तमिलनाडु: कावेरी जल विवाद को लेकर आज तमिलनाडु बंद का आह्वान किया गया है। जिसका असर आज सुबह से ही देखा जा रहा है। तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएम के ने कुछ दिनों पहले ही 5 अप्रैल को बंद का ऐलान किया था।

दरअसल केंद्र सरकार की ओर से कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड गठित न करने के मुद्दे पर डीएमके ने बंद की घोषणा की है। बता दें कि सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को सीएमबी गठित करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था जो कि 29 मार्च को खत्म हो गया। मीडिया से बातचीत में स्टालिन ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 11 अप्रैल के दिन उनके चेन्नई दौरे के दौरान काले झंडे दिखाएंगे।
उन्होंने आगे कहा इसके लिए हमने सत्ताधारी एआईएडीएमके से भी सहयोग मांगा है। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री और उनके साथ मौजूद रहने वाले केंद्रीय मंत्रियों को काले झंडे दिखाए जाएं। बता दें कि स्टालिन ने इस मुद्दे पर कांग्रेस और वीसीके नेताओं के साथ मिलकर वेल्लुवर कोट्टम में विरोध प्रदर्शन भी किया।
इस दौरान उन्हें और अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सीएमबी गठित करने के मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने कहा कि किस तरह की याचिका डालनी है इसके बारे में हम कानूनी विशेषज्ञों से सलाह.मशवरा करेंगे।
पलानीसामी की अध्यक्षता में इस संबंध में कानूनी कदम के बारे में उप मुख्यमंत्री और उच्चाधिकारियों की के बीच चर्चा हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कावेरी विवाद के संबंध में एक योजना तैयार करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था।
29 मार्च को समय.सीमा समाप्त होने के बाद बृहस्पतिवार को यह बैठक की गई। पलानीसामी ने कहा था कि सरकार राज्य के अधिकारों को लागू करने और कावेरी मुद्दे पर किसानों के कल्याण के प्रति समर्पित है। उन्होंने हालांकि इस बात के संकेत दिए कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर दो दिन में सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करेगी।
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