रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर काफी असमंजस है। कुछ लोग इसे 11 अगस्त को मना रहे हैं तो कुछ लोग 12 अगस्त को। लेकिन यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि आप रक्षाबंधन चाहे 11 अगस्त को मनाएं या 12 अगस्त को, आपको भाद्रकाल का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि भाद्रकाल में राखी नहीं बांधी जाती है। इसलिए आपको यह जानना जरूरी है कि 11 अगस्त और 12 अगस्त को ऐसा कौन सा समय है जब भाद्रकाल नहीं है और राखी बांध सकते हैं। यह आज से करीब 13 साल पहले भी हो चुका है। आइए जानते हैं।
11 को रात में बांध सकते हैं राखी
भाई-बहन के इस प्रेम भरे त्योहार में इस बार काफी भ्रम है। 11 को पूर्णिमा है जो सुबह साढ़े दस बजे से लगेगी लेकिन इसी दिन भाद्र काल भी सुबह से लग रहा है। ऐसे में यह रात तक चलेगा और 12 अगस्त को सुबह खत्म होगा। शास्त्रों के अनुसार, रक्षाबंधन पूर्णिमा में होना चाहिए और भाद्रकाल नहीं होना चाहिए। इसका ध्यान रखते हुए बीच का रास्ता निकाला गया है। अगर पूर्णिमा में भाद्रकाल समाप्त होने पर राखी मनाना है तो 11 अगस्त को रात में राखी बांध सकते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि रात्रि होने पर भी पूर्णिमा में राखी बांध सकते हैं, बस भद्रा काल न हो।
12 अगस्त को भी हो सकता है
वैसे रात में कई लोग शुभ कार्य नहीं करते हैं, ऐसे में लोगों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि पूर्णिमा अगले दिन 12 अगस्त तक है और भाद्र काल 11 अगस्त को ही रात में 8 बजकर 51 मिनट पर खत्म हो जाएगी। ऐसे में चाहें रात में इसके बाद राखी बांधे या फिर सीधे 12 अगस्त को सुबह भोर में उठकर बांधा जा सकता है। वैसे उदयातिथि का महत्व हिंदू धर्म में होने के कारण 12 अगस्त को दिन भर पूर्णिमा मानकर राखी हो सकती है लेकिन सूर्यास्त से पहले ही। लेकिन समस्या यह है कि 12 अगस्त को श्रावणी कर्म होने के कारण 11 अगस्त को रात में भद्रा काल के बाद ही राखी बांधे तो अच्छा है।
GB Singh