सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में कई ऐसे व्रत और त्योहार पड़ेंगे जिनका काफी महत्व है। सावन के सोमवार के अलावा मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत भी काफी खास है। इसके अलावा इस महीने पड़ने वाले एकादशी के व्रत को भी काफी अच्छा माना जाता है। अब इसी सावन में नौ अगस्त को यानी मंगलवार को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। यह भौम प्रदोष कहलाता है। आइए जानते हैं इस व्रत की खासियत।
नौ अगस्त को होगा भौम प्रदोष
सावन में जो प्रदोष व्रत पड़ता है उसे भौम प्रदोष के नाम से जानते हैं। यह मंगलवार को पड़ रहा है इसलिए इसे मंगल प्रदोष व्रत भी कहते हैं। यह उत्तम स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इसके बारे में कई कथाएं भी प्रचलित हैं। यह व्रत करने से न केवल स्वास्थ्य अच्छा होता है बल्कि आर्थिक रूप से भी काफी अच्छा होता। इस दिन कथा करने की भी मान्यता है। कथा को किए बिना व्रत को अधूरा माना जाता है।
प्रदोष व्रत में जरूरी
भौम प्रदोष की कथा इसकी पूजा के समय करना चाहिए। यह व्रत के दौरान करना जरूरी बताया गया है, इसके करने से व्रत का पूरा फल मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार यह कथा एक वृद्ध महिला और उसके बेटे की है जो हनुमान जी की भक्त होती है। यह उनकी पूजा करती है और व्रत करती है। यह कथा प्रदोष व्रत में करने से काफी अच्छा होता है। इसके अलावा प्रदोष व्रत में नियमों का ध्यान रखना चाहिए। इसका पारण भी समय के अनुसार ही करना चाहिए। प्रदोष व्रत का पारण तिथि के अनुसार ही समय पर कर लेना चाहिए, तभी व्रत सफल माना जाता है।
GB Singh