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इस चीज ने बिग बी की आधी रात में उड़ा दी नींद, जब सामने आई सच्चाई तो…

इस चीज ने बिग बी की आधी रात में उड़ा दी नींद, जब सामने आई सच्चाई तो...

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन इन दिनों ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ की शूटिंग में बिजी हैं। हमेशा से ही सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले बिग बी ने देर रात ऐसा मैसेज कर दिया जिससे लोग हैरान रह गए।बिग ने एक के बाद एक लगातार ट्वीट किए। पहले ट्वीट में लिखा …

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CWG 2018: गोल्ड कोस्ट में इनसे हैं भारत को पदक की उम्मीदें

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के मुकाबले गुरुवार से शुरू हो जाएंगे. भारत ने पिछले ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में 15 गोल्ड, 30 सिल्वर, 19 ब्रॉन्ज सहित 64 मेडल जीते थे. चार साल बाद अब गोल्ड कोस्ट में भारत की पदक उम्मीदों और छिपे रूस्तमों पर डालते हैं एक नजर : 1. निशानेबाजी : राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में भारत पदकों के मामले में दूसरे स्थान पर है. एक बार फिर निशानेबाजी रेंज से भारत की झोली भरने की उम्मीद है.निशानेबाजी में भारत को इनसे उम्मीदें हैं - हीना सिद्धू : पंजाब की यह पिस्टल निशानेबाज शानदार फॉर्म में है, जिसने कुछ महीने पहले राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं. वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल में भाग लेंगी. मनु भाकेर : सोलह साल की मनु ने कुछ सप्ताह पहले सीनियर विश्व कप में पदार्पण करके दो स्वर्ण पदक जीते. उसने जूनियर विश्व कप में इस प्रदर्शन को दोहराया. अब 10 मीटर एयर पिस्टल में हीना के साथ उतरेंगी. जीतू राय : सेना का यह निशानेबाज 50 मीटर एयर पिस्टल में लगातार दूसरा राष्ट्रमंडल स्वर्ण जीतना चाहेगा. जीतू 10 मीटर एयर पिस्टल में भी चुनौती पेश करेंगे और गोल्ड कोस्ट में पदक जीतकर रियो ओलंपिक 2016 की नाकामी का गम दूर करना चाहेंगे. 2. एथलेटिक्स : भारत ने 2014 राष्ट्रमंडल खेल में एथलेटिक्स में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था. नीरज चोपड़ा : 30 साल का यह भालाफेंक खिलाड़ी अपेक्षाओं का भारी बोझ लेकर उतरेगा. लंदन में कुछ महीने पहले सीनियर विश्व चैंपियनशिप में वह फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सका था. पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप में मिला स्वर्ण अब तक उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है . सीमा पूनिया : ग्लास्गो में रजत पदक जीतने वाली चक्काफेंक खिलाड़ी सीमा की नजरें पीले तमगे पर होंगी. उसने पिछले महीने फेडरेशन कप में 61.05 मीटर का रिकॉर्ड बनाया. अब देखना यह है कि एशियाई खेलों की चैंपियन सीमा क्या गत स्वर्ण पदक विजेता ऑस्ट्रेलिया की डैनी स्टीवेंस को पछाड़ सकेंगी. तेजस्विन शंकर : उन्नीस साल के हाई जंपर ने फेड कप में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड बेहतर करके उम्मीदें जगाईं. 