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ब्रिटेन के शाही परिवार की शादी में प्रधानमंत्री को न्योता नहीं, जानिए क्या है वजह

लंदन। ब्रिटेन के राजकुमार हैरी और अभिनेत्री मेगन मार्केल की शादी 19 मई को होनी है। इस जोड़ी ने राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित नही करने का फैसला किया है। लिहाजा, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन सहित कई विदेशी राजनेताओं को शादी का न्योता नहीं दिया गया है। ब्रिटेन की शाही गद्दी के पांचवे दावेदार 33 वर्षीय हैरी और अमेरिकी अभिनेत्री मेगन मार्केल की शादी का समारोह विंडसर प्लेस के सेंट जॉर्ज चैपल में आयोजित होना है। यह स्थान वेस्टमिनिस्टर एबे से छोटा है, जहां पर हैरी के बड़े भाई प्रिंस विलियम और केट मिडिलटन की शादी हुई थी। शादी में शामिल होने वाले मेहमानों में वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा को भी आमंत्रित नहीं किया जाएगा। बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और बराक ओबामा और उनकी पत्नी हैरी की अच्छी दोस्त हैं। केंसिंग्टन पैलेस ने कहा कि यह निर्णय चर्च के आकार के आधार पर किया गया है। यह भी पढ़ेंः डॉगी के कारण लेट हो रही थी महिला कर्मचारी, बॉस ने दिया ऐसा जवाब शाही परिवार के एक सूत्र के मुताबिक शादी में उन लोगों को न्योता दिया गया है, जो हैरी या मर्केल से या दोनों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। प्रिंस हैरी की शादी के लिए पिछले महीने 600 मेहमानों को न्योता दिया गया है। इसमें से 200 करीबी दोस्त भी शामिल हैं, जो सेंट जॉर्ज चैपल में समारोह के बाद फ्रॉगमोर हाउस में एक निजी समारोह में शामिल होंगे। केंसिंगटन पैलेस ने हाल ही में बताया कि इस बड़े दिन में सशस्त्र बलों के 250 सदस्य भी शामिल होंगे। रक्षा मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि सशस्त्र बल औपचारिक समर्थन देंगे। अगले महीने होने वाली इस शादी में दुनिया भर के करीब एक लाख से अधिक मेहमानों के विंडसर में आने की उम्मीद है।

ब्रिटेन के राजकुमार हैरी और अभिनेत्री मेगन मार्केल की शादी 19 मई को होनी है। इस जोड़ी ने राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित नही करने का फैसला किया है। लिहाजा, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन सहित कई विदेशी राजनेताओं को शादी का न्योता नहीं …

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एक कप चाय बदल सकती है जिंदगी, पढ़ें 4 सच्ची कहानियां

पाकिस्‍तान में भी एक चाय वाला अचानक फैमस हुआ है। हालांकि यह किसी बड़े पद पर नहीं है और ना ही कोई नेता है, बल्कि यह चाय वाला तो अपने लुक्‍स के चलते दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहा है। पाकिस्‍तान के इस्‍लामाबाद के पेशावर चौक पर लगने वाले संडे बाजार में एक चाय की टपरी है। यहां एक नीली आंखों वाले हैंडसम युवक को देखकर आप भी चौंक जाएंगे। इस युवक ने रातोंरात इंटरनेट की दुनिया में धूम मचा दी है। हालांकि यह चाय वाला अब चाय वाला नहीं रहा और इसे एक ऑनलाइन रिटेलर कंपनी ने मॉडलिंग का ऑफर दे दिया। इससे पहले एक पाकिस्‍तानी फोटोग्राफर जिया अली द्वारा ली गई इस चाय वाले की तस्‍वीर सोशल मीडिया में पोस्‍ट होने के बाद वायरल होने लगी। अरशद नाम के इस चाय वाले ने एक स्‍थानीय न्‍यूज चैनल से बात करते हुए बताया कि वो 25 साल से इस्‍लामाबाद में रह रहा है और कुछ दिनों पहले ही इस चाय दुकान पर काम करने लगा है। जब उससे पूछा गया कि क्‍या उसे पता है उसकी तस्‍वीर सोशल मीडिया पर ट्रैंड कर रही है तो अरशद ने कहा कि उसे नहीं पता कि ट्विटर और इंस्‍टाग्राम क्‍या चीजें हैं। बकौल अरशद, वो इस तरह मशहूर होने से खुश है लेकिन जब लोग उसे घेरकर खड़े हो जाते हैं तो वो परेशान होजाता है। लोगा ने अब तक उसकी 150 तस्‍वीरें ले ली हैं।

