लखनऊ/वाराणसी: कोरोना वाइरस की महामारी से लड़ रही उत्तर प्रदेश सरकार के कई जिलों ने लोगों के हितों को ध्यान में रखकर कई अहम फैसले लिए हैं। फिर चाहे वो गरीबों को मुफ्त राशन वितरण हो या घरों तक रोज़मर्रा की वस्तुएँ को होम डेलीवेरी करना हो।
इसी कड़ी में वाराणसी के जिलाधिकारी के बाद लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने भी आदेश दिया है कि अभिवाहकों को नाहक फीस देने के लिए विद्यालय प्रशाशन बाध्य न करे।
उधर वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने भी अभिवाहकों के लिए एक बड़ी राहत दी है। वैसे तो देश व्यापी लोक डाउन के चलते सभी जगह बंदी है फिर चाहे वो स्कूल हो या कुछ और। लेकिन पिछले कई दिनों से ऐसी शिकायतें आरही थी की कई स्कूल अभिवाहकों पर नए शैक्षिक सत्र की फीस जमा करने का दबाव बना रहे थे।
ऐसे समय जब सरकार ने सभी प्राइवेट संस्थाओं से यह अनुरोध किया है कि वो अपने किसी भी कर्मचारी कि तंख्वाह न रोके और न ही उनके फिलहाल परेशानी कि घड़ी में नौकरी से न निकाले, तब अभिवाहकों पर फीस जमा करने का दबाव कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया था। इसको ध्यान में रखकर वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सभी स्कूल को यह आदेश दिया है कि वो किसी सूरत में अगले सत्र कि फीस अभी नहीं मांगेंगे। शर्मा, जो कि इससे पहले लखनऊ के लंबे समय तक जिलाधिकारी रहे हैं, ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि स्कूल मैनेजमेंट अप्रैल, मई और जून कि फीस तीन महीने बाद ही लेगा। यह आदेश सरकारी, सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूल पर लागू होगा।
इस आदेश ने वाराणसी के माध्यम वर्ग को काफी बड़ी राहत दी है वो ऐसे वक़्त जब पूरा देश कोरोनो वाइरस कि महामारी से जूझ रहा है।
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