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रिकी पोंटिंग को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

अब तक के ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफलतम कप्तान रिकी पोंटिंग को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया एक नई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया टीम जल्द ही इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली है. इस दौरान रिकी पोंटिंग टीम के इंग्लैंड दौरे के दौरान मुख्य कोच जस्टिन लैंगर के सहयोगी स्टाफ से जुड़ेंगे. अपने ज़माने के बेहतरीन बल्लेबाजों में शामिल पूर्व ऑस्ट्रेलिआई कप्तान पोंटिंग के पहले से ही 2019 विश्व कप के मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला में कमेंटरी के लिए ब्रिटेन में रहने का कार्यक्रम है. यह पांच मैचों की श्रृंखला 13 जून से शुरू होगी जिसके बाद एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी यहाँ खेला जाएगा. पोंटिंग इसके अलावा इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 श्रृंखला के लिए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व मुख्य कोच डेरेन लीमैन के सहयोगी की भूमिका भी निभा चुके हैं. मार्च में दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ से जुड़ा मामला सामने आने के बाद लीमैन ने पद छोड़ दिया था. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की आज की घोषणा के बाद पोटिंग टीम के अपने पुराने साथी लैंगर के साथ जुड़़ेंगे. इससे पहले ये दोनों खिलाडी 2017 में घरेलू सरजमीं पर श्रीलंका के खिलाफ आस्ट्रेलिया की टी-20 टीम को कोचिंग दे चुके हैं.

अब तक के ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफलतम कप्तान रिकी पोंटिंग को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया एक नई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया टीम जल्द ही  इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली है. इस दौरान  रिकी पोंटिंग टीम के इंग्लैंड दौरे के दौरान मुख्य कोच जस्टिन लैंगर के सहयोगी स्टाफ से जुड़ेंगे. …

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महिला टीम को बांग्लादेश ने दी करारी हार

मलेशिया में चल रहे महिला एशिया कप में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन का पूरा फायदा उठाते हुए महिला एशिया कप टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में उसे सात विकेट से हरा दिया. थाईलैंड और मलेशिया पर दो शानदार जीत के बाद भारतीय टीम उस लय को कायम नहीं रख सकी. बता दे की यहाँ पर भारत ने 20 ओवर में सात विकेट पर 141 रन बनाए जिसे बांग्लादेश ने 19.4 ओवर में हासिल कर लिया. भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान के तीन मैचों में चार अंक है लेकिन नेट रनरेट के आधार पर भारत सबसे आगे है. भारतीय टीम में कप्तान हरमनप्रीत कौर 37 गेंद में 42 रन को छोड़कर कोई बड़ी पारी नहीं खेल सका. दीप्ति शर्मा 28 गेंद में 32 रन ने कप्तान के साथ 50 रन की साझेदारी की लेकिन दोनों ने इसके लिए सात ओवर खेले. इसके बाद बैटिंग करने उतरी बांग्लादेशी टीम ने बड़ी ही जल्दी यह लक्ष्य हासिल कर लिया. बांग्लादेश के लिए फरजाना हक 46 गेंद में नाबाद 52 रन और रूमाना अहमद 34 गेंद में नाबाद 42 रन ने चौथे विकेट की नाबाद साझेदारी में 93 रन बनाए. बता दें की बांग्लादेशी महिला टीम की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह अब तक की सबसे बड़ी जीत

मलेशिया में चल रहे  महिला एशिया कप में  भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन का पूरा फायदा उठाते हुए महिला एशिया कप टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में उसे सात विकेट से हरा दिया. थाईलैंड और मलेशिया पर दो शानदार जीत के बाद भारतीय टीम उस लय को कायम नहीं रख सकी. बता …

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ट्रंप ने दी इफ्तार पार्टी, लेकिन कई मुस्लिम संगठनों ने बनाई दूरी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इफ्तार पार्टी से कई मुस्लिम संगठनों ने दूरी बना ली है। कई संगठनों ने फैसले किया है कि वो ट्रंप की इफ्तार में शरीक नहीं होंगे। ध्यान रहे कि यह ट्रंप की पहली इफ्तार पार्टी है। 90 के दशक में बिल क्लिंटन ने व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी देने की शुरुआत की थी। हालांकि इस परिकल्पना का जन्म 1805 में थॉमस जेफरसन के समय में हो चुका था। पिछले साल ट्रंप ने इस पर रोक लगा दी थी। 2016 में चुनाव अभियान के दौरान कहा था कि वह मुस्लिमों के अमेरिका में आने पर प्रतिबंध लगा देंगे। ट्रंप ने ब्रिटेन के एक संगठन के कई वीडियो री ट्वीट करके भी सनसनी फैलाई थी। इनमें इस्लामिक संगठनों पर निशाना साधा गया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सेंडर्स ने कहा कि मुस्लिम संगठनों के बायकाट से आयोजन पर असर पड़ने जा रहा है। इसकी चमक फीकी होगी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इफ्तार पार्टी से कई मुस्लिम संगठनों ने दूरी बना ली है। कई संगठनों ने फैसले किया है कि वो ट्रंप की इफ्तार में शरीक नहीं होंगे। ध्यान रहे कि यह ट्रंप की पहली इफ्तार पार्टी है। 90 के दशक में बिल क्लिंटन ने व्हाइट हाउस …