 भारत में करोड़ों लोग रोज कई-कई कप चाय पीते हैं। आमतौर पर चर्चा होती है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कभी चाय बेचते थे। यहां हम चार ऐसी हस्तियों की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनकी जिंदगी एक कप चाय ने हदजल लेकिन अमेरिका से आई एक महिला …

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क्या अस्त ग्रह फल भी देते हैं, जानें कैसे करें उन्हें बलशाली

मल्टीमीडिया डेस्क। आकाश मंडल में कोई भी ग्रह जब सूर्य से एक निश्चित दूरी के अंदर आ जाता है, तो सूर्य के तेज से वह ग्रह अपनी शक्ति खोने लगता है। इसे ही ग्रह का अस्त होना माना जाता है। जब कोई ग्रह अस्त हो जाता है, तो उसके फल देने की स्थिति में कमी आ जाती है। यानी यदि वह शुभ फल देने वाला है, तो पूर्ण शुभ फल नहीं दे पाता है। यदि अशुभ फल देने वाला है, तो उसके अशुभ फल देने में कमी आ जाती है। सूर्य के समीप आने पर छहों ग्रह अस्त हो जाते हैं, लेकिन राहु और केतु कभी अस्त नहीं होते हैं। इतने करीब होने पर होते हैं अस्त ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चंद्रमा सूर्य के दोनों ओर 12 डिग्री या इससे अधिक करीब आने पर अस्त माने जाते हैं। वहीं, सूर्य के दोनों ओर 11 डिग्री या इससे अधिक समीप आने पर गुरू अस्त माने जाते हैं। शुक्र, सूर्य के दोनों ओर 10 डिग्री या इससे अधिक समीप आने पर अस्त माने जाते हैं। वक्री शुक्र यदि सूर्य के दोनों ओर 8 डिग्री या इससे अधिक करीब हो, तो अस्त माना जाता है। सूर्य के दोनों ओर 14 डिग्री या इससे अधिक समीप आने पर बुध अस्त माने जाते हैं। वक्री बुध यदि सूर्य के दोनों ओर 12 डिग्री या इससे अधिक करीब हो, तो अस्त माने जाते हैं। सूर्य के दोनों ओर 15 डिग्री या इससे अधिक समीप आने पर शनि अस्त माने जाते हैं। अतिरिक्त बल देने की जरूरत अस्त ग्रहों सही फल दें, इसके लिए उन्हें अतिरिक्त बल देने की जरूरत होती है। कुंडली के आधार पर यह निर्णय किया जाता है कि अस्त ग्रह को अतिरिक्त बल कैसे प्रदान किया जा सकता है। यदि वह ग्रह शुभ फल देने वाला है, तो उसे अतिरिक्त बल प्रदान करना चाहिए। इसके लिए जातक को संबंधित ग्रह का रत्न धारण करवाया जाता है। हालांकि, यदि किसी अस्त ग्रह अशुभ फल देने वाला है या अकारक है, तो उसे अतिरिक्त बल नहीं देना चाहिए। इस स्थिति में संबंधित ग्रह का रत्न नहीं पहनाना चाहिए। इस स्थिति में उस ग्रह के मंत्र, बीज मंत्र या सामान्य पूजा से उसे ठीक करना चाहिए।

 आकाश मंडल में कोई भी ग्रह जब सूर्य से एक निश्चित दूरी के अंदर आ जाता है, तो सूर्य के तेज से वह ग्रह अपनी शक्ति खोने लगता है। इसे ही ग्रह का अस्त होना माना जाता है। जब कोई ग्रह अस्त हो जाता है, तो उसके फल देने की …

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अक्षय तृतीया से फिर बजेंगी शहनाई, दिसंबर तक 41 विवाह मुहूर्त

