”मैंने जीवन में कभी भी खुशामद नहीं की है। दूसरों को अच्छी लगने वाली बातें करना मुझे नहीं आता।”
”अपने कॉलेज जीवन की देहलीज पर खड़े होकर मुझे अनुभव हुआ, जीवन का कोई अर्थ और उद्देश्य है।”
”मध्या भावे गुडं दद्यात- अर्थात जहाँ शहद का अभाव हो वहां गुड से ही शहद का कार्य निकालना चाहिए।”