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Bollywood: एक्टर नहीं कंटेंट राइटर बनना चाहते थे एक्टर रणवीर सिंह, आज है 34 वां बर्थडे!

मुम्बई: बॉलीवुड के डेशिंग एक्टर रणवीर सिंह आज अपना 34वां जन्मदिन मनाने वाले हैं। 6 जुलाई 1985 को रणवीर सिंह का जन्म मुंबई में हुआ था। वैसे तो रणवीर सिंह का पूरा नाम रणवीर सिंह भवनानी है लेकिन बॉलीवुड में कदम बिठाने के बाद उन्होंने अपना सरनेम भवनानी हटा दिया। खबरों …

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केजरीवाल को जेटली का इशारा

सुप्रीम कोर्ट ने कल दिल्ली सरकार और एलजी के बीच शक्तियों के बंटवारे का फैसला किया अब अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर मसला फिर उलझता नज़र आ रहा है. दिल्ली सरकार इसे अपने अधिकार में मान रही है वही केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि इस फैसले को किसी को भी एक की जीत और दूसरे की हार के तौर पर नहीं देखना चाहिए. जिन मुद्दों पर सर्वोच्च न्यायालय ने कोई राय नहीं दी है उसे किसी पक्ष विशेष का समर्थन नहीं माना जाना चाहिए. ये केजरीवाल को जेटली का इशारों में दिया गया जवाब ही है. जेटली ने गुरुवार को लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कुछ मुद्दों पर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा है इसलिए इसे कोर्ट का किसी एक पक्ष के लिए विशेष झुकाव या समर्थन नहीं माना जाना चाहिए.' वित्त मंत्री ने लिखा कि दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में पुलिस नहीं है, इसलिए दिल्ली सरकार को किसी जांच एजेंसी को नियुक्त करने का अधिकार नहीं है. दिल्ली सरकार ने ऐसा पहले किया है और यह गलत है. जेटली ने लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर अपने फैसले में कहा है कि दिल्ली की तुलना देश के अन्य राज्यों से नहीं की जा सकती है. संघशासित काडर के तौर पर प्रशासन को दिल्ली सरकार के पक्ष में दिया गया फैसला बताना पूरी तरह से भ्रमित करने वाली व्याख्या है.' सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है. उन्होंने लिखा, 'दिल्ली के उपराज्यपाल की भूमिका राज्यों के गवर्नर जैसी नहीं है. वह एक तरह से प्रशासनिक कार्यों के लिए नियुक्त प्रतिनिधि हैं.' जेटली ने लिखा कि फैसले को दिल्ली सरकार के पक्ष में नहीं बताते हुए यह कहा जाना चाहिए कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार की शक्तियों को मान्यता देते हुए राष्ट्रीय राजधानी के हित में केंद्र सरकार को सर्वोपरि रखा गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कल दिल्ली सरकार और एलजी के बीच शक्तियों के बंटवारे का फैसला किया अब अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर मसला फिर उलझता नज़र आ रहा है. दिल्ली सरकार इसे अपने अधिकार में मान रही है वही केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि इस फैसले …

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लोग जलते हैं, जलने दीजिए हम एक है-तेजप्रताप