भोपाल। 14 मार्च को खरमास लगने के साथ ही शादियों समेत अन्य शुभ कार्यों पर लगा विराम 14 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। इसके बाद 18 अप्रैल से सर्वार्थ सिद्धि योग में आ रही अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त से एक बार फिर शहनाइयां बजना शुरू होंगी। 14 अप्रैल के अगले तीन दिन तक विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त नहीं हैं, इसलिए विवाह कार्य 18 अप्रैल से ही शुरू हो रहे हैं। गौरतलब है कि 14 अप्रैल तक मीन संक्रांति का खरमास होने से शादियों एवं अन्य शुभ कार्य के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त नहीं मना जाता है। अप्रैल से जुलाई तक इस बार विभिन्न तारीखों में शादी के लिए कई श्रेष्ठ मुहूर्त आएंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया से पहले एक भी श्रेष्ठ मुहूर्त नहीं है। पंडित रामजीवन दुबे के मुताबिक अक्षय तृतीया भी खास है, क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6.06 से रात 8.10 बजे तक रहेगा। इसमें शादियां ही नहीं बाजार से खरीदारी भी शुभ रहेगी। सूर्य-चंद्रमा का उच्च राशि होना भी शुभता का प्रतीक है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल अप्रैल से दिसंबर तक कुल 41 विवाह मुहूर्त ही बन रहे हैं। 16 मई से 13 जून तक फिर लगेगा विवाहों पर विराम 16 मई से 13 जून तक अधिकमास में शादियों पर एक बार फिर विराम लग जाएगा। अगस्त, सितंबर, अक्टूबर से लेकर 18 नवंबर तक शादियां बंद रहेंगी। देव उठनी एकादशी 19 नवंबर को भी शादियों का मुहूर्त नहीं रहेगा। नवंबर माह में शुक्र मार्गी होकर पुनः अस्त हो जाएगा। 21 जुलाई भड़ली नवमी एवं 23 जुलाई को देव शयनी एकादशी को शादियां नहीं होंगी। इन तारीखों में गूंजेगी शहनाई अप्रैल- 18, 19, 20, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 18 अप्रैल अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त है। - मई- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 11, 12, 13 (16 मई से 13 जून तक अधिमास में शादियां बंद रहेंगी) - जून - 14, 18, 20, 21, 23, 25, 27, 28, 29, 30 विवाह मुहूर्त। - जुलाई - 4, 5, 6, 9, 10, 11, 15, 16 (21 भड़ली नवमी एवं 23 जुलाई से देवशयनी एकादशी) - नवंबर- शादियां नहीं होंगी - दिसंबर-8, 10, 11, 15 विवाह मुहूर्त। - अबूझ मुहूर्त में होंगे सैंकड़ों विवाह 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया व अबूझ मुहूर्त पर शहर में विभिन्ना समाजों द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इनमें सैंकड़ों जोड़ों का विवाह संपन्ना होगा। एयरपोर्ट रोड स्थित आसाराम बापू आश्रम में ब्राह्मण समाज समिति द्वारा सर्व ब्राह्मण समाज का विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें 51 जोड़ों का विवाह होगा। विवाह सम्मेलन के अध्यक्ष गौरी शंकर काका व रमेश विरथरिया होंगे। पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि अबूझ मुहूर्त में शहर में सैंकड़ों शादियां होने जा रही हैं, जिसके कारण विवाह संपन्ना कराने वाले वैदिक ब्राह्मणों को अन्य जिलों से आमंत्रित किया जा रहा है। कोलार रोड स्थित पाहाड़ा वाली माता पर भी विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही श्यामला हिल्स स्थित टैगोर छात्रावास खेल मैदान में भी सामूहिक विवाह सम्मेलन होगा। उमाशंकर गुप्ता के संरक्षण व नया भोपाल क्षेत्र जनकल्याण समिति के तत्वावधान में यह सम्मेलन होगा, जिसमें 51 सर्वजातीय जोड़ों का विवाह कराया जाएगा। विवाह सम्मेलन संयोजक शैलेन्द्र निगम ने बताया कि सम्मेलन से एक दिन पूर्व सभी कन्याओं की हल्दी, तेल, महंदी रस्म पूरी की जाएगी व महिला संगीत का आयोजन भी किया जाएगा। 18 अप्रैल सुबह 10 बजे सभी 51 दूल्हे सजकर घोड़ी पर सवार होंगे। जो पालीटेक्निक चौराहा स्थित गांधी भवन बारात लेकर सम्मेलन स्थल पर पहुंचेंगे। इसके अलावा रातीबड़, करोंद सहित कई कई समाजों के विवाह सम्मेलन अबूझ मुहूर्त में आयोजित किए जाएंगे।