3. बैडमिंटन : ग्लास्गो में भारत ने बैडमिंटन में चार पदक जीते और पारूपल्ली कश्यप ने 32 साल बार पुरुष एकल स्वर्ण अपने नाम किया. इस बार सितारों से सजे भारतीय दल से काफी उम्मीदें होंगी. पीवी सिंधु : ओलंपिक रजत पदक विजेता सबसे बड़ी पदक उम्मीद हैं. उसने पिछली बार कांसा जीता था और इस बार पदक का रंग बदलना चाहेगी. साइना नेहवाल : करियर के लिए खतरा बनी घुटने की चोट से उबरकर वापसी कर रहीं 2010 की स्वर्ण पदक विजेता साइना यदि फिटनेस बरकरार रख पाती हैं, तो पदक की प्रबल दावेदार होंगी. पिछली बार चोटों के कारण वह इन खेलों से बाहर थीं. किदांबी श्रीकांत: चोटिल कश्यप की गैर मौजूदगी में भारत को पुरुष एकल में पदक दिलाने का दारोमदार श्रीकांत पर होगा. वह 2014 खेलों में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन पिछले साल चार सुपर सीरीज खिताब जीते. 4. मुक्केबाजी : पिछली बार भारतीय मुक्केबाजों में से कोई स्वर्ण नहीं जीत सका था, लेकिन इस बार भारत का दमदार दल इस कमी को पूरा कर सकता है. CWG 2018: मेरी कॉम को पदक जीतने के लिए चाहिए सिर्फ एक जीत एमसी मेरी कॉम : पैतीस साल की मेरी कॉम पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेंगी. पांच बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मेरी कॉम 48 किलो में स्वर्ण की दावेदार हैं. वह अपने पहले और आखिरी राष्ट्रमंडल खेलों को यादगार बनाना चाहेंगी. विकास कृष्णन : भारत के चार विश्व चैंपियनशिप पदक विजेताओं में से एक विकास ने बुल्गारिया में स्ट्रांजा स्मृति टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता था. मेरी कॉम की तरह उनका भी यह इन खेलों में पदार्पण है और 75 किलो में पदक के प्रबल दावेदार है. अमित फांगल : एशियाई चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता अमित ने भी स्ट्रांजा टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता था. पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे अमित पदक के दावेदारों में से हैं. 5. कुश्ती : कुश्ती में भारत राष्ट्रमंडल खेलों की पदक सूची में भारत दूसरे स्थान पर है और इस बार भी पहलवानों से काफी पदकों की उम्मीद होगी. सुशील कुमार : पिछले खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सुशील ने विवादों से भरे दो साल के बाद वापसी की है. वह पुरुषों के 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में एक और स्वर्ण जीतना चाहेंगे. साक्षी मलिक : रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी ने ग्लास्गो में रजत पदक जीता था. वह 62 किलो फ्रीस्टाइल में पदक की दावेदार होंगी. विनेश फोगाट : ग्लास्गो की स्वर्ण पदक विजेता विनेश रियो ओलंपिक के दौरान चोटिल हो गईं, लेकिन एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता. 6. भारोत्तोलन : विश्व चैंपियन मीराबाई चानू ( 48 किलो ) के नाम राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड है. उनसे एक बार फिर स्वर्ण की उम्मीद होगी.

