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Swati Srivastava wants good content to reach ur table/palm rajanalytica@gmail.com

कश्मीरी छात्र ने सुषमा से मांगी मदद, विदेश मंत्री ने पहले बदलवाई प्रोफाइल

यूजर्स के प्रोफाइल में भारत अधिकृत कश्मीर लिखे जाने पर ट्विटर पर लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों ने गुस्से में कई कमेंट किये, जिसके बाद अब इस यूजर्स ने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया है। एक यूजर ने लिखा, 'भले ही उसने अपना प्रोफाइल सही कर लिया हो, लेकिन फिर भी आपको उसकी मदद नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वह दिल से अलगाववादी है। उसे केवल लाभ प्राप्त करने के लिए अपना प्रोफाइल बदला है, जिसे वह पाकिस्तान से नहीं प्राप्त कर सकता है।' एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'मैं अपमानजनक भाषा का समर्थन नहीं करता हूं, लेकिन मुझे एक बात बताओ, अगर आप इस देश का हिस्सा नहीं महसूस करते हैं और हमारे देश को बुरा समझते हैं, तो आपको इसकी मदद क्यों चाहिए। मैं आपके ट्वीट्स से समझ सकता हूं कि आप पाकिस्तान का समर्थन करते हैं और कश्मीर की समस्याओं के लिए भारत को दोषी मानते हैं।'

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज देश-दुनिया में भारत से मदद मांगने वालों की सहायता कर हमेशा ही वाहवाही बटोरती रहती हैं। इस बार भी उन्होंने एक कश्मीरी छात्र की मदद की है लेकिन कुछ अलग अंदाज में। दरअसल, इस छात्रा ने ट्वीट कर सुषमा स्वराज से मदद मांगी थी। लेकिन उसकी …

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कर्नाटक की अगले 5 साल कमान संभालने का पूरा भरोसा: सिद्धारमैया

कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस की भारी लड़ाई तथा काफी जुबानी गर्मी वाले चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है. सिद्धारमैया ने साफ कह दिया है कि यह उनकी अंतिम चुनावी लड़ाई है, लेकिन वह इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि अगले पांच साल तक कांग्रेस के दक्ष‍िण में गढ़ कर्नाटक की कमान उनके ही हाथ में ही रहेगी. आजतक-इंडिया टुडे को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्य में किसी तरह की एंटी-इनकम्बेंसी नहीं है और 100 फीसदी तय है कि मैं पुन: चुनकर आऊंगा. उनसे हमने सवाल किया था कि कर्नाटक में साल 1985 के बाद ऐसा देखा गया है कि कोई भी पार्टी पांच साल बाद सत्ता में वापस नहीं आई है, वह इस इतिहास को किस तरह से बदलेंगे? खंडित जनादेश वाले तमाम ओपिनियन पोल को खारिज करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, 'इस तरह के प्री-पोल सर्वे जमीनी वास्तविकता पर आधारित नहीं होती. मैं इन पर भरोसा नहीं करता.' अपने बेटे यतींद्र को वरुणा सीट से चुनाव लड़ाने और वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के बीजेपी के आरोप पर उन्होंने कहा, 'वरुणा से मैं लड़ता, यदि यह मेरा अंतिम चुनाव नहीं होता. मैं अब 70 पार कर चुका हूं.' न तो कोई किंग और न ही किंगमेकर राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि पूर्व सीएम और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच. डी. देवगौड़ा किंगमेकर बन सकते हैं और त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थ‍िति में वह बीजेपी से हाथ मिला सकते हैं. इस पर सिद्धारमैया ने कहा, 'साल 2004 और 2006 में भी ऐसा हुआ है, जब जेडी (एस) ने क्रमश: कांग्रेस और बीजेपी के साथ गठबंधन किया था.' सिद्धारमैया ने कहा, ' इसी वजह से देवगौड़ा अपने को किंगमेकर मानते हैं. लेकिन इस बार जेडी (एस) 20 सीटें ही जीत पाएगी, इसलिए न तो वह किंग रहने वाले हैं और न किंगमेकर. त्रिशंकु विधानसभा जैसी स्थति नहीं आएगी. सिद्धारमैया ने इस बात को भी खारिज किया कि वह हारने के डर से दो सीटों चामुंडेश्वरी और बदामी से लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता और कांग्रेस के कार्यकर्ता, विधायक यह चाहते थे कि वह दो जगह से लड़ें. उन्होंने कहा कि 'चामुंडेश्वरी में तो आसानी से जीत मिल जाएगी. बीजेपी और जेडी(एस) के बीच यहां एक रणनीतिक समझदारी बनी है, लेकिन जेडी(एस) कैंडिडेट जी. टी. देवगौड़ा बहुत मुश्किल नहीं पैदा कर पाए हैं. राजनीतिक फायदे की बात नहीं सिद्धारमैया ने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है कि कन्नड़ गौरव और लिंगायतों के लिए अलग झंडा, अल्पसंख्यक दर्जे का मसला उठाकर कोई राजनीतिक फायदा उठाया जाए. वह विधायक चुने जाने के बाद फिर से यह मसले उठाएंगे. क्यों किया मानहानि का केस क्या यह चुनाव पीएम मोदी और उनके बीच की व्यक्तिगत लड़ाई बन गई है, इस सवाल पर सिद्धारमैया ने कहा, 'मैंने कभी भी उनकी व्यक्तिगत आलोचना नहीं की है और वे ही मेरे खिलाफ झूठे और निराधार आरोप लगाते रहे हैं. मोदी ऐसा बार-बार करते रहे, इसलिए मुझे मानहानि का केस दायर करना पड़ा.' कोई मोदी लहर नहीं मोदी की भीड़ में जुट रही रैलियों के सवाल पर उन्होंने कहा, 'राज्य में कोई मोदी लहर नहीं है, उनके भाषण खोखले होते हैं. महिलाओं और युवाओं में राहुल गांधी के प्रति आकर्षण है.'

कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस की भारी लड़ाई तथा काफी जुबानी गर्मी वाले चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है. सिद्धारमैया ने साफ कह दिया है कि यह उनकी अंतिम चुनावी लड़ाई है, लेकिन वह इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि अगले पांच साल तक कांग्रेस …

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कर्नाटक वोटर ID कार्ड मामला: चुनाव आयोग ने कहा- नहीं रुकेगा मतदान

कर्नाटक में चुनाव प्रचार गुरुवार शाम को थम जाएगा, लेकिन इससे पहले बेंगलुरु के फ्लैट में मिले हज़ारों वोटर आईडी कार्ड का मामला बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को चुनाव आयोग ने साफ कहा कि इस वजह से मतदान पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और चुनाव नहीं रुकेगा. इस पूरे मामले पर कर्नाटक मुख्य चुनाव अधिकारी को रिपोर्ट मिल गई है. इस पर 11 बजे फैसला हो सकता है और आगे की कार्रवाई तय हो सकती है. चुनाव आयोग ने इस मामले में सख्त कदम उठाने की बात कही है. आपको बता दें कि इस मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं. शारदांबा नगर के जालाहल्ली इलाके के जिस फ्लैट में ये वोटर आईडी कार्ड मिले वह मंजुला नंजामुरी के नाम पर है, जिसे उन्होंने किराये पर दिया था. PM ने भी कांग्रेस को घेरा बेंगलुरु के फ्लैट में वोटर आईडी कार्ड पकड़े जाने के मुद्दे पर पीएम मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला. गुरुवार को ही SC/ST/OBC मोर्चा के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए PM मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने इन दिनों कई कारनामे शुरू किए हैं, कांग्रेस अब फेक वोटर आईडी कार्ड बना रही है. फ्लैट मालिक ने दी थी सफाई फ्लैट की मालिक मंजुला नंजामुरी ने कहा कि वह 1997 से 2002 तक सभासद रह चुकी हैं, इसमें बीजेपी ने उनकी मदद की थी. उन्होंने कहा कि मैं एक हाउस वाइफ थी, लेकिन बीजेपी ने उनकी सभासद बनने में मदद की, इसलिए वह खुद को उनकी शरण में मानती हैं. उन्होंने कहा कि मैं कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं रही और ना ही भविष्य में उनके साथ रहूंगी. मंजुला ने कहा कि राकेश उनके फ्लैट में बतौर किराएदार नहीं है बल्कि रेखा और रंगाराजू किराएदार हैं. बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राकेश बीजेपी समर्थक है और फ्लैट में किराएदार है. मंजुला के बेटे श्रीधर ने कहा है कि राकेश का फ्लैट से कोई लेना-देना नहीं है, वह उनका कजिन जरूर है. उन्होंने कहा कि मेरा कांग्रेस के साथ कोई संबंध नहीं है. क्या है मामला? मंगलवार शाम बेंगलुरु के जालाहल्ली इलाके में एक घर से बड़ी संख्या में वोटर आईडी कार्ड बरामद होने से विवाद गर्मा गया था. यह इलाका राज राजेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र