 14 मार्च को खरमास लगने के साथ ही शादियों समेत अन्य शुभ कार्यों पर लगा विराम 14 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। इसके बाद 18 अप्रैल से सर्वार्थ सिद्धि योग में आ रही अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त से एक बार फिर शहनाइयां बजना शुरू होंगी। 14 अप्रैल …

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जानें कैसे फल देते हैं कुंडली में अस्त होने पर ग्रह

मल्टीमीडिया डेस्क। आकाश मंडल में कोई भी ग्रह जब सूर्य से एक निश्चित दूरी के अंदर आ जाता है, तो सूर्य के तेज से वह ग्रह अपनी शक्ति खोने लगता है। इसे ही ग्रह का अस्त होना माना जाता है। जब कोई ग्रह अस्त हो जाता है, तो उसके फल देने की स्थिति में कमी आ जाती है। यानी यदि वह शुभ फल देने वाला है, तो पूर्ण शुभ फल नहीं दे पाता है। यदि अशुभ फल देने वाला है, तो उसके अशुभ फल देने में कमी आ जाती है। सूर्य के समीप आने पर छहों ग्रह अस्त हो जाते हैं, लेकिन राहु और केतु कभी अस्त नहीं होते हैं। जानें कैसे फल देते हैं अस्त ग्रह... जानें कौन सा ग्रह देता है कैसे फल चन्द्र ग्रह- जब चंद्रमा अस्त होता है, तो तो व्यक्ति के जीवन में अशांति बनी रहती है। मां से संबंध खराब हो जाते हैं, मां का स्वास्थ ठीक नहीं रहता। यहि अस्त चन्द्रा अष्टम भाव या अष्टमेश के साथ हो, तो व्यक्ति को काफी मानसिक त्रास होता है। एनीमिया, फेफड़ों के रोग, मानसिक तनाव, डिप्रेशन और अस्थमा जैसे रोग हो सकते हैं। मंगल ग्रह- मंगल साहस और पराक्रम का कारक है। इसके अस्त होने पर साहस में कमी, क्रोध में वृद्धि, छोटे भाईयों से तनाव, भूमि विवाद, नसों में दर्द, दुर्घटना, कोर्ट कचेहरी के चक्कर, पत्नी को शारीरिक कष्ट जैसी परेशानियां होती हैं। यदि मंगल छठवें भाव में पापी ग्रहों से साथ हो या दृष्टि संबंध बना रहा हो तो दुर्घटना और बीमारियों की आशंका होती है। छठे भाव से मंगल का संबंध व्यक्ति को कर्ज में डाल देता है। 12वें भाव में अस्त मंगल व्यक्ति को नशे का लती बना देता है। बुध ग्रह- व्यापार और वाणी का कारक बुध यदि अस्त हो, तो बुद्धि सही से काम नहीं करती। वाणी खराब हो जाती है। जातक में विश्वास की कमी, शरीर में ऐंठन, श्वास, चर्म रोग और गले आदि के रोग हो जाते है। 12वें भाव के स्वामी के साथ अस्त बुध संबंध बनाने पर नशे का लती बना देता है। गुरु ग्रह- देवगुरु बृहस्पति वैसे तो शुभ ग्रह हैं। मगर, इनके अस्त हो जाने पर गुरु से मिलने वाले शुभ प्रभाव कम हो जाते हैं। गुरू के अस्त होने से सन्तान उत्पन्न में बाधा आती है, बुर्जुगों को कष्ट होगा, शिक्षा में रुकावटें आती हैं और व्यक्ति नास्तिक हो जाता है। बृहस्पति की अन्तर्दशा में अस्त गुरु लीवर का रोग, टाइफाइड ज्वर, मधुमेह, साइनस की समस्या, कोर्ट कचेहरी, शिक्षकों से मतभेद, पढ़ाई में अरुचि जैसी समस्या देता है। शुक्र ग्रह- भोग-विलास और ऐश्वर्य का कारक शुक्र अस्त होने पर विवाह में समस्या, महिलाओं को गर्भाशय के रोग, नेत्र रोग, किडनी रोग, गुप्त रोग देता है। यह चरित्र को बुरी तरह प्रभावित करता है। राहु-केतु से संबंध होने पर मान-सम्मान कम कर देता है। अस्त शुक्र छठवें भाव के स्वामी के साथ संबंध बनाए, तो किडनी, मू़त्राशय व यौन अंगों के विकार देता है। शनि ग्रह- न्याय के देवता माने जाने वाले शनि कर्म प्रधान ग्रह हैं। इनके अस्त होने पर नौकरी या व्यापार में परेशानी, वरिष्ठ अधिकारियों से अनबन, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, नशीले पदार्थों की लत लग जाती है। कमर दर्द, पैरों में दर्द, स्नायु तंत्र के रोग हो जाते हैं। अस्त शनि अगर का छठवें भाव के स्वामी के साथ संबंध रीढ़ की हड्डी में दर्द देता है।

