डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को यौन शोषण के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद हरियाणा और पंजाब में उनके अनुयायियों के हिंसा फैलाने से धर्मनगरी का संत समाज आहत है। इस पर बाबा रामदेव ने बयान दिया है। वहीं आखाड़ा परिषद् ने भी इसे गलत बताया है।
Breaking: भाजपा के इस सांसद ने तो हद ही करती, जानिए कैसे!
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में जो कुछ हुआ उससे पूरा संत समाज आहत है। हिंसा का अधिकार किसी को भी नहीं दिया जा सकता। संतों का कहना है कि यदि कोई दोषी है तो दंड का अधिकार न्यायपालिका को हैं। इसे सबको स्वीकार करना चाहिए।
सभी घटनाक्रमों में देश में प्रचलित कानून का अनुपालन जरूरी है। उन्होंने हरियाणा और पंजाब की जनता से अपील की है कि वे किसी के भड़काने में न आएं और कानून को अपना काम करने दें। संत जगत किसी भी गलत कार्य का साथ कभी नहीं देगा। जो दोषी है, उसे दंड देने का अधिकार न्यायपालिका को है।
गहरे दुख में डूबा अखाड़ा परिषद
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस घटनाक्रम पर गहरा दुख व्यक्त किया है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने दूरभाष पर बताया कि इस घटना की जानकारी मिलने पर वे गहरे दुख में डूब गए हैं।
न्यायपालिका के रास्ते में रोड़ा अटकाने का अधिकार किसी संत के भक्तों को नहीं है। आश्चर्य का विषय है जो बाबा आरोपित थे उन्होंने भी अपने लाखों भक्तों को रोकने का काम नहीं किया। यहां तक कि जब वे अपने डेरे से न्यायालय के लिए निकले तो सैकड़ों वाहनों को अपने साथ ले गए। कानून को अपना काम करने देना चाहिए।
दक्षिण काली पीठाधीश्वर कैलाशानंद ब्रह्चारी ने घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने भक्तों से आग्रह किया है कि वे शांति बनाए रखें। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी दिगंबर ने पंचकूला के घटनाक्रम को दुखद करार दिया। उन्होंने कहा कि देश की सरकार का दायित्व है कि ऐसा घटनाक्रम दोबारा न होने पाए। उन्होंने मांग की है कि फर्जी संतों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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