इस मामले में आर सी लाहोटी की अध्यक्षता वाली पैनल ने बीसीसीआई को मुआवजे के तौर पर 550 करोड़ रूपये चुकाने के निर्देश दिए थे और ऐसा नहीं करने पर सालाना 18 प्रतिशत दंड लगाया जाना था। पिछले दो साल से बीसीसीआई ने ना तो मुआवजा चुकाया और ना ही टीम को आईपीएल में वापस लिया।
हालांकि इस मामले में आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने बैठक के बाद कहा, ‘ कोच्चि टस्कर्स ने 850 रूपये मुआवजा मांगा है। हमने आईपीएल की संचालन परिषद की बैठक में इस पर चर्चा की। अब मसला आमसभा की बैठक में रखा जाएगा। वे फैसला लेंगे लेकिन मामले पर बातचीत की जरूरत है।’
आईपीएल संचालन परिषद के एक सदस्य ने कहा, ‘हमें कोच्चि को मुआवजा देना होगा। इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर चर्चा हो चुकी है। यदि आर्बिट्रेशन का फैसला हमारे पक्ष में नहीं आता है तो ऐसे में इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना बेवकूफी होगी।’