18 मार्च को कपूर खानदान में जन्में शशि कपूर ने अपनी पढ़ाई डॉन बोस्को स्कूल से की. परिवार वालों का फिल्मों की तरफ रुझान होने के कारण उनके पिता पृथ्वीराज कपूर उनकी स्कूल की छुट्टियों के दौरान उन्हें स्टेज पर एक्टिंग करने के लिए बढ़ावा देते थे. निखरती एक्टिंग को देखते हुए शशि के बड़े भाई ने उन्हें ‘आग’ (1948) और ‘आवारा’ (1951) में जगह दी जो आगे जाकर बहुत बड़ी हिट फिल्में साबित हुईं. 1950 के दशक के दौरान उन्होंने अपने पिता की सलाह मानी और गोद्फ्रे कैंडल के थियेटर ग्रुप ‘शेक्स्पियाराना’ से जुड़ गए, जिसके बाद उन्होंने देश-विदेश में कई दौरे किये. अपने थिएटर के सफर के दौरान शशि को गोद्फ्रे की बेटी जेनिफर से प्यार हो गया और 20 साल की उम्र में शशि ने उनसे विवाह कर लिया.
शाशि कपूर ने धर्म-जाति से जुड़े मुद्दों पर आधारित फिल्म ‘धर्मपुत्र’ (1961) में अहम भूमिका निभाई थी. जिसके बाद वह ‘चार दीवारी’ और ‘प्रेमपत्र’ जैसे अलग-अलग ऑफ बीट फिल्मों में नज़र आये. भारतीय फिल्म जगत के इतिहास में शशि कपूर ऐसे पहले अभिनेता थे जिन्होंने ‘हाउसहोल्डर’ और ‘शेक्सपियर’ जैसी इंग्लिश फिल्मों में लीड एक्टर की भूमिका निभाई थी. बॉलीवुड फिल्म ‘हसीना मन जाएगी’ और ‘प्यार का मौसम’ ने शशि कपूर को एक चौकलेटी हीरो के रूप में उभारा. शशि कपूर के लिए साल 1965 बहुत ही महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसी साल शशि कपूर की पहली जुबली फिल्म ‘जब-जब फूल खिले’ रिलीज़ हुई थी. 
		
		
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