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ग्वाटेमाला ज्वालामुखी विस्फोट में मृतकों की संख्या 99 पहुंची, बचाव कार्य रोका

ज्वालामुखी विस्फोटज्वालामुखी विस्फोट

पेसिफिक रिंग ऑफ फायर से सटे देश ‘ग्वाटेमाला’ में लंबे समय से सक्रिय ज्वालामुखी ‘वोल्कन डे फुगो’ की सक्रियता लगातार जारी है। ‘आग का ज्वालामुखी’ नाम से मशहूर फुगो ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 99 हो गई है। प्रभावित इलाकों में रह रहे …

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ट्रंप ने पहली बार दी इफ्तार की दावत, मुस्लिम समुदाय से मांगा सहयोग

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार शाम को व्हाइट हाउस में पहली बार इफ्तार की दावत दी. इस दौरान ट्रंप ने मुस्लिम देशों के राजनयिकों और अधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा ,‘एक साथ काम करके ही हम सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल कर सकते हैं. ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा का जिक्र भी किया . उन्होंने कहा, मेरी पहली विदेश यात्रा मुस्लिम देश की थी. यहां मैंने मुस्लिम बहुल देशों के 50 से अधिक नेताओं की सभा को संबोधित किया. यह मेरे लिए गर्व की बात है.’ ट्रंप की मेज पर बैठे सऊदी अरब के शहजादे इस दावत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मेज पर सऊदी अरब के शहजादे खालिद बिन सलमान और जॉर्डन के दूत दीना कवार भी मौजूद थे. गौरतलब है कि साल 1990 में बिल क्लिंटन के कार्यकाल के दौरान इफ्तार पार्टी की शुरूआत हुई थी. लेकिन पिछले साल राष्ट्रपति पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इफ्तार की दावत देने से मना कर दिया था. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से लोग हैरान हैं. इफ्तार पार्टी में ये लोग हुए शामिल इफ्तार पार्टी के लिए संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, ट्यूनीशिया , कतर , बहरीन , मोरक्को , अल्जीरिया , लीबिया , कुवैत , जाम्बिया , इथियोपिया, इराक और बोस्निया समेत कई मुस्लिम देशों के दूतों को आमंत्रित किया गया था.इसके अलावा अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस और वित्त मंत्री स्टीवन मुचिन समेत ट्रंप की कैबिनेट के कई सदस्य भी इफ्तार पार्टी में शामिल हुए. इस बीच, ट्रंप सरकार के कथित मुस्लिम विरोधी रुख के खिलाफ कुछ मुस्लिम समूहों ने प्रदर्शन किया और विरोध में व्हाइट हाउस के बाहर इफ्तार पार्टी का आयोजन भी किया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार शाम को व्हाइट हाउस में पहली बार इफ्तार की दावत दी. इस दौरान ट्रंप ने मुस्लिम देशों के राजनयिकों और अधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा ,‘एक साथ काम करके ही हम सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल कर सकते हैं. …

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स्पेन की नई सरकार में महिलाओं का बोलबाला, 17 मंत्र‍ियों में 11 महिला मंत्री

