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3 बच्चों की जिंदगी के लिए, क्या गजब कर बैठी मां…

3 बच्चों की जिंदगी के लिए, क्या गजब कर बैठी मां...

तीन बच्चों की जिंदगी बनाने के लिए, एक मां ने देखो क्या गजब कर डाला। उसने पाकिस्तान जाकर धर्म बदल लिया और शादी कर ली। पंजाब में होशियारपुर जिले के गढ़शंकर की एक महिला सिख तीर्थयात्री ने इस्लाम धर्म अपना लिया है। यही नहीं उसने लाहौर के पाकिस्तानी नागरिक से …

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पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अमेरिका का सख़्त कदम

पाकिस्तान: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने एक बड़ी खबर की पुष्टि की जिसमें कहा जा रहा था कि अमेरिका अपने देश में पाकिस्तानी राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. यह प्रतिबंध एक मई से प्रभावी होंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल के मुताबिक, "वॉशिंगटन में पाकिस्तानी राजनयिकों पर यात्रा प्रतिबंधों के संदर्भ में हमें अमेरिका से आधिकारिक सूचना मिली है. वहां एक मई 2018 से पाकिस्तानी राजनयिकों पर प्रतिबंध लग रहा है." गौरतलब है कि अमेरिकी अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर पॉलिटिकल अफेयर्स थॉमस शैनन के 17 अप्रैल को इस बारे में बयान दिया था. इस बयान में शैनन ने कहा था कि अमेरिका वॉशिंगटन में पाकिस्तान के राजनयिकों पर ठीक उसी तरह के प्रतिबंध लगाएगा, जैसे पाकिस्तान ने अमेरिका के राजनयिकों पर इस्लामाबाद में लगाए हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने इस्लामाबाद में कहा, "यह मुद्दा मुख्यतौर पर पारस्परिकता का है. दोनों पक्ष एक-दूसरे के संपर्क में हैं और हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. हम फिलहाल इस पर कुछ नहीं कह सकते." ज्ञात हों कि कुछ दिनों पहले ही अमेरिका की ओर से पाकिस्तानी डिप्लोमेट्स के लिए नए कोड ऑफ कंडक्ट तय किए गए थे.

 पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने एक बड़ी खबर की पुष्टि की जिसमें कहा जा रहा था कि अमेरिका अपने देश में पाकिस्तानी राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. यह प्रतिबंध एक मई से प्रभावी होंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल के मुताबिक, “वॉशिंगटन में पाकिस्तानी राजनयिकों पर यात्रा …

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कर्नाटक में कांग्रेस ने खड़ी कि करोड़पतियों की फौज

12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में कांग्रेस की ओर से करोड़पति उम्मीदवारों की फौज खड़ी कर दी गई है और जानकारी के अनुसार कांग्रेस के द्वारा जारी 218 उम्मीदवारों की सूची में से 91 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति है. जानिए और भी इन कर्नाटक चुनाव के बारे में - -कांग्रेस के 32 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. -वहीं भारतीय जनता पार्टी में 27 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. -कर्नाटक में किंग मेकर का तमगा हासिल कर चुकी जनता दल (सेकुलर) (जेडीएस) में ये आंकड़ा 29 फीसदी है. -बीजेपी ने 111 चेहरों पर और जेडीएस ने 58 चेहरों पर दोबारा दांव लगाया है, इन्हे पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है. -शोध संस्थान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के विश्लेषण के अनुसार कांग्रेस से दोबारा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 28 करोड़ रुपये है -जबकि बीजेपी की तरफ से दोबारा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 8 करोड़ रुपये -जेडीएस के उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 14 करोड़ रुपये है. -बीजेपी के 97 उम्मीदवार करोड़पति हैं. -जेडीएस ने 46 करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट दिया है. -कांग्रेस की तरफ से दोबारा चुनाव लड़ रहे 148 उम्मीदवारों में से 48 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की घोषणा की है. -भाजपा ने 111 लोगों को दोबारा टिकट दिया है. जिसमें से 30 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं. -जेडीएस की तरफ से दोबारा लड़ रहे 58 उम्मीदवारों में से 17 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. -कांग्रेस और जेडीएस, दोनों पार्टियों के 16 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं -बीजेपी के 17 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं. -ये जानकारी एडीआर और कर्नाटक इलेक्शन वॉच ने इन उम्मीदवारों के नामांकन से प्राप्त जानकारी के आधार पर दी है.