में पड़ता है. इस मामले को लेकर बेंगलुरु में चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने मंगलवार रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. उनके अनुसार, राज राजेश्वरी में करीब 4 लाख 35 हजार 439 वोटर हैं, यह वहां की आबादी का 75.43 फीसदी है. पिछली बार रिवीजन के दौरान 28 हजार 825 नाम जोड़े गए थे. इसके बाद अपडेशन के दौरान 19,012 नाम और जोड़े गए थे. इस दौरान 8817 लोगों का नाम हटाया भी गया था. संजीव कुमार ने बताया कि वह खुद इस घर में गए थे और उन्होंने यहां 9746 वोटर आईडी कार्ड बरामद किए थे. इन्हें छोटे बंडलों में बांधकर और लपेटकर रखा गया था. हर बंडल पर फोन नंबर और नाम लिखा गया था.

कर्नाटक में चुनाव प्रचार गुरुवार शाम को थम जाएगा, लेकिन इससे पहले बेंगलुरु के फ्लैट में मिले हज़ारों वोटर आईडी कार्ड का मामला बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को चुनाव आयोग ने साफ कहा कि इस वजह से मतदान पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और चुनाव नहीं रुकेगा. इस पूरे …

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सुप्रीम कोर्ट ने दी वकीलों को नसीहत

इन दिनों हमारे देश में न्यायिक व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसमें वकील तक शामिल हैं. जजों और उनके फैसलों को निशाना बनाने का नया दौर शुरू हो गया है जो अंततः न्यायिक व्यवस्था को प्रभावित करेगा.इसी बात को लेकर शीर्ष अदालत ने वकीलों को नसीहत दी. आपको बता दें कि यह मामला तब उठा जब जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ केरल मेडिकल कॉलेज के मामले की सुनवाई कर रही थी. तब विवेचनात्मक अंदाज में कहा कि वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं.तभी जस्टिस मिश्रा ने कहा हर जज निशाने पर है. आप एक तीर से सभी को खत्म कर देना चाहते हैं. आप जैसे लोग इस संस्थान को नष्ट कर रहे हैं. यदि ये संस्थान नष्ट हो गया तो आप भी नहीं बच पाओगे. दरअसल शीर्ष अदालत को यह तल्ख़ टिप्पणी तब करनी पड़ी जब इस मामले में पेश वकील अपनी आवाज आक्रामक तरीके से तेज करते हुए एक साथ बहस करने लगे.जस्टिस मिश्रा ने कहा, आप (वकील) हर दिन संस्थान (न्याय व्यवस्था) को नष्ट कर रहे हैं. केवल यदि ये संस्थान बचेगा तो वकील बचेंगे.उन्होंने ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) अध्यक्ष विकास सिंह की उपस्थिति में कही.शीर्ष अदालत इस बात को लेकर नाराज है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन भी इस मुद्दे पर खामोश है

इन दिनों हमारे देश में न्यायिक व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसमें वकील तक शामिल हैं. जजों और उनके फैसलों को निशाना बनाने का नया दौर शुरू हो गया है जो अंततः न्यायिक व्यवस्था को प्रभावित करेगा.इसी बात को लेकर शीर्ष अदालत ने वकीलों को …