स्पेन के सोशलिस्ट प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने बुधवार को यूरोपीय संघ (ईयू) समर्थक नई सरकार का गठन किया. उन्होंने अपने मंत्र‍िमंडल में महिलाओं को ज्यादा जगह दी है. महिलाओं के प्रभुत्व वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल में 11 महिलाएं और छह पुरूष मंत्री हैं. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जिसमें महिला मंत्रियों की संख्या पुरूषों से ज्यादा है. फ्रांस, स्वीडन और कनाडा को मिलाकर कुछ ही ऐसे देश हैं, जहां लगभग 50% मंत्री महिलाएं हैं. स्पेन में रक्षा, अर्थव्यवस्था, वित्त और शिक्षा पोर्टफोलियो सहित कुछ बड़े पदों की कमान महिला मंत्रियों को सोंपी गई है. नई कार्यपालिका में अंतरिक्ष यात्री पेद्रो दूक्यू को विज्ञान मंत्री बनाया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री राजॉय की सरकार में 36% मंत्री महिलाएं थीं. जबकी सांचेज की सरकार में ये आंकड़ा 61% हो गया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी नई सरकार उन लोगों से बनी है, जो प्रगतिशील समाज के प्रति एक समान दृष्टी रखते हैं. उन्होंने कहा कि यूरोप हमारी नई मातृभूमि है. उन्होंने अपनी कैबिनेट को स्पेन में बदलाव लाने वाले प्रतिबिंब के तौर पर पेश किया. पूर्व प्रधानमंत्री मारियानो राजॉय के खिलाफ संसदीय चुनाव जीतने के बाद सांचेज ने पदभार संभाला. हालांकि सांचेज का कार्यकाल अल्पकालिक रहेगा और इस तरह नए राष्ट्रीय चुनावों के लिए रास्ता खुल सकता है. क्योंकि उनकी पार्टी की संसद में केवल एक चौथाई सीटें हैं. उनकी पहली चुनौती कैटलोनिया और बास्क क्षेत्रों से राष्ट्रवादी दलों के साथ अपने गठबंधन को एक साथ रखना है, जिसने उन्हें जीत दिलाने में मदद की. सांचेज ने कहा,"उनका मंत्रिमंडल समाज की सबसे बेहतर झलक है. एक ऐसा समाज जहां महिलाएं और पुरूष हैं, युवा और बुजुर्ग हैं. जिसकी जड़ें यूरोपीय संघ में हैं."

स्पेन के सोशलिस्ट प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने बुधवार को यूरोपीय संघ (ईयू) समर्थक नई सरकार का गठन किया. उन्होंने अपने मंत्र‍िमंडल में महिलाओं को ज्यादा जगह दी है. महिलाओं के प्रभुत्व वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल में 11 महिलाएं और छह पुरूष मंत्री हैं. देश के इतिहास में ऐसा पहली …

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रोहिंग्या मुस्लिमो को अपने वतन भेजेगा UN

रोहिंग्या मुस्लिमो को जल्द ही राहत मिलने वाली है. जिसकी पहल संयुक्त राष्ट्र ने की है. जानकारी के मुताबिक म्यांमार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने 6 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है जो कि म्यांमार में सुरक्षा बलों के अत्याचार के चलते देश छोड़कर चले गए 700,000 रोहिंग्या मुस्लिमों की वतन वापसी में काफी सहायक हो सकता है. म्यांमार और बांग्लादेश गत नवंबर में रोहिंग्या की स्वदेश वापसी शुरू करने पर सहमत हुए थे. इससे पहले बता दें की म्यांमार के सुरक्षा बलों पर पश्चिमी रखाइन प्रांत में बलात्कार, हत्या, प्रताड़ना और रोहिंग्या के घरों को जलाने के गंभीर आरोप हैं जहां अधिकतर रोहिंग्या रहते थे. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने गत वर्ष अगस्त में शुरू हुई कार्रवाई को जातीय सफाया करार दिया था. गौरतलब है की ये रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. इस सहमतिपत्र में एक सहयोग की रूपरेखा बनाने पर सहमति बनी है जिसका उद्देश्य रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वैच्छिक, सुरक्षित, सम्मानित और स्थायी वापसी के लिए स्थितियां निर्मित करना है. इस मामले में यहाँ के एक अधिकारी ने कहा की कहा कि यह समझौता इस संकट के समाधान में पहला महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, काफी काम करने हैं. इस कार्य के महत्व को कमतर करके नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, हम करीब 700,000 लोगों की बात कर रहे हैं जिन्हें न केवल वापस लौटना होगा बल्कि उनकी वापसी के लिए स्थितियां भी सही होनी चाहिए.रोहिंग्या मुस्लिमो को जल्द ही राहत मिलने वाली है. जिसकी पहल संयुक्त राष्ट्र ने की है. जानकारी के मुताबिक म्यांमार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने 6 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है जो कि म्यांमार में सुरक्षा बलों के अत्याचार के चलते देश छोड़कर चले गए 700,000 रोहिंग्या मुस्लिमों की वतन वापसी में काफी सहायक हो सकता है. म्यांमार और बांग्लादेश गत नवंबर में रोहिंग्या की स्वदेश वापसी शुरू करने पर सहमत हुए थे. इससे पहले बता दें की म्यांमार के सुरक्षा बलों पर पश्चिमी रखाइन प्रांत में बलात्कार, हत्या, प्रताड़ना और रोहिंग्या के घरों को जलाने के गंभीर आरोप हैं जहां अधिकतर रोहिंग्या रहते थे. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने गत वर्ष अगस्त में शुरू हुई कार्रवाई को जातीय सफाया करार दिया था. गौरतलब है की ये रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. इस सहमतिपत्र में एक सहयोग की रूपरेखा बनाने पर सहमति बनी है जिसका उद्देश्य रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वैच्छिक, सुरक्षित, सम्मानित और स्थायी वापसी के लिए स्थितियां निर्मित करना है. इस मामले में यहाँ के एक अधिकारी ने कहा की कहा कि यह समझौता इस संकट के समाधान में पहला महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, काफी काम करने हैं. इस कार्य के महत्व को कमतर करके नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, हम करीब 700,000 लोगों की बात कर रहे हैं जिन्हें न केवल वापस लौटना होगा बल्कि उनकी वापसी के लिए स्थितियां भी सही होनी चाहिए.

