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सचिवालय में दम तोड़ रही वर्षा जल संरक्षण की मुहिम

पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की वर्षा जल संरक्षण की मुहिम को सचिवालय में ही पलीता लग रहा है। दरअसल, वर्षा जल को सहेजने के लिए जल संस्थान को सचिवालय में तीन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाने की इजाजत तो दे दी गई। लेकिन, जल संस्थान की मानें …

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गुलाब की खेती से गुलाबी हुए काश्तकारों के चेहरे, कर रहे इतनी कमाई

गुलाब की खेती चमोली जिले के चीन सीमा से लगे जोशीमठ ब्लॉक के ग्रामीणों के लिए आर्थिकी का सबल जरिया बन गई है। यात्रा सीजन होने के कारण एक-एक गुलाब सौ-सौ रुपये तक में बिक रहा है। साथ ही गुलाब के तेल से भी ग्रामीणों की अच्छी आमदनी हो रही है। अब तक ग्रामीण गुलाब का तेल बेचकर तीन लाख रुपये की कमाई कर चुके हैं। जोशीमठ ब्लॉक के भोटिया जनजाति बहुत ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अन्य फसलों के साथ गुलाब की खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। असल में यह नकदी फसल बाहुल्य क्षेत्र है। लोग यहां आलू, राजमा व चौलाई की खेती के अलावा सेब, आड़ू, खुबानी, पुलम आदि की बागवानी भी करते हैं। गांवों के जंगल से सटे होने के कारण फसलों को जंगली जानवर तबाह कर देते हैं। रही-सही कसर पूरी कर देता है मौसम। ऐसे में फसल का दो तिहाई हिस्सा भी बामुश्किल काश्तकारों को मिल पाता है। इसी को देखते हुए काश्तकारों ने गुलाब की खेती शुरू की है। उन्होंने गुलाब के पौधे खेतों के चारों ओर लगाए हैं और बीच में बोई जाती हैं नकदी फसलें। गुलाब के पौधों पर कांटे होने के कारण यह घेरबाड़ का काम भी कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि गुलाब को बाजार भी हाथोंहाथ मिल रहा है। हेमकुंड की यात्रा में बर्फ के रास्तों का उठाइए रोमांच यह भी पढ़ें एक साल में 35 क्विंटल गुलाब जल ग्रामीण गुलाब से तेल भी निकाल रहे हैं। सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई (देहरादून) की ओर से काश्तकारों को 13 आसवन संयंत्र निश्शुल्क दिए गए हैं। इनसे काश्तकारों ने इस साल 35 क्विंटल गुलाब जल तैयार किया है। सौंदर्य प्रसाधन से जुड़ी कंपनियां काश्तकारों से सीधे गुलाब जल खरीद रही है। साथ ही स्थानीय बाजार में भी गुलाब जल की खासी मांग है। बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब आने वाले यात्री गुलाब जल को हाथोंहाथ खरीद रहे हैं। बदरीनाथ धाम यात्रियों से गुलजार, जोशीमठ में पसरा सन्नाटा यह भी पढ़ें गुणवत्ता में उत्तम दमिश्क, हिमरोज व नूरजहां हेमकुंड यात्रा: पैदल मार्ग पर हिमखंडों के बीच से चलकर बढ़ रहा रोमांच यह भी पढ़ें क्षेत्र में समुद्रतल से 5000 फीट की ऊंचाई पर उगने वाले दमिश्क, हिमरोज व नूरजहां प्रजाति का गुलाब उगाया जा रहा है। गुलाब की ये प्रजातियां हर्बल के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली भी मानी जाती हैं। इनका एक पौधा 15 साल तक फूल देता है। इन गांवों में हो रही गुलाब की खेती फूलों की अद्भुत दुनिया का करना है दीदार तो चले आइए यहां यह भी पढ़ें जोशीमठ ब्लॉक के द्वींग, तपोण, सलूड़, सुनील, परसारी, मेरग, तपोवन, लाता आदि गांवों में गुलाब की खेती हो रही है। इन गांवों की देखादेखी अब अन्य गांवों के लोग भी गुलाब उगा रहे हैं। बना रहे हैं गुलाब तेल परसारी निवासी किसान नरेंद्र सिंह बिष्ट के मुताबिक गुलाब की खेती हमारे लिए वरदान साबित हो रही है। मैं अब तक चार क्विंटल गुलाब जल का उत्पादन कर चुका हूं। इसके अलावा संयंत्र से गुलाब का तेल भी बनाया है। इससे मुझे एक लाख रुपये की आमदनी हुई है। वहीं, सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई देहरादून के वैज्ञानिक सुनील साह के अनुसार काश्तकार गुलाब की खेती कर हजारों बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। गुलाब जल के साथ-साथ गुलाब के तेल का उत्पादन भी काश्तकार करने लगे हैं।

गुलाब की खेती चमोली जिले के चीन सीमा से लगे जोशीमठ ब्लॉक के ग्रामीणों के लिए आर्थिकी का सबल जरिया बन गई है। यात्रा सीजन होने के कारण एक-एक गुलाब सौ-सौ रुपये तक में बिक रहा है। साथ ही गुलाब के तेल से भी ग्रामीणों की अच्छी आमदनी हो रही …