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के मुकाबले गुरुवार से शुरू हो जाएंगे. भारत ने पिछले ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में 15 गोल्ड, 30 सिल्वर, 19 ब्रॉन्ज सहित 64 मेडल जीते थे. चार साल बाद अब गोल्ड कोस्ट में भारत की पदक उम्मीदों और छिपे रूस्तमों पर डालते हैं एक नजर : 1. निशानेबाजी : राष्ट्रमंडल …

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कसहवाग ने भीड़ का शिकार हुए आदिवासी के परिवार को भेजा चे

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भीड़ का निशाना बने युवक के परिवार को आर्थिक मदद दी है. इसी साल फरवरी में केरल के अटपड़ी इलाके में एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसे लेकर सहवाग के ट्वीट पर विवाद भी हो गया था. सामाजिक कार्यकर्ता राहुल ईश्वर ने बताया कि वीरेंद्र सहवाग ने मदद के लिए जो चेक भेजा है, वो मिल गया है. उन्होंने बताया कि सहवाग ने मधु के परिवार को 1.5 लाख का आर्थिक सहयोग है. जिसका चेक 11 अप्रैल को परिवार को सौंपा जाएगा. सहवाग के ट्वीट पर हुआ था विवाद बता दें कि केरल में पलक्कड़ जिले के अटपड़ी में आदिवासी मधु की कुछ युवकों ने बेतहाशा पिटाई थी. मधु पर चोरी का आरोप था, जिसके बाद कुछ युवा उसे जंगल ले गए और बुरी तरह पिटाई. मधु को इतना पीटा गया कि उसकी मौत हो गई. मधु की मौत की खबर के बाद उसका वीडियो वायरल हो गया था. जिस पर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करते हुए आरोपियों के नाम बताते हुए लिखा था कि भी एक ही धर्म से हैं. इस ट्वीट पर विवाद बाद सहवाग बैकफुट पर आ गए थे और उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था. अब सहवाग ने पीड़ित परिवार के प्रति दरियादिली दिखाते हुए उसे आर्थिक मदद भेजी है. बता दें कि वीरेंद्र सहवाग सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता को लेकर काफी चर्चित रहते हैं. वो अक्सर अपने ट्वीट्स में तंज कसते हैं. साथ ही देश-दुनिया के मुद्दों पर टिप्पणी भी करते हैं. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर पिछले कुछ सालों में वीरेंद्र सहवाग की लोकप्रियता बहुत ज्यादा बढ़ गई है. वो साजाजिक मुद्दों पर भी खुलकर अपनी राय रखते हैं. इसी कड़ी में सहवाग ने मधु की मौत के बाद आरोपियों के नाम बताते हुए एक खास धर्म के लोगों के हत्या में शामिल होने की बात कही थी.भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भीड़ का निशाना बने युवक के परिवार को आर्थिक मदद दी है. इसी साल फरवरी में केरल के अटपड़ी इलाके में एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसे लेकर सहवाग के ट्वीट पर विवाद भी हो गया था. सामाजिक कार्यकर्ता राहुल ईश्वर ने बताया कि वीरेंद्र सहवाग ने मदद के लिए जो चेक भेजा है, वो मिल गया है. उन्होंने बताया कि सहवाग ने मधु के परिवार को 1.5 लाख का आर्थिक सहयोग है. जिसका चेक 11 अप्रैल को परिवार को सौंपा जाएगा. सहवाग के ट्वीट पर हुआ था विवाद बता दें कि केरल में पलक्कड़ जिले के अटपड़ी में आदिवासी मधु की कुछ युवकों ने बेतहाशा पिटाई थी. मधु पर चोरी का आरोप था, जिसके बाद कुछ युवा उसे जंगल ले गए और बुरी तरह पिटाई. मधु को इतना पीटा गया कि उसकी मौत हो गई. मधु की मौत की खबर के बाद उसका वीडियो वायरल हो गया था. जिस पर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करते हुए आरोपियों के नाम बताते हुए लिखा था कि भी एक ही धर्म से हैं. इस ट्वीट पर विवाद बाद सहवाग बैकफुट पर आ गए थे और उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था. अब सहवाग ने पीड़ित परिवार के प्रति दरियादिली दिखाते हुए उसे आर्थिक मदद भेजी है. बता दें कि वीरेंद्र सहवाग सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता को लेकर काफी चर्चित रहते हैं. वो अक्सर अपने ट्वीट्स में तंज कसते हैं. साथ ही देश-दुनिया के मुद्दों पर टिप्पणी भी करते हैं. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर पिछले कुछ सालों में वीरेंद्र सहवाग की लोकप्रियता बहुत ज्यादा बढ़ गई है. वो साजाजिक मुद्दों पर भी खुलकर अपनी राय रखते हैं. इसी कड़ी में सहवाग ने मधु की मौत के बाद आरोपियों के नाम बताते हुए एक खास धर्म के लोगों के हत्या में शामिल होने की बात कही थी.

