लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद में तैनात एक महिला सिपाही ने सोमवार की दोपहर राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में जहरीला पदार्थ खा लिया। महिला सिपाही के जहरीला पदार्थ खाते ही वहां मौजूद पुलिस वालों के होश उड़ गये। आनन-फानन में महिला सिपाही को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अब उसकी हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है। वहीं एसएसपी का कहना है कि महिला सिपाही ने कोई जहरीला पदार्थ का सेवन नहीं किया है, उसकी तबियत खराब हुई थी।
एसपी पूर्वी ने बताया कि उन्नाव जनपद में तैनात महिला सिपाही ने वर्ष 2016 मेें सीआरपीएफ में तैनात सहायक कमांटेंड के खिलाफ दुराचार और आईटी एक्ट की धारा के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इस मामले में पीडि़ता का 161 और 164 का बयान भी दर्ज किया गया था। मामले की विवेचना के दौरान महिला सिपाही के लगाये गये आरोप सही नहीं मिले थे।
इसके चलते उसके मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी। सोमवार को महिला सिपाही को इस बात का पता चला कि उसके मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है, तो वह सीधे हजरतंगज कोतवाली पहुंच गयी। उसने पहले अपने केस के संबंध में जानकारी हासिल की, इसके बाद महिला सिपाही कोतवाली परिसर में ही जहरीला पदार्थ खा लिया।
महिला सिपाही के जहरीला पदार्थ खाने से वहां मौजूद पुलिस वालों के हाथ-पैर फूल गये। आनन-फानन में महिला सिपाही को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया और सूचना पुलिस के आलाधिकारियों को दी गयी। फिलहाल अब महिला सिपाही की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
यह है पूरा मामला
पीडि़त महिला का कहना था कि उसके साथ 23 नवम्बर वर्ष 2013 को सहायक कमांटेंड ने दुराचार किया था। घटना के तीन साल के बाद महिला ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज करायी थी। पीडि़त के साथ जिस वक्त यह घटना घटी थी वह उस वक्त मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिग स्कूल में ट्रेनिंग कर रही थी। इस मामले में महिला थाने की थानाध्यक्ष इसकी विवेचना कर रही थी। पुलिस का कहना है कि विवेचना में घटना को जो दिन पीडि़ता ने बताया था, उस दिन वह लखनऊ में न होकर मुरादाबाद ट्रेनिंग स्कूल में थी। इस सब छानबीन और साक्ष्य के आधार पर उसके मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी थी।
22 जून को लिगल ओपिनियन के लिए भेजा गयी थी फाइनल रिपोर्ट
एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया कि पीडि़त महिला सिपाही के केस के मामले में विवेचन के द्वारा लगायी गयी फाइनल रिपोर्ट तो बीते 22 जून को विधि विभाग लिगल ओपिनियन के लिए भेजा गया है। विधि विभाग फाइनल रिपोर्ट का अध्यन करने के बाद अपना निर्णय लगा और वहां से हरी झण्डी मिले के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तो कोर्ट भेजा जायेगा।
पीडि़त महिला सिपाही ने लगाया गंभीर आरोप
पीडि़त महिला सिपाही का आरोप है कि उसने अपनी शिकायत में गलती से एक दिन पहले का दिनांक लिख दिया था। बस उसी बात को आधार बनाते हुए पुलिस ने इस केस में फाइनल रिपोर्ट लगा ली। पीडि़ता का कहना है कि सोमवार को जब महिला थाने अपने केस के बारे में जानकारी लेने पहुंची तो उसके अभद्रता की गयी। महिला ने दुराचार के आरोपी पर भी जान से खतरा बताया है। उसका कहना है कि वह अपने केस के बारे में कई बार पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिल चुकी है, पर उसको अब तक न्याय नहीं मिला।