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शी जिनपिंग के सामने किम जोंग उन ने मांगी मदद

कुछ दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से सिंगापूर में ऐतिहासिक शिखर वार्ता मुलाकात की थी. अब जिसके बाद किम जोंग उन ने प्योंगयांग पर लगे प्रतिबंध को हटाने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद की मांग की है. यह खबर एक जापानी समाचार पत्र ने दोनों देशों में कई अनाम सूत्रों का हवाला देते हुए छापी है. इस समाचार पत्र ने प्रकाशित हुई खबर के अनुसार किम ने बीजिंग में पिछले महीने शी के साथ अपनी तीसरी बैठक के दौरान यह अनुरोध किया और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसके लिए अपनी तरफ से अधिकतम प्रयास करने का वादा किया है. यहाँ पर किम ने शी से कहा, ‘हमे आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से बहुत सारी परेशानी का सामना करना पड़ हैं. अब हमने अमेरिका - उत्तर कोरिया के बीच शिखर वार्ता सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, किम ने कहा मैं चाहता हूं कि चीन प्रतिबंध को जल्द हटवाने के लिए काम करे.’ बता दें की हाल के महीनों में शीत युद्ध के दौर के सहयोगी देशों ने प्योंगयांग के परमाणु परीक्षणों और बाद में उस पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का चीन द्वारा समर्थन किए जाने के कारण दोनों देशों के रिश्तों में आई दुरी को दूर करने का प्रयास किया है.

कुछ दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से सिंगापूर में ऐतिहासिक शिखर वार्ता मुलाकात की थी. अब जिसके बाद  किम जोंग उन ने  प्योंगयांग पर लगे प्रतिबंध को हटाने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद की मांग की है. …

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12 वीं किताब में बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति से लेकर आपातकाल का जिक्र

वहीं गुजरात में हुए दंगों को लेकर इस पुस्तक में अटल बिहारी वाजपई का वह बयान भी दर्ज है जो उन्होंने उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्तिथि में दिया था जिसमें अटल बिहारी वाजपई मोदी को सन्देश देते हुए दिखाई देते है कि ‘मुख्यमंत्री को मेरा संदेश है कि वे राजधर्म का पालन करें. शासक को अपनी प्रजा के बीच जाति, मत या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए.’

हाल ही में देश के शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इंदिरा गाँधी के समय लगी इमरजेंसी के बारे में जिक्र करते हुए काला दिवस मनाया था उसी समय प्रकाश जावड़ेकर ने इस बारे में एक ऐलान करते हुए एक ट्वीट किया जिसमें लिखा था कि “हमने यह तय किया है …

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पूर्ण राज्य को लेकर अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली में हुंकार

अरविन्द केजरीवाल एक बार फिर अपने पुराने रंग में नजर आ रहे है. पूर्वं स्वराज और पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमला बोला है. रविवार को एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए केजरीवाल ने दिल्ली को अनिल बैजल उपराज्यपाल का गुलाम बताया. अरविन्द केजरीवाल ने इस बारे में कहा कि "दिल्ली कई वर्षों से बस गुलामी की मार ही झेल रही है. दिल्ली पहले मुगलों की गुलाम थी, उसके बाद दिल्ली पर अंग्रेजों ने अपना हक़ जमाया वहीं अब दिल्ली यहाँ के उपराज्यपाल अनिल बैजल की गुलाम है. अनिल बैजल पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि "दिल्ली की जनता के लिए कोई भी अच्छी स्किम लागू करने से पहले अनिल बैजल उस पर रोक लगा देते और फाइल रोक देते है, क्या यह दिल्ली की जनता का अपमान नहीं है?" वहीं मोहल्ला क्लिनिक के बारे में बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि "आगामी सितम्बर माह में दुनिया के 6 बड़े नेता दिल्ली आ रहे हैं. यूनाइटेड नेशन के पूर्व महासचिव, कॉफी अन्नान, नार्वे के पूर्व प्रधानमंत्री समेत तमाम बड़े नेता मोहल्ला क्लीनिक देखने आ रहे हैं." अपने पुरे भाषण में केजरीवाल ने उन योजनाओं का भी जिक्र किया है, जो योजनाएं दिल्लीवासियों के भले के लिए थी लेकिन उन योजनाओं पर अनिल बैजल ने रोक लगा दी.