12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में कांग्रेस की ओर से करोड़पति उम्मीदवारों की फौज खड़ी कर दी गई है और जानकारी के अनुसार कांग्रेस के द्वारा जारी 218 उम्मीदवारों की सूची में से 91 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति है. जानिए और भी इन कर्नाटक चुनाव के …

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कर्नाटक चुनाव: 65 हजार बूथों पर होगी कांग्रेस के कॉल सेंटर की नज़र

आगामी 12 मई को कर्नाटक मे विधान सभा चुनावों के लिए वोटिंग की जाना है. कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहती है और इस के लिए नई रणनीति के तहत राज्य के 65,000 बूथों पर दो कॉल सेंटर के जरिये नज़र रखने की योजना बना चूकि है. बैंगलोर और मैसूर में स्थापित किए गए ये साल सेंटर हैं, यह पहली बार है, जब अपने नए अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं, प्रतिनिधियों, बूथ कार्यकर्ताओं और जिला नेताओं से नियमित रूप से संपर्क में रहने के लिए कॉल सेंटर स्थापित किए हैं. कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा, 'हमने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था के लिए इन कॉल सेंटर्स को स्थापित किया है. इसके माध्यम से हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ सीधे तौर पर संपर्क में रहेंगे. खास तौर पर बूथ स्तर पर, सीधे और वास्तविक प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकें.' कांग्रेस के 100 सदस्य हर कॉल सेंटर पर मौजूद रहेंगे. ये सदस्य पार्टी बूथ कार्यकर्ताओं, बूथ प्रतिनिधियों और अन्य कार्यकर्ताओं से संपर्क में रहेंगे और हर क्षेत्र की स्थिति पर नजर रखेंगे. दोनों कॉल सेंटर्स से मिलने वाली जानकारी और आंकड़ें पार्टी को अपने अभियान के साथ-साथ बूथ प्रबंधन को लेकर रणनीति बनाने में मदद करेंगे. गुंडू राव ने बताया, 'कॉल सेंटर्स के माध्यम से जानकारी का दो-तरफा प्रवाह रहेगा. इससे हमें बूथ स्तर की सभी जानकारी प्राप्त होगी और हम अपने कर्मचारियों को भी अपनी बात कह सकेंगे. साथ ही अगर हमारे कर्मचारियों को कोई समस्या होगी, तो उसका भी हल निकाला जा सकेगा. 12 मई ये वो तारीख है जब कर्नाटक विधानसभा चुनावों मे मतदाता राज्य के भाग्य का फैसला करेंगे. कर्नाटक चुनाव दोनों बड़े सियासी दलों के लिए अति महत्वपूर्ण है. बीजेपी जहा देश मे हर कही एक तरफ़ा जीत से ओत प्रोत हो कर एक और राज्य को भगुआ रंग मे रंगने को आतुर है साथ ही विजय रथ को आगे बढ़ाते हुए 2019 लोकसभा का शंखनाद भी अपने अंदाज मे ही करना चाहती है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के लिए ये अस्तित्व को बचाने और पुनः उठ खड़े होने का मौका है. लगातार हार, भीतर घात, अकुशल नेतृत्व, मजबूत विपक्ष जैसे कई फैक्टर है जिन्होंने कांग्रेस को हाशिये पर ला खड़ा किया है. ऐसे मे कर्नाटक चुनाव कांग्रेस के लिए संजीवनी है. इस सूबे को जीत कर कांग्रेस सिर्फ एक राज्य नहीं जीतेगी अपितु फिर से पुनः गठन की ओर अपना पहला कदम भी बढ़ाएगी. देश की सियासत की दशा और दिशा के निर्धारण मे भी कर्नाटक चुनाव का अहम योगदान होगा. बीजेपी देश को भगुआ करने मे कोई कसर नहीं छोड़ेगी और बेहतरीन रणनीति, हवा का रुख और मोदी फेक्टर बीजेपी के लिए लगातार फायदे मंद साबित हो रहा है. ऐसे मे घमासान पक्का है. हालांकि कर्नाटक बीजेपी के लिए हमेशा से दूर की कौड़ी ही रहा है. इन सब सवालों के जवाब 15 मई को आने वाले परिणामों के साथ मिलेगा .

