उन्होंने कहा आईसीसी इस एमओयू की गवाह है। पीसीबी ने अब तक इस मामले में संयम बरता लेकिन अब हमारे सब्र का बांध टूट गया है। एमओयू के अनुसार अब तक हम दोनों देशों के बीच दो सीरीज की मेजबानी कर चुके होते जिससे हमें अरबों रुपये की आय होती। लेकिन बीसीसीआई एमओयू की अवमानना कर रहा है ऐसे में हमें बहुत वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच साल 2007 से अब तक किसी तरह की द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज का आयोजन नहीं हुआ है। तब पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था।
इस साल जनवरी में पाकिस्तान ने श्रीलंका में एकदिवसीय सीरीज की मेजबानी की इच्छा जताई थी। लेकिन भारत यह कहकर मुकर गया था कि सरकार की तरफ से उनके पास सीरीज खेलने की अनुमति नहीं है। इस पर खान का कहना है कि यदि बीसीसीआई दोनों देशों के बीच सीरीज के आयोजन के लिए सरकार पर निर्भर है तो उन्हें इस बारे में एमओयू पर हस्ताक्षर करने से पहले सोचना चाहिए था।
अब पीसीबी इस मामले को आईसीसी में उठाएगा। क्योंकि भारत का कहना है कि उनकी सरकार ने उन्हें हमारे साथ खेलने के लिए रोक लगा रखी है। हमारे पास एमओयू में लिखी बातों का समर्थन है। हम उनकी सरकार का मत लिखित में चाहते हैं। यह बड़े खेद का विषय है कि बीसीसीआई ने लिखित समझौते का सम्मान नहीं किया।