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AMU में जिन्ना विवाद पर अब भी माहौल गर्म, यूनिवर्सिटी के बाह धरना जारी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर पर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। यूनिवर्सिटी के बॉबे सैयद गेट पर छात्रों का धरना जारी है वहीं जुम्मे की नमाज को देखते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया है, थाना स्तर पर ही सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। छात्रों के धरने का आज दसवां दिन है। हालांकि, शहर के किसी भी जिन्ना को लेकर एएमयू में चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर से कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। एएमयू सर्किल से अतिरिक्त बल भले ही हटा लिया गया हो, मगर वहां की हर गतिविधि पर पुलिस व खुफिया तंत्र की नजर है। जुमे की नमाज को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। पिछले शुक्रवार को ऊपरकोट पर नमाज के बाद एएमयू प्रकरण में ज्ञापन सौंपा गया था। इधर, बाबे सैयद पर एएमयू छात्रों ने एकजुट होकर नमाज अदा की थी। सुरक्षा के लिहाज से दोनों स्थानों पर कड़ा पहरा लगाया गया था। इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तो नहीं है, मगर सतर्कता जरूर बरती जा रही है। छात्र दोषी हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं और उनके साथ आए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके चलते दो मई से धरना शुरू कर दिया गया था। इसे खत्म कराने के इंतजामिया ने अब तक प्रयास सफल नहीं हो सके हैं। आंदोलनरत एएमयू छात्रों ने गुरुवार को आरोपित पुलिसकर्मियों को ही संतरे और केले खिलाए। शरबत भी पिलाया। उमड़ते प्रेम के बीच अफसरों ने भी छात्र नेताओं को फल खिलाए। फलाहार का आनंद लेने वालों में आरोपित सीओ संजीव दीक्षित व इंस्पेक्टर सिविल लाइंस जावेद खां भी हैं, जिनके निलंबन की मांग छात्रसंघ ने मुख्य रूप से उठाई है। इंस्पेक्टर पर आरोप था कि हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को वही बॉबे सैयद तक नारेबाजी कराते लाए थे। गौर करने की बात यह भी है कि पुलिस ने खुद छात्र संघ अध्यक्ष समेत इन्हीं 300 छात्रों के खिलाफ हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज करा रखी है। यूनिवर्सिटी जरूरी या आरएसएस की शाखा? एएमयू छात्रसंघ ने पीएम-सीएम और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को संविधान की कॉपी भेजते हुए सवाल किया है कि यूनिवर्सिटी में आरएसएस की शाखा जरूरी है या संस्थान का स्थायित्व? दरअसल, आरएसएस से जुड़े आमिर रशीद ने एएमयू में संघ की शाखा खोलने की मांग की थी। इसके जवाब में एएमयू छात्रों ने यह सवाल किया है। संविधान की कॉपी इसलिए भेजी है, ताकि इसे ठीक से पढ़ लें। छात्रों ने जवाब लिखने के लिए एक खाली कॉपी और पेन भी भेजा है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर पर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। यूनिवर्सिटी के बॉबे सैयद गेट पर छात्रों का धरना जारी है वहीं जुम्मे की नमाज को देखते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया है, थाना स्तर पर ही सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी …

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LoC पर शादी समारोह में PAK स्नाइपर ने की फायरिंग, 1 शख्स की मौत

सीमा पर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार रात को पाकिस्तान ने एलओसी पर एक गांव में शादी समारोह के दौरान फायरिंग की. इस फायरिंग में एक गांव वाले की मौत भी हो गई है. पाकिस्तान का इस तरह भारतीय नागरिकों को निशाने पर लेना उसकी कायरता को दर्शाता है. गुरुवार को LoC पर मालती गांव में शादी समारोह के दौरान पाकिस्तानी सेना ने स्नाइपर से गोलियां दागी. इसमें मोहम्मद इकलाख़ नाम के शख्स की मौत हो गई है. आपको बता दें कि मालती गांव पुंछ जिले में है. पिछले हफ्ते ही कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से सीज़फायर उल्लंघन किया गया था, जिसमें एक महिला काफी गंभीर रूप से घायल हो गई थी. साथ ही रिहायशी इलाकों के कई लोग फायरिंग की चपेट में आ गए थे. गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ समय से सीमा पर सीज़फायर उल्लंघन में काफी बढ़ोतरी हुई है. 2017 में सीमा पार से कुल 860, 2016 में 271 और 2015 में कुल 387 बार पाकिस्तान ने सीजफायर उल्लंघन किया था. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर और एलओसी पर लगातार गोलियां बरसा रहा है. इस साल भी केवल जनवरी महीने में पाकिस्तान ने करीब 150 बार सीजफायर उल्लंघन किया था.

