ज्येष्ठ के आखिरी बड़े मंगल को इस विधि से पूजा मिलता है मनचाहा

       ज्येष्ठ माह में आने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं। इस दौरान हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है और उनके भंडारे आयोजित किए जाते हैं। हनुमान भक्तों के लिए इस माह का खास महत्व होता है। आने वाला मंगलवार यानी 22 जून को जेठ का आखिरी बड़ा मंगल होगा, इसके बाद अगले साल यह मौका मिलेगा।

   रुद्रावतार बजरंग बली प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं और उन्होंने पवनपुत्र को ज्येष्ठ मास में विशेष पूजा का वरदान दिया था। एक मान्यता यह भी है कि ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को ही उन्हें अमरता का वरदान मिला था।
जेठ के बड़े मंगल का आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़े धूमधाम से किया जाता है। यहां से सभी छोटे-बड़े हनुमान मंदिर आधी रात से ही खुल जाते हैं। बड़ी संख्या में भक्त लंबी-लंबी लाइनों में लगकर बजरंग बली के दर्शन करते हैं। इस दौरान शहर में भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें पूड़ी-सब्जी, मीठी बूंदी का प्रसाद या शरबत वितरित किया जाता है।
सच्चे मन से पूजा करने वालों को मिलता है मनचाहा आशीष
इस मास में सच्चे दिल से हनुमान जी की पूजा करने वालों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हनुमान जी का आर्शीवाद पाने के लिए भक्त विशेष पूजा करते हैं। राम भक्ति से प्रसन्न हो जाने वाले हनुमान जी भक्तों की सहज भक्ति से खुश होकर मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। हनुमान जी के प्रिय इस महीने में उनके अलग-अलग चित्रों की पूजा का अलग ही महत्व है। इस मास में उनके भक्त रामायण के सुंदरकांड का पाठ करते हैं, हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक और बजरंग बाण आदि का पाठ करने के साथ ही इनका वितरण भी करते हैं।
– राम-सीता के चरणों में बैठे हनुमान जी की तस्वीर की पूजा करने से जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की मिलती है।
– अशांत मन को स्थिर करने या मन से बुरे विचारों को दूर करने के लिए राम भक्ति में लीन हनुमान जी की तस्वीर की पूजा करनी चाहिए।
– गदा लिए बजरंग बली की तस्वीर की पूजा करने से साहस बढ़ता है।
ये उपाय भी करते हैं उन्हें प्रसन्न
– ग्रह दोष दूर करने के लिए मंगलवार को केसरी नंदन को पान या पीपल के पत्ते पर रखकर सिंदूर अर्पित करना चाहिए।
– हनुमान जी के मंदिर में राम नाम लिखा लाल रंग का तिकोना ध्वज चढ़ाने से वह प्रसन्न होते हैं और मनमांगी मुराद पूरी करते हैं।
– खास मनोकामना की पूर्ति के लिए रुद्रावतार को मंगलवार के दिन तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर चढ़ाना फलदायक रहता है।
अपराजिता श्रीवास्तव

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