अरविन्द केजरीवाल एक बार फिर अपने पुराने रंग में नजर आ रहे है. पूर्वं स्वराज और पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमला बोला है. रविवार को एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए केजरीवाल ने दिल्ली को अनिल …

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उमा भारती का बाबा रामदेव को लिखा पत्र आप भी पढ़े

योग गुरु बाबा रामदेव का गंगा की सफाई पर असंतोष जताते हुए नितिन गडकरी की तारीफ करना केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को नहीं सुहाया है. बाबा रामदेव ने दो मंत्रियों के कामों की तुलना करते हुए कहा था कि आज भी गंगा दूषित ही है. बाबा रामदेव ने कहा कि गंगा पर काम तो हुआ है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए. उमा भारती ने बाबा रामदेव के इस बयान का जवाब एक पत्र लिख कर दिया है. उमा ने लिखा कि इस योजना में शुरू से ही नितिन जी भागीदारी रहे हैं. अब वे मेरी भी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं. गंगा पर पहले जो हुआ उसमें उनकी भूमिका थी, अब जो हो रहा उसमें मेरी भूमिका है. इसमें तुलना नहीं हो सकती. पहले प्लानिंग की स्टेज थी और अब क्रियान्वयन की स्टेज है. 2019 तक गंगा के संबंध में प्रधानमंत्री जी संकल्प पूरा कर देंगे. गौरतलब है कि योगगुरु रामदेव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के संदर्भ में ये बात लंदन में एक टीवी चैनल से बातचीत में कह दी थी.बाबा ने कहा था कि उमा जी की फाइल आफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती. उन्होंने कहा था कि देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह नितिन गडकरी का है. पत्र में उमा भारती ने ये भी बताया कि इन विषयों की अंदरूनी जानकारी प्रधानमंत्री, नितिन गडकरी और मेरे अलावा किसी को नहीं हो सकती. लिहाजा इस बारे में बाहर निकली जानकारी भ्रामक हो सकती है. उमा भारती ने कहा कि गंगा पर किए गए कार्य से मुझे संतोष है. नितिन गडकरी भी इसकी प्रशंसा करते हैं. उमा ने कहा कि मुझे आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब लगा. मैं स्वयं भी नितिन गडकरी जी की प्रशंसक हूं. साथ ही उनकी संगत में काम करके में गर्व महसूस करती हूं. उमा भारती ने कहा कि पूरी दुनिया के सामने लंदन से एक टीवी चैनल पर मेरे बारे में चर्चा करते समय शायद यह आपको ध्यान नहीं रहा कि आप मुझे निजी तौर पर आहत और मेरे आत्मसम्मान पर आघात कर रहे हैं. पत्र में आगे उन्होंने कहा कि आठ साल की उम्र से अभी तक इन 50 सालों में घोर परिश्रम, विचारनिष्ठा और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति है. यही मेरी विश्ववसनीयता के आधार रहे. इसी से देश की राजनीति में, भाजपा और संगठन में मुझे उचित स्थान मिले. चालाकी, चापलूसी और साजिश मुझे आती नहीं. इसके बिना ही मेरा काम चल गया और आगे भी चल जाएगा. उमा ने बाबा रामदेव को अपना मार्गदर्शक बताते हुए उन्हें याद दिलाया कि आपके मुंह से निकला कोई भी जुमला मुझे हानि पहुंचा सकता है. पत्र के अंत में उन्होंने ये भी कहा कि मेरा जीवन तो गंगा से जुड़ चुका है. अपनी जान पर खेलकर भी गंगा का कार्य करके रहूंगी और रिवर लिंकिंग योजना को भी लागू करवाकर रहूंगी. उमा भारती की नाराजगी के कुछ ही घंटे के भीतर बाबा रामदेव ने साफ कर दिया कि उन्हें आहत करने का कोई इरादा नहीं था. बाबा ने ट्वीट कर कहा कि उमा भारती के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है. उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी. मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक व प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था. उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है.