सीमा पर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार रात को पाकिस्तान ने एलओसी पर एक गांव में शादी समारोह के दौरान फायरिंग की. इस फायरिंग में एक गांव वाले की मौत भी हो गई है. पाकिस्तान का इस तरह भारतीय नागरिकों को निशाने …

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म्यांमार के राष्ट्रपति से मिलीं सुषमा स्वराज, द्विपक्षीय बातचीत की

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से मुलाकात की. सुषमा रोहिंग्या समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के लिए पहुंचीं हैं. सैन्य अभियान के बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की वजह से म्यांमार से करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर गए थे. इनमें से अधिकतर ने पड़ोसी बांग्लादेश में शरण ली जिससे वहां बड़ा संकट खड़ा हो गया है. रोहिंग्याओं के आने और शरण देने का मुद्दा भारत में भी काफी चर्चा में रहा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, "एक्ट ईस्ट पॉलिसी में एक अहम साझेदार म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने म्यांमार में अपने पहले कार्यक्रम के तहत मुलाकात की." म्यांमार भारत के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी देशों में शामिल है और हमसे 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के कई राज्य म्यामां की सीमा से लगे हैं. भारतीय राजदूत और म्यांमार के स्थायी विदेश सचिव यू मिंत थु ने राजधानी नेपिता पहुंचने पर सुषमा स्वराज की आगवानी की. कुमार ने ट्विटर पर लिखा, "विदेश मंत्री हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए म्यांमार के नेतृत्व के साथ चर्चाएं करेंगी.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से मुलाकात की. सुषमा रोहिंग्या समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के लिए पहुंचीं हैं. सैन्य अभियान के बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की वजह से म्यांमार से करीब सात लाख …

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बिजली कंपनी की लापरवाही ने ली सब्जीवाले की जान

देश में गरीबी और बेरोजगारी के हालात यह है कि प्रशासन में बैठे लोगों की एक छोटी सी लापरवाही के चलते किसी गरीब को अपनी जान तक देनी पड़ जाती है, महाराष्ट्र में हुई यह घटना जरूर सुनने में एक खबर की तरह अगले ही दिन बासी हो जाएगी लेकिन इस खबर के पीछे छुपी लापरवाही से एक गरीब का घर पूरी तरह उजड़ गया, एक सब्जी वाले ने अपनी दुकान पर आए बिजली के बिल के चलते अपने घर में आत्महत्या कर ली. घटना महाराष्ट्र के पुंडलिकनगर पुलिस थाना अंतर्गत भारतनगर इलाके की है, यहाँ पर एक सब्जी वाला जिसका नाम जगन्नाथ नेहाजी शेलके (36) है, ने 8 लाख 64 हजार का बिल देखकर आत्महत्या कर ली. दरअसल 1 हजार महीने का बिल आने वाली दुकान में अचानक मार्च महीने का बिल लाखों में आने पर जगन्नाथ नेहाजी इस गम को झेल नहीं पाए और बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने के बाद अंत में उन्होंने खुद के घर में आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने के बाद सुसाइड नोट में जगन्नाथ नेहाजी ने बिजली के बिल की समस्या का ज़िक्र किया. घटना के बाद महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरक कंपनी ( एमएसईडीसीएल ) बिजली कंपनी के लेखा सहायक सुशील काशीनाथ को सस्पेंड कर दिया गया, साथ ही कम्पनी इस बात से मना करती रही कि आत्महत्या कि वजह बिजली का बिल है. जांच में पाया गया कि दुकान में आया 8 लाख 64 हजार का के बिल में गलती हुई थी असल में उनकी दुकान का बिल इतना हो नहीं सकता लेकिन बार-बार ऑफिस के चक्कर काटने के बाद जब इस बारे में कोई कार्यवाही नहीं हुई, न प्रशासन ने सुनी और सरकार तो ऐसे छोटे मामलो के लिए जनता से अब काफी दूर हो चुकी है, ऐसे में बेचार गरीब आदमी और क्या कर सकता है. इसका परिणाम हमारे सामने है, जगन्नाथ नेहाजी शेलके जैसे दिन भर धुप में मजदूरी करता आदमी एक छोटी सी गलती की वजह इस दुनिया से चला गया.

