भारत में माता के कई सिद्ध पीठ हैं और सभी का अपना विशेष महत्व है. धार्मिक स्थल का गढ़ कहे जाने वाले देवभूमि हिमाचल प्रदेश में 200 से अधिक देवताओं का जमावड़ा है, तभी इसे छोटी काशी भी कहा जाता है. वैसे तो आपको हर कदम पर कई रहस्य और चमत्कार देखने को मिल जाएंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसकी महिमा पूरे देश में प्रसिद्ध है. हम बात कर रहे हैं चम्बा जिले में स्थित प्रसिद्ध देवीपीठ भलेई माता मंदिर की.. खूबसूरत वादियों के बीच बसे इस मंदिर में ऐसे तो हर दिन भक्तों की कतार लगी रहती है लेकिन नवरात्रि के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की लाइन देखने लायक होती है. आइए जानते हैं इस मंदिर की महिमा के बारे में–
कुछ ऐसी है यहां की मान्यता–
इस मंदिर के बारे में एक अजीब मान्यता प्रचलित है. कहा जाता है कि यहां देवी माता की जो मूर्ति है, उसे पसीना आता है. लोग ये भी मानते हैं कि दर्शन के समय अगर देवी की मूर्ति को पसीना आते हुए कोई भक्त देख ले तो उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. कहते हैं कि दिन में एक बार जरूर माता की मूर्ति को पसीना आता ही है.
अनोखी है इस मंदिर की कहानी–
भलेई के इस देवीपीठ की कहानी अपने आप में विचित्र है. यहां के पुजारियों का इस मंदिर की स्थापना के बारे में कहना है कि भलेई में ही एक बावड़ी में देवी माता प्रकट हुई थीं. उस समय उन्होंने चंबा के राजा प्रताप सिंह को सपने में दर्शन देकर उन्हें चंबा में स्थापित करने का आदेश दिया था. राजा जब मां की प्रतिमा को लेकर जा रहे थे तो उन्हें भलेई का स्थान पसंद आ गया. इस पर माता ने दोबारा राजा को सपने में वहीं भलेई में स्थापित करने को कहा. देवी का आदेश मानकर राजा ने वहीं मंदिर का निर्माण करवाया. यही वजह है कि भद्रकाल माता के मंदिर का नाम भलेई पड़ा है. वहीं बहुत लोग माता भलेई को जागती ज्योत के नाम से भी पुकारते हैं. तब से लेकर अब तक यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
महिलाओं को मंदिर के अंदर जाना था मना–
पुराने समय में इस मंदिर के अंदर महिलाओं का जाना सख्त मना था. उन्हें सिर्फ मंदिर की चौखट के दूसरी ओर तक रहने की इजाजत थी. इसके पीछे क्या वजह थी, ये कोई नहीं जानता. समय के साथ–साथ इस परम्परा का भी अंत हो गया. बिना किसी भेदभाव के अब सभी भक्त देवी के दर्शन करते हैं और उस घड़ी का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि आखिर कब देवी माता की मूर्ति को पसीना आएगा और उसकी इच्छा पूरी होगी.
कैसे पहुंचें– पठानकोट रेलवे स्टेशन से 120 किलोमीटर की दूरी तय कर चंबा पहुंचें और वहां से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर शक्तिपीठ भलेई माता का मंदिर स्थित है.
By- कविता सक्सेना श्रीवास्तव