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टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा की जल्द आएगी तारीख

सूत्रों की मानें तो 2011 के चयन में भी यही समस्या फिर खड़ी होने वाली है। ऐसे में चयन बोर्ड की नई टीम ने पुराने कड़वे अनुभवों को न दोहराने की रणनीति बनाई है। बैठक में तय हुआ कि 2016 के विज्ञापन में घोषित पदों का नए सिरे से सत्यापन करा लिया जाए, ताकि इस चयन के अभ्यर्थियों को परेशानी न हो। सत्यापन कार्य के लिए हर जिला विद्यालय निरीक्षक को पांच से दस दिन का ही अवसर दिया जाएगा, ताकि इस प्रक्रिया में ज्यादा समय न लगे। साथ ही डीआइओएस जो रिपोर्ट भेजेंगे उसके प्रति वह जवाबदेह होंगे। सदस्यों की कमेटी गठित हो गई है वह पदों के सत्यापन की निगरानी करेगी। यह भी संकेत हैं कि चयन बोर्ड जल्द ही परीक्षा की संभावित तारीख का एलान कर देगा, ताकि उसी को ध्यान में रखकर परीक्षा केंद्र आदि का चयन तेजी से शुरू हो। यह तारीख अगली बैठक में ही घोषित हो सकती है। तैयारी है कि लिखित परीक्षा कराकर इसी वर्ष उसका परिणाम भी घोषित हो जाए। भले ही साक्षात्कार नए साल की शुरुआत में हों। इसी बीच नए विज्ञापन के आधार पर 2018 का विज्ञापन व परीक्षा कैलेंडर भी जारी होगा। छह मई को नहीं होगी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा एलटी शिक्षक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा की तारीख भी आयोग शीघ्र ही घोषित करेगा। इतना तय हो चुका है कि लिखित परीक्षा छह मई को नहीं होगी। कुल 10768 सहायक अध्यापक भर्ती (प्रशिक्षित स्नातक) परीक्षा में आवेदन के कई मामले लंबित हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर याचियों को इस परीक्षा में आवेदन का मौका देना है। सचिव जगदीश ने बताया कि याचियों को परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। इसलिए परीक्षा छह मई को नहीं हो सकती। नई तारीख पर आयोग की बैठक में निर्णय होगा।

इलाहाबाद (जेएनएन)। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा की तारीख का एलान जल्द ही करेगा। यह घोषणा बोर्ड की एक मई को प्रस्तावित बैठक में भी हो सकती है। इस परीक्षा को कराने में देरी का कारण प्रतियोगी ही हैं। चयन बोर्ड की मंशा है …

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Cabinet decision: सिविल सर्विस परीक्षा की तरह होगा यूपी पीसीएस का पैटर्न

