एक ऐसा गायक जो जिसको कभी राज्य की सीमाएं बांध ना सकी। आइए जानें, ऐसे गायकी के सम्राट से जुड़ी कुछ खास बातें।
– सितंबर 2010 में ब्रिटेन के वोल्वरहैम्टन विश्विद्यालय ने गुरदास मान को विश्व संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। उनके साथ सर पॉल, मॅक्कार्टनी, बिल कॉस्बी और बॉब डायलन को भी इस सम्मान से नवाजा गया।
2 . 14 दिसंबर 2012 को उनको पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के 36वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
3 . 1980 में अपने गाने ‘दिल दा मामला है’ के साथ गुरदास मान नेशनल फेम बनकर उभरे।
4 . उन्होंने हमेशा अपने पंजाबी गानों के माध्यम से पंजाबी समाज में व्याप्त बुराइयों को निशाना बनाया है।
6 . गुरदास मान को बतौर बेस्ट प्लेबैक सिंगर नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिल चुका है।
7 . 1980 और 1990 में अपने गानों और उसके बाद अपनी फिल्मों के माध्यम से पंजाब में पुलिस अत्याचार को उजागर करने वाले गुरदासमान पहले कलाकार थे।
8 . 9 जनवरी 2001 को रोपड़ के पास एक भयानक हादसे में मान बाल-बाल बचे, लेकिन हादसे में इनके ड्राइवर तेजपाल की मौत हो गई। वे उसे अपना अच्छा दोस्त भी मानते थे, उसे समर्पित करते हुए उन्होंने एक गाना भी लिखा व गाया। ये गाना था ‘बैठी साडे नाल सवारी उतर गयी…’।