राष्ट्रीय जनता दल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप एक साथ दिखाई दिए. जहा तेजस्वी ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार को लेकर कहा कि संभव है बीजेपी नीतीश कुमार को डंप कर दे और राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ ही चुनाव की नौबत आ जाए. उन्होंने आरजेडी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बिहार चुनाव के लिए तैयार रहें. तेजस्वी ने कहा, 'कुछ लोगों ने ऐसी धारणा बना ली है कि जेडीयू के महागठबंधन का हिस्सा बने बिना बीजेपी को हराया नहीं जा सकता. वे (बीजेपी और जेडीयू) हाल ही में बिहार में उपचुनाव हारे हैं, आखिर ऐसा क्या हुआ.' तेजस्वी ने कहा, 'हो सकता है बीजेपी हमारे चाचा (नीतीश कुमार) को लास्ट में आकर डंप कर दे और लोकसभा का चुनाव और बिहार का चुनाव एक समय पर हो जाए, तो तैयार रहिए.' गौरतलब है कि तेजस्वी और तेजप्रताप दोनों का ही कहना है कि नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं. तेजस्वी ने यह भी स्पष्ट किया था कि इस मामले को लेकर वह महागठबंधन के किन्हीं अन्य दलों के दबाव में भी नहीं आएंगे. यही समारोह में तेजप्रताप ने कहा कि तेजस्वी को अभी आगे जाना है और हम उन्हें आशीर्वाद देंगे. आरजेडी के स्थापना दिवस पर तेजप्रताप ने कहा कि कुछ लोग उनके और तेजस्वी के बीच दरारें पैदा करते हैं. तेजप्रताप ने कहा, 'तेजस्वी को अभी और आगे बढ़ना है, बढ़ते जाना है, जो लोग जलते हैं जलने दीजिए. हम आशीर्वाद देंगे तेजस्वी को, मुकुट पहनाएंगे.' उन्होंने कहा, 'हमारे बीच कुछ लोग दरारें पैदा करते हैं.' तेजप्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी को मुकुट भी पहनाया.

राष्ट्रीय जनता दल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप एक साथ दिखाई दिए. जहा तेजस्वी ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार को लेकर कहा कि संभव है बीजेपी नीतीश कुमार को डंप कर दे और राज्य में लोकसभा चुनाव …

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‘महागठबंधन नहीं ठगबंधन है’

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लेकर झारखंड बंद करने की बात को लेकर कहा कि विपक्ष के इस बंद को राज्य की जनता ने नकार दिया है. जनता विकास के साथ है, इसलिए जनता को विकास का साथ देने के लिए बधाई. मुख्यमंत्री ने बंद के दौरान गिरिडीह में बच्चों से प्रदर्शन करवाने वाले विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा,जिन बच्चों के हाथों में किताब होनी चाहिए, उन्हें सियासी दल का झंडा थमाया जा रहा है. ये राज्य और राजनीतिक दलों के लिए चिंता की बात है. इस मसले पर कानून अपना काम करेगा. मुख्यमंत्री ने बंद को लेकर विपक्षी दलों को नसीहत देेते हुए कहा कि विपक्ष नकारात्मक राजनीति को छोड़ कर सकारात्मक राजनीति करे. मिलकर राज्य का विकास करे. बतौर सीएम नकारात्मक राजनीति प्रसिद्धी तो दिला सकती है, लेकिन सिद्धि नहीं. सीएम ने महागठबंधन पर तंज भी कसा और कहा कि एकजूट की बात करने वाले विपक्षी अलग- अलग नजर आये. यह महागठबंधन नहीं ठगबंधन है. भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है. जबकि बिल में अधिनियम की मूल भावना के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं की गयी है. इस संशोधन के बाद मात्र आठ माह में रैयतों को मुआवजे का भुगतान होगा.

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लेकर झारखंड बंद करने की बात को लेकर कहा कि विपक्ष के इस बंद को राज्य की जनता ने नकार दिया है. जनता विकास के साथ है, इसलिए जनता को विकास का साथ देने के लिए बधाई. मुख्यमंत्री ने बंद के …

