आपने कभी महसूस किया है किसी खास रंग से रंगे स्थान में प्रवेश करने पर आपको अचानक खुशी महसूस होती है। कुछ रंग जहां सकारात्मकता का संचार करते हैं, वहीं कुछ रंगों से नकारात्मक विचारों का संचार होता है। यही वजह है कि आपको अपने घर या ऑफिस के लिए वास्तु अनुसार रंगों का चुनाव करने की सलाह दी जाती है। रंगों का इंसान के दिमाग पर गहरा असर होता है और हमारा घर वह जगह होती है, जहां हम अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। अपने घर के लिए सही रंगों का चुनाव कर आप परिवार के सभी सदस्यों के लिए स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना कर सकते हैं।
घर में रंग वास्तु के अनुसार क्यों है जरूरी
रंग व्यक्ति की भावनाओं और सोच को प्रभावित करते हैं और उनकी मानसिक व शारीरिक सेहत पर इसका गहरा असर होता है। मिसाल के तौर पर अगर आप अवसादग्रस्त किसी व्यक्ति को गहरे रंग के कमरे में छोड़ दें, तो इससे उनकी स्थिति और खराब हो सकती है। इसके विपरीत अगर आप उस शख्स को जीवंत और उजले रंग वाले कमरे में बैठाएंगे तो उनकी तकलीफ में कमी आएगी और वे अवसाद से बाहर आने के लिए प्रेरित होंगे। रंगों की सकारात्मकता हमें तनाव भरे माहौल से निकलने में मदद करती है। इसलिए हमें रंगों की अहमियत को कभी कम नहीं समझना चाहिए।
घर के लिए वास्तु अनुसार कौन से रंग हैं
अलग-अलग रंग अलग-अलग भावनाओं को प्रदर्शित करते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में :
– नीला : यह रंग आसमान और पानी को दर्शाता है। यह रंग धैर्य, शांति और संतोष का प्रतीक है। यह मास्टर बेडरूम के लिए अच्छा रहता है। नीले के हल्के शेड का लंबे समय में सेहत पर अच्छा असर रहता है। बेहतर होगा कि आप बड़े क्षेत्र को इस रंग से पेंट करें, न कि छोोटे कमरे को।
– सफेद : सफेद रंग स्वच्छता, सादगी और निश्छलता का प्रतीक होता है। किसी कमरे में यह रंग करने से वैभव का एहसास होता है। यह रंग घर की छत के लिए अच्छा रहता है। मगर इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, नहीं तो यह भवन स्वामी को आत्म केंद्रित बना देता है।
– लाल : लाल रंग विकास, उत्पादकता, संपन्नता और सकारात्मकता का प्रतीक होता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक लिविंग रूम को इस रंग से पेंट करने से उसमें ऊर्जा का वास रहता है। मगर अवसाद या दूसरी मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोगों को इस रंग से परहेज करना चाहिए।
– हरा : हरा रंग उत्पादकता, वृद्धि, संपन्नता और सकारात्मकता का प्रतीक होता है। यह भवन स्वामी का तनाव और परेशानी दूर करता है। यह रंग ज्यादा गुस्सा करने वालों को शांत करता है और स्थिरता लाता है।
– पीला : यह रंग खुशहाली, उम्मीद, और स्थिरता का प्रतीक होता है। विस्तार का एहसास इसकी पहचान है, इसलिए इसे किसी छोटे कमरे में करना बेहतर होगा जिससे वह जगह बड़ी लगे। यह रंग अपने आसपास सकारात्मकता का संचार करता है।
– बैंगनी : यह रंग संतोष, अध्यात्म और शांति का प्रतीक होता है। यह रंग जीवन में बेहतर फैसले लेने और सर्वशक्तिमान से जुड़ने में मदद करता है। यह रंग पूजा के, बच्चों के कमरे या स्टडी के लिए बेहतर होता है।
– नारंगी : यह रंग अच्छी सेहत, ऐश्वर्य और संरक्षण का प्रतीक होता है। यह रंग मुश्किल हालात से निपटने में मदद करता है। साथ ही यह अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी ताकत से मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।
अपराजिता श्रीवास्तव