मल्टीमीडिया डेस्क। आकाश मंडल में कोई भी ग्रह जब सूर्य से एक निश्चित दूरी के अंदर आ जाता है, तो सूर्य के तेज से वह ग्रह अपनी शक्ति खोने लगता है। इसे ही ग्रह का अस्त होना माना जाता है। जब कोई ग्रह अस्त हो जाता है, तो उसके फल देने …

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शनि होंगे वक्री, बढ़ेंगी दुर्घटनाएं, राशियों पर होगा ये असर

ग्वालियर। 18 अप्रैल अक्षय तृतीय से शनि धनु राशि में रहते हुए अपनी वक्रगति से चलना प्रांरभ कर देंगे। वहीं 18 अप्रैल को ही परशुराम जयंती भी है। शनि का यह वक्री काल 6 सितम्बर तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार शनि का वक्री काल 18 अप्रैल को सुबह 7.17 मिनट से प्रांरभ हो जाएगा। गुरु और शनि के वक्रगति होने से एवं शनि मंगल का शुक्र के साथ षड़ाष्टक योग से अपराधों में वृद्वि और दुर्घटनाओं में इजाफा होगा। साथ ही महंगाई भी बढ़ने की भी संभावना है। इन राशियों पर रहेगा ये प्रभाव - मेष : न्याय क्षेत्र में लाभ - वृषभ : कष्टों से सामना - मिथुन : व्यापार से लाभ - कर्क : शत्रु होंगे परास्त - सिंह : संतान से कष्ट - कन्या : पारिवारिक कलेश - तुला : स्थान परिवर्तन - वृश्चिक : नया समाचार मिलेगा। - धनु : चोट का भय रहेगा। - मकर : धन की हानि - कुंभ : धन लाभ - मीन : उच्च पद की प्राप्ति यह करें उपाय शनि देव को प्रसन्न और शांत रखने के लिए दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें। हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। सरसों के तेल का दान करें।

 18 अप्रैल अक्षय तृतीय से शनि धनु राशि में रहते हुए अपनी वक्रगति से चलना प्रांरभ कर देंगे। वहीं 18 अप्रैल को ही परशुराम जयंती भी है। शनि का यह वक्री काल 6 सितम्बर तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार शनि का वक्री काल 18 अप्रैल को सुबह …

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बरुथनी एकादशी व्रत, करोड़ों सालों की तपस्या का देता है फल