देश में गरीबी और बेरोजगारी के हालात यह है कि प्रशासन में बैठे लोगों की एक छोटी सी लापरवाही के चलते किसी गरीब को अपनी जान तक देनी पड़ जाती है, महाराष्ट्र में हुई यह घटना जरूर सुनने में एक खबर की तरह अगले ही दिन बासी हो जाएगी लेकिन …

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नेपाल के जनकपुर पहुंचे पीएम मोदी

मोदी

पीएम मोदी धार्मिक-सांस्कृतिक नजरिये के महत्व को ध्यान में रखकर नेपाल के जनकपुर पहुंच गए है. योजनाओं की आधारशिला रखी जाने के लिए पीएम का ये दौरा बेहद महत्वपूर्ण है. पीएम दो दिवसीय दौरे पर है. जनकपुर से अयोध्या तक एक बस सेवा की शुरुआत और रामायण सर्किट टूरिस्ट योजना …

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जनेऊ धारण करने से पहले जरूर बोलना चाहिए यह मंत्र

हिंदू धर्म में प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है जनेऊ पहनना और उसके नियमों का पालन करना। हर हिंदू जनेऊ पहन सकता है, बशर्ते कि वह उसके नियमों का पालन करे। ब्राह्मण ही नहीं समाज का हर वर्ग जनेऊ धारण कर सकता है। जनेऊ धारण करने के बाद ही द्विज बालक को यज्ञ तथा स्वाध्याय करने का अधिकार प्राप्त होता है। द्विज का अर्थ होता है दूसरा जन्म। जनेऊ में मुख्‍यरूप से तीन धागे होते हैं। यह तीन सूत्र त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं। यह तीन सूत्र देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक होते हैं। यह सत्व, रज और तम का प्रतीक होते हैं। यह गायत्री मंत्र के तीन चरणों का प्रतीक हैं। यह तीन आश्रमों का प्रतीक है। संन्यास आश्रम में यज्ञोपवीत को उतार दिया जाता है। तीन सूत्रों वाले इस यज्ञोपवीत को गुरु दीक्षा के बाद हमेशा धारण किया जाता है। अपवित्र होने पर होने पर यज्ञोपवीत बदल लिया जाता है। नया जनेऊ पहनने से पहले स्नान के उपरांत शुद्ध कर लेने के पश्चात अपने दोनों हाथों में जनेऊ को पकड़ें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का उच्चारण करें - ॐ यज्ञोपवीतम् परमं पवित्रं प्रजा-पतेर्यत -सहजं पुरुस्तात। आयुष्यं अग्र्यं प्रतिमुन्च शुभ्रं यज्ञोपवितम बलमस्तु तेजः।। इसके बाद गायत्री मन्त्र का कम से कम 11 बार उच्चारण करते हुए जनेऊ या यज्ञोपवित धारण करें। महिलाएं भी पहन सकती हैं जनेऊ वह लड़की जिसे आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करना हो, वह जनेऊ धारण कर सकती है। ब्रह्मचारी तीन और विवाहित पुरुष छह धागों का जनेऊ पहनते हैं। यज्ञोपवीत के छह धागों में से तीन धागे स्वयं के और तीन धागे पत्नी के होते हैं। यज्ञोपवीत में पांच गांठ लगाई जाती है जो ब्रह्म, धर्म, अर्ध, काम और मोक्ष का प्रतीक है। यह पांच यज्ञों, पांच ज्ञानेद्रियों और पंच कर्मों का भी प्रतीक भी है।

हिंदू धर्म में प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है जनेऊ पहनना और उसके नियमों का पालन करना। हर हिंदू जनेऊ पहन सकता है, बशर्ते कि वह उसके नियमों का पालन करे। ब्राह्मण ही नहीं समाज का हर वर्ग जनेऊ धारण कर सकता है। जनेऊ धारण करने के बाद ही द्विज बालक …

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पीपल की पूजा से शनि देव कैसे होते हैं शांत, पढ़ें पौराणिक कहानी