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की कैबिनेट ने पीसीएस परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी देकर अब साक्षात्कार की वैल्यू कम कर दी है। योगी सरकार ने पीसीएस परीक्षा के प्रतियोगी छात्रों के लिए बड़ा कदम उठाया है। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में इंटरव्यू के अंकों में बेईमानी के आरोप कई बार लगे हैं। पारदर्शिता और सहूलियत के लिहाज से कैबिनेट ने सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा के 1700 अंकों को घटाकर अब 1600 अंक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें विशेष रूप से 200 अंक की जगह सिर्फ 100 अंक के इंटरव्यू होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में पीसीएस परीक्षा समेत कुल आठ प्रमुख प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट के फैसलों के बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 2013 में केंद्र सरकार के सिविल सर्विसेज में इंटरव्यू का अंक घटा था। उसी तर्ज पर यह फैसला किया गया है। इसके लिए बनाई गई कमेटियों ने सुझाव दिया था कि इंटरव्यू का अंक कम किया जाए। हर जगह अब लिखित परीक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। इसलिए अब इंटरव्यू 200 की जगह 100 अंक का किया गया है। कुल परीक्षा 1600 अंकों की होगी, जिसमें 1500 अंक की लिखित परीक्षा होगी। हिंदी और निबंध के 150-150 अंक रहेंगे, जबकि सामान्य अध्ययन के 200-200 अंक के दो प्रश्नपत्रों की जगह अब 200-200 अंक के चार प्रश्न पत्र होंगे। सिद्धार्थनाथ ने बताया कि वैकल्पिक विषय में अब चिकित्सा विज्ञान को भी जोड़ा जाएगा। –– ADVERTISEMENT –– सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने वालों को देनी ही होगी राजकीय सेवा यह भी पढ़ें अखिलेश शासन में दरकिनार, योगी सरकार की लगी मुहर यूपीएससी की तर्ज पर यूपी पीसीएस परीक्षा के इंटरव्यू के 100 अंक तय करने के जिस प्रस्ताव की अखिलेश सरकार ने अनदेखा की, उसी को बेहतर तरीके से तैयार कराकर योगी सरकार ने उस पर मुहर लगा दी है। इस कदम से परीक्षा की गुणवत्ता सुधारने की एक नई इबारत भी लिख दी गई है। सपा शासन में आयोग से यह प्रस्ताव तब गया था जब देशभर के लोकसेवा आयोगों की इलाहाबाद में हुई बैठक में इस पर विस्तार से मंथन हुआ था। यूपीएससी के पैटर्न पर यूपी पीसीएस की परीक्षा कराने का यह प्रस्ताव विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सपा शासन (अक्टूबर 2016) में मंजूरी के लिए भेजा गया था। उस समय आयोग में अटल राय सचिव थे। प्रस्ताव को तैयार करने के लिए यहां देशभर से विशेषज्ञ बुलाए गए थे। इसमें पीसीएस परीक्षा गुणवत्तायुक्त कराने की परिकल्पना की गई थी। अखिलेश सरकार ने इस पर गंभीरता नहीं बरती और कई खामियां दर्शाते हुए उसे आयोग को वापस भेजते हुए संशोधन का निर्देश दिया। इसके बाद विधानसभा चुनाव हो गए तो जनता ने प्रदेश का निजाम ही बदल दिया। इसमें यह भी अहम है कि आयोग से प्रस्ताव बनाकर भेजने जाने से पहले इलाहाबाद में देशभर के लोकसेवा आयोगों की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। जिसमें आयोग की परीक्षाओं पर लगातार उठ रही अंगुली, परीक्षा की गुणवत्ता में कमी तथा विशेषज्ञों के चयन में पूरी गंभीरता बरतने के साथ ही साक्षात्कार 200 नंबरों का होने के चलते धांधली की गुंजाइश को बताते हुए इसे 100 नंबर का कर देने की सिफारिश की गई थी। इलाहाबाद में बैठक होने के नाते उप्र लोकसेवा आयोग को संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर परीक्षा कराने के लिए प्रेरित भी किया गया था। इसके बाद बने प्रस्ताव पर भी सपा शासन ने गंभीरता नहीं बरती, अब योगी सरकार ने पैटर्न में बदलाव को मंजूरी दी है।

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की कैबिनेट ने पीसीएस परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी देकर अब साक्षात्कार की वैल्यू कम कर दी है। योगी सरकार ने पीसीएस परीक्षा के प्रतियोगी छात्रों के लिए बड़ा कदम उठाया है। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में इंटरव्यू के अंकों में …

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यूपी पीसीएस 2018 में एसडीएम के 116 पद, डिप्टी एसपी समेत कई पद बढ़ेंगे

