लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर लाइसेंसी असलहा एक मासूम के लिए जानलेवा साबित हुआ। ठाकुरगंज के बाबा हजारा बाग में रहने वाले एक ठेकेदार की बेटी को खेल-खेल में पिता के लाइसेंसी रिवाल्वर से खेलते वक्त गोली लग गयी। किशोरी को परिवार वाले फौरन इलाज के लिए ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे, पर उसकी जान नहीं बच सकी। देर रात ठाकुरगंज पुलिस को इस घटना की सूचना दी गयी।
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज अंजनी पाण्डेय ने बताया कि बाबा हजारा बाग इलाके में ठेकदार व बिल्डर नरेन्द्र सिंह अपने परिवार संग रहते हैं। बताया जाता है कि उनकी 12 साल की बेटी वसुधा सांतवी क्लास की छात्र थी। गुरुवार की शाम वसुधा के हाथ पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर लग गयी। इसके बाद वसुधा पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से खेलने लगी। खेल-खेल में ही अचानक रिवाल्वर से गोली चली और सीधे वसुधा को जा लगी।
गोली लगते ही मासूम वसुधा खून से लथपथ होकर फर्श पर गिर पड़ी। अचानक हुई इस घटना से परिवार के लोग सन्न रह गये। घर में चीख-पुकार मच गयी। इसके बाद परिवार के लोग घायल वसुधा को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे।
इलाज के दौरान देर रात मासूम वसुधा ने दम तोड़ दिया। देर रात ठाकुरगंज पुलिस को इस घटना की सूचना दी गयी। इसके बाद शुक्रवार की सुबह चौक पुलिस ने वसुधा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज ने बताया कि अब इस मामले में ठेकेदार की लाइसेंसी रिवाल्वर को कब्जे में लेकर उनके शस्त्र लाइसेंस को निरस्त किये जाने की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जायेगी।
मां ने वसुधा को रिवाल्वर से खेलने पर ठोका था
मच्र्यूरी पर मौजूद वसुधा के परिवार वाले इस घटना को लेकर किसी से कुछ बोलने को तैयार नहीं है, पर मौके पर मौजूद परिवार के लोग आपस में इस बात की चर्चा कर रहे थे कि वसुधा जिस वक्त पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से खेल रही थी, उस वक्त उसकी मां ने बेटी को असलहे से खेलने से मना किया था। मां को असलहे के घातक होने का अंदाजा था, पर वसुधा को असलहे के जानलेवा होने का अभास नहीं था। अंत में वहीं हुआ जो वसुधा की मां को डर था।
सत्यापन के लिए निकाला था असलहा
ठेकेदार नरेन्द्र सिंह ने बताया कि होने वाले चुनाव के लिए पुलिस असलहों के सत्यापन का अभियान चल रही है। गुरुवार को ठाकुरगंज पुलिस ने उनके घर असलहे के सत्यापन के लिए पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने जांच करने पहुंचे पुलिस वालों को अपना शस्त्र लाइसेेंस और असलहा दिखा था। इसके बाद पुलिस वाले जांच कर वापस चले गये। नरेन्द्र ने अपने लाइसेंसी असलहो को कमरे में टेबिल पर रख दिया और किसी काम से चले गये।