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मुझे डोप टेस्ट से परेशानी नहीं है-अमरिन्दर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बीते दिनों पुलिस कर्मचारियों और सरकारी मुलाजिमों का डोप टेस्ट करवाने का ऐलान किया था. अपने इस फैसले के बाद उनका काफी मजाक बनाया गया और निंदा भी की गई. जिसके जवाब में अब उन्होंने कहा कि वह अपना डोप टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन बाकी चुने हुए नुमाइंदों पर यह फ़ैसला उनकी अंतर-आत्मा पर छोड़ते देना चाहिए. मुख्यमंत्री के विचारो से असहमत कांग्रेस और अन्य पार्टियों सहित विभिन्न वर्गों ने मांग की थी कि राजनीतिज्ञों को भी अपना डोप टेस्ट करवाना चाहिए. जिसका जवाब आज सीएम अमरिंदर सिंह ने दिया है. राजनैतिक और अन्य विरोधियों को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे डोप टेस्ट करवाने के लिए कोई परेशानी नहीं है." नशे की समस्या की गंभीरता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी यह टेस्ट करवाने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कैबिनेट साथी सहित कई राजनीतिज्ञ पहले ही यह टेस्ट कराने के लिए स्वैच्छिक तौर पर आगे आए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कार्यकाल के दौरान नशा करने या नशे के कारोबार से संबंध में किसी भी राजनीतिज्ञ की तरफ अभी तक उंगली नहीं उठी, फिर भी यदि कोई मंत्री या विधायक इस टेस्ट की ज़रूरत महसूस करता है तो उनका स्वागत है. कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जहां तक उनका निजी तौर पर संबंध है, उनको ऐसा करने में कोई झिझक नहीं है. उन्होंने पंजाब में सदा के लिए नशे की बीमारी को जड़ से उखाडऩे के लिए अपनी वचनबद्धता को दोहराया है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बीते दिनों पुलिस कर्मचारियों और सरकारी मुलाजिमों का डोप टेस्ट करवाने का ऐलान किया था. अपने इस फैसले के बाद उनका काफी मजाक बनाया गया और निंदा भी की गई. जिसके जवाब में अब उन्होंने कहा कि वह अपना डोप टेस्ट करवाने के लिए …

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शत्रुघ्न सिन्हा अब क्या कह गए ?

बीजेपी से खुली बगावत कर चुके बॉलीवुड अभिनेता और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा गुरुवार को अपनी रण भूमि पटना साहिब में थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक प्रणाली है. सभी को अपनी राय रखने का और बोलने का अधिकार है. हमारी पार्टी भी लोकतांत्रिक पार्टी है. वे यहाँ नवीन किशोर सिन्हा स्मृति पार्क में समर्थकों के साथ थे और उनसे चर्चा कर रहे थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मोदी जी हमारे और देश के प्रधानमंत्री है. इसके साथ ही साथ वो हमारे पुराने साथी और मित्र हैं. हम हमसफर भी रहे हैं. अगर हम कोई बात करते हैं तो सबसे पहले ये देखना होगा कि मैं जो बात करता हूं वो जनता के हित की, देश के हित में करता हूं या नहीं. अगर देशहित में करता हूं तो इसका मतलब है कि अपनी पार्टी के हित में बात करता हूं. उसको अलग नजरिये से देखने की किसी को कोई जरूरत नहीं है. जब सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने पूछा गया कि इस बार चुनाव कहां से लड़ेंगे, पटना साहिब से या फिर दिल्ली से? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां, हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है.’ उन्होंने कहा कि आने वाला वक्ता बताएगा कि कहां से चुनाव लड़ेंगे. गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा लगातार बीजेपी और पीएम मोदी के खलाफ बयान देते रहे है और उनके अन्य दलों में शमिल होने की ख़बरें आम हो रही है.

बीजेपी से खुली बगावत कर चुके बॉलीवुड अभिनेता और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा गुरुवार को अपनी रण भूमि पटना साहिब में थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक प्रणाली है. सभी को अपनी राय रखने का और बोलने का अधिकार है. हमारी पार्टी भी लोकतांत्रिक पार्टी है. वे …

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11 साल पहले भी ललित ने की थी मोक्ष प्राप्ति की क्रिया!

बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत का मामला लगातार उलझता जा रहा है। जहां एक तरफ पुलिस लगातार मोक्ष के लिए तंत्र-मंत्र के कारण जान देने के एंगल पर जांच कर रही है वहीं परिजन लगातार मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए हत्या की आशंका जता रहे हैं। इस बीच एक ताजा खुलासा हुआ है कि 11 साल पहले भी ललित के साथ एसी ही कुछ घटना हुई थी। इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि ललित ने कहीं 11 साल पूर्व भी कथित मोक्ष प्राप्ति की कोशिश तो नहीं की थी। इसके लिए उन्होंने वही क्रिया तो नहीं की थी जो शनिवार की रात घर में की गई। इस बात की आशंका इसलिए है कि 11 साल पूर्व ललित अपनी दुकान में घायल मिले थे। आसपास के लोगों के मुताबिक उस समय भी उनके मुंह पर कपड़े आदि बंधे मिले और गले पर चोट के निशान थे। इस कारण उनकी आवाज भी चली गई थी। उस समय उनकी जान बच गई थी। उस समय ललित दुकान के अंदर मुंह पर कपड़ा बांधे मिले थे। उस घटना को ललित के परिजन हमला बता रहे हैं, लेकिन तब भी यह साफ नहीं हो सका था कि उन पर किसने व क्यों हमला किया था। कहीं ललित की सनक ने तो नहीं उजाड़ दिया परिवार बुराड़ी मामले में पुलिस की जांच व मिले सुराग जहां सामूहिक आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। इस घटना में नारायण देवी के छोटे बेटे ललित की भूमिका मुख्य रूप में सामने आई है। छोटा भाई होने के बावजूद वह घर में मुखिया की भूमिका निभा रहे थे। पड़ोसियों के मुताबिक ललित की मानसिक दशा ठीक नहीं थी। पुलिस को अंदेशा है कि मानसिक हालत ठीक नहीं होने की स्थिति में ललित अंधविश्वास में पड़ मोक्ष की प्राप्ति की आड़ में पहले परिजनों का ब्रेन वाश किया। बाद में परिजनों से अपनी बातों को मनवाने लगे। जिसकी परिणति 11 लोगों की मौत के रूप में हुई। पड़ोसियों की मानें तो परिजन भले ही ललित की सभी बाते मानते थे। लेकिन अंधविश्वासी नहीं थे। रजिस्टरों में अंतराल पर मिली लिखावट क्राइम ब्रांच की टीम को मृतकों के मकान से सोमवार को एक और रजिस्टर मिला है। रजिस्टर में लिखावट की पुष्टि के लिए इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। अब तक पुलिस को तीन रजिस्टर मिल चुके हैं। तीनों ही करीब साठ-साठ पेज के हैं। इनमें तारीख के अनुसार बातें लिखी हुई हैं। लेकिन कहीं 15 दिनों के अंतराल पर लिखावट मिली है तो कहीं दो से पांच दिन पर। कहीं-कहीं दो तीन दिनों तक लगातार लिखावट भी मिली हैं। वहीं पुलिस ने किसी तांत्रिक या बाबा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की बात से इन्कार किया है।

बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत का मामला लगातार उलझता जा रहा है। जहां एक तरफ पुलिस लगातार मोक्ष के लिए तंत्र-मंत्र के कारण जान देने के एंगल पर जांच कर रही है वहीं परिजन लगातार मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए हत्या की आशंका जता …

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पंजाब में युवक की नशे से मौत, चिता से शव उठा ले गई पुलिस