रोहिंग्या मुस्लिमो को जल्द ही राहत मिलने वाली है. जिसकी पहल  संयुक्त राष्ट्र  ने की है. जानकारी के मुताबिक म्यांमार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने 6 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है जो कि म्यांमार में सुरक्षा बलों के अत्याचार के चलते देश छोड़कर चले गए 700,000 रोहिंग्या …

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धमाकों से फिर दहला इराक

इराक में हालिया हुए एक विस्फ़ोट में कम से कम दर्जन भी से जयादा लोगो की मौत चुकी है. जानकारी के मुताबिक इराक की राजधानी बगदाद के सदर सिटी जिले में स्थित हथियारों के डिपो में गुरुवार 7 जून को विस्फोट होने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए. सुरक्षा और चिकित्सकीय सूत्रों ने यह जानकारी दी. बगदाद की सुरक्षा अभियान कमान ने एक बयान में कहा कि हथियारों के डिपो में विस्फोट हुआ है. सुरक्षा बलों ने विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए छानबीन शुरू कर दी है. ने बताया कि विस्फोट बगदाद के उत्तर पूर्वी जिले में एक शिया मस्जिद के नजदीक हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि सदर सिटी जिले में विस्फोट की वजह से घरों और इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है. यह लोकप्रिय शिया धर्मगुरु मुकतदा सदर का गढ़ है. यहाँ पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि एक घर में रॉकेट ग्रेनेड और गोले समेत भारी हथियार बहुतायत में रखा हुआ था. इस कारण यह विस्फोट हुआ. ये हथियार एक सशस्त्र समूह के थे. उन्होंने कहा कि विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और तकरीबन 32 अन्य घायल भी हुए हैं. यहाँ एक अस्पतालों ने हताहतों की संख्या की जानकारी देते हुए कहा कि पीड़ितों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.इराक में हालिया हुए एक विस्फ़ोट में कम से कम दर्जन भी से जयादा लोगो की मौत चुकी है. जानकारी के मुताबिक इराक की राजधानी बगदाद के सदर सिटी जिले में स्थित हथियारों के डिपो में गुरुवार 7 जून को विस्फोट होने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए. सुरक्षा और चिकित्सकीय सूत्रों ने यह जानकारी दी. बगदाद की सुरक्षा अभियान कमान ने एक बयान में कहा कि हथियारों के डिपो में विस्फोट हुआ है. सुरक्षा बलों ने विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए छानबीन शुरू कर दी है. ने बताया कि विस्फोट बगदाद के उत्तर पूर्वी जिले में एक शिया मस्जिद के नजदीक हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि सदर सिटी जिले में विस्फोट की वजह से घरों और इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है. यह लोकप्रिय शिया धर्मगुरु मुकतदा सदर का गढ़ है. यहाँ पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि एक घर में रॉकेट ग्रेनेड और गोले समेत भारी हथियार बहुतायत में रखा हुआ था. इस कारण यह विस्फोट हुआ. ये हथियार एक सशस्त्र समूह के थे. उन्होंने कहा कि विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और तकरीबन 32 अन्य घायल भी हुए हैं. यहाँ एक अस्पतालों ने हताहतों की संख्या की जानकारी देते हुए कहा कि पीड़ितों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.