मल्टीमीडिया डेस्क। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को बरुथनी एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 12 अप्रैल को है। विष्णु पुराण के अनुसार बरुथनी एकादशी का व्रत सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। जो यह व्रत करता है उसके सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन जरुरतमंद को दान देने से करोड़ों वर्ष तक तपस्या करने और कन्यादान के भी फलों से बढ़कर फल मिलता है। बरूथनी एकादशी व्रत कथा पद्म पुराण के अनुसार, प्राचीन समय में नर्मदा तट पर मांधाता राजा राज्य सुख भोग रहा था। राजकाज करते हुए भी वह अत्यन्त दानशील और तपस्वी था। एक दिन जब वह तपस्या कर रहा था, तब एक जंगली भालू आकर उसका पैर चबाने लगा। थोड़ी देर बाद वह राजा को घसीट कर वन में ले गया। तब राजा ने घबरा गया, लेकिन तपस्या धर्म के अनुकुल क्रोध न करके भगवान श्री विष्णु से प्रार्थना की। भक्तों को संकट से बचाने वाले श्री विष्णु वहां प्रकट हुए़ और भालू को चक्र से मार डाला। राजा का पैर भालू खा चुका था, जिससे राजा शोकाकुल था। तब भगवान विष्णु ने उसको दु:खी देखकर कहा कि कि तुम मथुरा में मेरी वाराह अवतार मूर्ति की पूजा बरूथनी एकादशी का व्रत करके करो। ट्रेन जैसा दिखता है अलवर का यह सरकारी स्कूल, बरामदा प्लेटफॉर्म जैसा इसके प्रभाव से तुम पुन: अंगों वाले हो जाओगे। भालू ने तुम्हारा जो अंग काटा है, वह अंग भी ठीक हो जाएगा। यह तुम्हारा पैर पूर्वजन्म के अपराध के कारण भालू खा गया था। राजा ने इस व्रत को पूरी श्रद्वा से किया और वह फिर से सुंदर अंगों वाला हो गया। इस व्रत में इन कार्यों से बचें एकादशी से एक दिन पहले से ही कांसे के बर्तन में भोजन, मांस, मसूर की दाल, चने, शाक, शहद और पान आदि का सेवन न करें। किसी दूसरे के अन्न, दूसरी बार भोजन न करें। मन को पवित्र बनाएं, जुआ न खेलें, रात्रि को शयन न करें, निंदा, क्रोध और झूठ न बोलें।

मल्टीमीडिया डेस्क। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को बरुथनी एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 12 अप्रैल को है। विष्णु पुराण के अनुसार बरुथनी एकादशी का व्रत सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। इस …

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गूगल होम और होम मिनी हुआ लॉन्च, अमेजन इको को मिलेगी कड़ी टक्कर

नई दिल्ली। गूगल अब भारतीय बाजार में स्मार्ट स्पीकर सेंगमेंट में एंट्री करने जा रहा है। कंपनी ने भारत में गूगल होम और गूगल मिनी स्मार्ट स्पीकर लॉन्च कर दिए हैं। गूगल होम की कीमत 9999 रुपए रखी गई है। वहीं, गूगल होम मिनी को 4999 रुपए की कीमत में पेश किया गया है। स्मार्ट स्पीकर्स एक्सक्लुसिवली ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध होगा। गूगल होम और होम मिनी ईमेल पढ़ना, ट्रैफिक डिटेल्स बताने समेत कई काम कर सकते हैं। अमेजन इको को देगा टक्कर - गूगल के ये प्रोडक्ट्स अमेजन के स्मार्ट स्पीकर अमेजन इको, अमेजन इको प्लस और अमेजन डॉट को टक्कर देंगे। इन तीनों की कीमत क्रमश: 9999 रुपए, 14999 रुप और 4499 रुपए है। गूगल का गूगल होम मैक्स भी है जो अमेजन इको प्लस को टक्कर देता है। लेकिन इस प्रोडक्ट के भारत में लॉन्च को लेकर अभी कंपनी ने कुछ नहीं कहा है। गूगल के स्मार्ट स्पीकर एक्सक्लुसिवली फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध होंगे। लेकिन गूगल होम और होम मिनी ऑफलाइन स्टोर्स पर भी उपलब्ध होंगे। गूगल होम और होम मिनी की खासियत - गूगल होम और होम मिनी में कंपनी का स्मार्ट असिस्टेंट (गूगल असिस्टेंट) दिया गया है। गूगल अस्सिटेंट की टक्कर ऐपल सीरी, माइक्रोसॉफ्ट कोर्टाना और अमेजन अलेक्सा से है। गूगल होम की स्पेसिफिकेशन्स - गूगल होम कई टास्क कर सकता है। इससे ट्रैफिक की जानकारी से लेकर म्यूजिक प्ले, स्मार्ट होम डिवाइसेज कंट्रोल कराई जा सकती हैं। स्पेसिफिकेशन्स के मामले में गूगल होम 802.11b/g/n/ac (2.4GHz/5Ghz) वाई-फाई ड्यूल बैंड को सपोर्ट करता है। यह एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म्स को सपोर्ट करता है। होम स्पीकर को वाल सॉकेट की जरुरत होगी। होम मिनी के भी मुख्यत: गूगल होम की तरह ही फंक्शन्स हैं। यह सामान ऑडियो फॉर्मेट सपोर्ट करता है। इसमें भी कनेक्टिविटी के लिए वाई-फाई और ब्लूटूथ के साथ-साथ क्रोमकास्ट और क्रोमकास्ट ऑडियो बिल्ट-इन मौजूद है। इसमें 40mm का ड्राइवर और सिंगल माइक्रो यूएसबी पोर्ट मौजूद है।