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राष्ट्रपति कोविंद आज सियाचिन दौरे पर

14 सालों बाद एक बार फिर जम्मू कश्मीर के सियाचिन का दौरा करंगे. 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम में सियाचिन दूर किया था, जिसके बाद से कोई भारतीय राष्ट्रपति सियाचिन नहीं गया है. लेकिन आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सियाचिन स्थित सेना के बेस कैंप का दौरा करेंगे. इसके बाद वह 13 और 14 मई को राजस्थान में रहेंगे, अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान वह अजमेर दरगाह पर जियारत करने पहुंचेंगे. इस दौरान राष्ट्रपति के जयपुर में बिड़ला ऑडिटोरियम में एक समारोह में भी भाग लेने की संभावना है. राष्ट्रपति भवन से मिली जानकारी के मुताबिक आज राष्ट्रपति सेना के बेस कैंप में जाकर जवानों से चर्चा करेंगे, राष्ट्रपति कोविंद अपने दौरे के दौरान कुमार पोस्ट भी जाएंगे. गौरतलब है कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है, जहां जवानों को दुश्मन के साथ-साथ मौसम से भी जूझना पड़ता है. सियाचिन की ऊंचाई 22,000 फीट है (विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 29,000 फीट है) और तापमान न्यूनतम से 45 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है. इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद अरुणाचल प्रदेश में भी जवानों की हौसला-अफ़ज़ाई के लिए जा चुके हैं, उनकी इस यात्रा पर चीन ने आपत्ति भी दर्ज कराइ थी, . तब चीन ने कहा था कि भारत को ऐसे समय में सीमा विवाद को ‘जटिल बनाने’ से बचना चाहिए जब दोपक्षीय रिश्ते ‘निर्णायक क्षण’ में हों.

14 सालों बाद एक बार फिर जम्मू कश्मीर के सियाचिन का दौरा करंगे. 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम में सियाचिन दूर किया था, जिसके बाद से कोई भारतीय राष्ट्रपति सियाचिन नहीं गया है. लेकिन आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सियाचिन स्थित सेना के बेस कैंप का दौरा करेंगे.  इसके …

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पहले भगवान को भोग क्यों लगाया जाता है

आप सभी ने कभी न कभी पूजा तो जरूरी की होगी या किसी पूजा में शामिल तो जरूर ही हुए होंगे. पूजा के समय भगवान के समक्ष मिष्ठान, मेवे, फलादि रखे हुए होते है और पूजा के होने पर सारी भोग सामग्री को भोग लगाया जाता है जिसके बाद उस भोग को अमृततुल्य माना जाता है.आइल सन्दर्भ में श्रीमद्भगवदगीता के तीसरे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण ने वर्णित किया है कि जो व्यक्ति भगवान को भोग लगाएं बिना भोजन ग्रहण करता है उसे अन्न की चोरी का पाप भोगना होता है. ऐसा व्यक्ति उसी प्रकार दंड भोगता हैं जैसे किसी की वस्तु चुराने पर सजा मिलती है. शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जो जातक भगवान को भोग नहीं लगाते या भोग को भोजन में शामिल नहीं करते वो भगवान के प्रसाद का अनादर करते है और अंत में दर्शन से भी वंचित रहते है.ऐसे लोग जो भगवान को भोग लगाए बिना खुद भोजन कर लेते उनका राक्षसी जन्म परैत होता है और जीवनभर कष्टों का सामना करना पड़ता है. आइये जाएँ है किस पात्र में भोग लगाने से ईश्वर प्रसन्न होते है और भोग का सम्पूर्ण फल जातक को प्राप्त होता है.भोग लगाने के लिए सबसे शुभ ताम्बे की धातु को माना जाता है. ताम्र पात्र को शुभ एवं पवित्र माना जाता है, अतः भगवान को ताम्र पात्र में अर्पण की गई वस्तु प्रिय होती है. ईश्वर को भोग लगाते समय उसमे तुलसी दल अवश्य होना चाहिए. यह शुभता की और संकेत करता है