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2018 प्रारंभिक परीक्षा का संक्षिप्त विज्ञापन (नोटिफिकेशन) शीघ्र ही जारी होगा। आयोग को एसडीएम के पदों पर अधियाचन मिलने का इंतजार था, शासन ने आयोग को एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेज दिया है। वहीं, अन्य पदों का अधियाचन पहले ही आ चुका है। आयोग में परीक्षा कार्यक्रम पर विचार विमर्श भी शुरू हो गया है। आयोग ने पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 24 जून को पहले ही प्रस्तावित कर रखी है। इसके लिए तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। करीब दो दर्जन पदों के अधियाचन आयोग को शासन से समय-समय पर मिल गए थे लेकिन, एसडीएम के पद का अधियाचन न आने से तैयारी जहां की तहां रुकी रही। इस इंतजार को खत्म करते हुए शासन ने एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेजा है। अधियाचन मिलने में विलंब के चलते परीक्षा की तारीख में मामूली बदलाव के भी आसार हैं। आयोग शीघ्र ही पदों की गणना कर परीक्षा कार्यक्रम तैयार करेगा। वहीं पीसीएस परीक्षा को यूपीएससी के पैटर्न पर कराने की शासन से मंजूरी मिलने के बाद पीसीएस 2018 की तैयारियों को बल मिल गया है। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया है कि शीघ्र ही आयोग की बैठक में विचार विमर्श होगा। कुल पदों की गणना के आधार पर परीक्षा कार्यक्रम तैयार होगा। इसके बाद विज्ञापन जारी किया जाएगा। हालांकि इसकी संभावित तारीख के संबंध में सचिव का कहना था कि आयोग की बैठक में निर्णय होगा। –– ADVERTISEMENT –– Cabinet decision: सिविल सर्विस परीक्षा की तरह होगा यूपी पीसीएस का पैटर्न यह भी पढ़ें पीसीएस में अब बढ़ेंगे मेधावियों के लिए अवसर राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली पीसीएस परीक्षा की प्रणाली में बदलाव से मेधावियों के लिए अवसर बढ़ेंगे। साक्षात्कार के अंकों में कमी से जहां आयोग की मनमानी और पक्षपात पर अंकुश लगेगा, वहीं मुख्य परीक्षा में बदलाव से अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को भी आंका जा सकेगा। इस फैसले के बाद प्रतियोगियों के बीच असली होड़ मुख्य परीक्षा में ही रहेगी। पीसीएस परीक्षा के साक्षात्कार में पक्षपात के आरोप काफी पहले से लगते रहे हैं। सपा शासनकाल में हुई परीक्षाओं में प्रतियोगियों ने यह आरोप मुखर होकर लगाए थे। साक्षात्कार के लिए 200 अंक निर्धारित थे, जिसमें किसी को 80 से कम और 140 से अधिक अंक नहीं दिए जाते। यदि किसी को दिया जाता है, तो इंटरव्यू बोर्ड को नोटिंग करनी पड़ती है कि इस वजह से अधिक अंक दिए गए हैं। इसका लाभ उठाकर मनमाने ढंग से अंक दिए गए। आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 पर भी विवादों का साया, सात प्रश्नों पर उठ रहे सवाल यह भी पढ़ें इसका परिणाम यह हुआ कि कई अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में अधिक अंक हासिल करने के बाद भी साक्षात्कार में कम अंक पाने की वजह से चयनित नहीं हो पाए। उदाहरण के लिए प्रतियोगी छात्र वैभव पांडेय के लिए पीसीएस का साक्षात्कार वाटरलू साबित हुआ। इसी प्रकार तीन बार परीक्षा दे चुके उदयभन द्विवेदी को भी साक्षात्कार के कम अंकों की वजह से ही मायूस होना पड़ा। प्रतियोगी छात्र समिति के सचिव अवनीश पांडेय सरकार के इस फैसले को सराहनीय बताते हैं। उनके अनुसार इससे प्रतियोगियों के केंद्र में लिखित परीक्षा होगा और वह कुंठा व अवसाद से भी बचे रहेंगे। गौरतलब है कि राज्य सरकार भर्ती परीक्षाओं में साक्षात्कार को अनियमितता का एक प्रमुख कारण मानती रही है। इसी वजह से समूह ग की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार खत्म किए जा चुके हैं। पीसीएस के साक्षात्कार में अंकों में कमी करके सरकार ने इस कड़ी को आगे बढ़ाया है।

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2018 प्रारंभिक परीक्षा का संक्षिप्त विज्ञापन (नोटिफिकेशन) शीघ्र ही जारी होगा। आयोग को एसडीएम के पदों पर अधियाचन मिलने का इंतजार था, शासन ने आयोग को एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेज दिया है। वहीं, अन्य पदों का अधियाचन पहले ही आ …

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पीड़िता के पिता बोले, आसाराम को सजा के फैसले से खुशी, बेटी को मिली जीत