इराक में हालिया हुए एक विस्फ़ोट में कम से कम दर्जन भी से जयादा लोगो की मौत चुकी है. जानकारी के मुताबिक इराक की राजधानी बगदाद के सदर सिटी जिले में स्थित हथियारों के डिपो में गुरुवार 7 जून को विस्फोट होने से कम से कम 16 लोगों की मौत …

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शर्मिष्ठा को प्रणब का नागपुर जाना रास नहीं आया

एक ओर जहां देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय नागपुर में अपना सम्बोधन देंगे , वहीं दूसरी ओर उन्हीं की बेटी शर्मिष्ठा को अपने पिता का नागपुर जाना पसंद नहीं आया. पिता के इस फैसले को गलत बताते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि संघ मुख्यालय में उनका संबोधन भुला दिया जाएगा लेकिन इससे जुड़ीं तस्वीरें बनी रहेंगी. बता दें कि शर्मिष्ठा ने अपने ट्वीट में कहा कि संघ का न्योता स्वीकार कर पूर्व राष्ट्रपति ने भाजपा और संघ को झूठी कहानियां गढ़ने का मौका दे दिया है.पूर्व राष्ट्रपति जल्द ही समझ जाएंगे कि भाजपा की गंदी चालबाजी कैसे काम करती है. संघ कभी नहीं मानेगा कि अपने ( यानी प्रणब के) भाषण में आप इसके विचारों की तारीफ़ कर रहे हैं. उन्होंने संघ की नीयत पर सवाल उठाए हैं. उल्लेखनीय है कि शर्मिष्ठा का यह बयान उन खबरों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि वह भाजपा में शामिल हो रही है.इन अफवाहों को खारिज करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि वह कांग्रेस छोड़ने के बजाय राजनीति से संन्यास लेना पसंद करेंगी.कांग्रेस छोड़ने की अफवाह को बकवास बताया.उधर, दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने भी शर्मिष्ठा के भाजपा में शामिल होने की अफवाहों का खंडन किया है.

एक ओर जहां देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय नागपुर में अपना सम्बोधन देंगे , वहीं दूसरी ओर उन्हीं की बेटी शर्मिष्ठा को अपने पिता का नागपुर जाना पसंद नहीं आया. पिता के इस फैसले को गलत बताते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि संघ मुख्यालय में उनका संबोधन …

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मोदी को रोकने राहुल ने बदली रणनीति

पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं जिन्होंने पार्टी से दगा किया था . इसमें आंध्र के वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी भी शामिल हैं , जिन्हें वह गले लगाना चाहते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के स्वभाव में परिवर्तन देखा जा रहा है.यह बदलाव 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर कीमत पर सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए है .इसके लिए वे नापसंद लोगों को भी तरजीह देने लगे हैं. पहले उन्होंने कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया , जबकि वह निजी तौर पर उन्हें पसंद नहीं करते. इसी तरह उन्होंने वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी के साथ संबंध बनाने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा है. कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में वाई.एस.आर.रेड्डी को साथ मिलाना चाहती है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों राहुल हर उस पार्टी के नेताओं से हाथ मिलाने को तैयार है , जो मोदी को सत्ता में आने से रोक सके.इस रणनीति के तहत ही दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश के प्रभारी पद से हटा कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को पार्टी का महासचिव प्रभारी बनाया गया .स्मरण रहे कि चांडी वाई.एस. चंद्रशेखर रेड्डी के बहुत नजदीक हैं. राहुल गांधी इसी तरह की रणनीति हर राज्य में अपना रहे हैं. उनका मकसद भाजपा को हर कीमत पर सत्ता से हटाना पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं जिन्होंने पार्टी से दगा किया था . इसमें आंध्र के वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी भी शामिल हैं , जिन्हें वह गले लगाना चाहते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के स्वभाव में परिवर्तन देखा जा रहा है.यह बदलाव 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर कीमत पर सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए है .इसके लिए वे नापसंद लोगों को भी तरजीह देने लगे हैं. पहले उन्होंने कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया , जबकि वह निजी तौर पर उन्हें पसंद नहीं करते. इसी तरह उन्होंने वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी के साथ संबंध बनाने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा है. कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में वाई.एस.आर.रेड्डी को साथ मिलाना चाहती है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों राहुल हर उस पार्टी के नेताओं से हाथ मिलाने को तैयार है , जो मोदी को सत्ता में आने से रोक सके.इस रणनीति के तहत ही दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश के प्रभारी पद से हटा कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को पार्टी का महासचिव प्रभारी बनाया गया .स्मरण रहे कि चांडी वाई.एस. चंद्रशेखर रेड्डी के बहुत नजदीक हैं. राहुल गांधी इसी तरह की रणनीति हर राज्य में अपना रहे हैं. उनका मकसद भाजपा को हर कीमत पर सत्ता से हटाना

पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी  के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं …

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