आगामी 12 मई को कर्नाटक मे विधान सभा चुनावों के लिए वोटिंग की जाना है. कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहती है और इस के लिए नई रणनीति के तहत राज्य के 65,000 बूथों पर दो कॉल सेंटर के जरिये नज़र रखने की योजना बना …

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मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी जानकर आपके उड़ जायेंगे होश…

मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी जानकर आपके उड़ जायेंगे होश...

जहां एक ओर मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी का प्रकोप है, वहीं इस बीच मौसम विभाग की भविष्यवाणी चेहरे खिला देने वाली खबर लाई है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को देहरादून के आठ जिलों में बारिश की संभावना जताई है। इन जिलों में बारिश के साथ आंधी चलने और ओले …

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कर्नाटक में पीएम मोदी की नौ दिन में 15 रैलियां

बेंगलुरु : कर्नाटक का चुनाव जीतना भाजपा के लिए करो या मरो का मामला बन गया है.इसीलिए भाजपा यहां अपनी पूरी ताकत झोंकना चाहती है. इसीलिए कर्नाटक में पीएम मोदी का नौ दिवसीय प्रचार कार्यक्रम तय किया गया है.पीएम मोदी एक मई से नौ मई तक पूरे प्रदेश में 15 रैलियां करेंगे.अंतिम पड़ाव के इस प्रचार के साथ ही चुनाव की असली जंग शुरू होगी. उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 12 मई को मतदान होगा.मुख्य टक्कर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच है.एक और राहुल गाँधी पिछले पांच छह महीनों में कर्नाटक में कई रैलियों को सम्बोधित कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस यह जानती है कि राहुल भीड़ को ज्यादा रोक नहीं पाते, इसलिए फिर माइक सीएम सिद्धारमैया को संभालना पड़ता है, जिनमें वे अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने और भाजपा पर आरोप लगाने में ही बीत जाता है. जबकि दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जीत के लिए ज़मीन तैयार कर दी है . कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं .लेकिन पार्टी को चिंता उन दस फीसदी वोटों की है जो असमंजस में हैं. वे एक ओर बेंगलूरू से मैसूर, मंगलोर और ओल्ड मैसूर तक के मतदाता सिद्धरमैया से निराश हैं, तो दूसरी ओर येदुरप्पा की सीएम दावेदारी से उत्साहित भी नहीं है.इन्हें साधने के लिए ही पीएम मोदी के सघन दौरे आयोजित किये गए हैं.इसके अलावा प्रधानमंत्री की चुनावी अभियान से पहले ही भाजपा का विजन डाक्यूमेंट जारी होगा, जिसमें किसान, छात्र, व्यवसायी व जातीय स्तर पर बंटे पेशेवरों को संदेश देने का प्रयास किया जाएगा.

 कर्नाटक का चुनाव जीतना भाजपा के लिए करो या मरो का मामला बन गया है.इसीलिए भाजपा यहां अपनी पूरी ताकत झोंकना चाहती है. इसीलिए कर्नाटक में पीएम मोदी का नौ दिवसीय प्रचार कार्यक्रम तय किया गया है.पीएम मोदी एक मई से नौ मई तक पूरे प्रदेश में 15 रैलियां करेंगे.अंतिम …

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अभी-अभी आई रिलायंस JIO सिम यूज करने वालों के लिए बंपर खुशखबरी…

अभी-अभी आई रिलायंस JIO सिम यूज करने वालों के लिए बंपर खुशखबरी...

