भारत अभी भी सबसे सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराने वाला देश है। यहां अन्य देशों के मुकाबले काफी आसानी से इंटरनेट मिल जाता है। लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से जो प्रोजेक्ट लाया जा रहा है उससे इंटरनेट न केवल सस्ता मिलेगा बल्कि आसानी से कहीं भी उपलब्ध हो सकेगा। इसके लिए सरकार की ओर से एक बैठक हुई है। बैठक में टेलीकॉम सेक्टर के लिए कुछ जरूरी फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों की बदौलत इस सेक्टर को आगे बढ़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि जो भारतनेट प्रोजेक्ट को बैठक में रखा गया था उसे पास कर दिया गया है और इसके लिए बजट भी मंजूर कर दिया गया है। यह जानकारी भारत के सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री की ओर से दी गई है।
क्या है भारतनेट योजना
भारतनेट योजना एक तरह की आप्टिकल फाइबर ब्राडबैंड परियोजना है। इसी के तहत नए विकास के बारे में जानकारी दी गई है। सरकार की ओर से बताया गया कि भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत सभी गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट कनेक्शन सुविधा पहुंचायी जाएगी और इसके लिे सरकार की ओर से 19 हजार 041 करोड़ रुपए भी तय किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक भारतनेट प्रोजेक्ट अब तक का सबसे बड़ा ब्राडबैंड प्रोजेक्ट बताया जा ररहा है। ये ग्रामीणों को कनेक्ट करेगा। ये कार्यक्रम मेक इन इंडिया के तहत चलाया जाएगा और इसमें किसी भी प्रकार के विदेशी कंपनी को शामिल होने की मंजूरी नहीं होगी। गांव–गांव तक इंटरनेट की पहुंच को डिजिटल इंडिया से जोड़कर देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, आगे आने वाले समय में सबसे ज्यादा गांव इंटरनेट से जुड़े यह योजना है।
कितना सस्ता मिलेगा इंटरनेट
भारतनेट योजना के तहत सरकार की ओर से कोशिश की जाएगी की लोगों को सस्ता इंटरनेट मिल सके। इसके लिए तैयारी तो सरकार पहले से कर रही थी लेकिन इसका दूसरा और आखिरी चरण के तहत काम 2017 में किया गया था। सरकार लक्ष्य लेकर चल रही है कि आने वाले समय में 1.5 लाख पंचायतों को 10 लाख किलोमीटर के अतिरिक्त आॅप्टीकल फाइबर से जोड़ दिया जाए। टेलीकॉम कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों में इटरनेट मुहैया कराना होगा लेकिन यह सस्ता होना चाहिए। जानकारी के मुताबिक गांव में करीब 75 फीसद सस्ता कनेक्शन देना होगा। हालांकि इससे पहले यूपीए सरकार भी पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने की पहल कर चुकी थी।
कितना मिलेगा फायदा
भारतनेट प्रोजेक्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 16 राज्यों में नौ पैकेज के साथ किया जाना है। पहले इस योजना के लिए 42 हजार 68 करोड़ रुपए जारी किए गए थे जो 61 करोड़ रुपए होगी। भारतनेट योजना के विस्तार से गांव और ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाएगा। सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य सेवा के अलावा शिक्षा, ई–गवर्नेन्स सेवा और अन्य कार्यों के लिए इंटरनेट की बहुत आवश्यकता है। ऐसे में भारतनेट के जरिए अच्छी सेवा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। लोगों को मनोरंजन के साधन भी प्राप्त होंगे, क्योंकि तमाम चीजें अब मोबाइल पर इंटरनेट के माध्यम से मौजूद हैं। सभी कंपनियां चार से ज्यादा पैकेज नहीं लेंगी।
प्रधानमंत्री ने भी की थी घोषणा
15 अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सभी गांवों को ब्राडबैंड से जोड़ने की बात कही गई थी। यह एक हजार दिन में करना था। इस बार 19 हजार करोड़ रुपए जारी होने से पहले और अब की राशि मिलाकर कुल 61 करोड़ रुपए का बजट इसका पहुंच जाएगा।
GB Singh