लखनऊ : यूपी सहित अन्य राज्यों में महिलाओं की चोटी काटे जाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं चोटी काटे जाने की झूठी अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाने के मामले में खीरी पुलिस ने एक प्रधानपति को गिरफ्तार किया है।
खीरी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अफवाह फैलाने वाले प्रधानपति का नाम जहीर खां है।
जहीर खां ने व्टासअप पर चोटी कटवा गैंग का मैसेज फैलाया था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट के तहत मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। चोटी कटवा की अफवाह राजस्थान से शुरु हुई थी और हरियाणा, दिल्ली होते हुए यूपी और फिर बिहार तक पहुंच चुकी है। फिलहाल अभी तक चोटी काटे जाने की घटना के पीछे की असलियत किसी को नहीं पता चल सकी है।
चोटी काटे जाने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए शासन ने भी इस अफवाह पर रोक लगाने और ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके अलावा बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में आमना निवासी वार्ड आठ की आज चोटी कट गई। जिस समय उसकी चोटी कटीए वह घर में सफाई का काम कर रही थी। उनका कहना है एक बिल्ली दिखाई दी और इसके बाद चोटी कट गई। चोटी कटी देख आमना बेसुध होकर जमीन पर गिर गई।
उसकी बेटी भी बेहोश हो गई। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा बरेली के हाफिजगंज के गांव बड़े पुरा में कक्षा 12 की छात्रा आरती पुत्री घासीराम की रात में सोते समय चोटी अचानक काटी गई। शीशगढ़ के मोहल्ला तालाव निवासी महिला नरगिस सुबह चोटी कटने से हुई बेहोश। जब बच्चे अस्पताल ले जाने लगे तब आया होश। शीशगढ़ के ही गुलडिय़ा में हसीन की सोते वक्त चोटी काटी गई।
बदायूं के सहसवान के नयागंज मोहल्ले में राजाराम की पुत्री की देर रात में चोटी काटी गई। इसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। पीलीभीत के सुनगढ़ी के रूपपुर कमालु निवासी शांतिदेवी पत्नी हीरालाल की सोते वक्त देर रात किसी ने चोटी काट ली। इससे गांव में दहशत है। पूर्वांचल में आज चोटी काटने के दो मामले सामने आए हैं। आज भदोही के सुरियावां थाना क्षेत्र के महुआपुर गांव की 25 वर्षीय रंजो देवी का बाल रहस्यमय ढंग से चोटी कट गयी। महिला दहशत में आकर हुई अचेत। सीएचसी में भर्ती कराया गया। क्षेत्र में दहशत का माहौल है। जौनपुर के बरसठी क्षेत्र अंतर्गत महुली गांव में शौच के लिए गई 19 साल की सुनीता की चोटी किसी ने काटी। दहशत में सुनीता बेहोश अस्पताल में भर्ती। वह भी चोटी काटने वाले का चेहरा नहीं देख सकी।