लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने एक बार फिर कछुआ तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को वन विभाग की टीम के साथ बंथरा इलाके से एक ट्रक पकड़ा। ट्रक ने 42 बोरियों में 1583 कछुए बरामद हुए। मौके से एसटीएफ ने ट्रक में सवार दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन आरोपी भागने में सफल रहे। कछुए को फिलहाल वन विभाग में कुकरैल में रखा है। इसमें 146 कछुओं की मौत भी हो चुकी है।
एसटीएफ के एडिशन एसपी सत्यसेन यादव ने बताया कि कुछ समय से एसटीएफ को इस बात की सूचना मिल रही थी कि इटावा, मैनपुरी,एटा, औरैया और फुर्रखाबाद में साफ्ट शैल टरटिल की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है। शुक्रवार को एसटीएफ को इस बात की खबर मिली एक ट्रक में कछुओं को लेकर कुछ लोग पश्चिम बंगाल जाने वाले हैं।
इस पर एसटीएफ की टीम और वन विभाग के लोगों ने मिलकर शुक्रवार की दोपहर बंथरा इलाके में एक संदिग्ध ट्रक को पकड़ा। ट्रक के अंदर से एटीएम को 42 बोरियों में भर सैकड़ों कछुए मिले। एक बोरी में 35 से 40 कछुए भरे थे। एसटीएफ ने ट्रक में सवार ट्रक चालक इटावा निवासी सैफ अली और पश्चिम बंगाल निवासी सुशांतो गोपाल को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मौके से तीन आरोपी किशन, देवेन्द्र और सोनू भागने में सफल रहे। वन विभाग में बरामद सभी कछुओं को फौरन कुकरैल भेजवा दिया। बताया जाता है कि बरामद कछुओं में से 47 ही मौत भी हो चुकी है।
म्यांमार, चीन हांगकांग और मलेशिया में है डिमांड
एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने बताया कि भारत में कछुओं की पायी जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियां उत्तर प्रदेश में पायी जाती हैं । इनमें 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता हैै। उन्होंने बताया कि यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती, घाघरा, गण्डक नदियों एउनकी सहायक नदियों और तालाबों भारी संख्या में कछुए पाये जाते हैं। छानबीन के दौरान इस बात का भी पता चला है कि इन कछुओं को पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश, म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग और मलेशिया जैसे देशों में सप्लाई किया जाता है।
ऊंचे दाम में बेचा जाता है
एसटीएफ की माने तो पकड़े गये आरोपी इन कछुओं को ऊंचे दाम में पश्चिम बंगाल के तस्करों के हाथ बेचते हैं। इसके बाद वहां से इन कछुओं को डिमाण्ड के अनुसार और मोटी रकम पर विदेश सप्लाई किया जाता है।