अगर आप रिलायंस जियो सिम यूज कर रहे हैं तो जल्द ये फायदा उठाइए। वरना कहीं देर न हो जाए।देहरादून में जियो के रिटेलर अमन मैठानी ने बताया कि जियो सिम लेने के बाद एक साल के लिए प्राइम मेंबरशिप मिलेगी। जिन जियो यूजर्स ने प्राइम मेंबरशिप ले रखी है, …

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मप्र: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के एलान के बाद सांसद ने किया बवाल

मंडला: मध्यप्रदेश में हाल ही में जबलपुर सांसद राकेश सिंह को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है जिसके कारण बीजेपी में अंतरकलह शुरू हो गया है. पार्टी के इस फैसले से नाखुश मंडला जिले से बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंडला विधानसभा से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है जिसके बाद मप्र बीजेपी में उथल पुथल शुरू हो गई है. फग्गन सिंह कुलस्ते का यह बयान तब सामने आया है जब. बता दें कि कुलस्ते लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी करते आ रहे हैं लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी है. फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मंडला लोकसभा के अंतर्गत मंडला, डिंडौरी, सिवनी और नरसिंहपुर जिले की 8 विधानसभाएं आते हैं जिसमें उन्होंने मंडला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. फग्गन सिंह कुलस्ते ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को प्रस्ताव भेज दिया है और पार्टी जो निर्णय लेगी उस आधार पर काम करने की बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि फग्गन सिंह कुलस्ते पांच बार मंडला लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. फग्गन सिंह कुलस्ते बीजेपी के कद्दावर नेता और आदिवासियों के राष्ट्रीय नेता के चेहरे के रूप में जाने जाते है, मगर पार्टी द्वारा लगातार उनकी की गई उपेक्षा से वे नाराज चल रहे है.

मध्यप्रदेश में हाल ही में जबलपुर सांसद राकेश सिंह को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है जिसके कारण बीजेपी में अंतरकलह शुरू हो गया है. पार्टी के इस फैसले से नाखुश मंडला जिले से बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंडला विधानसभा से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है …

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अगर इस पॉलिसी में लगाएं अपना पैसा, तो आपको होगा मोटा मुनाफा…

अगर इस पॉलिसी में लगाएं अपना पैसा, तो आपको होगा मोटा मुनाफा...

अगर आप एलआईसी पॉलिसी लेने की सोच रहे हैं तो इस स्कीम में पैसा लगाइए, कुछ साल बाद आप करोड़पति बन जाएंगे, सोनीपत में एलआईसी के एजेंट विपिन पालीवाल बताते हैं कि LIC की एक पॉलिसी है, जीवन अक्षय VI, जिसमें केवल एक बार ही प्रीमियम देना होता है। यह पॉलिसी …

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यूपी: 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का फैसला

लखनऊ : ST/SC एक्ट और आरक्षण को लेकर इन दिनों देश में जंग जारी है. वही पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की मांग एक बार फिर बलवती हो गई है. इसी क्रम में अब यूपी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का मसौदा तैयार कर लिया है. इसे दलित और पिछड़ो को रिझाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, मांझी, तुरहा, धीमर, निषाद, बिन्द, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर धीवर, बाथम, गौड़ आदि जातोयो को सरकार इसका लाभ देना चाहती है. वैसे भी अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करना का सही समय भाप कर बीजेपी सूबे में और केंद्र में इसका लाभ लेने के मूड में दिख रही है. इससे पहले भी इस तरह के प्रस्ताव आये थे मगर मौके की नजाकर को देखते हुए केंद्र सरकार और योगी सरकार से मंसूबा कर लिया है. वैसे भी मामला यूपी से जुड़ा है जहा विपक्ष भी इसी दांव को बीजेपी के खिलाफ आजमा रहा है और बसपा और सपा इसकी कीमत अचे से जानती है. बहरहाल तैयारी कर ली गई है और योजना को अमलीजामा पहनाया जाने की देर है. अब कब तक ये असलियत के धरातल पर होगी ये तो वक़्त ही बातयेगा.

 ST/SC एक्ट और आरक्षण को लेकर इन दिनों देश में जंग जारी है. वही पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की मांग एक बार फिर बलवती हो गई है. इसी क्रम में अब यूपी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का मसौदा तैयार कर …

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