आप सभी ने कभी न कभी पूजा तो जरूरी की होगी या किसी पूजा में शामिल तो जरूर ही हुए होंगे. पूजा के समय भगवान के समक्ष मिष्ठान, मेवे, फलादि रखे हुए होते है और पूजा के होने पर सारी भोग सामग्री को भोग लगाया जाता है जिसके बाद उस …

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SC में भी ख़ारिज हुआ कांग्रेस का महाभियोग प्रस्ताव

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस द्वारा दाखिल की गई याचिका एक दिन भी नहीं टिक सकी, कांग्रेस की इस अपील को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने खारिज कर दिया है. पीठ द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पर फैसला सुनाने के बाद कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से भी कांग्रेस बौखलाई हुई नज़र आई और कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की कार्य प्रणाली पर सवाल भी खड़े किए. सिब्बल ने कहा कि सिब्बल ने कहा कि याचिका को अभी नंबर नहीं मिला. एडमिट नहीं हुई, लेकिन रातों रात ये पीठ किसने बनाई? उन्होंने कहा कि यह जानना बेहद जरुरी है कि इस पीठ का गठन किसने किया है. सिब्बल ने कहा कि चीफ जस्टिस इस मामले में प्रशासनिक या न्यायिक स्तर पर कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता, सभी मामलों को संविधान पीठ को रेफर किया जाता है, जब कानून का कोई सवाल उठा हो, लेकिन यहां फिलहाल कानून का कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ न्यायिक आदेश के जरिए ही संविधान पीठ को भेजा जा सकता है, प्रशासनिक आदेश के जरिए नहीं. उन्होंने इस याचिका को 5 जजों की पीठ के पास भेजने वाले आदेश की मांग भी की, उन्होंने कहा कि आदेश मिलने के बाद उस आदेश को चुनौती देने के बारे में विचार किया जाएगा. इस मामले में अदालत ने कहा है कि राजनीति में रहकर वकालत नहीं की जा सकती है. कपिल सिब्बल के वकालत करने पर आर पी लूथरा और अश्विनी उपाध्याय ने विरोध करते हुए कहा कि भारत की बार कौंसिल राजनितिक वकीलों को प्रतिबंधित करती है. जिसके बाद कपिल सिब्बल ने याचिका वापिस ले ली. आपको बता दें कि इससे पहले सभापति वेंकैया नायडू द्वारा भी महाभियोग प्रस्ताव को ख़ारिज किया जा चुका है, जिसके बाद ही कांग्रेस के 2 सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस द्वारा दाखिल की गई याचिका एक दिन भी नहीं टिक सकी, कांग्रेस की इस अपील को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने खारिज कर दिया है. पीठ द्वारा महाभियोग प्रस्ताव …

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दिल्ली पहुंचा जिन्ना विवाद का जिन्न

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से उठा मोहम्मद अली जिन्ना विवाद अब दिली तक पहुँच चुका है, अलीगढ़ में जिन्ना समर्थकों के प्रदर्शन के बाद अब दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के मेन गेट पर मंगलवार शाम को करीब दो दर्जन प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की. इन प्रदर्शनकरियों ने जिन्ना समर्थकों का विरोध करते हुए 'जिन्ना प्रेमी भारत छोड़ो' और 'वन्दे मातरम' के नारे लगाए. हालांकि कुछ देर नारे लगाने के बाद प्रदर्शनकारी वापिस चले गए. दरअसल, बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने यूनिवर्सिटी के वीसी से छात्रसंघ हॉल में लगी जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग की थी. जिसके बाद इस मामले पर सियासत शुरू हुई थी. जिसके बाद AMU के मौजूदा छात्र और पूर्व छात्रों ने जिन्ना की तस्वीर को हटाने से इनकार कर दिया था, हालांकि कुछ समय के लिए तस्वीर को हटाया गया था. AMU के छात्रों ने तस्वीर न हटाने कि मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था. इस मुद्दे पर छात्रों ने कहा है कि जिन्ना भारतीय इतिहास का हिस्सा हैं, इसलिए वह उनकी तस्वीर नहीं हटाएंगे. तनाव को देखते हुए यूनिवर्सिटी में कुछ दिनों के लिए इंटरनेट की सेवा पर भी रोक लगा दी गई थी. इसके बाद से यह विवाद आग की फैला है, सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर काफी प्रतिक्रिया हो रही है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से उठा मोहम्मद अली जिन्ना विवाद अब दिली तक पहुँच चुका है, अलीगढ़ में जिन्ना समर्थकों के प्रदर्शन के बाद अब दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के मेन गेट पर मंगलवार शाम को करीब दो दर्जन प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की. इन प्रदर्शनकरियों ने जिन्ना समर्थकों का विरोध …

