ओड़ीशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ से अब भक्त मिल सकेंगे उनसे अपना दुख-सुख बांट सकेंगे। काफी समय बाद मंदिर के कपाट फिर से खुलने जा रहे हैं। कोरोना के चलते मंदिर को भक्तों के लिए बंद किया गया था। हालांकि अभी भी मंदिर में काफी एहतियात बरती जा रही है। यहां आने वाले भक्तों को कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना होगा तभी वे मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे। मंदिर की ओर से और क्या तैयारियां की गई है, आइए जानते हैं।
16 से खुलेंगे कपाट लेकिन सबके लिए दर्शन 22 से संभव
मंदिर समिति की ओर से कोरोना को देखते हुए काफी नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का भी पालन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंदिर तो फिलहाल 16 अगस्त से खुल जाएंगे लेकिन सभी को दर्शन 22 अगस्त से ही हो सकेंगे। 16 अगस्त से लेकर 22 अगस्त तक सिर्फ पुरी के निवासी ही भगवान के द्वार पहुंच सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं। इसके बाद 23 अगस्त से पूरी दुनिया से आने वाले भक्तों के लिए कपाट खुलेंगे।
टीका लगवाकर मंदिर जाना अनिवार्य
भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए सिर्फ कोविड नियमों का पालन करने के तहत सामाजिक दूरी और मास्क ही नहीं है बल्कि कोविड से बचाव का दोनों टीका भी अवश्य लगा होना चाहिए। अगर कोविडरोधी टीका जिस भी भक्त को नहीं लगा होगा उसे प्रवेश से रोका जा सकता है। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, भगवान के दर्शन और मंदिर में सेवा पूरी तरह कोरोना नियमों पर आधारित होगा। सभी लोग सामाजिक दूरी का पालन करेंगे और मुंह में गमछा बांधे रहेंगे। हालांकि मंदिर में पंडे भगवान की सेवा के समय ही एक दूसरे से दूर रहते हैं लेकिन अब भक्त भी रहेंगे।
पहली और दूसरी लहर में बंद था मंदिर
कोरोना के चलते पुरी के इस मंदिर को बंद रखा गया। कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर में भी भक्तों को दर्शन का अवसर नहीं मिला। हालांकि इस दौरान पूजा, सेवा और मंदिर में ध्वज रोज बदला जाता रहा। रथयात्रा भी सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से काफी एहतियात के बीच निकाला गया। अब मंदिर 23 अगस्त से सभी के लिए खुल जाएंगे। लोगों को टीके की दोनों खुराक लगाकर आना होगा। शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी के कारण मंदिर बंद रहेगा।
GB Singh