तरनतारन के कस्बा खडूर साहिब में बुधवार शाम को 22 वर्षीय युवक की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। परिवार पुलिस को सूचित किए बिना शव का अंतिम संस्कार करने जा रहा था, लेकिन पुलिस चिता से शव को उठा ले गई। पुलिस ने यह कहते हुए शव को कब्जे में ले लिया कि परिवार ओवरडोज से मौत का बहाना बनाकर पुलिस को बदनाम कर रही है। इसलिए पोस्टमार्टम जरूरी है। मृतक युवक की बुआ परमजीत कौर ने बताया कि उनके भाई गुरभेज सिंह की दो वर्ष पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। गुरभेज का लड़का मनजिंदर सिंह अमृतधारी था, जो नशे की लत का शिकार हो गया। मनजिंदर ने अपने घर में नशे का इंजेक्शन लगाया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस उन पर दबाव बना रही है कि वो यह बयान दें कि मनजिंदर सिंह की मौत की वजह कुछ और है। एएसआइ बलबीर सिंह ने कहा कि मौत की वजह का पता लगाने के लिए शव को कब्जे में लिया गया है और शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पुलिस को सूचना दिए बिना अंतिम संस्कार किया जा रहा था, जो कानून के खिलाफ है। अगर परिवार दावा कर रहा है कि युवक की मौत नशे की ओवरडोज से हुई है तो पोस्टमार्टम जरूरी है। वहीं, गुरुवार को प्रदेश में नशे से मौतों का आंकड़ा 48 पहुंच गया। पांच दिन से लापता एसी मैकेनिक का शव वीरवार को पठानकोट इलाके से बरामद हुआ। आशंका जताई जा रही है कि युवक की मौत नशे के ओवरडोज से हुई है। दसूहा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। मृतक हरप्रीत सिह उर्फ मंगा सग्गड़ गांव का रहने वाला था। चौकीदार को बंधक बना नशा मुक्ति केंद्र से नौ युवक फरार मोगा : पंजाब के पहले रेड क्रास के नशा मुक्ति केंद्र से बुधवार रात नौ युवक चौकीदार को बंधक बनाकर फरार हो गए। युवक चौकीदार की जेब से मुख्य द्वार की चाबियां व उसका मोबाइल भी ले गए हैं। मामला मोगा-कोटईसे खां रोड पर स्थित गांव जनेर के पास का है। धर्मकोर्ट के डीएसपी अजयराज सिंह ने बताया कि फरार होने के बाद एक युवक ही अपने घर पहुंचा है, जिसे उसका परिवार फिर से नशा मुक्ति केंद्र में वापस छोड़ गया है। इसके अलावा फरार अन्य किसी युवक के परिवार ने संपर्क नहीं किया है। फरार हुए युवकों ने गांव दाता के पास स्थित गुरुद्वारा साहिब के बाहर खड़े एक बाइक को चोरी किया है। सभी आठ युवकों का ब्योरा केंद्र से लिया जा रहा है।

तरनतारन के कस्बा खडूर साहिब में बुधवार शाम को 22 वर्षीय युवक की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। परिवार पुलिस को सूचित किए बिना शव का अंतिम संस्कार करने जा रहा था, लेकिन पुलिस चिता से शव को उठा ले गई। पुलिस ने यह कहते हुए शव को …

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LG से आज मिलेंगे केजरीवाल, बनेगी बात या अधिकारों की लड़ाई फिर पहुंचेगी कोर्ट?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) के अधिकारों में कटौती करने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज (शुक्रवार) को एलजी अनिल बैजल से मिलेंगे. इस बीच, तबादला-तैनाती के केजरीवाल सरकार के आदेश को लेकर एक बार फिर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और नौकरशाहों के रिश्तों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. आपको बता दें कि अभी हाल ही में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया एलजी से मिलने उनके घर धरने पर बैठ गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी थी. केजरीवाल ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने तबादले और तैनाती से जुड़े दिल्ली सरकार के आदेश नहीं माने तो उन्हें ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने होंगे. एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार आदेश का पालन करने से इनकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने सहित अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सत्ता के वर्चस्व की लड़ाई पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मुख्यमंत्री और एलजी की यह पहली मुलाकात होगी. केजरीवाल ने एलजी बैजल को पत्र लिखकर कहा कि ‘सेवा’ से जुड़े मामले मंत्रिपरिषद के पास हैं. केजरीवाल ने यह पत्र तब लिखा जब अधिकारियों ने तबादला और तैनाती के अधिकार एलजी से लेने के ‘आप’ सरकार के आदेश को मानने से इनकार कर दिया. उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के उस फैसले के बाद केजरीवाल ने यह पत्र लिखा जिसमें एलजी के अधिकारों में खासा कटौती की गई है. बैजल को लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसी भी मामले में एलजी की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को उच्चतम न्यायालय का आदेश अक्षरश: लागू कराने की दिशा में काम करने की जरूरत है. दरअसल, उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के कुछ ही घंटे बाद दिल्ली सरकार ने नौकरशाहों के तबादले और तैनाती के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंजूरी देने वाला प्राधिकारी बताया गया. बहरहाल, सेवा विभाग ने इस आदेश का पालन करने से इनकार करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की 21 मई 2015 की वह अधिसूचना निरस्त नहीं की जिसके अनुसार सेवा से जुड़े मामले उप-राज्यपाल के पास रखे गए हैं. क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला? दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी लंबे समय से चल रही जंग के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ही राज्य को चलाने के लिए जिम्मेदार है. फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर खुशी जता दी है, उन्होंने कहा है कि दिल्ली में लोकतंत्र की जीत हुई है. आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि केंद्र की मोदी सरकार एलजी के जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ा रही है और राज्य सरकार को काम नहीं करने दे रही है.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) के अधिकारों में कटौती करने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज (शुक्रवार) को एलजी अनिल बैजल से मिलेंगे. इस बीच, तबादला-तैनाती के केजरीवाल सरकार के आदेश को लेकर एक बार फिर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और नौकरशाहों के रिश्तों में तनाव की …

