चंडीगढ़: क्रिकेट की दुनिया में सिक्सर किंग के नाम से जाने जाने वाले क्रिकेटर युवराज सिंह को कौन नहीं जाता है। अपने नाम की तरह ही युवी ने अब तक युवराज जैसी पारी खेली है। चाहे वर क्रिकेट का मैदान हो या फिर कैंसर जैसी भयानक बीमारी से लड़ाई। हर जगहा उन्होंने जीत हासिल की है।
युवराज सिंह आज 36 साल के हो गए। क्रिकेटर योगराज सिंह और शबनम सिंह के पुत्र युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ था। युवराज सिंह का एक भाई है जोरावर सिंह और बॉलीवुड एक्ट्रेस हेजल कीच इनकी जीवनसंगिनी हैं। युवराज सिंह देश के महान खिलाड़ी हैं।
इन्होंने टी20 वल्र्ड कप में 6 गेंदों पर 6 छक्के मारे थे। टी20 में ही 12 गेंदों में अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड इनके नाम पर है। विश्व कप 2011 में शानदार प्रदर्शन के लिए इन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। युवराज सिंह ने अपने कैरियर में इतने रिकॉर्ड बनाए कि भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े अवार्ड अर्जुन अवार्ड से नवाजा था।
सन् 2014 में सरकार ने इन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था। लोग इन्हें प्यार से युवी कहकर बुलाते हैं। 2011 में युवी का वल्डकप जीतने का खुमार अभी उतरा भी नहीं था और उनके बाएं फेफड़े में कैंसर हो गया। युवी की बेहद नाजुक स्थिति को देखकर लगा वे अब दोबारा मैदान पर नहीं लौटेंगे, लेकिन युवी ने एक चैंपियन की तरह कैंसर को मात दी। 11 सितंबर 2012 को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 मैच से करीब एक साल के अंतराल पर दोबारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की। युवी यहीं नहीं रूके उन्होंने रणजी मैचों में दोहरा शतक जमाकर अपने फिटनेस को साबित किया और टेस्ट टीम में चुने गए।
युवराज सिंह ऑलराउंडर प्लेयर हैं और बाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज हैं। वे धीमी गति से गेंदबाजी भी कर सकते हैं। युवराज सिंह को बचपन में टेनिस और रोलर स्केटिंग का शौक था। युवी ने अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप भी जीती थी लेकिन पिता योगराज उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे। युवराज ने पिता का सपना पूरा किया और पिता से ही क्रिकेट की ट्रेनिंग ली गुर सीखे।
युवराज सिंह की स्कूलिंग डीएवी स्कूल चंडीगढ़ से हुई। उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट दो फिल्मों श्मेहंदी सगण दीश् और श्पट सरदारश् में भी काम किया। युवराज सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में पंजाब अंडर-12 से नवंबर 1995-96 में जम्मू कश्मीर-16 के खिलाफ की थी।
1996-97 में युवराज ने पंजाब अंडर19 से हिमाचल प्रदेश के खिलाफ मैच खेला। युवराज सिंह पहली बार कूच बिहार ट्रॉफी के दौरान चर्चा में आए जब उन्होंने 358 रन बनाए। इस प्रदर्शन से साल 2000 में अंडर19 विश्व कप में इंडियन टीम में खेलने का मौका मिला।
यह प्रतियोगिता भारत ने ही जीती थी। अंडर19 वल्र्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत युवराज सिंह को आईसीसी नॉक आउट ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया में जगह मिल गई। यहां से उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत की और केन्या के खिलाफ पहला वनडे मैच खेला। अक्टूबर 2013 से युवराज ने इंटरनेशनल टेस्ट मैच में डेब्यू किया था।