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Paytm से अब बिना इंटरनेट भी कर पाएंगे पेमेंट, जानें कैसे

पेटीएम ने यूजर्स तक अपनी पहुंच बढ़ाने और अन्य प्रतिस्पर्धी एप्स को टक्कर देने के लिए नया कदम उठाया है। कंपनी ने पेटीएम 'टैप कार्ड' लॉन्च किया है। इस कार्ड के इस्तेमाल से यूजर्स ऑफलाइन पेमेंट कर पाएंगे यानी बिना इंटरनेट की मदद के भी पेटीएम के जरिये पेमेंट किया जा सकेगा। ऐसे कर सकेंगे भुगतान - कंपनी ने दावा किया है की इसके जरिये 0.5 सेकंड से भी कम समय में लेन-देन किया जा सकेगा। कंपनी ने बताया कि इसके तहत व्यापारियों को एनएफसी पीओएस टर्मिनल मिलेंगे जिसके जरिये भुगतान हो सकेगा। पेमेंट करने के लिए यूजर्स को टैप कार्ड पर QR कोड स्कैन करना होगा। इसके बाद किसी भी एड वैल्यू मशीन से इसे वेरिफाई करके पेटीएम अकाउंट में एड किया जा सकता है। डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ाते हुए पेटीएम ने पेमेंट सिस्टम को आसान बनाने का प्रयास किया है। इसके तहत कंपनी पहले भाग के रूप में कॉर्पोरेट ओर शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी कर रहा है। पेटीएम के सीईओ किरण के अनुसार, 'ऐसे कई लोग है जो पेमेंट तो करना चाहते हैं, लेकिन इंटरनेट ना होने के कारण ऑनलाइन भुगतान का इस्तेमाल नहीं करते। लोगों को ऑनलाइन भुगतान करने में सक्षम बनाने के लिए ही पेटीएम टैप कार्ड को पेश किया गया है।' इन एप्स से है पेटीएम का कड़ा मुकाबला: गूगल तेज - गूगल ने भारतीय डिजिटल पेमेंट सेवा में पिछले सितम्बर तेज लॉन्च कर के एंट्री की। सर्च दिग्गज गूगल की मोबाइल पेमेंट सेवा गूगल तेज आईओएस और एंड्रॉयड पर उपलब्ध है। गूगल तेज के जरिये यूजर्स अपने बैंक अकाउंट और अन्य सेवाएं जैसे- UPI, क्यूआर कोड और फोन नंबर से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा गूगल तेज में कैश मोड का दिलचस्प फीचर भी मौजूद है। इस फीचर की मदद से यूजर्स अपने आस-पास के लोगों को पैसे भेज पाते हैं। इस फीचर में यूजर्स को पैसे ट्रांसफर करते समय बैंक अकाउंट नंबर या फोन नंबर भरने की जरुरत नहीं होती। हाइक - इन-हाउस मैसेजिंग ऐप हाइक, व्हाट्सएप को सीधी टक्कर देता है। पिछले कुछ महीनों में हाइक ने कई नए फीचर्स पेश किए हैं। इसमें से कुछ- स्नैपचैट-लाइक स्टोरीज, टाइमलाइन फॉर पोस्ट्स और सबसे जरुरी हाइक वॉलेट है। 2017 जून में लॉन्च हुए हाइक की भी पेटीएम की तरह अपनी वॉलेट सर्विस है। हाइक वॉलेट के जरिये यूजर्स पैसे भेज और रिसीव कर सकते हैं और मोबाइल नंबर रिचार्ज करा सकते हैं। हाइक वॉलेट में ही UPI का विकल्प मौजूद है। ट्रूकॉलर - ट्रूकॉलर एक ऐसी ऐप है, जिसने अपने प्लेटफार्म पर कई अलग-अलग फीचर्स उपलब्ध करवाने की कोशिश की है। इस ऐप की शुरुआत एक कॉलर आईडी की तरह हुई थी। इस फोन नंबर ढूंढ़ने वाली ऐप में ऑफर करने के लिए कई टूल्स मौजूद हैं। ट्रूकॉलर अपना कस्टम डायलर, कांटेक्ट लिस्ट और मैसेजिंग इनबॉक्स ऑफर करता है। ट्रूकॉलर का UPI तीन अलग-अलग तरीकों से कार्य करता है। इसमें पैसे भेजना, स्कैन कर के पे करना और मोबाइल बिल्स रिचार्ज करना सम्मिलित है।

