लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने इंटेलीजेंस यूनिट की मदद से सेना के एक फर्जी लेफ्टीनेंट कर्नल को हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से फर्जी डीएल, वर्दी, कार, तीन मोबाइल फोन और एक लाइसेंसी रिवाल्वर मिली है। आरोपी फर्जी सैन्यअधिकारी बन ऐशोआरम की जिंदगी गुजर रहा था।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि इंटेलीजेंस विभाग से इस बात की सूचना मिली थी कि एक युवक फर्ली लेफ्टीनेंट कर्नल बन लखनऊ में रह रहा है। इस सूचना पर हजरतगंज पुलिस और साइबर क्राइम सेल में काम करना शुरू किया। बुधवार को चर्च तिराहे के पास एक हरियाणा नम्बर की इंडिगो कार सवार सैन्य अधिकारी पुलिस को दिखा।
पुलिस ने जब उससे फर्जी पूछा तो उसने पुलिस वालों को रौब में लेते हुए खुद को लेफ्टीनेंट कर्नल बताया। आरोपी ने अपना डीएम दिखा जिस पर लेफ्टीनेंट कर्नल अरविंद कुमार मिश्र लिखा था और डीएल बहारइच जनपद से बनाया था। शक होने पर पुलिस वालों ने जब उससे अर्मी का पहचान पत्र मांगा तो वह कोई भी पहचान पत्र नहीं दिखा सका। इसके बाद पुलिस के लोग उसको लेकर हजरतगंज कोतवाली पहुंचे।
पूछताछ का दौर शुरू हुआ तो आरोपी युवक का झूठ सामने आ गया। वह कोई सैन्य अधिकारी नहीं बल्कि सामन्य नागरिक निकला। इस पर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी कार से पुलिस को सैन्य अधिकारी की पूरी वर्दी, अलग-अलग नाम से दो एटीएम कार्ड, लेफ्टीनेंट कर्नल के नाम से बना वालमार्ट का कार्ड, एक पैन कार्ड, एक शास्त्र लाइसेंस, 32 बोर की एक रिवाल्वर और तीन मोबाइल फोन मिले। पूछताछ में आरोपी युवक ने अपना नाम बहराइच जनपद निवासी अरविंद मिश्र बताया। मौजूदा समय में वह सुशांत गोल्फ सिटी मेें किराये के फ्लैट में रख रहा था।
फर्जी सैन्य अधिकारी बनकर की थी दो शादियां
सीओ हजरतगंज ने बताया कि आरोपी अरविंद ने जीवनसाथी डाटकॉम वेबसाइट पर खुद को फर्जी लेफ्टीनेंट कर्नल बनकर प्रोफाइल बना रखी थी। वर्ष 2003 में उसने खुद को सैन्य अधिकारी बताकर शादी की थी, जिसके चलते वर्ष 2009 में उसका तलाक हो गया था। इसके बाद उसने जीवन साथी डाटकॉम की मदद से ही जम्मू की रहने वाली एक युवती से शादी की। मौजूदा समय में आरोपी की सच्चाई सामने आने के बाद दूसरी पत्नी से भी उसका विवाद हो गया।
कई लड़कियों से भी थी आरोपी की नजदीकियां
आरोपी अरविंद ने कई मैट्री मोनियल वेबसाइड पर राहुल मिश्र के नाम से अपनी प्रोफाइल बना रखी थी। आरोपी खुद को सेना का लेफ्टीनेंट कर्नल बताकर कई लड़कियों से दोस्ती कर चुका है और कुछ साथ तो वह इधर-उधर घूम भी चुका है। सीओ हजरतगगंज ने बताया कि आरोपी के पकड़े जाने के बाद उसके खिलाफ शिकायतकर्ता सामने आ सकते हैं।
दफ्तरों और टोल प्लास पर दिखाता था रौब
एसपी पूर्वी ने बताया कि आरोपी अरविंद कई दफ्तर में जाकर खुद को सैन्यधिकारी बताकर अपने छोटे-मोटे काम करवा चुका है। सिर्फ इतना ही नहीं आरोपी गाड़ी से घूमते वक्त किसी भी टोल प्लाज पर सैन्यधिकारी बन टोल तक नहीं देता था।
सैन्य अधिकारी बना चाहता था आरोपी
मूल रूप से बहारइच जनपद निवासी अरविंद पढऩे में होनहार था। उसने देहरदून से बीएसी और फिर एमए अर्थशास्त्र से किया था। उसके बाद आरोपी ने सेना में भर्ती होने के लिए सीडीएस की परीक्षा दी थी पर उसका सलेक्शन नहीं हो सका। इसके बाद उसने एक प्राइवेट कम्पनी में काम भी किया, पर उसका नौकरी रास नहीं आयी। इसके बाद आरोपी फर्जी सैन्य अधिकारी बन जिंदगी जीने लगा था। आरोपी की मां एक सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त हैं। आरोपी अपने खर्च के लिए अधिकतर रुपये अपनी मां से ही लेता था। एक दिन पहले भी उसकी मां ने उसके खाते में 25 हजार रुपये ट्रांसफर किये थे।