ब्रह्मानंदम दरअसल एक प्रोफेसर थे और वो एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाते थे। इसके बारे में जानकर आपको हैरानी हो रही होगी और सोच रहे होंगे कि फिल्मी परदे पर हमेशा ही लोगों को हंसाने वाला कैसे बच्चों को पढ़ाता होगा? लेकिन ये सच है। फिल्मों में आना ब्रह्मानंदम के लिए चांस की बात रहा।
उनका ग्लैमर की दुनिया से दूर दूर तक का कोई नाता नहीं था। लेकिन पढ़ाते वक्त ही धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी एक्टिंग में जाग गई और उन्होंने फिल्मों का रुख कर लिया। बस यहीं से उनके अनोखे सफर की शुरुआत हो गई।
आज ब्रह्मानंदम 1000 से भी ज्यादा फिल्में कर चुके हैं और उनका ये कारवां साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। आज भी उनकी झोली में काफी फिल्में हैं।
1990 से 2005 के बीच हर फिल्म के लिए ब्रह्मानंदम ही पहली पसंद थे। फिल्म में चाहे हीरो के दोस्त का रोल हो या सपोर्टिंग रोल, सभी ब्रह्मानंदम को ही फिल्म में लेते और इस तरह 1990 से 2005 तक के बीच आई तकरीबन हर फिल्म में ब्रह्मानंदम ने काम किया। ये भी अपने-आप में एक रिकॉर्ड बन गया।
जिस जोश के साथ ब्रह्मानंदम आज भी काम करते हैं उसे देखकर कोई कह नहीं सकता कि उनकी उम्र 60 के पार हो चुकी है। उनके हिस्से में पांच नंदी अवॉर्ड के अलावा कई और अवॉर्ड्स हैं। सिनेमा जगत में अहम योगदान के लिए सरकार ने भी उन्हें 2009 में पद्म श्री जैसे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया था।