पेटीएम ने यूजर्स तक अपनी पहुंच बढ़ाने और अन्य प्रतिस्पर्धी एप्स को टक्कर देने के लिए नया कदम उठाया है। कंपनी ने पेटीएम ‘टैप कार्ड’ लॉन्च किया है। इस कार्ड के इस्तेमाल से यूजर्स ऑफलाइन पेमेंट कर पाएंगे यानी बिना इंटरनेट की मदद के भी पेटीएम के जरिये पेमेंट किया …

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नए मैसेज बग से क्रैश हो रहे वॉट्सऐप और एंड्रॉयड डिवाइस

वाट्सऐप पर इन दिनों एक ऐसा मैसेज फॉरवर्ड किया जा रहा है जिसे टैप करते ही मैसेजिंग ऐप के साथ एंड्रॉयड डिवाइस भी क्रैश हो जाता है। इस तरह के मैसेज बग पहले भी आ चुके हैं और ये केवल एंड्रॉयड ही नहीं बल्कि अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम को भी प्रभावित करते हैं। नए बग में भी पुराने 'मैसेज बम' की तरह ही एक विशेष तरह के मैसेज में छुपे हुए चिह्नों का इस्तेमाल किया गया है। मैसेज भेजते या रिसीव करते समय जैसे ही आप इस बग में लिखे टेक्सट को टैप करते हैं, छुपे हुए चिह्न अपना आकार (एमबी में) बढ़ाकर ऐप की मेमोरी में फैलकर ज्यादा जगह घेर लेते हैं। इस ओवरलोड से ऐप और ऑपरेटिंग सिस्टम दोनों ही क्रैश हो जाते हैं। नए बग को दो खास तरह के मैसेज के जरिये फैलाया जा रहा है। एक मैसेज में काले रंग के डॉट के साथ चेतावनी दी हुई है कि इसे टैप करते ही ऐप क्रैश हो जाएगा। इस चेतावनी के कारण लोग ज्यादा जिज्ञासु होकर मैसेज खोल लेते हैं। दूसरे में इस तरह की कोई चेतावनी नहीं है। इसमें इस्तेमाल किए गए जरूरत से ज्यादा अदृश्य अक्षरों और चिह्नों के कारण ऐप तुरंत ही क्रैश हो जा रहा है। फेसबुक के मालिकाना हक वाले वाट्सऐप ने फिलहाल इस बग पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

वाट्सऐप पर इन दिनों एक ऐसा मैसेज फॉरवर्ड किया जा रहा है जिसे टैप करते ही मैसेजिंग ऐप के साथ एंड्रॉयड डिवाइस भी क्रैश हो जाता है। इस तरह के मैसेज बग पहले भी आ चुके हैं और ये केवल एंड्रॉयड ही नहीं बल्कि अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम को भी प्रभावित …

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