योग गुरु बाबा रामदेव का गंगा की सफाई पर असंतोष जताते हुए नितिन गडकरी की तारीफ करना केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को नहीं सुहाया है. बाबा रामदेव ने दो मंत्रियों के कामों की तुलना करते हुए कहा था कि आज भी गंगा दूषित ही है. बाबा रामदेव ने …

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LG को नहीं मां-बहनों की चिंता, अंग्रेजों के बाद दिल्ली में इनका राज : केजरीवाल

आख़िरकार आज एक बार फिर राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार और दिल्ली के एलजी को जमकर घेरा. उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाए जाने की मांग को काफी तेज कर दिया हैं. और इसके लिए उन्होंने आज दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम से आंदोलन का बिगुल बजा दिया हैं. स्टेडियम में जनता से रुबरु होते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 1000 मोहल्ला क्लिनिक बने लेकिन LG कहते हैं नहीं बनने चाहिए. मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि जनता की चलनी चाहिए या LG की? सीएम अरविंद केजरीवाल ने LG पर जोरदरा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली में पहले अंग्रेजों का राज था, जबकि अभी राजधानी में LG का राज हैं. उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी एलजी को जमकर घेरा. केजरीवाल ने कहा कि एलजी दिल्ली में CCTV कैमरे नही लगने दे रहे है, इन्हे हमारी माँ-बहनों की कोई चिंता नहीं है. केजरीवाल ने यह भी माना कि एलजी ने दिल्ली की जनता का मजाक बना दिया हैं. एलजी पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने एलजी को दिल्ली का शासक तक कह डाला. वहीं अपनी सरकार की तारीफ करते हुए अरविंद ने कहा कि जब हम सत्ता में आए तो हमने बिजली के दाम आधे करके दिखाए. और दिल्ली की जनता को मुफ्त में पानी दिया.

आख़िरकार आज एक बार फिर राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार और दिल्ली के एलजी को जमकर घेरा. उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाए जाने की मांग को काफी तेज कर दिया हैं. और इसके लिए उन्होंने …

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सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई सुषमा स्वराज ने उठाया ये कदम और फिर….

उत्तर प्रदेश पासपोर्ट ऑफिसर और हिन्दु-मुस्लिम कपल विवाद के बाद सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की निंदा की गई और वो भी बेहद बेहूदा भाषा मे. जिस पर अब सुषमा ने टि्वटर पर एक पोल के जरिये पूछा है कि सोशल मीडिया पर ये 'ट्रोलिंग' कहा तक जायज है जिसमे 57 प्रतिशत लोगों ने इसे गलत बताया. विदेश मंत्री के पति स्वराज कौशल ने एक ट्रोलर को दिए भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर यूजर्स के कड़े शब्दों से उनके परिवार को 'असहनीय दर्द' मिला है. 24 घंटे तक चले इस पोल में 1,24,305 लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया. पोल के बाद सुषमा ने हिन्दी कवि नीरज की कुछ पंक्तियों को ट्वीट किया. उन्होंने साथ ही कहा, "लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है. आलोचना अवश्य करो. लेकिन अभद्र भाषा में नहीं. सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज्यादा असरदार होती है." दिनों से ट्विटर पर ट्रोल सुषमा के लिए ये असहनीय तब हुआ जब उनके पति ने एक टि्वटर यूजर के एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया, जिसमें उनसे कहा गया है कि वह 'उनकी (सुषमा) पिटाई करें और उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण न करने की बात सिखाएं.' उन्होंने ट्वीट किया, "मित्रों मैंने कुछ ट्वीट लाइक किए हैं. यह पिछले कुछ दिन से हो रहा है. क्या आप ऐसे ट्वीट को स्वीकृति देते हैं?" सुषमा के पति कौशल ने ट्वीट किया, "आपके शब्दों ने हमें असहनीय दुख दिया है. आपको एक बात बता रहा हूं कि मेरी मां का 1993 में कैंसर से निधन हो गया. सुषमा एक सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री थीं. वह एक साल तक अस्पताल में रहीं. उन्होंने मेडिकल अटेंडेंट लेने से मना कर दिया और मेरी मरती मां की खुद देखभाल की." सुषमा को ट्वीट के जरिए निशाना बनाने वाले व्यक्ति को जवाब देते हुए जाने माने वकील ने कहा, "परिवार के प्रति उनका (सुषमा) इस तरह का समर्पण है. मेरे पिता की इच्छा के अनुरूप उन्होंने (सुषमा) मेरे पिता की चिता को मुखाग्नि दी. कृपया उनके लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल न करें. हम कानून और राजनीति में पहली पीढ़ी हैं. हम उनके जीवन से ज्यादा किसी और चीज के लिए प्रार्थना नहीं करते. कृपया अपनी पत्नी को मेरी ओर से सम्मान दें."