शाहजहांपुर (जेएनएन)। आसाराम पर आए फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। इस फैसले से उनकी बेटी को जीत मिली है। बता दें कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। फैसला आने के बाद शाहजहांपुर स्थित अपने घर से निकलकर पीड़िता के पिता बाहर आए। उन्होंने मीडिया और जिला प्रशासन को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। कोर्ट के फैसले पर उन्होंने खुशी जताई। साथ ही यह भी कहा कि उनकी बेटी भी इस फैसले से खुश है। हम लोगों ने काफी संघर्ष किया। सजा को लेकर वह बोले कि कोर्ट पर भरोसा है। कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। मंगलवार से ही पीड़िता के घर के बाहर सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया गया है। किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो सके इसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। इससे पहले एसपी केबी सिंह परिवार से मिले थे। उनके मुताबिक, पीड़ित परिवार की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। लगातार मॉनीट¨रग की जा रही है। पर्याप्त पुलिस फोर्स तैनात है। दुकानदार से मारपीट करने में शाहजहांपुर के पांच पुलिसकर्मी बर्खास्त यह भी पढ़ें खुफिया तंत्र भी सक्रिय है। पुलिस लगातार भ्रमणशील है। संदिग्धों पर विशेष नजर रखी जा रही है। यह था मामला पीड़िता ने जब आसाराम पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे तब वह छिंदवाड़ा आश्रम के कन्या छात्रावास में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। जानकारी के अनुसार पीड़िता के पिता के पास 7 अगस्त, 2013 को छिंदवाड़ा आश्रम से फोन आया कि उनकी बेटी बीमार है। इस पर पीड़िता के पिता वहा पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे सिर्फ आसाराम ही ठीक कर सकते हैं। पीड़िता के माता-पिता अपनी बेटी के साथ 14 अगस्त को आसाराम से मिलने जोधपुर आश्रम में पहुंचा। इसके अगले दिन 15 अगस्त को आसाराम पे 16 साल की पीड़िता को अपनी कुटिया में बुला लिया और उसके साथ 1 घटे तक यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने इस मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी तो उन्होंने 20 अगस्त, 2013 को दिल्ली कमलानगर पुलिस थाने में रात 2 बजे एफआरआर दर्ज कराई थी। मामला जोधपुर ट्रासफर कर दिया गया। जोधपुर पुलिस ने जाच के बाद आसाराम को 30 अगस्त की आधी रात इंदौर स्थित आश्रम से गिरफ्तार किया था।

शाहजहांपुर (जेएनएन)। आसाराम पर आए फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। इस फैसले से उनकी बेटी को जीत मिली है। बता दें कि जोधपुर कोर्ट ने आसाराम समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। …

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सीबीएसई पेपर लीक: 12वीं के 6 लाख विद्यार्थी आज दोबारा देंगे परीक्षा

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के बहुचर्चित पेपर लीक मामले के बाद आज देश भर में कक्षा 12वीं के लगभग 6 लाख सीबीएसई विद्यार्थी इकोनॉमिक्स की दोबारा परीक्षा देंगे. यह परीक्षा देश के 4 हज़ार केंद्रों में आयोजित की जा रही है. इकोनॉमिक्स की परीक्षा 10:30 बजे शुरू होगी और दोपहर 1:30 बजे तक चलेगी. वहीं परीक्षा केंद्र में 10 बजे के बाद छात्रों को एंट्री नहीं दी जाएगी. इसीलिए विद्यार्थियों को हिदायत दी गई है कि वे 9 बजे ही परीक्षा सेण्टर पहुँच जाएं. इस परीक्षा के लिए सीबीएसई ने नया एडमिट कार्ड जारी किया है. गौरतलब है कि इससे पहले सीबीएसई द्वारा इकोनॉमिक्स की परीक्षा 26 मार्च को आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक होने के बाद बोर्ड ने दोबारा परीक्षा का एलान किया था, जिसका देश भर में विरोध हुआ था. 12वीं के इकोनॉमिक्स के पेपर के साथ ही 10वीं का गणित का पेपर भी लीक हुआ था. पेपर लीक होने के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने तुरंत फैसला लेकर कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के एक-एक पेपर को दोबारा करवाने की घोषणा की थी. किन्तु जनता के भरी विरोध के बाद 10वीं के पेपर पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन 12वीं कक्षा के पेपर दोबारा करने के लिए 25 अप्रैल की दिनांक निर्धारित की गई थी. आपको बता दें कि पेपर लीक होने के बाद एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में 'इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर एग्जामिनेशन सेंटर्स को भेजा जाएगा. वहीं परीक्षा से आधा घंटे पहले सेंटर्स को इलेक्ट्रॉनिक पेपर भेजा जाएगा. सीबीएसई का पेपर पासवर्ड प्रूफ होगा. सेंटर पर ही प्रिंट आउट निकालकर छात्रों को पेपर बांटा जाएगा.