 गूगल अब भारतीय बाजार में स्मार्ट स्पीकर सेंगमेंट में एंट्री करने जा रहा है। कंपनी ने भारत में गूगल होम और गूगल मिनी स्मार्ट स्पीकर लॉन्च कर दिए हैं। गूगल होम की कीमत 9999 रुपए रखी गई है। वहीं, गूगल होम मिनी को 4999 रुपए की कीमत में पेश किया …

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पांच राज्यों के भीतर माल ढुलाई के लिए E Way Bill 15 अप्रैल से

पांच राज्यों के भीतर माल ढुलाई के लिए E Way Bill 15 अप्रैल से

 राज्य के भीतर यानी इंट्रा-स्टेट माल की ढुलाई के लिए 15 अप्रैल से ई-वे बिल की आवश्यकता होगी। इसकी शुरुआत फिलहाल पांच राज्यों से हो रही है। एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान ले जाने के लिए ई-वे बिल पहली अप्रैल से अनिवार्य हो चुका है। वित्त मंत्रालय ने …

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सुस्त खुलकर फिसला शेयर बाजार, सेंसेक्स 100 अंक नीचे

मुंबई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे मिलेजुले संकेतों के चलते सुस्त खुला शेयर बाजार फिसल गया है। इसके साथ ही पिछले दो दिनों की तेजी भी खत्म हो गई है। खबर लिखे जाने तक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 100 अंक गिरकर 33783 और निफ्टी 40 अंक फिसलकर 10361 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। आज के सत्र में चुनिंदा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी देखने को मिल रही है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर दोनों ही इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि भारतीय शेयर बाजार के लिए क्रूड की बढ़ती कीमतें इस समय सबसे बड़ी चिंता है। ब्रेंट क्रूड के दाम 71 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए हैं। सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो मेटल और फार्मा दोनो ही इंडेक्स में अच्छी बढ़त देखने को मिल रही है। मेटल इंडेक्स 1.46 फीसद की बढ़त के साथ और फार्मा इंडेक्स 0.64 फीसद की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं गिरावट सरकारी बैंक और एफएमसीजी शेयरों में है। दिग्गज शेयरों की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी वेदांता, हिंडाल्को, एचसीएल टेक, ओएनजीसी और टीसीएस के शेयरों में देखने को मिल रही है। ये सभी शेयर 1 से 2.50 फीसद की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। वहीं गिरावट हिंदुस्तान पेट्रोलियम, आइओसी, बीपीसीएल, अदानी पोर्ट्स और एसबीआई के शेयर में देखने को मिल रही है। ये सभी शेयर 2 से 5 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। ग्लोबल मार्केट से संकेत चीन की तरफ से ट्रेड वार में नरमी के संकेतों के चलते अमेरिकी बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली। डाओ 1.79 फीसद की बढ़त के साथ 24408 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नैस्डैक 2 फीसद और एसएंडपी भी 1.67 फीसद की तेजी के साथ क्रमश: 7094 और 2656 के स्तर पर बंद हुए। एशियाई बाजारों में चीन के बाजार आज सुबह से बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। शंघाई 0.90 फीसद चढ़कर 3219 के स्तर पर है और हैंगसैंग 0.77 फीसद चढ़कर 30966 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं जापान का इंडेक्स निक्केई 0.31 फीसद की गिरावट के साथ 21725 के स्तर पर और तायवान का इंडेक्स कोस्पी 0.04 फीसद की गिरावट के साथ 2449 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

 अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे मिलेजुले संकेतों के चलते सुस्त खुला शेयर बाजार फिसल गया है। इसके साथ ही पिछले दो दिनों की तेजी भी खत्म हो गई है। खबर लिखे जाने तक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 100 अंक गिरकर 33783 और निफ्टी 40 अंक फिसलकर 10361 के स्तर पर कारोबार …

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