उत्तर प्रदेश पासपोर्ट ऑफिसर और हिन्दु-मुस्लिम कपल विवाद के बाद सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की निंदा की गई और वो भी बेहद बेहूदा भाषा मे. जिस पर अब सुषमा ने  टि्वटर पर एक पोल के जरिये पूछा है कि सोशल मीडिया पर ये ‘ट्रोलिंग’ कहा तक जायज …

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2019: मजबूत बीजेपी एक्शन में, सुस्त विपक्ष का पता नहीं

भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के आगे फ़िलहाल सब फेल है. इस हेतु विपक्ष को सिर्फ एक ही रास्ता सूझ रहा है और वो है महागठबंधन. मगर ये जितना दिखता है उतना आसान नहीं है. जहा विपक्ष को अभी यही तय करना है कि शुरुआत कहा से करना है वही बीजेपी की रणनीति तैयार है और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया. कई तरह के केम्पेन के बीच अब 'मिशन स्वर्णिम अष्टभुज' को लेकर आ रही है बीजेपी. जीत के लिए BJP ने कुछ खास कदम उठाये है - कश्मीर मुद्दे को समय पर भुनाया और उसकी मार्केटिंग करने में अब बीजेपी पूरी शिद्द्दत से जुटी है . आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ सेना को खुली छूट का नारा भी इसका अहम पहलु है. यूपी चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने गन्ना किसानों को 15 दिन में भुगतान का वादा किया था मगर किसान उसे उसी समय निभाए जाने वाले वादों में गिन बैठे थे मगर वो वादा 2019 के थोड़े पहले फिर से पूरा करने के लिए या दोहराये जाने के लिए किया गया था. शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में यूपी, उत्तराखण्ड, पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र के गन्ना किसानों से मुलाकात की है जिसका फिर लम्बे समय तक असर रहेगा प्रधानमंत्री ने हर भाषण में फसल के लागत मूल्य से किसानों को डेढ़ गुना मूल्य देने का वादा दोहरा रहे है. संपर्क फॉर समर्थन का फंडा भी कमजोर रणनीति का हिंसा कतई नहीं है. रूठो को मनाए की कवायद भी जारी है. राम मंदिर मुद्दा भी फिर से छेड़ ही दिया गया है जो हर काल खंड में तुरुप के इक्के के रूप में रहा है और पता नहीं कब तक रहेगा. हिन्दू कार्ड को बीजेपी कभी नहीं भूल सकती. ऊपर से लेकर निचे तक के हर नेता को मुद्दे रटा दिए गए है और लम्बी चौड़ी फ़ौज अपने काम में जुट गई है सबसे बड़ी बाद जिम्मेदारी और विजस साफ है. कुल मिलकर बीजेपी तैयार है ज पहले से ही मजबूत है वही कमजोर विपक्ष अभी भी बगले झांक रहा है.

भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के आगे फ़िलहाल सब फेल है. इस हेतु विपक्ष को सिर्फ एक ही रास्ता सूझ रहा है और वो है महागठबंधन. मगर ये जितना दिखता है उतना आसान नहीं है. जहा विपक्ष को अभी यही तय करना है कि शुरुआत कहा से करना है वही …

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मेट्रो मैन श्रीधरन ने कहा- देश को सुरक्षित रेल की जरूरत, बुलेट ट्रेन एलीट क्लास के लिए