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भीड़ का निशाना बने युवक के परिवार को आर्थिक मदद दी है. इसी साल फरवरी में केरल के अटपड़ी इलाके में एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसे लेकर सहवाग के ट्वीट पर विवाद भी हो गया …

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खेल विधेयक विवाद : धूमल बोले कांग्रेस अपने पापों के कारण…

खेल विधेयक पर कांग्रेस द्वारा दिए जाने वाले बयानों के बाद अब हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने जमकर कांग्रेस की आलोचना की है. कांग्रेस पर जवाबी हमला करते हुए धूमल ने कहा कि कांग्रेस अपने पापों के कारण इस तरह का माहौल पैदा करने का प्रयास करती है. खेल विधेयक कांग्रेस ने राजनीतिक कारणों से बनाया था जिसका उस समय भी विरोध हुआ था. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि खेलों पर वह अपना हक़ जमा सके. अगर कांग्रेस में क्षमता होती तो वह खेलों को बहुत आगे ले जाती लेकिन अब बीजेपी खेलों को बढ़ावा देने में लगी है तो उनको यह बात चुभ रही है. कांग्रेस पर तीखे प्रहार करते हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा कि जबसे मोदी सत्ता में आये है तब से कांग्रेस की हालत बहुत बुरी हो गई है. धूमल ने कांग्रेस के बारे में कहा कि कांग्रेस खुद इस बात का पता नही लगा पा रही है कि वह कहां पर स्टैंड कर रही है. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस में निराश हताश लोगों का टोला इकट्ठा होने का प्रयास कर रहा है. लेकिन फिर से केन्द्र में मोदी की सरकार बनेगी.

खेल विधेयक पर कांग्रेस द्वारा दिए जाने वाले बयानों के बाद अब हिमाचल के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने जमकर कांग्रेस की आलोचना की है. कांग्रेस पर जवाबी हमला करते हुए धूमल ने कहा कि कांग्रेस अपने पापों के कारण इस तरह का माहौल पैदा करने का प्रयास करती …

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दलितों पर चुप क्यों मोदी? :राहुल गाँधी

SC/ST एक्ट को कमजोर बनाने को लेकर कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. राहुल गाँधी ने पीएम से कहा कि अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कमजोर बनाए जाने को लेकर पीएम एक भी शब्द नहीं बोलते. राहुल गाँधी ने यह बातें कर्नाटक में अपनी पांचवें चरण की यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही. राहुल गांधी ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर कमजोर किये जाने के खिलाफ कल हुए प्रदर्शनों के दौरान देश के उत्तरी भाग में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की. इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद के दौरान हुए प्रदर्शनों ने देश के कई स्थानों पर हिंसक मोड़ ले लिया. इस वजह से नौ लोगों की जान चली गयी और सैकड़ों लोग जख्मी हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ रोहित वेमुला की हत्या हो जाती है. उना( गुजरात) में दलितों को पीटा जाता है लेकिन प्रधानमंत्री इस पर एक शब्द भी नहीं बोलते हैं. दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में वृद्धि हुई है और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति कानून को शिथिल कर दिया गया है. पीएम मोदी ने एक भी शब्द नहीं बोला.’’

SC/ST एक्ट को कमजोर बनाने को लेकर कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. राहुल गाँधी ने पीएम से कहा कि अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कमजोर बनाए जाने को लेकर पीएम एक भी शब्द नहीं बोलते. राहुल गाँधी …

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बिहार में लगाए जाएंगे 14़.5 करोड़ पौधे- मोदी

बिहार: कृषि रोडमैप के तहत अगले पांच वर्षो में बिहार में 14़.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. इस बात की जानकारी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पर्यावरण व वनमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को दी. मोदी ने कहा कि इस साल जुलाई-अगस्त में सघन अभियान चलाकर पूरे प्रदेश में एक करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा. बता दें कि सुशील मोदी ये बातें कृषि वानिकी की प्रशिक्षण के लिए बिहार से दो जत्थों में पंतनगर और हल्द्वानी जाने वाले 55 किसानों को संबोधित करते हुए कहीं. जानकारी के मुताबिक सरकार ने कृषि वानिकी नीति बनाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन भी किया है. इस दौरान सुशिल मोदी ने कहा कि, 'कृषि वानिकी को बढ़ावा देकर न केवल हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि किसानों की आमदनी को भी दोगुना किया जाएगा. आपको बता दें कि बिहार के विभिन्न जिलों से चयनित 55 किसानों में से 30 गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर और 25 किसान उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण संस्थान, हल्द्वानी में तीन दिन (पांच से सात अप्रैल) का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भागलपुर में 'टिश्यू कल्चर लैब' की स्थापना की गई है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में सुपौल में भी बांस के पौधे तैयार किए जाने लगेंगे.