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जयललिता केस: अपोलो की टेक्निशियन कुछ अलग ही बता रही कार्डिएक अरेस्ट का समय

जयललिता के मौत के मामले में एक बार फिर से विवाद और संशय शुरू हो गया है. असल में इस मौत की जांच कर रहे आयोग के समक्ष अपोलो अस्पताल की एक टेक्निशियन ने कार्डिएक अरेस्ट का जो समय बताया है, वह अस्पताल द्वारा दी गई जानकारी से अलग है. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अपोलो की एक टेक्निशियन नलिनी ने जस्टिस ए. अरुमुगासामी आयोग के समक्ष अपने बयान में बताया है कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का इकोकार्डियोग्राम टेस्ट 4 दिसंबर, 2016 को अपराह्न 3.50 बजे किया गया. इसका मतलब है कि इसके पहले ही जयललिता को कार्डिएक अरेस्ट आया होगा और उनकी तबीयत बिगड़ी होगी. लेकिन अपोलो अस्पताल का हेल्थ रिकॉर्ड कहता है कि जयललिता को 4 दिसंबर, 2016 को अपराह्न 4.20 बजे गंभीर कार्ड‍िएक अरेस्ट आया. जयललिता की सहेली वीके शशिकला ने भी आयोग के समक्ष अस्पताल वाला समय ही बताया है. लेकिन टेक्निशियन नलिनी ने बताया है कि जब वह अपने ऑपरेट्स के साथ जयललिता के कमरे में पहुंची तो वहां पहले से ही डॉक्टर जयललिता को बचाने के लिए हॉर्ट मसाज जैसे उपाय कर रहे थे. नलिनी ने कहा, 'इमरजेंसी कॉल की वजह से हम सिर्फ ईसीजी की लीड और मॉनिटर लेकर दौड़ पड़े. मुझे अब भी याद है कि मॉनिटर पर ईसीजी जांच का समय 3.50 PM दिख रहा था.' नलिनी ने जो समय बताया है, वह अपोलो हॉस्पिटल डायबेटोलॉजिस्ट जयश्री गोपाल की रिपोर्ट से अलग है. जयश्री ने बताया है कि उनके पास 4.00 PM पर फोन आया जिसके बाद वह और उनके पति डॉक्टर बाबू के. अब्राहम और उनके पति अस्पताल की ओर तेजी से चल पड़े.' अपोलो अस्पताल द्वारा दर्ज केस शीट के मुताबिक जयललिता को 4.20 PM पर कार्डिएक अरेस्ट आया. इसके बाद डॉक्टरों ने तत्काल ईसीजी और कार्डियोपुलमनरी रिससिटैशन (CPR) किया. इसके बाद सर्जिकल रिससिटैशन और एक्स्ट्राकॉरपोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सिजेनेशन (ECMO) किया गया और इसके सहारे जयललिता अगले एक दिन यानी 5 दिसंबर, 2016 तक जिंदा रहीं.

जयललिता के मौत के मामले में एक बार फिर से विवाद और संशय शुरू हो गया है. असल में इस मौत की जांच कर रहे आयोग के समक्ष अपोलो अस्पताल की एक टेक्निशियन ने कार्डिएक अरेस्ट का जो समय बताया है, वह अस्पताल द्वारा दी गई जानकारी से अलग है. …

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