एस श्रीसंत को बीसीसीआई से तुरंत कोई राहत नहीं मिलने वाली क्योंकि बोर्ड ने इस दागी तेज गेंदबाज पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटाने के के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ में अपील करने का फैसला किया है. श्रीसंत पर 2013 में आईपीएल स्पाट फिक्सिंग में शामिल होने के लिए बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था.अभी अभी: पूर्व कप्तान गावस्कर को लगा बड़ा झटका, ‘हितों के टकराव’ मामले में COA को देना होगा एफिडेविट
पिछले सोमवार को केरल उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने आदेश पारित करके इस गेंदबाज का आजीवन प्रतिबंध हटाने के लिए कहा. बीसीसीआई हालांकि अपने रवैए पर अडिग है कि वह इस तेज गेंदबाज को तुरंत वापसी की अनुमति नहीं देगा.
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि, ‘केरल उच्च न्यायालय के आदेश का बोर्ड की कानूनी टीम ने अध्ययन किया है. आदेश एकल पीठ ने दिया है और बीसीसीआई के पास केरल उच्च न्यायालय की बड़ी पीठ के पास अपील करने का अधिकार है. इसलिए हम केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ के पास प्रतिबंध हटाने के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
बीसीसीआई की भ्रष्टाचार के मामलों पर जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और इसलिए भारत की तरफ से 27 टेस्ट, 53 वनडे और दस टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले श्रीसंत के प्रति उसकी कोई सहानुभूति नहीं है.
बीसीसीआई का ये फैसला श्रीसंत के लिए किसी झटके से कम नहीं है. श्रीसंत जल्द से जल्द घरेलू क्रिकेट में वापसी की उम्मीदें लगा रहे थे लेकिन अब उनके लिए ये करना आसान नहीं होगा. बैन हटने के बाद श्रीसंत काफी खुश थे और उन्होंने कहा था कि उनका सपना 2019 वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए खेलना है. हालांकि उन्होंने ये माना था कि ये लगभग असंभव है और अगर वो वर्ल्ड कप में खेलते नजर आए तो ये चमत्कार से कम नहीं होगा.