 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के बहुचर्चित पेपर लीक मामले के बाद आज देश भर में कक्षा 12वीं के लगभग 6 लाख सीबीएसई विद्यार्थी इकोनॉमिक्स की दोबारा परीक्षा देंगे. यह परीक्षा देश के 4 हज़ार केंद्रों में आयोजित की जा रही है. इकोनॉमिक्स की परीक्षा 10:30 बजे शुरू होगी और …

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ओडिशा में खुलेंगी 115 नई अदालतें

भुवनेश्वर : न्याय प्रक्रिया को और गति देने के लिए ओडिशा में 115 नई अदालतें खोली जाएंगी. इनमें सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालतें शामिल है.ओडिशा सरकार की योजना हर ब्लॉक में अदालत खोलने की है .राज्य में कुल 314 ब्लॉक हैं.199 अदालतें खोली जा चुकी है.यह जानकारी कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा में दी. आपको जानकारी दे दें कि बीते पांच सालों में सरकार ने ओडिशा में विभिन्न श्रेणी की अबतक 220 अदालतें खोली जा चुकी है .महिलाओं के मामलों के लिए विशेष अदालतें खोलने की भी योजना है. 29 जिलों मे परिवार न्यायालय चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द न्याय दिलाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. उल्लेखनीय है कि जल्द न्याय दिलाने की व्यवस्था वाले राज्यों की श्रेणी में ओडिशा अव्वल है.जेना ने बताया गत पांच सालों में विभिन्न निचली अदालतों में 21 लाख दर्ज मामलों में से 20.9 लाख मामलों का निपटारा हो चुका है. इसी तरह हाईकोर्ट में 3.97 लाख मामलों में से 3.73 लाख मामले निपटाए जा चुके हैं.पश्चिमी और दक्षिणी ओडिशा में हाईकोर्ट की पीठ खोलने की मांग वर्षों से लंबित है. इस बारे में केंद्र से कई बार पत्राचार भी किया है. इस मामले का केंद्र की पहल पर ही समाधान हो सकता है.

 न्याय प्रक्रिया को और गति देने के लिए ओडिशा में 115 नई अदालतें खोली जाएंगी. इनमें सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालतें शामिल है.ओडिशा सरकार की योजना हर ब्लॉक में अदालत खोलने की है .राज्य में कुल 314 ब्लॉक हैं.199 अदालतें खोली जा चुकी है.यह …

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पाकिस्तान से आकर आसाराम ने फैलाया धर्म का कारोबार

जोधपुर: यौन शोषण केस में लगभग पिछले पांच साल से कैद आसाराम के भविष्य का फैसला आज होने वाला है, दलित एवं नाबालिग युवती से रेप के मामले में आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पोक्सो ऐक्ट के तहत केस चल रहा है, यदि वह दोषी करार दिए जाते हैं तो आसाराम को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है. लेकिन क्या आप असुमल के आसाराम बनने की कहानी जानते हैं, अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं कि कौन था आसाराम और कैसे बना धर्मगुरु .. आसाराम का असली नाम असुमल थाउमल हरपलानी है. उसका परिवार मूलतः सिंध, पाकिस्तान के जाम नवाज अली तहसील का रहनेवाला था, लेकिन भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उसका परिवार अहमदाबाद में आकर बस गया था. बताया जाता है कि असुमल का परिवार लकड़ी और कोयले बेचकर गृहस्ती चलाता था, साथ ही दुनिया को प्रवचन देने वाला आसाराम तीसरी तक ही पढ़ा है. पिता की मौत के बाद असुमल ने कभी तांगा चलाया तो कभी चाय बेची, कहा तो यह भी जाता है कि असुमल गुजरात में शराब ब्लैक करता था. बताया जाता है कि 15 साल की उम्र में असुमल अहमदाबाद के एक आश्रम में रहने आ गया था. आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह से असुमल ने दीक्षा ली और फिर साधना करने के बाद गुरु लीलाशाह ने ही उसका नाम आसाराम बापू रखा. अपने पहले आश्रम और ट्रस्ट की स्थापना आसाराम बापू ने 1973 में अहमदाबाद के मोटेरा गाँव में में की, जिसके बाद तो आसाराम के साम्राज्य में इजाफा होते चला गया. यहाँ तक कि कई राजनीतिक पार्टियों में में भी उसकी गहरी पैठ बन गई. 1997 से आसाराम पर आरोपों का दौर शुरू हुआ, जब उसपर रेप, जमीन हड़पने, हत्या जैसे कई आरोप लगे, 2008 में जब आसाराम पर तांत्रिक क्रिया करने के दौरान एक बच्चे की हत्या करने का आरोप लगा तब तत्कालीन सीएम मोदी ने उसपर जाँच कमिटी बिठाई, उस वक़्त आसाराम ने मोदी को कहा था कि "तू भस्म हो जाएगा". 2013 में आसाराम पर नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप लगा, जिसके बाद आसाराम भगा-भगा फिरने लगा, यहाँ तक कि वो पूछताछ के लिए भी पुलिस के सामने नहीं आया. लेकिन गैर जमानती वारंट जारी होने पर 1 सितम्बर 2013 को जोधपुर पुलिस ने उसे इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद से आसाराम अभी तक जेल में ही है.

