त्योहारों का समय आ रहा है और इस दौरान भारत में खरीदारी की धूम दिखेगी। बाजारों से लेकर आॅनलाइन ई-कॉमर्स साइट पर भी लोग खूब खरीदारी करेंगे। इस दौरान हैकर्स और साइबर अपराधी भी अलर्ट हो जाते हैं। आॅनलाइन खरीदारी के दौरान आपका सतर्क रहना बहुत जरूरी है। आपकी छोटी सी गलती साइबर अपराधियों को मौका देगी आपको कंगाल करने की। इसलिए कंपनियों की डील और उनके आॅफर का उपयोग करने से पहले पूरी तरह जानकारी लेना बहुत जरूरी है। आॅनलाइन शॉपिंग के फ्रॉड और धोखे से बचने के लिए क्या करना है, आइए जानते हैं।
आॅफर की पड़ताल करें
त्योहारों के शुरू होते ही कंपनियां ढेर सारी डील देती हैं। उनके आॅफर काफी आकर्षित करते हैं। किसी में पैसे वापस मिलने का दावा होता है तो किसी में 99 फीसद की छूट देने का। कैशबैक आॅफर के मामले में तो काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। जब कभी भी किसी उत्पाद में कैशबैक का आॅफर हो तो यह जान लें कि बाजार में वह उत्पाद कितने का मिल रहा है। क्योंकि कीमत से ज्यादा का सामान लेकर फिर वही अतिरिक्त पैसे में कुछ पैसा आपको मिलेगा तो यह आपका घाटा ही होगा। इसलिए पड़ताल जरूर करें।
दाम जांच लें
इस समय सबसे ज्यादा लोग उत्साहित होते हैं छूट को लेकर। कंपनियां ऐसी दिखाती हैं कि वो घाटा सहकर ग्राहकों को सस्ता माल बेंच रही हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। किसी किसी उत्पाद में एक दो हजार रुपए की छूट हो तो माना जा सकता है लेकिन 80 से 90 फीसद की छूट पर सोचना जरूर चाहिए। ऐसी कंपनियां असली दाम से बढ़कर दाम लगाती हैं और उस पर छूट देती हैं। ऐसे में ँआपका फायदा कहीं से भी नहीं होगा। इसलिए उत्पाद की कीमत भी जांच लें।
ईएमआई और प्रतिक्रिया
कई कंपनियों में उत्पाद खरीदने वाले अपने रिव्यू देते हैं, लेकिन पिछले दिनों एक बड़ा मामला सामने आया। पता चला कि चीन की कुछ कंपनियां झूठ रिव्यू लिखवा रही हैं और अपना माल बेंच रही हैं। ऐसे में अब रिव्यू पर भी विश्वास करना कठिन हो गया है। लेकिन घबराने की बात नहीं है। अच्छा होगा कि आप रिव्यू के लिए कई साइट चेक करें और उनसे भी बात करें जिन्होंने वह उत्पाद खरीदा है। आपको जानकारी मिल जाएगी। वहीं, लो कॉस्ट ईएमआई में भी सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे मामले में उत्पाद का दाम बढ़ाकर ईएमआई पर दिया जाता है। इससे दो नुकसान होता है एक तो ब्याज और दूसरा अतिरिक्त रूपए का माल। इसके अलावा इस दौरान साइबर अपराधियों के फोन भी ज्यादा आते हैं। न तो कोई ऐप डाउनलोड करें, न भेजे गए किसी लिंक का इस्तेमाल करें और न ही ओटीपी या अन्य जानकारी किसी को बताएं।
GB Singh