कृषि रोडमैप के तहत अगले पांच वर्षो में बिहार में 14़.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. इस बात की जानकारी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पर्यावरण व वनमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को दी. मोदी ने कहा कि इस साल जुलाई-अगस्त में सघन अभियान चलाकर पूरे प्रदेश में एक करोड़ पौधों …

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कर्नाटक चुनाव: लिंगायत पर अमित शाह का सियासी दांव

बंगलुरु: 224 सदस्यों वाले कर्नाटक विधानसभा की करीब 100 सीटें ऐसी हैं, जहां लिंगायत समुदाय का प्रभाव है. ऐसे में कर्नाटक चुनाव में लिंगायत समुदाय के वोट अहम् भूमिका निभा सकते हैं. यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस इस बड़े वोट बैंक को रिझाकर अपनी और करने में लगी हुई है. इसी प्रक्रिया में जहां कर्नाटक की सिद्धारमैया ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने के फैसले को हरी झंडी दी है, वहीं केंद्र सरकार ने इसपर पलटवार किया है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों का दर्जा देने के कदम को हिंदुओं को बांटने के लिए उठाया गया है, राज्य सरकार के इस कदम को केंद्र सरकार कभी मान्यता नहीं देगी. उन्‍होंने कहा कि लिंगायत समुदाय के सभी महंतों का कहना है कि समुदाय को बंटने नहीं देना है. मैं ये भरोसा दिलाता हूं कि इसे बंटने नहीं दिया जाएगा. जब तक बीजेपी है कोई बंटवारा नहीं होगा. हम इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं. बता दें कि अमित शाह ने इससे पहले भी लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों का दर्जा देने का विरोध किया है, बीजेपी अध्यक्ष ने सिद्धारमैया सरकार पर आरोप लगाया था, 'कांग्रेस लिंगायत समुदाय को बांटने के लिए यह कदम उठा रही है, वो लिंगायतों से प्रेम नहीं करते हैं, बल्कि उनका मकसद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकना है.' गौरतलब है कि कर्नाटक कैबिनेट ने 19 मार्च को लिंगायत और वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश की थी, कर्नाटक सरकार ने नागमोहन समिति की सिफारिशों को स्टेट माइनॉरिटी कमीशन ऐक्ट की धारा 2डी के तहत मंजूरी दी है. कांग्रेस ने लिंगायत धर्म को अलग धर्म का दर्जा देने का समर्थन किया है, वहीं, बीजेपी अब तक लिंगायतों को हिंदू धर्म का ही हिस्सा मानती रही है.

 224 सदस्यों वाले कर्नाटक विधानसभा की करीब 100 सीटें ऐसी हैं, जहां लिंगायत समुदाय का प्रभाव है. ऐसे में कर्नाटक चुनाव में लिंगायत समुदाय के वोट अहम् भूमिका निभा सकते हैं. यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस इस बड़े वोट बैंक को रिझाकर अपनी और करने में लगी हुई …

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पांच साल में सिलिकन वैली जैसा बन सकता है भारत : वर्ल्ड बैंक

 भारत की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही प्रग्रति को देखते हुए वर्ल्ड बैंक के इंडिया हेड जुनैद कमाल अहमद का कहना है कि भारत 5 साल में सिलिकन वैली जैसी सफलता हासिल कर सकता है.यह बात उन्होंने इन्वेंशन पर वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट को जारी करते हुए मंगलवार को …

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दीपिका ने बताया- कैसे रणबीर की इस फिल्म ने बचाई उनकी डूबती नैया

