेरा पहला प्यार है. मैंने फिल्म के लिए गाने लिखे हैं. मेरी फिल्मों में संगीत हमेशा रहेगा." (एजेंसी इनपुट)

एक्टर और प्रोड्यूसर अली जफर की खुशी इस दिनों सातवें आसमान पर है. उनकी फिल्म ‘तीफा इन ट्रबल’ को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. अली जफर का कहना है कि उनके लिए इसकी सफलता के कई मायने हैं, इसलिए वे एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते हैं, जो पाकिस्तानी सिनेमा …

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72 साल की हैं यह खूबसूरत एक्ट्रेस, सिगरेट को बताया था फिटनेस का राज

गुजरे जमाने की एक्ट्रेस अंजु महेंद्रू ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत 1966 में बनी फिल्म 'उसी कहानी' से की थी। लेकिन उन्हें कभी उनकी फिल्मों के लिए नहीं याद किया गया, वे राजेश खन्ना की साथी रहने की वजह से ज्यादा याद की गईं। अंजू महेन्द्रू का जन्म 11 जनवरी 1946 में हुआ था। अब वे करीब 72 साल की हैं लेकिन उन्हें देखकर लगता नहीं है कि वे इतनी उम्रदराज हैं। अंजू की स्मोकिंग के चर्चे पूरी इंडस्ट्री में हैं। अंजू ने अपनी फिटनेस का राज, स्मोकिंग को ही बताया था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुद ये बात कबूली थी कि वे दिन में अगर 40 कप चाय पीती हैं, तो 40 बार स्मोक भी करती हैं। 1969 में उन्होंने राजेश खन्ना के साथ फिल्म 'बंधन' में मुख्य अभिनेत्री का किरदार निभाया था। यह फिल्म सिनेमाघरों में अच्छी चली और दोनों की दोस्ती ने भी अच्छा मुकाम हासिल कर लिया। अमरीश पुरी की खूबसूरत बेटी है फिल्मों से दूर, करती यह काम यह भी पढ़ें अंजू महेंद्र लगभग 50 साल से बॉलीवुड में हैं और वे आज भी काम कर रही हैं। फिलहाल वे टीवी सीरियलों में दिखती रहती हैं। उन्होंने आज तक शादी नहीं की। वे आज भी अपने एटीट्यूड के कारण बॉलीवुड में जानी जाती हैं। अंजू से ब्रेकअप के बाद राजेश खन्ना ने डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली। उस दौर का एक किस्सा बेहद मशहूर है जिसमें कहा जाता है कि राजेश खन्ना जानबूझकर अपनी बारात अंजू के घर के सामने से लेकर निकले थे।

गुजरे जमाने की एक्ट्रेस अंजु महेंद्रू ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत 1966 में बनी फिल्म ‘उसी कहानी’ से की थी। लेकिन उन्हें कभी उनकी फिल्मों के लिए नहीं याद किया गया, वे राजेश खन्ना की साथी रहने की वजह से ज्यादा याद की गईं। अंजू महेन्द्रू का …

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