हिंदू धर्म में पीपल की पूजा का विशेष महत्व है। पीपल एकमात्र पवित्र देववृक्ष है, जिसमें सभी देवताओं के साथ ही पितरों का भी वास रहता है। श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:। अर्थात मैं वृक्षों में पीपल हूं। पीपल के मूल में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी तथा अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैं। स्कंदपुराण के अनुसार पीपल के मूल में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान श्री हरि और फलों में सभी देवताओं का वास है। इसलिए पीपल को पूज्यनीय पेड़ माना जाता है। वैज्ञानिक कारण सभी वृक्ष दिन के समय में सूर्य की रोशनी में कार्बन डाइ आक्साईड ग्रहण करके अपने लिए भोजन बनाते हैं। वहीं, रात को सभी वृक्ष ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन-डाइआक्साईड छोड़ते हैं। इसी वजह से रात के समय में पेड़ों के नीचे सोने से मना किया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार पीपल का पेड़ 24 घंटों में सदा ही आक्सीजन छोड़ता है इसलिए यह मानव उपकारी वृक्ष है। संभवतः इसीलिए पीपल को पूज्य मानकर सदियों से उसकी पूजा होती चली आ रही है। शनि की पीड़ा से मुक्ति माना जाता है कि पीपल के पड़े की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जिन लोगों को शनि दोष होता है उन्हें इसके कुप्रभाव से मुक्ति मिल जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय स्वर्ग पर असुरों ने कब्जा कर लिया था। कैटभ नाम का राक्षस पीपल वृक्ष का रूप धारण करके यज्ञ को नष्ट कर देता था। जब भी कोई ब्राह्मण समिधा के लिए पीपल के पेड़ की टहनियां तोड़ने पेड़ के पास जाता, तो यह राक्षस उसे खा जाता। ऋषिगण समझ ही नहीं पा रहे थे कि ब्राह्मण कुमार कैसे गायब होते चले जा रहे हैं। तब उन्होंने शनि देव से सहायता मांगी। इस पर शनिदेव ब्राह्मण बनकर पीपल के पेड़ के पास गए। कैटभ ने शनि महाराज को पकड़ने की कोशिश की, तो शनिदेव और कैटभ में युद्ध हुआ। शनि ने कैटभ का वध कर दिया। तब शनि महाराज ने ऋषियों को कहा कि आप सभी भयमुक्त होकर शनिवार के दिन पीपल के पड़े की पूजा करें, इससे शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी। जनेऊ धारण करने से पहले जरूर बोलना चाहिए यह मंत्र दूसरी कथा के अनुसार, ऋषि पिप्लाद के माता-पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी। बड़े होने इन्हें पता चला कि शनि की दशा के कारण ही इनके माता-पिता को मृत्यु का सामना करना पड़ा। इससे क्रोधित होकर पिप्लाद ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर घोर तप किया। इससे प्रसन्न होकर जब ब्रह्मा जी ने उनसे वर मांगने को कहा, तो पिप्लाद ने ब्रह्मदंड मांगा और पीपल के पेड़ में बैठे शनि देव पर ब्रह्मदंड से प्रहार किया। इससे शनि के पैर टूट गए। शनि देव दुखी होकर भगवान शिव को पुकारने लगे। भगवान शिव ने आकर पिप्पलाद का क्रोध शांत किया और शनि की रक्षा की। तभी से शनि पिप्पलाद से भय खाने लगे। पिप्लाद का जन्म पीपल के वृक्ष के नीचे हुआ था और पीपल के पत्तों को खाकर इन्होंने तप किया था इसलिए माना जाता है कि पीपल के पड़े की पूजा करने से शनि का अशुभ प्रभाव दूर होता है।

हिंदू धर्म में पीपल की पूजा का विशेष महत्व है। पीपल एकमात्र पवित्र देववृक्ष है, जिसमें सभी देवताओं के साथ ही पितरों का भी वास रहता है। श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:। अर्थात मैं वृक्षों …

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हिन्दू धर्म में क्यों माना जाता है अन्न को देवता