मोदी सरकार के महात्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स पर विपक्षी दलों के हमलावर रुख के बीच 'मेट्रो मैन' ई श्रीधरन ने इसकी जरूरतों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने भारतीय रेल की खस्ता हालत की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत को एक सुरक्षित रेलवे सिस्टम की जरूरत है. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में श्रीधरन ने कहा, ''बुलेट ट्रेन केवल कुलीन (एलीट) समुदाय की जरूरतों को पूरा करेगा. यह महंगा है और सामान्य लोगों की पहुंच से दूर है. भारत को आधुनिक, साफ, सुरक्षित और तेज रेलवे सिस्टम चाहिए.' आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड (बुलेट) रेल लाइन की नींव रखी थी. इस प्रोजेक्ट पर 1.08 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस महंगे मेट्रो प्रोजेक्ट्स का कांग्रेस, शिवसेना, मनसे समेत कई राजनीतिक दल विरोध कर रही है. कई किसान संगठन जमीन अधिग्रहण का भी विरोध कर रहे हैं. ट्रेनों की स्पीड घटी उन्होंने रेलवे में तेजी से बदलाव के दावों को इशारों-इशारों में खारिज किया. उन्होंने रेलवे में साफ सफाई, उसकी स्पीड पर खुलकर राय रखी. उन्होंने कहा, ''मैं नहीं मानता हूं कि रेलवे ने तेजी से विकास किया है. बायो टॉयलेट को छोड़ दिया जाए तो तकनीकी तौर पर कोई अपग्रेडेशन नहीं हुआ. ट्रेनों की स्पीड नहीं बढ़ी. सच्चाई है की अच्छी ट्रेनों की स्पीड घट गई है. ट्रेन समय पर चलने के मामले में स्थिति और खराब है. आधिकारिक तौर पर यह 70 प्रतिशत है लेकिन हकीकत में समय की पाबंदी 50 प्रतिशत से भी कम है.'' रेल हादसों का हाल पद्म पुरस्कार से सम्मानित श्रीधरन ने रेल हादसों में मौत पर कहा, ''दुर्घटना के आंकड़ों में कोई सुधार नहीं हुआ है. बहुत सारे लोगों की ट्रैक पर मौत हुई है. खासकर गांवों से गुजरने वाली रेलवे ट्रैक पर दुर्घटना अधिक हुई है. करीब 20,000 जानें सालाना रेलवे ट्रैक पर जाती हैं. मुझे लगता है भारतीय रेल व्यवस्था विकसित देशों की तुलना में करीब 20 साल पीछे है.'' दिल से जुड़ा है दिल्ली मेट्रो 86 साल के रिटायर्ड सिविल इंजीनियर ई श्रीधरन ने देश के विकास को लेकर कहा की मैं हमेशा से उत्सुक रहता हूं. उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी देश की एक तिहाई जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है. राजनेता अपने राजनीतिक लक्ष्य को ज्यादा महत्व देते हैं और मूल्य और ईमानदारी को कम. सुधार की जरूरत है.'' दिल्ली मेट्रो के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाने वाले श्रीधरन ने कहा कि दिल्ली मेट्रो ने एक स्टैंडर्ड को तैयार किया, जिसके बाद से पूरे देश में मेट्रो को लेकर जबरदस्त बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि आज देश में 13 मेट्रो बन रहे हैं. 20 साल में दिल्ली मेट्रो की पहुंच 260 किलोमीटर तक हो जाएगी. जिस तरह से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) अभी काम कर रही है वो वाकई गर्व की बात है.

मोदी सरकार के महात्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स पर विपक्षी दलों के हमलावर रुख के बीच ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन ने इसकी जरूरतों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने भारतीय रेल की खस्ता हालत की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत को एक सुरक्षित रेलवे सिस्टम की जरूरत है. अंग्रेजी अखबार …

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हादसों का दिन: देश से लेकर विदेश तक, कल घटी इन 4 बड़ी घटनाओं में हुईं 84 लोगों की मौत