एक समय था जब रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की लवस्टोरी ने भी काफी सुर्खियों लूटी थी लेकिन जल्द ही इन दोनों का ब्रेकअप हो गया और ये दोनों अपनी-अपनी ज़िंदगी में व्यस्त हो गए. ब्रेकअप के बाद भी दोनों के रिश्तें टूटे नहीं और हमेशा एक दूसरे के प्रति सम्मान रहा और जल्द ही दोनों ने एक साथ काम करना भी शुरू कर दिया. आज दीपिका ने अपने बेहतरीन अदाकारी और मेहनत से एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है तो वही रणबीर भी बॉलीवुड में अपने नाम का सिक्का जमा चुके है. रणबीर और दीपिका की जोड़ी हमें कई फिल्मो में दिखाई दे चुकी है जिनमे 'तमाशा', 'ये जवानी है दीवानी' जैसी और भी फिल्में शामिल है. दीपिका ने हाल ही में बताया कि कैसे रणबीर स्टारर एक फिल्म उस वक्त उन्हें मिली जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. दीपिका ने बताया कि एक सुपरस्टार के ऑपोजिट एक फिल्म लगभग मिल ही गई थी लेकिन बिना बताए उन्हें बाहर कर दिया गया. इस दौरान उनको रणबीर कपूर स्टारर 'ये जवानी है दीवानी' फिल्म मिली थी. इसके अलावा दीपिका ने इस बारे में ज्यादा बातचीत नहीं की. गौरतलब है कि रणबीर और दीपिका की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई थी. रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण इस फिल्म में काफी मस्त और बिंदास नज़र आये थे. इस फिल्म में रणबीर कपूर द्वारा बोला गया डायलॉग "मैं अपनी जिंदगी से रफ्तार, पागलपन चाहता हूं नैना, मैं दौड़ना चाहता हूं और गिरना भी, बस रुकना नहीं चाहता. बहुत हिट हुआ था.

एक समय था जब रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की लवस्टोरी ने भी काफी सुर्खियों लूटी थी लेकिन जल्द ही इन दोनों का ब्रेकअप हो गया और ये दोनों अपनी-अपनी ज़िंदगी में व्यस्त हो गए. ब्रेकअप के बाद भी दोनों के रिश्तें टूटे नहीं और हमेशा एक दूसरे के प्रति …

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एक बार फिर रणबीर के साथ आने को तैयार हैं दीपिका

बॉलीवुड में रणबीर और दीपिका को अभी तक का सबसे हैपनिंग कपल बताया जाता है. इंडस्ट्री में इस कपल के किस्सों की गूँज भी कम नहीं थी, लेकिन अब इनके रास्ते अलग-अलग हो चुके हैं. दोनों अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर फोकस कर रहे हैं. आखिरी बार रणबीर और दीपिका को फिल्म 'तमाशा' में देखा गया था. खबरें आ रही हैं कि अब तीन साल बाद ये फिर से एक साथ नज़र आने वाले हैं. जी हाँ, दरअसल बॉलीवुड के मशहूर फैशन डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा के फैशन शो के कलेक्शन के लिए दोनों ने एक साथ रैम्प पर आने का करार किया है. मनीष मल्होत्रा के इस मिजवान फैशन वीक में दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ डाले नज़र आने वाले हैं. 9 अप्रैल हो रहे इस फैशन वीक के लिए दोनों ही कलाकार खासी तैयारियों में लगे हुए हैं. कभी हर पार्टी, हर इवेंट में साथ नज़र आने वाला यह कपल ब्रेकअप के बाद दूर हो चूका है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रणवीर सिंह के साथ रिलेशन में रह रही दीपिका, इस साल के अंत तक शादी के बंधन में बंध सकती है. दोनों के परिवार वालों ने शादी की तारिख को फाइनल कर लिया है. हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान दीपिका ने कहा थी कि, शादी के बाद वह एक्टिंग छोड़ देंगी क्योंकि फैमिली से ज्यादा इम्पोर्टेन्ट उनके लिए कुछ भी नहीं है.

बॉलीवुड में रणबीर और दीपिका को अभी तक का सबसे हैपनिंग कपल बताया जाता है. इंडस्ट्री में इस कपल के किस्सों की गूँज भी कम नहीं थी, लेकिन अब इनके रास्ते अलग-अलग हो चुके हैं. दोनों अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर फोकस कर रहे हैं. आखिरी बार रणबीर और …

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