शास्त्रों के अनुसार, वह कोई भी द्रव या ठोस वस्तु जिससे किसी सजीव को प्राण और जीवन प्राप्त होता है वह ईश्वर के समान माना जाता है. उसी प्रकार जल,अन्न और फल आदि को भी देवता की उपाधि दी गई है जिसमे अन्न को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस संसार में अन्न के एक दाने भर से भी व्यक्ति को जीवनदान दिया जा सकता है. हिंदू धर्मशास्त्रों में अन्न को देवता माना गया है.ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अन्न का अनादर करता है या नियमानुसार भोजन नहीं करता, उससे अन्न देवता रुष्ट हो जाते हैं.शास्त्रों में अन्न को ग्रहण करने के कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं. इन नियमों के द्वारा अन्न का भोग करता है उसे जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है. भोजन करने से पहले ही परोसी हुई थाली में अन्न देवता को नमन करके उनकी प्राप्ति के लिए उनका धन्यवाद जरूर करना चाहिए. भोजन करते समय यदि अण्णन का कोई दान जमीं पर गिर जाता है तो उसे व्यर्थ कूड़े में नहीं फेकना चाहिए बल्कि सावधानी से कीड़ी चींटी या मूसक के बिल के पास रख देना चाहिए.अन्न को कचरे में फेंकने से अन्न देवता का अनादर होता है और वो रुष्ट होते है. शास्त्रों में भी ऐसा करने की साफ मनाही की गई है.

शास्त्रों के अनुसार, वह कोई भी द्रव या ठोस वस्तु जिससे किसी सजीव को प्राण और जीवन प्राप्त होता है वह ईश्वर के समान माना जाता है. उसी प्रकार जल,अन्न और फल आदि को भी देवता की उपाधि दी गई है जिसमे अन्न को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस संसार …

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क़ुरान में पर्दा करने को क्यों दी जाती है अहमियत

क़ुरान में परदे को को खास स्थान दिया गया है. पराई स्त्री और पराये धन की तरफ नज़र जाने को भी इस्लाम में पाप समझा जाता है.अदब को क़ुरान में बेहद जरूरी बताया गया है. मुस्लिम धर्म में किसी स्त्री को बिना सिर पर परदे के नहीं रहना होता है. इस नियम का वर्णन क़ुरान में भी किया गया है. यह नियम मुस्लिम धर्मगुरु हज़रत मुहम्मद साहब जी के द्वारा बनाया गया है. यह नियम स्त्रियों की अस्मिता और लज्जापूर्ण स्वाभाव को व्यक्त करने वाली तहज़ीब का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ऐसा कहा जाता है कि मुस्लिम पैगम्बर हज़रत मुहम्मद साहेब के परिवार में स्त्रियों का रहन-सहन और स्वभाव ऐसा था कि उनके पूरे जीवन में कभी भी किसी ने उनकी परछाई तक नहीं देखीं .उनका यह आचरण, धीमी और आदर से भरपूर आवाज़ के साथ बेहतरीन सलीके के लिए पूरे मक्का में प्रसिद्द था. वहीं से मुस्लिम समाज में परदे को अदब जताने का सलीका मानते हुए अपनाया गया. मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार अरब के रेगिस्तान के एक शहर मक्काह में 570 ईस्वी में इस्लाम धर्म के संस्थापक हज़रत मुहम्मद का जन्म हुआ माना जाता है.इन्हे इस्लाम के सबसे महान नबी(रसूल) और खुदा के आख़िरी सन्देशवाहक के रूप में जाना जाता है.

क़ुरान में परदे को को खास स्थान दिया गया है. पराई स्त्री और पराये धन की तरफ नज़र जाने को भी इस्लाम में पाप समझा जाता है.अदब को क़ुरान में बेहद जरूरी बताया गया है. मुस्लिम धर्म में किसी स्त्री को बिना सिर पर परदे के नहीं रहना होता है. …

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सीतापुर में जतन के बाद भी कुत्तों का कहर जारी, बालिका को काटा

दूसरी घटना खैराबाद थाना क्षेत्र के महसिंघपुर और चौबेपुर गांव की है। यहां 6 वर्षीय गीता पर आवारा कुत्तों ने हमला बोल कर मौत के घाट उतार दिया। चौबेपुर गांव के बाहर साइकिल से स्कूल जा रही एक किशोरी को हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

सीतापुर में बेहद हिंसक हो चुके कुत्तों पर भले ही पुलिस ड्रोन और नाइट विजन कैमरा से निगाह रख रही है, लेकिन कुत्तों का कहर जारी है। आज यहां पर शौच को गई एक बालिका पर कुत्तों के झुंड ने हमला करने बाद घायल कर दिया। सीतापुर के खैराबाद थाना …

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