कल रविवार यानी एक जुलाई का दिन इतिहास में ‘हादसों का दिन’ नाम से दर्ज हो गया है. देश से लेकर विदेश तक कल चार दिल दहला देने वाली घटनाओं में कम से कम 84 लोगों की मौत हो गई. दिल्ली के बुराड़ी में 11 शव मिलने की खबर आई थी कि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में बस गिरने से 48 लोगों की मौत हो गई. वहीं महाराष्ट्र में भीड़-भीड़ ने पीट-पीटकर पांच लोगों की हत्या कर दी तो शाम होते होते अफगानिस्तान में हुए बम बलास्ट में 20 लोग मारे गए. दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 11 शव मिलने से सनसनी कल दिल्ली के बुराड़ी इलाके के एक घर से 11 शव मिलने से सनसनी फैल गई. 1 शवों में सात महिलाओं के जबकि चार पुरुषों के हैं. इनमें से कुछ शव फंदे से लटके मिले जबकि कुछ के शव जमीन पर पड़े हुए थे. इन शवों के हाथ और पैर भी बंधे हुए थे. वहीं, कुछ की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी. मृतक परिवार भाटिया परिवार के नाम से जाना जाता था और बुराड़ी के संत नगर में अपने दोमंजिले घर में एक ग्रॉसरी की दुकान और प्लाइवुड की दुकान चलाता था. (यहां पढ़ें पूरी खबर) उत्तराखंड में बस खाई में गिरी, 48 लोगों की मौत उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल के नैनीडांडा ब्लॉक के धूमाकोट इलाके में एक बस खाई में गिर जाने से 48 लोगों की मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. ये हादसा सुबह करीब 8:45 बजे हुआ था. ये बस जब भौंनकोट से रामनगर की ओर जा रही थी तभी क्वीन गांव के पास करीब 60 मीटर नीचे खाई में गिर गई. (यहां पढ़ें पूरी खबर) महाराष्ट्र में भीड़ ने पीट-पीटकर की 5 की हत्या महाराष्ट्र के धुले जिले बेकाबू भीड़ ने कल बच्चा चोर गैंग समझकर पांच लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी. बीते एक हफ्ते से धुले जिले में बच्चा चुराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह उड़ी हुई थी और इसी अफवाह के चलते भीड़ ने कानून अपने हाथ में ले लिया और पांच लोगों को पीट-पीटकर जान से मार दिया. ये घटना रविवार को जिले के साक्री तालुका में घटी घटी है. इस मामले में पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. (यहां पढ़ें पूरी खबर) अफगानिस्तान बम धमाके में 20 लोगों की मौत अफगानिस्तान के जलालाबाद में विस्फोट की एक घटना में 20 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हैं. मारे गए 20 लोगों में से 12 लोग हिंदू और सिख थे. इस हमले में स्थानीय सिख नेता अवतार सिंह खालसा की भी मौत हो गई है. अवतार सिंह खालसा अक्टूबर में होने वाले संसदीय चुनाव भी लड़ने वाले थे. बता दें कि एक आत्मघाती हमलावर ने ये बम ब्लास्ट किया है. जलालाबाद , नंगरहार प्रांत की राजधानी है.

कल रविवार यानी एक जुलाई का दिन इतिहास में ‘हादसों का दिन’ नाम से दर्ज हो गया है. देश से लेकर विदेश तक कल चार दिल दहला देने वाली घटनाओं में कम से कम 84 लोगों की मौत हो गई. दिल्ली के बुराड़ी में 11 शव मिलने की खबर आई …

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पंजाब में कर्ज से परेशान दो किसानों ने की खुदकशी

गांव बच्छोआना व टाहलियां (मानसा, पंजाब) के दो किसानों ने शनिवार रात को कर्ज के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। एक किसान ने फंदा लगाया, जबकि दूसरे ने जहरीला पदार्थ निगल कर खुदकशी कर ली। गांव बच्छोआना निवासी बलजीत सिंह (50) के पास दो एकड़ जमीन खुद की थी, जबकि 35 एकड़ उसने ठेके पर ली थी। उसके पुत्र सोहन सिंह ने बताया कि उनके सिर सात लाख रुपये आढ़ती का कर्ज था और 16 लाख रुपये की अन्य देनदारी थी, जिसके कारण वह परेशान रहते थे। उसके पिता ने घर में शनिवार रात को जहरीला पदार्थ निगल कर खुदकशी कर ली। दूसरी ओर गांव टाहलियां काकिसान मनप्रीत सिंह (24) भी कर्ज से परेशान था। उसके पास 18 एकड़ जमीन थी, जिसमें से चार एकड़ बिक गई थी। उसकी फसल खराब होने के कारण कुछ जमीन पांच लाख रुपये में किसी के पास गिरवी पड़ी थी। टाहलियां निवासी दर्शन सिंह ने बताया कि मनप्रीत सिंह अविवाहित था। उसने गांव बरेह के कोऑपरेटिव बैंक से दो लाख रुपये का कर्ज लिया था, जो बढ़कर 13 लाख रुपये तक पहुंच गया था। उसको बैंक के नोटिस भी आने लगे थे। इसके अलावा उसने तीन लाख रुपये आढ़ती व 60 हजार रुपये किसी अन्य से कर्ज ले रखा था। शनिवार की रात इसी परेशानी के कारण उसने फंदा लगाकर जान दे दी।

गांव बच्छोआना व टाहलियां (मानसा, पंजाब) के दो किसानों ने शनिवार रात को कर्ज के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। एक किसान ने फंदा लगाया, जबकि दूसरे ने जहरीला पदार्थ निगल कर खुदकशी कर ली। गांव बच्छोआना निवासी बलजीत सिंह (50) के पास दो एकड़ जमीन खुद की …

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