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उत्तराखंड में बनेंगी फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट, पटरी पर आएंगी स्वास्थ्य सेवाएं

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। सुधरेंगे स्वास्थ्य सेवाओं के हालात, चिकित्सकों की कमी होगी दूर यह भी पढ़ें इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। …

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इन चार जिलों ने ‘तीलू रौतेली पुरस्कार’ से फेरा मुंह, जानिए

प्रदेश के सबसे बड़े महिला सम्मान 'तीलू रौतेली पुरस्कार' में चार जिलों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। प्रत्येक जिले से सराहनीय कार्य करने वाली एक-एक महिला का नाम मांगा गया था। लेकिन, हैरत की बात है कि टिहरी, चमोली, चंपावत और पौड़ी ने नाम भेजे ही नहीं। यह हाल तब है जब पिछले दो वर्षो से यह पुरस्कार नहीं दिया जा रहा था और सभी जिलों से पुरस्कार देने की मांग उठाई जा रही थी। वर्ष 2018-19 के लिए बाल एवं महिला विकास निदेशालय की ओर से 13 महिलाओं के नामों की घोषणा कर दी गई है। इनमें चार जिलों से कोई नाम नहीं है। इनके बजाय देहरादून से दो और उत्तरकाशी और ऊधमसिंहनगर से एक-एक नाम अतिरिक्त चुना गया है। प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए जिलों से नाम नहीं भेजे जाने पर निदेशालय के अधिकारी भी हैरत में है। निदेशालय की ओर से संबंधित जिले के विभागीय अधिकारियों से जवाब भी मांगा जा सकता है। पुरस्कार वितरण छह या सात जुलाई को संभावित है। यह है प्रक्रिया तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए सबसे पहले ब्लॉकों से एक-एक नाम जिलों में भेजे जाते हैं। जिले अपने-अपने ब्लॉकों के नामों से एक नाम का चयन कर निदेशालय को भेजते हैं। हर जिले से एक-एक नाम भेजा जाता है और 13 महिलाओं को पुरस्कार दिए जाते हैं।

प्रदेश के सबसे बड़े महिला सम्मान ‘तीलू रौतेली पुरस्कार’ में चार जिलों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। प्रत्येक जिले से सराहनीय कार्य करने वाली एक-एक महिला का नाम मांगा गया था। लेकिन, हैरत की बात है कि टिहरी, चमोली, चंपावत और पौड़ी ने नाम भेजे ही नहीं। यह हाल तब है …

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बुलंदशहर में मिट्टी धसकने से कुआं खोद रहे दो मजदूर दबे, एक की मौत, राहत कार्य जारी

अाज सुबह बुलंदशहर में मिट्टी की ढांग ढहने से मिट्टी में दो मजदूर दब गये। बताया जा रहा है कि यह सब लोग कुएं में उतरकर मिट्टी निकाल रहे थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया है। खुर्जा जंक्शन चौकी क्षेत्र के गांव लालपुर मुमरेजपुर में गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे गांव निवासी बलबीर (25) और छत्रपाल (22) जंगल में कुएं की साइड का निर्माण कर रहे थे। अचानक कुएं की ढांग गिर गई। दोनों मजदूर ढांग के साथ के साथ करीब 22 फुट नीचे चले गए। घटना की जानकारी मिलने पर क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पुलिस मौके पर पहुंच गई और खुदाई जारी है। सीओ खुर्जा जगदीश चंद ने बताया खुदाई जारी है। दोनों मजदूरों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

अाज सुबह बुलंदशहर में मिट्टी की ढांग ढहने से मिट्टी में दो मजदूर दब गये। बताया जा रहा है कि यह सब लोग कुएं में उतरकर मिट्टी निकाल रहे थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया है। खुर्जा जंक्शन चौकी क्षेत्र के गांव लालपुर मुमरेजपुर …

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आइआइटी कानपुर के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने छात्रों को दिए चार मंत्र, बोले असफलता से निराश न हों

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के 51 वें दीक्षा समारोह में भाग लेने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्रों को आगे बढ़ने की सीख दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमेशा आगे बढ़ते रहिए एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने छात्रों …

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एजी ऑफिस इलाहाबाद में क्लर्क ने छठी मंजिल से लगाई छलांग, मौत

संगमनगरी में आज दिन में अकाउंटेंट जनरल (एजी) ऑफिस में खलबली मच गई। यहां पर एक कर्मचारी से छठी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी। उसको प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। अकाउंटेंट जनरल (एजी) ऑफिस में कार्यरत क्लर्क अरविन्द कुमार ने आज संदिग्ध परिस्थिति …

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चर्चा में बांदा की ईको फ्रेंडली शादी, बैलगाड़ी वाला दूल्हा ले गया दुल्हनिया