यौन शोषण केस में लगभग पिछले पांच साल से कैद आसाराम के भविष्य का फैसला आज होने वाला है, दलित एवं नाबालिग युवती से रेप के मामले में आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पोक्सो ऐक्ट के तहत केस चल रहा है, यदि वह दोषी करार दिए जाते हैं तो आसाराम …

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#AsaramBapu :आसाराम सहित सभी 5 आरोपी दोषी करार, जल्द हो सकता है सजा का ऐलान!

जोधपुर:: यौन शोषण केस में आसाराम समेत सभी 5 आरोपियों को जोधपुर कोर्ट ने दोषी करार दिया है। जोधपुर केंद्रीय कारागार परिसर में जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम को दोषी करार दिया। आसाराम के समर्थक दंगा न फैलाएंए इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। कारों और बसों में लोगों …

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आसाराम दोषी करार

जोधपुर: यौन शोषण केस में जज ने आसाराम के साथ सभी गुनाहगारो को दोषी करार दिया. 356 /34 के तहत प्रकाश, शिल्पी, शिवा शरद सभी को दोषी करार दिया गया .जज ने पाक्सो एक्ट के तहत सजा का एलान किया. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह जैसे ही जोधपुर की जेल में पहुंचे तो आसाराम के मामले पर फैसले की घड़ी की सुइयों की रफ्तार बढ़ गई. फैसला सुनाने के लिए जोधपुर सेंट्रल जेल में ही कोर्ट तैयार किया गया था, जहां आसाराम बंद है. इस तरह यौन शोषण केस में लगभग पिछले पांच साल से कैद आसाराम के भविष्य का फैसला हुआ. कुल 14 वकीलों की मौजूदगी में 160 दस्तावेजों को पेश किया गया. आसुमल हरपलाणी उर्फ आसाराम पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली दलित नाबालिग लड़की के साथ रेप केस में उक्त सजा हुई. गौरतलब है कि दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम पर एफआईआर दर्ज की गई. आसाराम पर जीरो एफआईआर दर्ज हुई. एफआईआर में आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ. दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल कराया गया. हालांकि बरी किए जाने की स्थिति में भी आसाराम जेल से रिहा नहीं होते, क्योंकि उनके खिलाफ सूरत की दो बहनों से रेप के दो केस अहमदाबाद कोर्ट में चल रहे हैं. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह 8 बजे ही जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे. जेल में ही तैयार किए गए कोर्ट में जज ने अपना फैसला सुनाया. जोधपुर सेंट्रल जेल के DIG विक्रम सिंह और जोधपुर पुलिस ने मामले को लेकर जोधपुर की सुरक्षा बढ़ा दी है. शहर में धारा 144 लगी हुई है. बावजूद इसके आसाराम का एक समर्थक जेल तक माला लेकर पहुंच गया जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

 यौन शोषण केस में जज ने आसाराम के साथ सभी गुनाहगारो को दोषी करार दिया. 356 /34  के तहत प्रकाश, शिल्पी, शिवा शरद सभी को दोषी करार दिया गया .जज ने पाक्सो एक्ट के तहत सजा का एलान किया. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह जैसे ही जोधपुर की जेल …

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लखनऊ पुलिस ने पकड़ा भाजपा का फर्जी विधायक व मंत्री, लोगों को कर रहा था परेशान!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मडिय़ांव पुलिस ने एक फर्जी विधायक व कैबिनेट मंत्री को उसके साथियोंं के साथ गिरफ्तार किया है। फर्जी मंत्री टाटा सफारी कार पर भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री लिखकर चलता था। लोगों को कैबिनेट मंत्री बता कर अर्दब लेकर उनके खाली पड़े प्लाटों …

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