भारत के इंग्लैंड दौरे के आखिरी टेस्ट के अंतिम दिन अंग्रेज लेग स्पिनर आदिल राशिद ने अपनी ‘जादुई गेंद’ पर केएल राहुल की पारी खत्म कर खूब सुर्खियों बटोरीं. इतना ही नहीं, जिस गेंद पर राहुल बोल्ड हुए उसकी तुलना शेन वॉर्न के ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ से की जाने लगी है.
दरअसल, 25 साल पहले शेन वॉर्न ने 1993 के एशेज के दौरान ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में इंग्लैंड के माइक गेटिंग को जिस गेंद पर बोल्ड किया था, उसे ‘शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ गेंद’ कही जाती है. उस गेंद ने वॉर्न की जिंदगी बदल कर रख दी थी. आज (गुरुवार) इस दिग्गज का जन्मदिन है. 13 सितंबर 1969 को विक्टोरिया में जन्मे शेन वॉर्न 49 साल के हो गए.
वॉर्न ने कलाई की जादूगरी से अपने समय के लगभग सभी दिग्गजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाया. वॉर्न ने अपने 145 मैचों के टेस्ट करियर में 708 विकेट चटकाए, जो मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) के बाद टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक है.
क्या थी वॉर्न की ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’
शेन वॉर्न (1992-2007) ने अपने 15 साल के क्रिकेट करियर में कई बेहतरीन गेंदें फेंकीं, लेकिन 1993 में एशेज सीरीज के दौरान उन्होंने एक ऐसी गेंद फेंकी जिसे ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ कहा गया. वॉर्न ने अपनी लेग स्पिन पर माइक गेटिंग को बोल्ड किया, ये गेंद लगभग 90 डिग्री तक घूमी.
वॉर्न की गेंद लेग स्टंप के काफी बाहर पिच हुई और ऐसा लग रहा था कि गेंद वाइड हो सकती है, गेटिंग ने उसे खेलने का प्रयास नहीं किया. इस बीच तेजी से टर्न हुई गेंद गेटिंग को चकमा देते हुए उनके ऑफ स्टंप पर जा लगी, जिसे देखकर सभी हैरान रह गए.