विवाह समारोह में भव्यता दिखाने की होड़ वाले माहौल के बीच में बुंदेलखंड में दो परिवारों ने मिसाल पेश की है। कम खर्च के साथ ही पर्यावरण का संदेश देने वाले इस विवाह समारोह के साक्षी बने हजारों लोगों ने इनके प्रयास को जमकर सराहा है। बैलगाड़ी में युवक दुल्हन लेने आया तो लड़की पक्ष से सभी बरातियों को पौधे दिए गए। इसके बाद दुल्हन ने अपनी ससुराल में पति के साथ पौधरोपण करने के बाद घर में कदम रखा। बुंदेलखंड के बांदा में परंपराएं जीवंत हो गईं। यहां पर वैवाहिक समारोह में आधुनिक दिखावा काफी पीछे छूट गया। उन्नत तकनीक की अतार्किक बातें धरी की धरी रह गईं, जबकि गांव जीत गया। जीत इसलिए, क्योंकि इस गांव में बीते मंगलवार को 'इको फ्रेंडली' बरात आई, दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर आया। 'पर्यावरण का पहरुआ' दूल्हा खुश था ही, बैलगाडिय़ों पर सवार होकर दूल्हन के गांव पहुंचे बराती भी झूमते दिखे। यह ऐसी बरात थी जो मिसाल बनी। पर्यावरण संरक्षण का सकारात्मक संदेश देने में कामयाब हुई ...कि, बिना किसी तड़क-भड़क व दिखावे के भी बरात जा सकती है। बांदा में टॉमी बना दूल्हा व टीना बनी दुल्हन, निकली बरात यह भी पढ़ें जी हां, बैलगाड़ी से आई बरात जैसे ही नरैनी क्षेत्र के मोहनपुर खलारी गांव पहुंचीं तो लोग बरातियों के स्वागत में जुट गए। एक ऐसा विवाह जहां न डीजे और न ही रंग-बिरंगी लाइटों की तड़क-भड़क। लोगों ने भोजन भी किया तो दोना-पत्तल में। बैलगाड़ी वाला दूल्हा ले गया दुल्हनिया यह भी पढ़ें सुमनलता पटेल व उनके शिक्षक पति यशवंत पटेल ने अपनी भतीजी प्रीती का विवाह छतरपुर (मध्य प्रदेश)अंतर्गत सरबई गांव निवासी सुरेंद्र पटेल से किया। जनवासे में बरातियों के स्वागत की शुरूआत मिर्चवान (ठंडई-शरबत) से की गई। इसके बाद आगे की रस्म हुई। मंगलवार को विदाई से पहले दूल्हा-दुल्हन ने मिलकर पौधरोपण किया। बारातियों को भी विदाई में एक-एक पौधा दिया गया। फारेस्ट रेंजर जेके जायसवाल ने मौजूद एक सैकड़ा बारातियों को संकल्प पत्र के साथ पौधे भेंट किए। दूल्हा-दुल्हन की विदाई पालकी से हुई और बराती बैलगाडिय़ों से घर के लिए रवाना हो गए। क्षेत्रीय लोगों ने इस सादगी भरे वैवाहिक कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कुछ ने तो अपने बेटे-बेटियों की शादी भी इसी तरह करने की बात की। आकर्षण का केंद्र रहा हरा-भरा मंडप बांदा में असलहे की दुकान में बड़ी चोरी, दर्जनों असलहे गायब यह भी पढ़ें मंडप पूरी तरह हरियाली से सजा हुआ था। स्वागत के लिए गेट (मुख्य द्वार) आम-जामुन के पत्तों व बांस के स्ट्रक्चर से बनाया गया था, जिसे हाथी दरवाजा भी बोलते हैं। दूल्हा खजूर की मौर और जामा पहनकर पहुंचा। दो वर्ष पहले गंगापुरवा में भी ऐसा ही एक विवाह देखने को मिला था।

विवाह समारोह में भव्यता दिखाने की होड़ वाले माहौल के बीच में बुंदेलखंड में दो परिवारों ने मिसाल पेश की है। कम खर्च के साथ ही पर्यावरण का संदेश देने वाले इस विवाह समारोह के साक्षी बने हजारों लोगों ने इनके प्रयास को जमकर सराहा है। बैलगाड़ी में युवक दुल्हन …

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Big News: कबीर की नगरी पहुंची पीएम मोदी और सीएम योगी, जानिए क्या कहा?

मगहर: संत कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मगहर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान सीएम योगी ने जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसे संकीर्ण दायरों से ऊपर उठकर काम करने की अपील की। पीएम और सीएम ने संत कबीर …

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Plane Crash: मुंबई में क्रैश हुआ चार्टर्ड प्लेन, मची अफरा-तफरी!

मुंबई: मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक चार्टर्ड प्लेन क्रैश हो गया। भीड़भाड़ वाले इलाके में हुए हादसे से हड़कंप मच गया। घटना में पांच लोगों की मौत की खबर गई है। पहले रिपोट्र्स में कहा गया कि विमान उत्तर प्रदेश सरकार का था लेकिन बाद में सरकार ने इसका खंडन …

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